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क्रिप्टोकरेंसी बाजार के लिए मंगलवार का दिन शानदार रहा है जिसमें बिटकॉइन समेत अधिकांश प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के दाम में बढ़ोतरी देखी गई है। क्रिप्टो बाजार ने भी जबर्दस्त बढ़त देखी है और बीते 24 घंटे में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 10.92 प्रतिशत बढ़कर 1.90 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। वहीं इसी अवधि के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम 33.62 प्रतिशत बढ़कर 108.99 अरब डॉलर हो गया।बीते 24 घंटे में डिसेंट्राइज फाइनेंस (डेफी) की कुल मात्रा 17.05 अरब डॉलर रही जो कि इस दौरान क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग वॉल्यूम का 15.65 प्रतिशत है। स्थिर सिक्कों की कुल मात्रा 90.04 अरब थी जो 24 घंटे के क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 82.62 प्रतिशत था।6 घंटे में 40 हजार बढ़ी कीमतबाजार में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 1 मार्च को डिजिटल टोकन का बाजार प्रभुत्व 1.07 प्रतिशत बढ़कर 42.99 प्रतिशत पहुंच गया था। बिटकॉइन 43,062 डॉलर पर कारोबार कर रही थी जो दोपहर दो बजे के करीब 43,390 डॉलर पर पहुंच गई। रुपये में देखें तो बिटकॉइन की कीमत 32,29,547 रुपये थी जो दोपहर में बढ़कर 32,70,280 रुपये पहुंच गई। इस तरह छह घंटे के अंदर इसकी कीमत 40 हजार रुपये बढ़ गई है।मार्केट कैप के हिसाब से बाजार की दूसरी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम ब्लॉकचेन का टोकन ईथर 2,24,599 रुपये पर कारोबार कर रही थी। पिछले दिन के मुकाबले इसमें 8.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।कार्डानो ने 7.32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और यह 74.69 रुपये पर कारोबार कर रही है। एवलांचे 14.26 प्रतिशत की जबर्दस्त वृद्धि के साथ 6700 रुपये पर पहुंच गया है।अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पोलकाडॉट 4.37 प्रतिशत के साथ 1442 रुपये पर, लाइटकॉइन 6.02 प्रतिशत के साथ 8680 रुपये पर कारोबार कर रही थी। वहीं टीथर ने 2.07 फीसदी की गिरावट देखी है। मंगलवार सुबह यह डिजिटल टोकन 77.47 रुपये पर था।अब नजर मीमकॉइन पर जिसमें एसएचआईबी 6.35 फीसदी ऊपर आया है जबकि डोजकॉइन 4.77 फीसदी तेजी के साथ आगे बढ़ा है। लूना ने तो 20.89 प्रतिशत की जबर्दस्त उछाल देखी है और यह 6830 रुपये पर पहुंच गया है।...
- Post by Admin on 787 days, 22 hours ago
महाशिवरात्रि का दिन बड़ा पावन होता है। इस दिन शिव भगवान के साथ माता पार्वती की पूजा करने से इस व्रत का दोगुना फल प्राप्त होता है। मां पार्वती जी पूजा करने से इंसान को सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।पार्वती माता की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। पार्वती माता के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। पार्वती माता की कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है। इस दिन खास तौर पर मां पार्वती जी की आरती करनी चाहिए।जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
अरिकुल कंटक नासनि,
निज सेवक त्राता,
जगजननी जगदम्बा,
हरिहर गुण गाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सिंह को वहान साजे,
कुंडल है साथा,
देव वधू जस गावत,
नृत्य करत ता था ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सतयुग रूप शील अतिसुंदर,
नाम सती कहलाता,
हेमाचंल घर जन्मी,
सखियाँ संगराता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे,
हेमाचंल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके,
चक्र लियो हाथा ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सृष्टि रूप तुही है जननी,
शिव संग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही,
सारा जग मदमाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
देवन अरज करत हम,
चरण ध्यान लाता,
तेरी कृपा रहे तो,
मन नहीं भरमाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
मैया जी की आरती,
भक्ति भाव से जो नर गाता,
नित्य सुखी रह करके,
सुख संपत्ति पाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता,
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।...
- Post by Admin on 788 days, 22 hours ago
सोशल मीडिया एक ऐसी बला है जिसने दुनिया के हर दूसरे शख्स को अपना गुलाम बना लिया है। आज हर व्यक्ति किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव है, फिर चाहे वो ट्विटर हो, फेसबुक, वॉट्सऐप या फिर इंस्टाग्राम। जहां कुछ लोगों ने सोशल मीडिया ऐप्स का सही इस्तेमाल कर अपनी जिंदगी को संवारा है वहीं कई युवा इसका गलत इस्तेमाल कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। इसके नकारात्मक परिणामों को देखते हुए ही दुनिया के हर मां-बाप अपने बच्चे को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह देते हैं। ऐसे में एक मां ने अपने बच्चे के सामने 6 साल तक सोशल मीडिया से दूर रहने की शर्त रखी।एक अमेरिकी महिला ने अपने बच्चे के सामने 6 साल तक सोशल मीडिया से दूर रहने की शर्त रखी और कहा कि यदि वह ऐसा करने में कामयाब हो जाता है तो उसे बेहद शानदार उपहार दिया जाएगा। कई लोगों के आज के समय में इस शर्त को मानना नामुमकिन होता लेकिन उस बच्चे ने इस चुनौती को स्वीकार किया और शर्त जीतकर दिखाई।यह साल 2016 की बात है अमेरिका के मिनेसोटा की रहने वाली लोर्ना गोल्डस्ट्रैंड क्लेफसास ने अपने बेटे सिवर्ट क्लेफसास को यह चुनौती दी थी और कहा था कि यदि वह इस शर्त को जीत जाते हैं को उन्हें 1800 डॉलर यानि लगभग 1.36 लाख रुपए दिए जाएंगे। बस फिर क्या था सिवर्ट ने न केवल चुनौती को स्वीकार किया बल्कि इस पर खरे भी उतरे और अब उनकी मां ने सिवर्ट के 18वें जन्मदिन पर उन्हें 1.36 लाख रुपए का चेक दिया। शर्त पूरी होने ही सिवर्ट ने इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और ट्विटर पर अपना अकाउंट बना लिया है। शर्त पूरी करने के बाद सिवर्ट ने कहा जब में 12 साल का था तो मुझे पैसों की इतनी समझ नहीं थी, मैंने हंसी-हंसी में ही इस चुनौती को स्वीकार कर लिया।सिवर्ट की मां ने बताया कि उन्होंने अपनी बड़ी बेटी को सोशल मीडिया पर स्ट्रगल करते देखा था। वह इसकी आदी हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहती थीं कि उनके बेटे को भी ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि स्नैपचैट पर कमेंट या कोई रिएक्शन देखकर वह काफी परेशान हो जाती थी। इसकी वजह से उसकी दोस्ती भी प्रभावित हुई थी।...
- Post by Admin on 789 days, 22 hours ago
अचार हमारे भोजन के साथ एक लंबा इतिहास और सांस्कृतिक जुड़ाव है। हम हमेशा अपने भोजन को स्वादिष्ट और चटपटा बनाने के लिए अचार जरुर खाते हैं। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि ये अचार न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि सेहतमंद भी होते हैं? सब्जियों और फलों की तरह, अचार हमें वजन बढ़ाने में मदद किए बिना भरपूर पोषण प्रदान करता है। इनमें ज्यादातर पानी की मात्रा होती है और इनमें न के बराबर कोई वसा नहीं होता है। यही कारण है कि वे आपके भोजन के लिए एकदम के साथ एक हेल्दी विकल्प हैं। तीन कारण जानें कि आपको प्रतिदिन अचार का सेवन क्यों करना चाहिए।विटामिन और खनिजों से भरपूरहमारे कई अचार में सब्जियां और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे मेथी और करी पत्ते का इस्तेमाल होता है। ये अवयव विटामिन ए, सी, के और अधिक जैसे विटामिन की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं। वे पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम आदि जैसे खनिजों के साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों से भी भरे होते हैं। अचार भी एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत हैं। ये तत्व हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए फ्री रेडिकल्स और विटामिन और मिनरल की कमी से लड़ने के लिए अचार खाने की जरूरत है।...
- Post by Admin on 793 days, 21 hours ago
भारतीय रिजर्व बैंक पिछले 10 बार से रेपो और रिवर्स रेपो दरों को जस का तस रख रहा है। निकट भविष्य में ब्याज दर में वृद्धि की संभावना हालांकि बनी हुई है। ऐसे में एक निवेशक के तौर पर आपको क्या करना चाहिए, हम बता रहे हैं।कम से मध्यम समय के लिए करें FDजब इंटरेस्ट रेट का चक्र नीचे से घूमता है, तो शॉर्ट से मीडियम टर्म की जमा पर ब्याज दर आमतौर पर सबसे पहले बढ़ती हैं। लंबे समय वाले डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट बढ़ने में थोड़ा अधिक समय लगेगा। यदि आप एक नया FD खोलने या किसी मौजूदा FD को रिन्यू करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको एक छोटी समय वाली FD को चुनना चाहिए।एक साल या इससे कम समय के लिए करें जमा-इसमें एक वर्ष या उससे कम की FD हो, ताकि आपका पैसा कम दर पर बहुत लंबे समय तक न फंसे। जब कम समय से मध्यम समय की ब्याज दरें चढ़ती हैं, तो आप अपनी FD की अवधि को बढ़ाना शुरू कर सकते हैं। सबसे पहले तो सरकारी प्रतिभूतियां (गवर्नमेंट सिक्योरिटीज) की ब्याज दरें बढ़ रही हैं। यह 3 जनवरी 2022 को 6.46% थी जो 27 जनवरी को 6.74% हो गई।ब्याज दरों के बेंचमार्क के रूप में जाना जाता हैइसे ब्याज दरों के बेंचमार्क के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब यह है कि इंटरेस्ट रेट ऊपर जा रहे हैं। इस वजह से बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाना शुरू कर दिया है। निवेशकों के लिए यह अच्छी खबर है। क्योंकि इन्हें पिछले कुछ वर्षों में बैंकों द्वारा लगातार कम इंटरेस्ट रेट मिल रहा है। पिछले दो हफ्ते में कई बैंकों जैसे HDFC बैंक, SBI, इंडसइंड बैंक, IDBI बैंक आदि ने FD के इंटरेस्ट रेट में वृद्धि की है। माना जा रहा है कि अन्य बैंक भी जल्द ही ऐसा कर सकते हैं।...
- Post by Admin on 795 days, 23 hours ago
पिछले दो सालों से पूरी दुनिया कोरोना का कहर झेल रही है। जब भी ऐसा लगता है कि इस पर काबू पा लिया गया है, तभी इसका एक नया वैरिएंट तबाही मचाना शुरू कर देता है। पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले देखे जा रहे हैं। हालांकि यह अधिक हल्का है, फिर भी गंभीर और आश्चर्यजनक लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। अगर ओमिक्रॉन से होने वाले सबसे अधिक नुकसानों की बात की जाए तो यह मेन्स हेल्थ खासतौर से उनके प्राइवेट पार्ट पर अपना नकारात्मक प्रभाव छोड़ रहा है। ओमिक्रॉन के कारण पुरूषों के प्राइवेट पार्ट के सिकुड़ने से लेकर इरेक्शन तक की समस्या हो रही है। इनमें भी सबसे खराब स्थिति में दर्द हो सकता है, जीवन को खतरा हो सकता है और तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ओमिक्रॉन के कारण पुरूषों के प्राइवेट पार्ट को होने वाली समस्याओं के बारे में बात कर रहे हैं-1. रक्त वाहिकाओं और रक्त के थक्कों को नुकसानहम आमतौर पर सोचते हैं कि कोविड से सांस संबंधी समस्याएं होती हैं। लेकिन ऐसे कई साक्ष्य है, जो यह बताते हैं कि वायरस लिंग की रक्त वाहिकाओं में प्रवेश कर सकता है और इसलिए संभावित रूप से उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। कोविड कई अंगों में पाई जाने वाली रक्त वाहिकाओं की एंडोथेलियल कोशिकाओं में प्रवेश करता है, जो उन्हें ठीक से काम करने से रोक सकता है। मियामी में शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड -19 फेफड़े और गुर्दे के अलावा पुरूषों के प्राइवेट पार्ट की कार्यप्रणाली को भी बाधित कर सकता है।मिलर स्कूल के रिप्रोडक्टिव यूरोलॉजी प्रोग्राम ने पाया कि वायरस दो पुरुषों के पेनाइल टिश्यूज में मौजूद था जो कोविड से बचे थे, और तब से उन्हें अपने प्राइवेट पार्ट के उत्तेजित होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। इस संक्रमण रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। रक्त के थक्के जमने से घातक स्ट्रोक, फेफड़े की विफलता, दिल का दौरा और महत्वपूर्ण अंगों में रक्त के प्रवाह पर प्रतिबंध हो सकता है। इतना ही नहीं, यह पुरूषों के प्राइवेट पार्ट में दर्दनाक दर्द भी पैदा कर सकता है।2. लॉन्ग लास्टिंग इरेक्शनलॉन्ग लास्टिंग इरेक्शन सुनने में आकर्षक लग सकता है। खासकर, उन पुरुषों के लिए जो बेड पर लंबे समय तक परफॉर्म करना चाहते हैं, लेकिन इसके भी कई दुष्प्रभाव हैं, जिससे आप शायद नावाकिफ हों। ऐसे कई मामले देखने में आए है, जिनके इरेक्शन अंत या दिनों तक घंटों तक चले हैं। लगातार इरेक्शन के कारण टिश्यू डेथ, परमानेंट डैमेज या इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि समस्याएं भी हो सकती हैं।यह समस्या होने पर इसका इलाज करवाना आवश्यक हे। आमतौर पर इसका इलाज या तो लिंग में एक इंजेक्शन द्वारा किया जाता है या फिर इरेक्टाइल चैम्बर से रक्त निकालने के लिए सुई या छोटे चीरे का उपयोग किया जाता है। सबसे पहले अमेरिका के ओहियो में एक 69 वर्षीय व्यक्ति में कोविड से संबंधित लगातार इरेक्शन का मामला सामने आया था, जिसकी बाद में वायरस से मृत्यु हो गई। ऑस्ट्रिया के विएना में भी एक गरीब 12 वर्षीय लड़के को 24 घंटे का इरेक्शन हुआ।3. इरेक्टाइल डिसफंक्शन महामारी की शुरुआत से ही, डॉक्टरों ने चेतावनी देना शुरू कर दिया था कि कोविड पुरुषों में स्तंभन दोष अर्थात् इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकता है। हालांकि, जहां अन्य कई वैस्कुलर डिसीज, जैसे कि कोरोनरी धमनी रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह, इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकते हैं, यह पूरी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है कि कोविड भी पुरूषों की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि इससे रक्त वाहिकाओं में सूजन हो सकती है। यह एक ऑब्सट्रकल की तरह काम कर सकता है और इरेक्शन प्राप्त करने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। चूंकि कोरोना ब्लड वेसल्स और अन्य कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है तो यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ट्रिगर कर सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा दिया जाने वाला एक सिद्धांत यह भी हैं कि कोरोना वायरस के कारण फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और फेफड़ों से जुड़ी ऑक्सीजन की यह कमी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की वजह बन सकती है। मियामी यूरोलॉजिस्ट जिन्होंने कोरोनोवायरस की खोज की थी, के अनुसार, वायरस लिंग में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने ऐसे दो पुरुषों को देखा था जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित थे। हालांकि, कोविड होने से पहले उन्हें इरेक्शन की कोई समस्या नहीं थी। लेकिन उनके संक्रमण के सात से नौ महीने बाद, उन्होंने पेनाइल इम्प्लांट सर्जरी करवाने पर विचार किया।
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- Post by Admin on 796 days, 21 hours ago
दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट-सर्च कंपनी गूगल (Google) की 280 गलतियां निकालीं एक भारतीय ने। उनका नाम है- अमन पांडे। वह मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर में रहते हैं। उनके बेहतरीन काम और खोज के लिए गूगल ने उन्हें सम्मानित करने का फैसला किया। गूगल की गलतियां ढूंढने के लिए उन्हें बड़ा इनाम मिला है। सालभर में गूगल द्वारा जो इनाम रिसर्चर को दिया गया, वो कुल रकम- 65 करोड़ रुपए है। इसमें सबसे ज्यादा राशि अमन को दी गई। वे गूगल के सिक्योरटी प्रोग्राम में सबसे बड़े कॉन्ट्रिब्यूटर रहे।जी हां, अमन मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर में रहते हैं, जो 'बग्स मिरर' नाम की कंपनी चलाते हैं। अमन ने गूगल की 280 गलतियां खोजकर बग रिपोर्ट अमेरिका भेजी थी। गूगल ने अपनी विभिन्न सेवाओं पर बग रिपोर्ट करने वालों को 87 लाख डॉलर का इनाम दिया। जिनमें एक नाम अमन का ही है। सिर्फ नाम या इनाम नहीं, बल्कि गूगल ने अपनी रिपोर्ट में इनका खास तौर पर जिक्र भी किया है। गूगल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, ''अमन पांडेय पिछले साल टॉप-रिसर्चर रहे। कंपनी ने इन लोगों को कुल 65 करोड़ रुपए का इनाम दिया है। बग रिपोर्ट करने वालों में अमन की कंपनी का बहुतयोगदान रहा।'...
- Post by Admin on 802 days, 21 hours ago
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश आजकल भारत में नया ट्रेंड है। कई क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों को बहुत ही अच्छा रिटर्न दिया है। कई ऐसी क्रिप्टोकरेंसी ने भी बहुत ही अच्छा रिटर्न जिनका रेट भी काफी कम था। लेकिन अगर देखा जाए तो बिटक्वाइन और एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी ऐसी करेंसी हैं, जिनकी 5 साल से ज्यादा की हिस्ट्री है। ऐसे में आइये जानते हैं कि एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी ने कैसे आसानी से निवेशकों को करोड़पति बना दिया है। एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी में सिप यानी हर माह या रोज निवेश का विकल्प चुना जा सकता है। इसके अलावा यह भी चुना जा सकता है कि आप कितना निवेश करना चाहते हैं।आइये जानते हैं कि एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी ने कितने रुपये की सिप करने वालों को करोड़पति बना दिया है।पहले जानिए एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी में 350 रुपये डेली सिप से तैयार हुआ कितना फंड,अगर किसी ने आज से 5 साल पहले एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी में डेली सिप शुरू की होगी तो उसको अच्छा रिटर्न मिला है। यह रिटर्न इतना अच्छा है कि अगर किसी ने आज से 5 साल पहले 350 रुपये रोज की सिप शुरू होगी तो उसकी वैल्यू इस वक्त 1 करोड़ रुपसे ये ज्यादा की हो गई है। इन 5 साल में 350 रुपये की डेली सिप के माध्यम से निवेशक का कुल निवेश करीब 639100 रुपये का हुआ होगा। वहीं इस निवेश की वैल्यू अब 1.06 करोड़ रुपये हो गई है। इस प्रकार से देखा जाए तो निवेशक को सालाना करीब 1567 फीसदी का रिटर्न मिला है। इस निवेश से निवेशक के पास इस वक्त करीब 47.95372 एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी होगी। इनका रेट इस वक्त 222,221 रुपये चल रहा है।
एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी में अगर किसी ने आज से 5 साल पहले 2500 रुपये की वीकली सिप शुरू की होती तो उसके निवेश की वैल्यू भी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की होती है। इन 5 साल में निवेशक एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी में कुल मिलाकर 650,000 रुपये का निवेश करता। इस निवेश से उसके पास इस वक्त 47.53283 एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी होती। इस वक्त एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी का रेट 222,221 रुपये चल रहा है। इस प्रकार उसके निवेश की वैल्यू 1.05 करोड़ रुपये हो गई होगी। इस प्रकार से निवेशक को कुल मिलाकर 1522 फीसदी का रिटर्न मिला होगा।...
- Post by Admin on 815 days, 23 hours ago
मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द ही खुशखबरी देने वाली है। सरकार कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र और पेंशन की राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की तरफ से ये प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें देश में लोगों के काम करने की उम्र सीमा बढ़ाई जाने की बात कही गई है। इसके साथ ही पीएम की आर्थिक सलाहकार समिति ने कहा है कि देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के साथ यूनिवर्सल पेंशन सिस्टम भी शुरू करने की बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस सुझाव के तहत कर्मचारियों को हर महीने कम से कम 2000 रुपए का पेंशन के साथ देश में सीनियर सिटीजन की सुरक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था करने की सिफारिश की है। इससे पेंशनर्स को काफी हद तक सुविधा मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कामकाजी उम्र की आबादी को बढ़ाना है तो इसके लिए सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाने की सख्त जरूरत है। रिपोर्ट में 50 साल से ऊपर के व्यक्तियों के लिए भी स्किल डेवलपमेंट की बात भी कही गई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे कौशल विकास किया जा सके। इस प्रयास में असंगठित क्षेत्र, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले, रिफ्यूजी, प्रवासियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। ऐसे में किसी भी विभाग में दक्ष लोगों की कमी नहीं होती है। वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्टस 2019 के मुताबिक साल 2050 तक भारत में करीब 32 करोड़ सीनियर सिटीजन हो जाएंगे। यानी देश की आबादी का करीब 19।5 फीसदी व्यक्ति सेवानिवृत्त की कैटेगरी में आ जाएंगे। साल 2019 में भारत की आबादी का करीब 10 फीसदी या 14 करोड़ लोग सीनियर सिटीजन की कैटेगरी में हैं।...
- Post by Admin on 816 days, 22 hours ago
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब से लगभग सभी लोग परिचित हैं। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आप मुफ्त में लगभग किसी भी विषय पर वीडियो देख सकते हैं। यूट्यूब पर हर तरह का कंटेन्ट मौजूद है। ये कंटेन्ट वहां आपके और हमारे जैसे आम लोग ही डालते हैं और व्यूज के हिसाब से उससे पैसे भी कमाते हैं। ऐसे हम आपको यूट्यूब के लेटेस्ट फीचर के बारे में बता रहे हैं जिससे आप घर बैठे हर महीने 7.5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।यूट्यूब ने 2020 में एक नया फीचर YouTube Shorts लॉन्च किया जिसने दो साल से भी कम समय में 5 ट्रिलियन व्यूज का आंकड़ा पार कर लिया है। YouTube Shorts की मदद से क्रीऐटर्स काफी पैसे कमा सकते हैं और इसमें भी कई सारे ऐसे फीचर्स हैं जो कमाई का जरिया बनकर सामने आए हैं।कंपनी ने यूट्यूब शॉर्ट्स फंड्स के तौर पर कंपनी ने साल 2021-2022 के लिए 10 करोड़ डॉलर्स का फंड जोड़ा है। कोई भी व्यक्ति इस फंड का हिस्सा बनकर पैसे कमा सकता है। ऐसा करने के लिए लोगों को यूनिक शॉर्ट्स यानी छोटी-छोटी वीडियोज बनानी होंगी जो यूट्यूब देखने वालों को पसंद आएं।यूट्यूब ने अपने ब्लॉग में बताया है कि वो हर महीने उन शॉर्ट्स क्रीऐटर्स से बात करते हैं जिनके कंटेन्ट पर ज्यादा व्यूज आए होते हैं। आपको बता दें कि यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम के साथ-साथ हर उस क्रीऐटर के पास पैसे कमाने का मौका है जो कंपनी की गाइडलाइन्स को दिमाग में रखकर शॉर्ट्स बनाता है।YouTube Shorts से पैसे कमाने के लिए आपको सबसे पहले ऐसी वीडियोज बनानी होती हैं जो कंपनी की गाइडलाइन्स का सम्मान करें। इसके साथ ही अगर क्रीऐटर की उम्र 13 से 18 साल के बीच है तो उनके पास पेरेंट या गार्डीअन एक्सपर्ट टर्म होना चाहिए। पेमेंट के लिए आपको Adsense account सेटअप करना होगा और पिछले 180 दिनों में क्रीऐटर ने कम से कम एक एलिजिबल शॉर्ट अपलोड जरूर बनाया हो।...
- Post by Admin on 817 days, 21 hours ago
कोरोना काल में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना बहुत जरूरी है. ताकि किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचा जा सके. इसके लिए बहुत जरूरी है कि योगासन को अपने रूटीन में शामिल किया जाए. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि पाचन तंत्र दुरुस्त रहे. वहीं शरीर को लचीला बनाए रखने के लिए भी योगासन अहम भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा घंटो बैठकर काम करने वाले लोगों को अक्सर कमर और पीठ दर्द की परेशानी होती है. वहीं बैठकर काम करने से पेट की चर्बी भी तेजी से बढ़ती है.ऐसे में आपको कुछ खास योगासनों का अभ्यास करना चाहिए. योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है और जीवन संतुलित बना रहता है. इसके लिए सबसे पहले अपनी बॉडी को रिलैक्स करें और उसके बाद योगासन का अभ्यास करें. कभी भी दर्द में योगासन करने की कोशिश न करें. इससे विपरीत परिणाम हो सकते हैं. वहीं आसनों को करने के बाद शरीर को आराम देने के लिए प्राणायाम जरूर करें. इससे शरीर की थकान दूर होती है.कोर स्ट्रेंथ एक्सरसाइज: कोर स्ट्रेंथ एक्सरसाइज से पेट ठीक रहता है और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. कोर स्ट्रेंथ एक्सरसाइज के लिए मैट पर मेरुदंड यानी कि रीढ़ की हड्डी सीधी कर बैठ जाएं. अब सांस धीरे धीरे भरें. होल्ड करें. इसके बाद धीरे-धीरे सांसों को बाहर छोड़ें. ॐ का उच्चारण करें.वज्रासन:वज्रासन को आप दिन में कभी भी कर सकते हैं लेकिन यह अकेला ऐसा आसन है जो खाने के तुरंत बाद बहुत अधिक प्रभावी होता है. यह न सिर्फ पाचन की प्रक्रिया ठीक रखता है बल्कि लोअर बैकपेन से भी आराम दिलाता है.वज्रासन करने का तरीका, आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर पंजों के बल सीधा बैठें. दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलने चाहिए और एड़ियों में थोड़ी दूरी होनी चाहिए. शरीर का सारा भार पैरों पर रखें और दोनों हाथों को जांघों पर रखें. आपकी कमर से ऊपर का हिस्सा बिल्कुल सीधा होना चाहिए. थोड़ी देर इस अवस्था में बैठकर लंबी सांस लें. जिन लोगों को जोड़ों में दर्द हो या गठिया की दिक्कत हो वे इस आसन को न करें,वज्रासन के फायदे-वज्रासन के दौरान शरीर के मध्य भाग पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है. इस दौरान पेट और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है जिससे कांस्टिपेशन की दिक्कत दूर होती है और पाचन ठीक रहता है. वज्रासन की मुद्रा में कमर और पैरों की मांसपेशियों का तनाव दूर होता है और ज्वाइंट्स खुलते हैं. अधिक चलने या देर तक खड़े होने के बाद इस आसन की मदद से आराम महसूस होगा.पर्वत आसन- इस आसने को करने के दौरान सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में रखें और अपने हाथ ज़मीन पर सीधे रखें.मार्जरी सन-मार्जरी आसन को अंग्रेजी में कैट पोज के नाम से बुलाया जाता है. इसे कैट खिंचाव मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है. इस आसन को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता है. मार्जरी आसन एक आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है. कैट वॉक दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन हम योग आसन वर्ग में कैट पोज के बारे में चर्चा करते हैं. यह आसन आपके शरीर के लिए अनके प्रकार से लाभदायक है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा खिंचाव देता है. इसके साथ यह पीठ दर्द और गर्दन दर्द में राहत दिलाता है.भुजंगासन-भुजंगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 8वां है. भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है. इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है. ये आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है जबकि सिर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है.भुजंगासन के फायदे--रीढ़ की हड्डी में मजबूती और लचीलापन-पेट के निचले हिस्से में मौजूद सभी अंगों के काम करने की क्षमता बढ़ती है-पाचन तंत्र, मूत्र मार्ग की समस्याएं दूर होती हैं और यौन शक्ति बढ़ती है-मेटाबॉलिज्म सुधरता है और वजन कम करने में मदद मिलती है-कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है-फेफड़ों, कंधों, सीने और पेट के निचले हिस्से को अच्छा खिंचाव मिलता है-डिप्रेशन में भी इससे फायदा मिलता है-अस्थमा में भी राहत,प्लैंक पोज: प्लैंक करने से आपकी पाचन क्रिया काफी अच्छी होती है. यदि आप नियमित रूप से तख्त मुद्रा का अभ्यास करते हैं तो आपका वजन तेजी से कम होगा. प्लैंक करने से शरीर में काफी लचक आती है. इससे कॉलरबोन, कंधे की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है. इससे बहुत तेजी से कैलोरी बर्न होती है. ज्यादा कैलोरी बर्न होने से बॉडी की ऑक्सीजन की जरूरत बहुत अच्छे से पूरी होती है और पोषक तत्व भी अच्छी तरह से मिलते हैं.कपालभारती-कपालभारती बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है. कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता अर्थात 'कपालभारती' वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है. वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी हैं. लीवर किडनी और गैस की समस्या के लिए बहुत लाभ कारी है. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें. इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें. साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें. इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं. इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक कर सकते हैं लेकिन एक क्रम में 50 बार से अधिक न करें. क्रम धीरे-धीरे बढ़ाएं. इसे कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 30 मिनट तक कर सकते हैं.
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- Post by Admin on 818 days, 21 hours ago
ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान करते हैं। एटीएम, लोन, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन बैंक की कुछ सुविधाएं ऐसी भी हैं जिनके बारे में कुछ ही लोगों को पता है। बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी देते हैं। इसकी मदद से आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। कोरोना काल में लोगों के खर्चे बढ़े हैं। महंगाई के इस दौर में यदि अचानक कोई खर्चा आ जाता है, तो उसके लिए पैसों का इंतजान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है।क्या है सैलरी ओवरड्राफ्ट?सैलरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का रिवॉल्विंग क्रेडिट होता है। यह सुविधा सैलरी खातों पर मिलती है। इसके तहत आपको जब भी अतिरिक्त पैसों की जरूरत होती है, तो आप अपने सैलरी अकाउंट से ज्यादा रकम निकाल सकते हैं। सुविधा के तहत आप खाते में मौजूद राशि जितना या उससे अधिक बैंक से निकाल सकते हैं। आप अपनी सैलरी से करीब तीन गुना ज्यादा तक पैसा बैंक से ले सकते हैं। आसान भाषा में समझें, तो आपके खाते में भले ही बैलेंस ना हो, लेकिन आप इससे भी ज्यादा पैसों की निकासी कर सकते हैं। यानी अगर आपको इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़े, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।करना होता है ब्याज का भुगतान-सैलरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का लोन है, जो आपके रिकॉर्ड को देखकर दिया जाता है। इसको चुकाने पर आपको ब्याज का भुगतान करना होता है। यह ओवरड्रॉफ्ट प्री-अप्रूव्ड होता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी ब्याज दर क्रेडिट कार्ड से कम होती है। सैलरी ओवरड्राफ्ट को लेकर हर बैंक के अपने अलग-अलग नियम होते हैं। कुछ बैंक आपके वेतन के दो से तीन गुना तक ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करते हैं, वहीं कुछ बैंक महीने की सैलरी का 80 से 90 फीसदी तक ही यह सुविधा देते हैं।...
- Post by Admin on 824 days, 21 hours ago
सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक की है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पाकिस्तान के 35 यूट्यूब चैनल, 2 ट्विटर अकाउंट, 2 इंस्टाग्राम अकाउंट, 2 वेबसाइट्स के साथ एक फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक किया है। इन यूट्यूब चैनल्स पर 1.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे।सभी चैनल्स के जरिए भारत विरोधी प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा था। इससे पहले सरकार ने दिसंबर में भी भारत विरोधी प्रोपोगैंडा फैलाने वाले 20 यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइट पर बैन लगाया गया था।पाकिस्तान से चल रहे यूट्यूब चैनल और वेबसाइट पर बैन इसलिए लगाया गया, क्योंकि वे फेक कंटेंट को पोस्ट कर रहे थे। इस तरह के कंटेंट को लेकर यूट्यूब की पॉलिसी क्या कहती है? क्या सरकार चाहे तो आपके यूट्यूब चैनल को बैन कर सकती है? आखिर किन-किन गलतियों की वजह से यूट्यूब चैनल पर बैन लगाया जा सकता है? इन तमााम सवालों के जवाब जानते हैं।कंटेंट क्रिएटर के लिए यूट्यूब की पॉलिसी क्या कहती है?गूगल ने यूट्यूब कंटेट क्रिएटर और चैलन चलाने वालों के लिए एक पॉलिसी बनाई है, जो उसके support.google.com पर दी है। इस पॉलिसी के मुताबिक, आप यूट्यूब से कमाई कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आपका चैनल यूट्यूब पर कमाई करने से जुड़ी पॉलिसी को फॉलो करता हो। पॉलिसी में यूट्यूब के कम्यूनिटी दिशा-निर्देश, सर्विस की कंडीशन, कॉपीराइट और गूगल एडसेंस प्रोग्राम की पॉलिसी शामिल हैं। ये पॉलिसी उन लोगों पर लागू होती हैं जो 'यूट्यूब पार्टनर कार्यक्रम' में शामिल हैं या शामिल होना चाहते हैं।आप अपने वीडियो पर विज्ञापन दिखाने की सर्विस ऑन करके कमाई करना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि वे विज्ञापन देने वालों के लिहाज से अच्छे वीडियो बनाने केगाइडलाइन के मुताबिक हों।इस बात को पक्का करें कि आपने हर पॉलिसी को अच्छी तरह पढ़ लिया है, क्योंकि इन पॉलिसी से ही तय किया जाता है कि किसी चैनल पर कमाई करने की सुविधा दी जा सकती है या नहीं।यूट्यूब समीक्षक नियमित रूप से देखते रहते हैं कि कमाई करने वाले चैनल इन पॉलिसी का पालन कर रहे हैं या नहीं। वे पॉलिसी को किस तरह लागू करते हैं, इसकी जांच से जुड़ी जरूरी बातें।कम्यूनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले वीडियो से कमाई नहीं कर पाएंगे। उसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। यूट्यूब से कमाई करने वाले क्रिएटर्स को यह पता होना चाहिए कि दिशा-निर्देश, किसी खास वीडियो पर ही नहीं, बल्कि पूरे चैनल पर लागू होते हैं। ऐसे में क्रिएटर को इन तमाम बातों का ध्यान रखना जरूरी है।यदि आप कंटेंट क्रिएटर के तौर पर यूट्यूब की गाइडलाइन को फॉलो नहीं करते हैं, तो न सिर्फ आप उस वीडियो से पैसे नहीं कमा पाएंगे, बल्कि आपके चैनल पर भी बैन लगा दिया जाएगा। फिर जब तक उसका रिव्यू नहीं किया जाता वो बैन ही रहेगा। यूट्यूब अपनी गाइडलाइन को लेकर काफी सख्ती दिखाता है।सरकार की ताकत बने नए IT नियम-भारत सरकार ने इसी साल 26 मई से नए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 लागू किए हैं। नए IT नियम 16 की आपातकालीन शक्तियों की बदौलत सरकार ने इन चैनलों और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया। सरकार ने नए नियमों के इस मंशा के साथ तैयार किया था कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की घटनाओं को रोका जा सके। इनमें आतंकवादियों की भर्ती के लिए लालच देना, आपत्तिजनक कंटेंट का सर्कुलेशन, वित्तीय धोखाधड़ी, हिंसा को बढ़ावा देने जैसे कई मुद्दे शामिल थे।अगर सोशल मीडिया पर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है, तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।कोई अदालत या सरकारी संस्था किसी आपत्तिजनक, शरारती ट्वीट या मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी मांगती है, तो कंपनियों को देनी होगी।कंपनियों को तीन महीने में चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर, नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर अपॉइंट करने होंगे। ये भारतीय नागरिक होंगे।जो यूजर अपना वैरिफिकेशन चाहता हो, सोशल मीडिया कंपनियों को उसे इसकी व्यवस्था देनी होगी। जैसे ट्विटर वैरिफाइड अकाउंट को ब्लू टिक देता है।...
- Post by Admin on 828 days, 21 hours ago
अमेजन ग्रेट रिपब्लिक डे सेल के दौरान डिस्काउंट ऑफर्स दिए जा रहे हैं। इस दौरान कम कीमत में स्मार्टफोन को पेश किया गया है। अगर आपका बजट 10,000 रुपए के आसपास है, तो हम आपके लिए अमेजन सेल के टॉप-10 स्मार्टफोन डील्स के बारे में बता रहे हैं जिन पर आपको पहले के मुकाबले 500 से लेकर 800 तक की छूट दी जा रही है।इसमें शाओमी, टेक्नो, रेडमी, आईटेल और सैमसंग स्मार्टफोन खरीद पाएंगे। सेल में स्मार्टफोन को 40% डिस्काउंट पर मोबाइल और एक्सेसरीज को खरीदने का ऑप्शन दिया जा रहा है। इस सेल में SBI कार्ड पर 10% इंस्टेट डिस्काउंट दिया जा रहा है। इसमें नो-कॉस्ट EMI ऑप्शन भी मिल रहा है।
1.टेक्नो पॉप 5 LTE,इसे 6,299 रुपए में बिक्री के लिए लिस्ट किया गया है। SBI कार्ड से 10% डिस्काउंट पर फोन को 5,670 रुपए में खरीद पाएंगे। इसमें प्राइमरी कैमरा 8 मेगापिक्सल का है, जबकि दूसरा कैमरा 2 मेगापिक्सल का है। रियर कैमरे पैनल पर डुअल फ्लैश लाइट मौजूद है। सेल्फी व वीडियो कॉलिंग के लिए इसमें 5 मेगापिक्सल का कैमरा मिलता है। इसमें 2GB रैम 32GB का स्टोरेज मिलता है।2. टेक्नो स्पार्क 8T,इसे 9,299 रुपए में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा। जिसे डिस्काउंट के बाद 8,370 रुपए में खरीदा जा सकेगा। फोन में 6.6 इंच की फुल HD+ प्लस डिस्प्ले दी गई है। इसमें 4GB रैम 64GB स्टोरेज मिलती है। फोन में 50MP मेन कैमरा और सेल्फी कैमरा 8MP का है।3.रेडमी 9A,फोन की कीमत 8499 रुपए है, लेकिन सेल में फोन को 6999 रुपए में खरीदा जा सकेगा। साथ ही रेडमी 9A स्मार्टफोन को SBI कार्ड से खरीद पर 10% डिस्काउंट मिलेगा। ऐसे में फोन 6299 रुपए का हो जाएगा। फोन मीडियाटेक हीलियो G25 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर सपोर्ट के साथ आएगा। इसमें 2GB रैम 32GB स्टोरेज मिलता है।4.रियलमी नारजो 50i,रियलमी नारजो 50i की कीमत 7499 रुपए है। जिसे डिस्काउंट के बाद सेल में 6299 रुपए में खरीदा जा सकेगा। फोन में 6.5 इंच की एक बड़ी डिस्प्ले दी गई है। साथ ही फोन में 5000mAh की बड़ी बैटरी दी जाएगी। इसमें 2GB रैम 32GB स्टोरेज मिलता है।,5.आई काल Z8,इसकी कीमत 5,999 रुपए है जिसे डील के तहत 4,999 रुपए में खरीद सकते हैं। इसमें 8MP का रियर कैमरा और 5MP का फ्रंट कैमरा मिलता है। इसका डिस्प्ले 5.5 इंच है। 3GB रैम और 16GB स्टोरेज मिलती है |...
- Post by Admin on 829 days, 21 hours ago
देश में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। ये कोरोना के बाकी वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है। इसकी पहचान जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट से की जा रही है, लेकिन भारत जीनोम सीक्वेंसिंग के मामले में अभी काफी पीछे है। आज हम आपको बताते हैं कि RT-PCR टेस्ट से भी ओमिक्रॉन का पता लगाया जा सकता है। इसमें जीनोम सीक्वेंसिंग के मुकाबले खर्च भी कम आता है। जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट के लिए जहां 5000 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं, वहीं RT-PCR टेस्ट कराने में मात्र 260 रुपए खर्च होते हैं।आज जरूरत की खबर में हम आपको बताएंगे कि RT-PCR टेस्ट से कैसे होगी ओमिक्रॉन की पहचान...क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग?
जीनोम सीक्वेंसिंग किसी भी इंसान का पूरा जेनेटिक बायोडेटा होता है। अगर किसी इंसान की जेनेटिक डाइवर्सिटी को समझना हो, तो हमे जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट करना पड़ेगा। इसके बाद हमें किसी भी नई बीमारी या नए वैरिएंट का पता चल जाएगा।किसी भी वैरिएंट का पता जीनोम सीक्वेंसिंग में आसानी से लग जाता है, लेकिन देश के काफी कम राज्यों में ये टेस्ट किए जा रहे है। इसलिए हर व्यक्ति का जीनोम सीक्वेंसिंग कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि वो दो बार RT-PCR टेस्ट करें और देखें कि सैंपल से S-Gene गायब है या नहीं, क्योंकि ओमिक्रॉन से S-Gene गायब है, जबकि डेल्टा में S-Gene मौजूद है।S-Gene के गायब होने का मतलब है आप ओमिक्रॉन संक्रमित हैं?जी हां, वायरस में मौजूद S-Gene के जरिए ही ओमिक्रॉन की पहचान की जा रही है। कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन में S-Gene नहीं है। अगर किसी व्यक्ति के सैंपल में S-Gene मिसिंग है, तो वो ओमिक्रॉन संक्रमित है। अगर S-Gene मौजूद है और रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है तो, व्यक्ति कोरोना के ओमिक्रॉन से अलग किसी दूसरे वैरिएंट से संक्रमित है।S-Gene पर WHO ने क्या कहा?
WHO के अनुसार, ओमिक्रॉन से S-Gene के गायब होने की वजह इसमें मौजूद मल्टिपल म्यूटेशन है, जो अब तक किसी वैरिएंट में नहीं देखा गया है। S-Gene का मिसिंग होना ही ओमिक्रॉन की मौजूदगी का संकेत है।किस राज्य में RT-PCR किट से चेक किया जा रहा ओमिक्रॉन संक्रमण?महाराष्ट्र में दो बार RT-PCR किट से कोविड सैंपल की जांच की जा रही है। टेस्ट किट में कुछ बदलाव भी किए गए हैं, जिससे S-Gene की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।...
- Post by Admin on 830 days, 21 hours ago
कुछ साल पहले ब्यूटी वीडियो क्रिएटर कसान्द्रा बैक्सन ने यह कह कर चौंका दिया कि उनके शरीर में दो यूटरस, दो वजाइना हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनके शरीर और रिश्ते से जुड़े ढेरों सवाल पूछने वालों की लाइन लग गई। जुलाई 2021 में राजस्थान के नागौर में भी एक ऐसी महिला को प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में ब्लीडिंग होने पर अस्पताल ले जाया गया, तो उसके शरीर में दो यूटरस, दो सर्विक्स और दो वजाइना होने का पता चला।लाखों लोगों के लिए यह शारीरिक स्थिति चौंकाने वाली थी लेकिन, मेडिकल साइंस में इसे ‘यूटरस डेडिल्फस’ के नाम से जानते हैं। कई बार यह रिस्की होता है, तो कई बार ताउम्र महिला को अपनी इस खास शारीरिक बनावट का अहसास तक नहीं होता है।गुरुग्राम के क्लाउड नाइन हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट की डॉ. रितु सेठी के अनुसार, “ मां के गर्भ में मौजूद कन्या भ्रूण में एक ही जगह से यूटरस, वजाइना और सर्विक्स जैसे अंग बनते हैं। शुरुआत में हर सामान्य कन्या भ्रूण में यूटरस दो भागों में होता है, जो सातवें महीने में आपस में मिलकर एक गर्भाशय बनाता है।कुछ मामलों में गर्भाशय आपस में मिल नहीं पाते। मेडिकल साइंस में इस स्थिति को ‘मुलेरियन डक्ट-एनाॅमलीज’ कहा जाता है। इस तरह से एक मां में दो कोख की स्थिति बनती है लेकिन ऐसे मामले न के बराबर ही होते हैं।”डॉक्टर रितु सेठी का कहना है कि दो गर्भाशय बनने की वजह से महिलाओं के शरीर में किसी तरह के हॉरमोनल बदलाव नहीं होते। वुमन हॉरमोन्स का निर्माण ओवरीज में होता है। यूटरस डेडिल्फस का अंडाशय (ओवरीज) के साथ कोई संबंध नहीं होता इसलिए महिला शरीर में किसी तरह का हॉरमोनल बदलाव नहीं होता।यूटरस के दो भागों में बंट जाने से उसकी क्षमता प्रभावित होती है। इस वजह से महिलाओं को कई तरह की तकलीफों से गुजरना पड़ सकता है। उनको गर्भधारण करने में भी मुश्किलें आती हैं। यूटरस डेडिल्फस में,प्रेग्नेंसी के बाद कई बार प्री-मैच्याेर डिलीवरी और अबॉर्शन की आशंका बढ़ जाती है। लेबर पेन समय से पहले आ सकता है। वाटर बैग के फूटने के चांसेज बढ़ जाते हैं। साथ ही शिशु का विकास भी प्रभावित होता है। यूटरस फटने के रिस्क की आशंका से गर्भपात की इजाजत भी मिल जाती है।इस कंडीशन में दोनों गर्भाशय में दो बच्चे (जुड़वा प्रेग्नेंसी) भी हो सकते हैं। हालांकि ऐसे केसेज बहुत ही कम होते हैं। आमतौर पर एक ही यूटरस में बेबी डेवलप होता है। डॉक्टर की देखरेख में इस तरह की प्रेग्नेंसी भी की जा सकती है।डॉ. रितु इस बात पर जोर देती हैं कि यह स्थिति अनुवांशिक नहीं होती।आमतौर पर कम उम्र में इस तरह की शारीरिक स्थिति का पता नहीं चल पाता है लेकिन अगर किसी वजह से शादी के पहले शरीर में इस तरह की बनावट का पता चले, तो प्रेग्नेंसी प्लान करते समय डॉक्टर के संपर्क में रहें।दो यूटरस का पूरी जिंदगी पता नहीं चल पाता,डॉ. रितु यह भी स्वीकारती हैं कि आमतौर पर औरतों को पूरी जिंदगी अपने शरीर की इस स्थिति का पता नहीं चल पाता है। प्रेग्नेंसी में किसी तरह की दिक्कत आने पर जांच किए जाने से ऐसी चीजें सामने निकल कर आती हैं।अमूमन टीनएज में या शादी के पहले अल्ट्रासाउंड की जरूरत नहीं पड़ती, ऐसे में शरीर के अंदर दो यूटरस या दो वजाइना की स्थिति हो भी तो पता नहीं चलता। कभी-कभार मेन्सट्रूअल प्रॉब्लम्स में अल्ट्रासाउंड कराना पड़े, तो इस कंडीशन के पता चलने के चांसेज होते हैं।कई बार विवाह के बाद संबंधों के दौरान महिला असहज या तकलीफ महसूस करती हैं। ऐसे में आंतरिक जांच के बाद दो वजाइना होने का पता चलता है, यह शरीर के ऊपरी और बाहरी हिस्से में नजर नहीं आता। कुछ मामलों में इसे ऑपरेशन के बाद ठीक किया जा सकता है और कुछ केस में यह स्वत: ठीक हो जाता है।...
- Post by Admin on 832 days, 22 hours ago
कोरोना से बचने के लिए मास्क बेहद जरूरी है, क्योंकि ये वायरस को आपके शरीर में जाने से रोकता है। इसलिए बाजार में अलग-अलग तरह के मास्क बिक रहे हैं, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स N95 मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में दुकानों और ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ढेरों नकली N95 मास्क की बिक्री हो रही है।लोग असली N95 मास्क के पैसे तो दे रहे हैं, लेकिन बदले में उन्हें कई बार नकली N95 मास्क मिल जाता हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इस बात का पता कैसे चलेगा कि आपने जो N95 मास्क खरीदा है वो असली हैं या नकली? जरूरत की खबर में आज हम आपको इसका तरीका बताएंगे।क्या होता है N95 मास्क-N95 मास्क बाजार में बिकने वाले बाकी मास्क की तुलना में थोड़ा महंगा होता है, लेकिन ये ज्यादा इफेक्टिव होता है। US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, N95 को इस तरह से बनाया जाता है कि कोई भी एयरबोर्न पार्टिकल्स शरीर के अंदर न जाए और संक्रमण कम से कम फैले।N95 मास्क लगाने से कितनी सुरक्षा मिलती है?N95 कोरोना काल में सबसे बेहतर मास्क माना जा रहा है। ये आपके मुंह और नाक पर आसानी से फिट हो जाता है और हवा में मौजूद 95% कणों को शरीर में जाने से रोकता है। इसलिए इसे N95 मास्क कहते हैं। ये मास्क बैक्टीरिया और धूल से 100% बचाता है। कोरोना वायरस के कण डायमीटर में 0.12 माइक्रॉन होते हैं और CDC के अनुसार, ये मास्क 0.1 से 0.3 माइक्रॉन के कण को शरीर में जाने से रोकता है।N95 मास्क चार अलग-अलग तरीके के होते हैं। पहला है रेगुलर N95 मास्क, जिसका इस्तेमाल ऑफिस या डेली यूज में किया जाता है, लेकिन एक बार गंदा हो जाने के बाद इसे दोबारा यूज नहीं किया जा सकता है। दूसरा है वॉशेबल N95 मास्क, जिसका इस्तेमाल करने के बाद इसे धोकर दोबारा यूज किया जा सकता है। इसी तरह तीसरा N95 मास्क बच्चों के लिए आता है, जिसे धोया नहीं जा सकता है। चौथा N95 मास्क बच्चों के लिए आता है जो वॉशेबल होता है। इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।N95 मास्क की कीमत कितनी होती है?रेगुलर N95 मास्क की कीमत 200 से 300 रु. के बीच होती है।वॉशेबल N95 मास्क की कीमत 250 से 450 रु. के बीच होती है।बच्चों के N95 मास्क की कीमत 150 से 250 रु. के बीच होती है।बच्चों के वॉशेबल N95 मास्क की कीमत 200-350 के बीच होती है। ...
- Post by Admin on 836 days, 23 hours ago
सर्दियां एक कठिन समय होता है, जिसके दौरान शरीर को इन्सुलेशन और बेहतर रक्त परिसंचरण की आवश्यकता होती है। गतिविधि की कमी और बेहतर इन्सुलेशन जरूरतों के कारण, लोग अधिक भोजन का सेवन करते हैं जिसके परिणामस्वरूप शरीर में गर्मी निकलती है लेकिन इससे वजन भी बढ़ता है, जिससे लड़ने के लिए शरीर को ऐसे खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है जो वजन कम करने में मदद करते हैं। मक्का, ज्वार और बाजरा जैसे अनाज विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करके और वजन घटाने में शरीर की सहायता करते हैं। यहां तीन ऐसे मिलेट हैं जो सर्दियों के दौरान खपत के लिए उपयुक्त हैं।बाजरा या पर्ल मिलेट प्रोटीन से भरपूर होता है जो शरीर को मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। दुबला मांसपेशी द्रव्यमान वजन घटाने में सहायता करता है और स्वस्थ शरीर का एक मार्कर है। बाजरे में मौजूद फाइबर पानी में घुलनशील होता है और एक जेल जैसा पदार्थ बनाता है जो पेट में बस जाता है और लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करने में मदद करता है। फाइबर पाचन प्रक्रियाओं और चयापचय में भी मदद करता है जिससे वजन कम करना सुविधाजनक हो जाता है। बाजरा रक्त शर्करा के स्तर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। अपने कई स्वास्थ्य लाभों और गर्माहट की समानता के साथ, बाजरा सर्दियों के दौरान गले लगाने के लिए एक उपयुक्त विकल्प है।रागी प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है। यह शाकाहारियों के लिए एक बहुत ही उपयुक्त विकल्प है जो केवल शरीर में कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने के लिए मांसाहारी भोजन पर स्विच करने से इनकार करते हैं। रागी में मौजूद विटामिन और खनिजों की मात्रा भी किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त होती है और एनीमिया को रोकने में मदद करती है। रागी के सेवन से त्वचा के अच्छे स्वास्थ्य और बालों के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलता है और यह इसे सर्दियों के दौरान उपभोग के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाता है।ज्वार पोषक तत्वों का भंडार है जिसमें विटामिन बी, कैल्शियम, लौह, फास्फोरस और फाइबर शामिल हैं जो समग्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हैं। ज्वार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। यह लस मुक्त है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। अपने दैनिक शीतकालीन आहार में ज्वार को शामिल करने से आपको मौसम में बेहतर तरीके से जीवित रहने में मदद मिलेगी।...
- Post by Admin on 837 days, 21 hours ago
देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे वक्त में आप घर बैठे अपना कोविड टेस्ट कर सकते हैं। टेस्ट करने के लिए आपको रैपिड एंटीजन किट की जरूरत होगी, जो बाजार में आसानी से मिल जाएगी।इस होम किट के जरिए इस बात का पता चल जाएगा कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं या निगेटिव। अगर आप में कोरोना के लक्षण हैं, लेकिन रैपिड एंटीजन टेस्ट निगेटिव आता है तो आपको तुरंत RT-PCR टेस्ट कराना चाहिए, क्योंकि रैपिड एंटीजन टेस्ट कुछ पॉजिटिव मामलों में गलत रिपोर्ट दे सकता है।ICMR ने 7 होम टेस्टिंग किट्स को मंजूरी दी है23 नवंबर 2021 को ICMR ने 7 होम टेस्टिंग किट्स को मंजूरी दी, जिसके जरिए आप घर बैठे अपना टेस्ट कर सकते हैं। इनमें कोवीसेल्फ, पैनबायो, कोवीफाइंड, एंगकार्ड, क्लिनीटेस्ट, अबचेक और अल्ट्रा कोवी कैच होम किट शामिल है।कहां और कितने में मिलेगी रैपिड एंटीजन होम टेस्ट किट?रैपिड एंटीजन होम टेस्ट किट आपको आसानी से बाजार और ई कॉमर्स वेबसाइट्स पर मिल जाएगी, जिसकी कीमत लगभग 250 रु. है।टेस्ट करते वक्त इन बातों का रखना होगा ध्यान-रैपिड होम टेस्ट करते वक्त हमें टेस्ट वाली जगह को साफ कर लेना चाहिए। आप चाहे तो टेस्ट करने के लिए टेबल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ताकि किट का पूरा सामान एक जगह पर रखा जा सके। इसके अलावा टेस्ट करने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें और सूखे कपड़े की मदद से ड्राई कर लें। इसके बाद टेस्टिंग प्रोसेस शुरू करें।आपको एक बात का ख्याल रखना होगा- अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई देते है और रैपिड एंटीजन टेस्ट में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो, उसे तुरंत RT-PCR टेस्ट करवाना चाहिए, क्योंकि कई बार रैपिड टेस्ट पॉजिटिव मामलों को गलती से निगेटिव बता सकता है। यानी अगर रैपिड टेस्ट में किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव है, तो वो सच में कोरोना पॉजिटिव है, लेकिन कई बार लक्षण होने पर भी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो भी वो पॉजिटिव हो सकता है। इसलिए RT-PCR जरूर करा लें और ऐसे सभी लोग RT-PCR की जांच रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रहें।रैपिड टेस्ट का इस्तेमाल कब किया जा सकता है?पार्टी से आने के बाद,किसी भी भीड़-भाड़ वाली जगह पर और पार्टी से आने के बाद आप अपना रैपिड होम टेस्ट कर सकते हैं।,अगर आपके घर पर बच्चे की देखभाल के लिए कोई बेबी-सिटर आती है, तो आप रैपिड टेस्ट के जरिए पता लगा सकते हैं कि बच्चा और बेटी-सिटर सुरक्षित हैं या नहीं।बुजुर्गों और बीमार के केयरटेकर की जांच-अगर आपने घर के किसी बीमार या बुजुर्ग व्यक्ति के लिए केयरटेकर रखा है, तो उसकी भी रैपिड जांच जरूर करनी चाहिए।होम मेड की जांच-घर पर खाना बनाने या काम करने के लिए आपने कोई होम मेड रखा है, तो उनका भी टेस्ट आप रैपिड एंटीजन किट की मदद से कर सकते हैं।बुजुर्ग माता-पिता या रिलेटिव से मिलने जाने से पहले,अगर आप अपने बुजुर्ग माता-पिता, रिलेटिव या पड़ोस में किसी से मिलने जा रहे है, तो उसके पहले अपना रैपिड टेस्ट कर सकते हैं।प्लेन, ट्रेन या बस से सफर के बाद,अगर आप प्लेन, ट्रेन या बस में सफर करने के बाद घर पर लौट गए हैं, तो अपना रैपिड टेस्ट जरूर कर लें।अनवैक्सीनेटेड लोगों से संपर्क में आने के बाद,कई लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है, ऐसे लोगों के संपर्क में आने के बाद आपको अपना टेस्ट कर लेना चाहिए।खांसी-जुकाम होने पर-अगर आपको खांसी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपना टेस्ट करके देख लें कि ये मौसमी बीमारी है या फिर कोरोना के लक्षण हैं।...
- Post by Admin on 838 days, 22 hours ago
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार आजकल काफी चर्चा में है। लोगों ने इसे अमीर बनने का सबसे आसान रास्ता समझ लिया था। लेकिन अचानक दुनियाभर के कई देशों की सरकारों की सख्ती के चलते बिटक्वाइन से लेकर कई क्रिप्टो करेंसी के रेट एकदम से धड़ाम हो गए हैं। हालांकि कई क्रिप्टोकरेंसी के रेट अभी भी ऊपर जा रहे हैं। कुछ क्रिप्टोकरेंसी तो ऐसी हैं, जिनके रेट 2 डॉलर यानी 150 रुपये से भी कम हैं, और अच्छा रिटर्न दिया है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस वक्त बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी, डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी, एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी और एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी के अलावा कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी का लेटेस्ट रेट क्या है।बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 41,821.89 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 0.10 फीसदी की गिरावट है। इस रेट पर बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 791.34 बिलियन डॉलर है। बीते चौबीस घंटे के दौरान बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 42,694.70 डालर और न्यूनतम कीमत 40,745.70 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2022 से अब तक बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी ने 9.59 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। बिटक्वाइन क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 68,990.90 डॉलर रही है।एथेरियम क्रिप्टोकरेंसीएथेरियम क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 3,209.52 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 0.89 फीसदी की गिरावट है। इस रेट पर एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 377.67 बिलियन डॉलर है। बीते चौबीस घंटे के दौरान एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 3,273.71 डालर और न्यूनतम कीमत 3,076 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2022 से अब तक एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी ने 13.01 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 4,865.57 डॉलर रही है।एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसीएक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 0.769278 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 3.19 फीसदी की तेजी है। इस रेट पर एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 76.92 बिलियन डॉलर है। बीते चौबीस घंटे के दौरान एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 0.78 डालर और न्यूनतम कीमत 0.73 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2022 से अब तक एक्सआरपी क्रिप्टो करेंसी ने 6.97 फीसदी का रिटर्न दिया है। एक्सआरपी क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 3.40 डॉलर रही है।कार्डानो क्रिप्टोकरेंसीकार्डानो क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 1.22 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 1.18 फीसदी की तेजी है। इस रेट पर कार्डानो क्रिप्टो करेंसी की मार्केट कैप 40.29 बिलियन डॉलर है। बीते चौबीस घंटे के दौरान कार्डानो क्रिप्टो करेंसी की अधिकतम कीमत 1.25 डालर और न्यूनतम कीमत 1.19 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2022 से अब तक कार्डानो क्रिप्टो करेंसी ने 7.05 फीसदी का रिटर्न दिया है। कार्डानो क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 3.10 डॉलर रही है।डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसीडॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 0.156683 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 2.47 फीसदी की तेजी है। इस रेट पर डॉगकॉइन क्रिप्टो करेंसी की मार्केट कैप 20.80 बिलियन डॉलर है। बीते चौबीस घंटे के दौरान डॉगकॉइन क्रिप्टो करेंसी की अधिकतम कीमत 0.16 डालर और न्यूनतम कीमत 0.15 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2022 से अब तक डॉगकॉइन क्रिप्टो करेंसी ने 8.44 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। डॉगकॉइन क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 0.740796 डॉलर रही है।
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- Post by Admin on 839 days, 22 hours ago
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस से पहले मोदी सरकार कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जा सकता है, जिसके बाद कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी बढ़कर 26,000 हो सकती है। वही महंगाई भत्ते में 2 से 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई तो सैलरी में एक बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,मोदी सरकार जनवरी 2022 में फिटमेंट फैक्टर पर फैसला लेकर इसे बढ़ा सकती है।वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, लेकिन कर्मचारियों की मांग पर इसे 3.68 तक बढ़ाया जा सकता है।इस संबंध में 26 जनवरी 2022 से पहले कर्मचारी संगठन के साथ सरकार की एक बड़ी बैठक हो सकती है, जिसमें इसे बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है।अगर फिटमेंट फैक्टर 3.68 फीसदी होता है तो 8,000 रुपये की बढ़ोतरी से कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़कर 26,000 रुपये हो जाएगा यानि 3.68 पर सैलरी 26000X3.68= 95,680 रुपए होगी। इससे पहले आखरी बार फिटमेंट फैक्टर को 2016 में बढ़ाया गया था, जिसमें कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये किया गया था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार साल 2022 में एक बार फिर केन्द्रीय कर्मचारियों का 2 से 3 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है। AICPI सितंबर 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार महंगाई भत्ता 32.81 फीसदी है।वही नवंबर के जारी आंकड़ों के अनुसार, AICPI इंडेक्स 125.7 पर पहुंच गया है, ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 2 या फिर 3 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।अगर 2 फीसदी बढ़ो तो डीए 33% और 3 फीसदी बढ़ा तो 34% डीए हो सकता है, हालांकि दिसंबर के आंकड़े आना अभी बाकी है, जो जनवरी 2022 लास्ट में जारी किए जाएंगे।अगर दिसंबर 2021 तक CPI(IW) का आंकड़ा 125 तक रहता है तो DA 2 से 3% वृद्धि निश्चित है और इसका भुगतान जनवरी 2022 में किया जा सकता है।इस फैसले के बाद केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत से बढ़कर 33% तक हो सकता है। 33% डीए और बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो डीए 5940 रुपए होगा और TA-HRA जोड़ने पर सैलरी 31,136 रुपए हो जाएगी। वही 34 प्रतिशत DA होने पर 18,000 रुपए बेसिक सैलरी वाले कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सालाना 6,480 रुपए और 56000 सैलरी वाले का सालाना महंगाई भत्ता 20,484 रुपए हो जाएगा।इससे करीब 1 करोड़ यानि 68 लाख कर्मचारी और 48 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।...
- Post by Admin on 841 days, 21 hours ago
दुनिया के कई देशों की तरह अब भारत में भी बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। इससे स्कूल-कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स की सुरक्षा बढ़ने के साथ पेरेंट्स की भी चिंता कम होगी। लेकिन फिलहाल केवल 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना से कैसे बचाया जाए। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट के शुरुआती दौर से ही वहां बड़ी संख्या में 5 साल से कम उम्र के बच्चे हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं।ऐसी स्थिति में दुनियाभर के एक्सपर्ट्स बच्चों के वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की माने तो अनवैक्सीनेटेड बच्चों में इन्फेक्शन का उतना ही खतरा होता है, जितना दूसरे लोगों को।अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) की एक रिपोर्ट के अनुसार फ्लू (सर्दी-खांसी) के शॉट्स भी कोरोना के गंभीरता को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने भी अंडर-5 बच्चों को इंफ्लूएंजा वैक्सीन लगाने की सिफारिश की थी। इस स्थिति में जिन बच्चों के लिए अभी वैक्सीन नहीं है, CDC के अनुसार उन्हें फ्लू का वैक्सीन उनमें कोरोना के खतरे को कम करने में मददगार है। हालांकि, इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं कि इंफ्लूएंजा की वैक्सीन कोविड वैक्सीन का विकल्प है।दुनिया के करीब 40 देश बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं। अब तक हल्के लक्षणों को छोड़कर कहीं भी बच्चों में इसके साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं। चूंकि भारत में सिर्फ 15 से ज्यादा उम्र वालों को ही वैक्सीन दी जा रही ऐसे में फ्लू शॉट्स कम उम्र के बच्चों के लिए कारगर हो सकती है।...
- Post by Admin on few minutes ago
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर निकल चुकी है। लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ITR नहीं भर पाए हैं। अगर आपने भी अभी तक नहीं भरा है तो लेट फीस के साथ 31 मार्च 2022 तक ITR भर सकते हैं।कितनी देनी होगी लेट फीस?आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत तय समय तक ITR नहीं भरने पर धारा 234ए के तहत जुर्माना लगता है। बिलेटेड ITR 31 मार्च, 2022 तक 5 हजार रुपए के जुर्माने के साथ भर सकते हैं।वहीं अगर करदाता की कुल आय 5 लाख रुपए या इससे कम है तो उसे एक हजार रुपए ही जुर्माना देना होगा। आय 2.50 लाख से कम होने पर बिना जुर्माना रिटर्न भर सकते हैं।31 दिसंबर तक रिटर्न न भरने से क्या नुकसान हैं?आप बिलेटेड ITR फाइल करके नोटिस से तो बच सकते हो लेकिन तय समय यानी 31 दिसंबर तक रिटर्न न भरने के कई नुकसान हैं। आयकर के नियमों के मुताबिक निर्धारित तारीख से पहले ITR दाखिल करने पर आप अपने नुकसान को आगे के वित्त वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड कर सकते हैं। यानी अगले वित्त वर्षों में आप अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं। लेकिन अब ITR भरने पर आप इसका फायदा नहीं ले सकेंगे।कई तरह की इनकम टैक्स छूट भी आपको नहीं मिलती हैं। इससे आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट भी आपको नहीं मिलेंगी।इसके अलावा देरी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कारण करदाता को आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा।...
- Post by Admin on 843 days, 23 hours ago
जहां गर्मियों की धूप हम सबको परेशान कर देती है, वहीं सर्दियों में ये धूप काफी राहत भरी होती है। सर्दियों में धूप सेंकने का मजा कुछ अलग ही होता है, लेकिन आपको बता दें कि सर्दियों की धूप कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बचाने में भी कारगर है। इस मौसम में न केवल धूप से शरीर को गर्मी मिलती है, बल्कि इससे शरीर में विटामिन-D की कमी भी पूरी होती है। सनलाइट विटामिन-D का नेचुरल और सबसे अच्छा सोर्स है। इसके अलावा ये बॉडी में कैल्शियम और फास्फोरस की कमी को भी पूरा करता है। विटामिन-D रेस्पिरेटरी मसल्स को नुकसान पहुंचाने से भी बचाती है। कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में विटामिन-D सही मात्रा में होना जरूरी है।विटामिन-D हम सभी के शरीर के लिए बहुत जरूरी है। अगर शरीर में विटामिन-D का लेवल कम हो जाए तो कई बीमारियां हो सकती हैं। भले ही आप इसके फायदे न जानते या समझते हों, लेकिन सर्दियों में धूप सेंकने से आपको कई फायदे मिलते हैं, जिसका शायद आप अंदाजा भी न लगा पाएं।सर्दियों में जिस हिसाब से बीमारियां आती है. उसके लिए तो, इंसान को बहुत सारी दवाइयां खानी पड़े. लेकिन, अगर आपको बीमारियों से रूबरू नहीं होना. तो, आपको एक देसी और घरेलू इलाज बताते है. जिससे कि आपकी बहुत-सी बीमारियां गायब हो जाएंगी. वो नुस्खा है धूप. जी हां, धूप अब बताते है कि सर्दियों में धूप लेना जरूरी क्यों है. सर्दियों के मौसम में जितना जरूरी खाना-पीना होता है. उतनी ही जरूरी धूप है. ठंड में सूरज की किरणें सिर्फ बाहरी स्किन नहीं, बल्कि अंदरूनी बॉडी पार्ट्स में भी असर करती है. अक्सर लोग ठंड के मौसम से बचने के लिए बस मोटे-मोटे गर्म कपड़े पहनकर बैठ जाते है. लेकिन, ये गलत है. इससे बॉडी को धूप नहीं मिलती. जिसके कारण बीमारियां होने का खतरा बढ़ता जाता है. इसलिए, सुबह-सुबह की 15 मिनट की धूप बॉडी के लिए बेहद जरूरी होती है. अब, बताते है कि इससे कौन-कौन सी बीमारियां ठीक हो जाती है. इम्यूनिटी मजबूत होती हैइसमें सबसे पहले इम्यूनिटी मजबूत करना आता है. सर्दियों में धूप सेंकने से इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने में मदद मिलती है. बॉडी को धूप लगने से व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) सफिशिएंट क्वांटिटी में काम कर पाता है. जिससे बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है.कैंसर से बचाववहीं बात अगर कैंसर की कि जाए तो, धूप लेने से कैंसर जैसी बीमारी में बहुत आराम मिलता है. कई रिसर्च के मुताबिक, सर्दियों में जहां कम धूप आती है. या जो लोग धूप में टाइम नहीं बिताते. वहां कैंसर जैसी बीमारी होने के चांसिज बढ़ जाते है. अच्छी नींद के लिए धूप लेंडॉक्टर्स के मुताबिक धूप लेने से बॉडी में मेलाटोनिन हार्मोन पैदा होता है जिससे नींद अच्छी आती है. इस हार्मोन के रिलीज़ होने से मेंटल स्ट्रेस दूर करने में मदद मिलती है. भरपूर नींद लेने से बॉडी हेल्दी रहती है और इम्यूनिटी भी बेहतर होती है.कोलेस्ट्रॉल करें कमधूप लेने से कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है. सूरज ब्लड में हाई कोलेस्ट्रॉल को steroid hormones और सेक्स हार्मोन में चेंज करता है और हमें reproduction के लिए हार्मोन की जरूर होती है. धूप ना लेने से ये एलिमेंट्स कोलेस्ट्रॉल में बदल जाते हैं....
- Post by Admin on 844 days, 22 hours ago
अक्सर वीडियो, ऑडियो या किसी फाइल को एक्सेस करते समय हम mp3 और mp4 फाइल फॉर्मेट को देखते हैं। ऐसे में आप लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर mp3 और mp4 क्या होते हैं? और इनके बीच का अंतर क्या है? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। MP3 MPEG Audio Layer III से बना होता है। इसका फुल फॉर्म Moving Picture Experts Group Audio Layer III होता है। इसी वजह से इसका नाम MP3 रखा गया है। वहीं बात अगर MP4 की करें, तो ये MPEG-4 AVC से बना है। इसका फुल फॉर्म Moving Picture Experts Group 4 है। वहीं AVC का फुल फॉर्म Advance Video Coding होता है। इन्हें ही mp3 और mp4 के नाम से जाना जाता है। हालांकि, ये दोनों एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। आइए जानते हैं इनके बीच के खास अंतर के बारे मे,mp3,ये एक डाटा स्टोरेज का फॉर्मेट है। इसका उपयोग डिजिटल डाटा को स्टोर करने के लिए होता है। MP3 ऑडियो कोडिंग का फॉर्मेट होता है। इसके लिए .mp3 एक्सटेंशन का उपयोग किया जाता है। ये केवल मीडिया टाइप ऑडियो को सपोर्ट करता है। MP3 को साल 1994 में रिलीज किया गया था। mp4-बात अगर mp4 की करें तो ये भी एक डाटा स्टोरेज फॉर्मेट है और इसका इस्तेमाल भी डिजिटल डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। ये डिजिटल मल्टीमीडिया कंटेनर फॉर्मेट होते हैं। इसके लिए .mp4 एक्सटेंशन का उपयोग किया जाता है,ये ऑडियो, टेक्स्ट, वीडियो, इमेज जैसे कई मीडिया टाइप्स को सपोर्ट करता है। mp4 के लिए जो डिवाइस बनाए जाते हैं। वो ऑडियो और वीडियो दोनों फाइल प्लेयर होते हैं। इसे साल 2003 में रिलीज किया गया था।
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- Post by Admin on few minutes ago
आज यानी 1 जनवरी 2022 से कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों का असर आपकी जिंदगी पर भी होगा। आज कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में कटौती हुई है। वहीं आज से ATM से पैसा निकालना और फुटवियर खरीदना महंगा हो गया है। इसके अलावा आज से 15 से 18 साल के बच्चे वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। हम आपको 1 जनवरी से होने वाले 8 बदलावों के बारे में बता रहे हैं।1. ATM से पैसे निकालना हुआ महंगा, ट्रांजैक्शन के ATM से पैसे निकालने पर अब आपको 20 की जगह 21 रूपए चार्ज देना होगा। RBI के मुताबिक, फ्री ट्रांजैक्शन के बाद बैंक अपने ग्राहकों से प्रति ट्रांजैक्शन 20 की जगह 21 रुपए ले सकेंगे। इसमें भी टैक्स शामिल नहीं है। यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो गया है। 2. जूते-चप्पल खरीदना महंगा हुआ,अब से जूते-चप्पल (फुटवियर) पर 12% GST लगेगा। भारत सरकार ने फुटवेयर पर 7% GST बढ़ा दी है। इसके अलावा ऑनलाइन तरीके से ऑटो रिक्शा बुकिंग पर 5% GST लगेगा। यानी ओला, उबर जैसे ऐप बेस्ड कैब सर्विस प्रोवाइडर प्लेटफॉर्म से ऑटो रिक्शा बुक करना अब महंगा हो गया है। हालांकि, ऑफलाइन तरीके से ऑटो रिक्शा के किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ। उसे टैक्स से बाहर रखा गया है। 3. 15 से 18 साल के बच्चे वैक्सीन के लिए करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन,देश में 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए आज से कोविन ऐप या पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। 10वीं का ID कार्ड भी रजिस्ट्रेशन के लिए आइडेंटिटी प्रूफ माना जाएगा। 4. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने बढ़ाया चार्ज,इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) के खाताधारकों को एक तय सीमा से ज्यादा कैश निकालने और डिपॉजिट करने पर चार्ज देना होगा। बेसिक सेविंग्स अकाउंट से हर महीने 4 बार कैश निकासी फ्री होगी। इसके बाद हर निकासी पर 0.50% चार्ज देना होगा, जो कम से कम 25 रुपए होगा। हालांकि, बेसिक सेविंग्स अकाउंट में पैसे जमा करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।बेसिक सेविंग अकाउंट के अलावा दूसरे सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में 10 हजार रुपए तक जमा करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। 10 हजार के बाद 0.50% शुल्क लगाया जाएगा। जो न्यूनतम 25 रुपए प्रति लेनदेन होगा। बचत और चालू खातों में हर महीने 25 हजार रुपए तक की नकद निकासी मुफ्त होगी और उसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर 0.50% चार्ज देना होगा।5. अमेजन प्राइम पर देख पाएंगे लाइव क्रिकेट मैच,अमेजन के OTT प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर अब लाइव क्रिकेट मैच भी देख सकेंगे। अमेजन प्राइम वीडियो आज यानी 1 जनवरी से न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज के साथ लाइव क्रिकेट स्ट्रीमिंग प्ले में एंट्री कर रहा है।6. गाड़ी खरीदना हुआ महंगा,नए साल में मारुति सुजुकी, रेनो, होंडा, टोयोटा और स्कोडा समेत लगभग सभी कार कंपनियों की कार खरीदने के लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी होगी। टाटा मोटर्स ने कॉमर्शियल व्हीकल की कीमतों में 2.5% की बढ़ोतरी कर दी है। 7. बैंक लॉकर में रखे सामान का नुकसान होने पर बैंक देगा हर्जाना,आज से बैंक में सेफ डिपॉजिट लॉकर के नियमों में भी बदलाव हुआ है। नए नियमों के अनुसार लॉकर में रखी सामग्री को बैंक की गलती से नुकसान होता है, तो कस्टमर को उसके किराए का 100 गुना तक का मुआवजा दिया जाएगा। लॉकर जिस इमारत में होगा, उसके गिरने या उसमें आग लगने, सेंधमारी, चोरी-डकैती होने या बैंक एंप्लॉयी के फ्रॉड करने पर मुआवजा मिलेगा।8. कॉमर्शियल गैस सिलेंडर हुआ सस्ता,आज गैस कंपनियों ने 19 किलोग्राम के कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में कटौती की है। IOCL के मुताबिक 1 जनवरी 2022 को दिल्ली में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 102 घटकर 1998.5 रुपए हो गई है। जहां चेन्नई में अब 19 किलोग्राम LPG सिलेंडर के लिए 2131 रुपए तो वही मुंबई में 1948.50 रुपए देय होंगे।...
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महिलाओं के काम और नाम को देश और दुनिया ने सराहा। वहीं, बीते साल देश की कई अदालतों ने ऐसे फैसले लिए जो महिलाओं को आजादी और बराबरी का हक दिलाने में मील का पत्थर साबित हुए।नए साल की शुरुआत करते हुए पढ़िए 2022 में अदालतों और सरकार के किन फैसलों और नीतियों पर रहेगी महिलाओं की नजर। 2022 कैसे ला सकता है महिलाओं के जीवन में बदलाव और इस साल से क्या उम्मीद रखती हैं भारत की आम औरत?1 - लड़कियों की शादी करने की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़कर हो सकती है 21 साल सरकार ने लड़कियों के विवाह करने की न्यूनतम उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए 2021 में लोकसभा में संशोधन बिल पेश किया। बाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन) बिल, 2021 पेश करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सरकार इस बिल के माध्यम से देश में लैंगिक समानता के साथ महिला सशक्तिकरण पर काम करना चाहती है। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ेगी तो उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने का समय मिलेगा। इसी के साथ वह खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से विवाह के लिए तैयार कर सकेंगी।शादी की उम्र बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हिंदू मैरिज ऐक्ट-1955 के सेक्शन 5(iii), स्पेशल मैरिज ऐक्ट- 1954 और द प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट- 2006 में बदलाव करेगी। इन एक्ट के मुताबिक, लड़की की शादी की उम्र 18 से 21 साल के बीच होनी चाहिए, इससे कम उम्र में शादी करना चाइल्ड मैरिज कहलाएगा। 2022 में अगर यह बिल संसद में पास होता है तो, यह कानून पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। यह महिलाओं के जीवन में बड़ा बद,2 - मैरिटल रेप पर बने कानून, बंद दरवाजे के पीछे अपराध पर लगे रोक
33% भारतीय पुरुष मानते हैं कि वह पत्नी के साथ जबरन सेक्स करते हैं, लेकिन भारत में इसे अपराध नहीं माना जाता। जबकि दुनिया के 151 देशों में इसे लेकर कानूनी कार्रवाही होती है। अब भारत में महिलाएं मैरिटल रेप को लेकर कानून बनाने की मांग कर रही हैं। 2021 में जब देश की विभिन्न अदालतों में मैरिटल रेप के मामले पहुंचे तो उन कोर्ट के जजों ने अलग-अलग फैसले सुनाएं।केरल हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को एक फैसले में कहा कि मैरिटल रेप क्रूरता है और यह तलाक का आधार हो सकता है। वहीं 12 अगस्त को मुंबई सिटी एडिशनल सेशन कोर्ट ने कहा कि पत्नी की इच्छा के बिना यौन संबंध बनाना गैरकानूनी नहीं है। 26 अगस्त को छत्तीसगढ़ कोर्ट ने मैरिटल रेप के मामले में आरोपी को यह कह कर बरी कर दिया गया कि भारत में मैरिटल रेप अपराध नहीं है। इसी से समझा जा सकता है कि मैरिटल रेप को लेकर कानून की कितनी आवश्यकता है।3 - कॉलेज की छात्राओं को भी मिलेगी 240 दिन की मैटरनिटी लीव,कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को प्रेग्नेंसी के लिए मिल सकेगी 240 दिन की मैटरनिटी लीव। अभी तक सिर्फ रिसर्च की छात्राओं को ही यह सुविधा मिलती थी, लेकिन 2022 से देश के सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्राओं को भी मैटरनिटी लीव देने की तैयारी चल रही है। दरअसल, भारत में कुछ महिलाएं शादी के बाद भी कॉलेज की पढ़ाई शुरू करती हैं, लेकिन इस बीच अगर उन्हें बेबी प्लानिंग करनी हो, तो पढ़ाई से समझौता करना पड़ता है। महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय परीक्षा में शामिल नहीं हो पाती, इस कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही रुक जाती है।महिलाओं की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) के सेक्रेटरी रजनीश जैन ने सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को लेटर लिख जल्द से जल्द अपने संस्थान में नियम तैयार करने को कहा है। ताकि 2022 में इन नियम को लागू किया जा सके।4 - गे मैरिज को मिल सकेगी मान्यता-दिल्ली हाई कोर्ट में गे मैरिज को मान्यता देने की मांग करते हुए अक्टूबर 2021 में याचिका दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का कहना था कि होमोसेक्सुअलिटी आज भले ही क्राइम नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें शादी करने की इजाजत है। शादी का संबंध सिर्फ एक महिला और पुरुष के बीच ही बन सकता है। इस केस के बाद से देशभर में एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी ने और तेजी से गे मैरिज को लीगल करने की मांग उठाई।देश की विभिन्न अदालतों में तीन याचिकाएं दायर की गईं। इनमें हिंदू विवाह अधिनियम 1955, विशेष विवाह अधिनियम 1954 और विदेशी विवाह अधिनियम 1969 के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की गई है। गे मैरिज को मान्यता न देना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी बताया गया है। अगर गे मैरिज को मान्यता मिलती है, तो वह अपनी शादी को रजिस्टर करा सकेंगे और बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। इन सभी याचिकाओं की अभी तक सुनवाई नहीं हुई है, इसलिए एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी को उम्मीद है कि 2022 में उन्हें शायद एक और जीत हासिल हो।...
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ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने एमेरजेंसी की स्थिति में बच्चों के लिए कोरोना-वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। बच्चों को कोरोना और इसके वेरिएंटों से बचाने का फिलहाल एकमात्र रास्ता वैक्सीन ही दिख रही है। इसलिए सरकार ने बच्चों के लिए कोरोना का टीका लगवाने की शुरुआत कर दी है।
अब नए साल से बच्चों को वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगा। ज्यादातर बच्चों को वैक्सीन लगवाने से डर लगता है और वो इंजेक्शन की सुई देखकर ही घबरा जाते हैं। बच्चों को सुई से होने वाले दर्द से आंसू निकल जाते हैं और वैक्स्ीन लगवाते समय कुछ बच्चे तो बहुत चिल्लाने लगते हैं।चूंकि, अब 15 से 18 साल से बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है इसलिए अब पैरेंट्स को इस काम में बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए और जल्द से जल्द बच्चों को टीका लगवाने के लिए तैयार करना चाहिए। वैक्सीन के लिए तैयार करना पैरेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन यह काम बच्चों की सेफ्टी के लिए बहुत जरूरी है इसलिए इस नाजुक समय में इस चीज को इग्नोर करना खतरे से खाली नहीं होगा।डॉक्टर से करें बात-अगर बच्चे को कोई एलर्जी या गंभीर बीमारी है तो उसे टीका लगवाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में बात जरूर करें। डॉक्टर आपको बता पाएंगे कि किन स्थितियों में बच्चों को टीका लगवा सकते हैं या कब इससे बचना चाहिए।
दवा लेने से बचें-वैक्सीन लगवाने से पहले नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेट्री दवाएं लेने की सलाह दी गई है। दर्द, सूजन और बुखार को कम करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। आप इस बारे में डॉक्टर से बात कर सकते हैं।वैक्सीन के लिए बच्चे को ले जाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसने रातभर अच्छी नींद ली हो, एक्सरसाइज और हेल्दी खाना खाया हो। ये सभी चीजें बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं।नॉर्मल हैं साइड इफेक्ट्स-वैक्सीन लगने के बाद बुखार, सुई लगने वाली जगह पर सूजन या दर्द और मांसपेशियों में दर्द होना आम बात है। ये लक्षण दिखने का मतलब है कि वैक्सीन अपना काम कर रही है इसलिए टीका लगने के बाद बच्चे को इस तरह की परेशानी होने पर घबराने की जरूरत नहीं है।वैक्सीन लगने के बाद बुखार, सुई लगने वाली जगह पर सूजन या दर्द और मांसपेशियों में दर्द होना आम बात है। ये लक्षण दिखने का मतलब है कि वैक्सीन अपना काम कर रही है इसलिए टीका लगने के बाद बच्चे को इस तरह की परेशानी होने पर घबराने की जरूरत नहीं है।...
- Post by Admin on 848 days, 22 hours ago
62 साल के ऑस्ट्रेलियाई फिलिप ओ’कीफ सिर्फ सोचकर सोशल मीडिया पर मैसेज भेजने वाले दुनिया के पहले शख्स बन गए हैं। उन्होंने अपने दिमाग में आए विचार को ट्वीट में बदल दिया। संदेश में उन्होंने लिखा कि अब की-बोर्ड पर टाइपिंग या कुछ कहना जरूरी नहीं, यह मैसेज मैंने सिर्फ सोचकर बनाया है।’ ओ’कीफ के मस्तिष्क में लगाए गए पेपर क्लिप जितने छोटे से इम्प्लांट से यह संभव हो पाया है।लकवाग्रस्त मरीजों को मदद मिलेगीफिलिप के शरीर का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह लकवाग्रस्त है। वे पिछले 7 साल से एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) से पीड़ित हैं, इसके चलते वे ऊपरी अंगों को हिलाने-डुलाने में असमर्थ हैं। यह मोटर न्यूरॉन डिसीज का ही एक प्रकार है। कैलिफोर्निया स्थित न्यूरोवस्कुलर और बायोइलेक्ट्रॉनिक्स मेडिसिन कंपनी सिंक्रॉन द्वारा बनाए गए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस ‘स्टेंट्रोड’ से ओ’कीफ जैसे लाखों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी।यह टेक्नोलॉजी सिर्फ सोच के जरिए कंप्यूटर पर काम करने की सहूलियत देती है। ओ’कीफ बताते हैं,‘जब इस टेक्नोलॉजी के बारे में सुना था, तब उम्मीद थी कि ये कुछ हद तक मददगार होगी। पर इसने मुझे पूरी तरह से आजादी दे दी है। यह सिस्टम हैरानी भरा यानी बाइक चलाना सीखने जैसा है। इसके लिए प्रैक्टिस की जरूरत पड़ती है। एक बार जब आप अभ्यस्त हो जाते हैं, तो यह आसान हो जाता है।बैंकिंग, खरीदारी और ई-मेल भेजने में आसानी होगीअब मैं सिर्फ सोचता हूं कि कहां क्लिक करना है, बस इसके बाद बैंकिंग, खरीदारी, ई-मेल भेजना आसानी से हो जाता है। फिलिप ने मैसेज भेजने के लिए सिंक्रॉन के सीईओ थॉमस ऑक्सली का ट्विटर हैंडल इस्तेमाल किया था। बकौल ऑक्सली,‘फिलिप के ये रोचक संदेश इम्प्लांटेबल ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस के लिए महत्वपूर्ण माइलस्टोन हैं। इससे फिलिप जैसे कई लोगों को गंभीर लकवाग्रस्त होने के बावजूद आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।’ऑक्सली ने बताया कि स्टेंट्रोड का इस्तेमाल करने वाले मरीजों की क्लिक करने की सटीकता 93% है। वे हर मिनट 14 से 20 अक्षर टाइप कर सकते हैं। खास बात यह है कि यह इम्प्लांट गले की नस के जरिए होता है, इसलिए मस्तिष्क में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती।स्टेंट्रोड को गर्दन पर ब्लड वैसल के जरिए प्रत्यारोपित किया जाता है। ये वैसल्स गतिविधियों को रिकॉर्ड करने वाले सेंसर्स से युक्त होती हैं। मस्तिष्क से मिले सिग्नल टेलीमेट्री के जरिए सीने पर लगे ट्रांसमीटर पर पहुंचते हैं। प्रोसेसिंग के बाद सिग्नल कंप्यूटर के कमांड में बदल जाते हैं। आई ट्रैकर कर्सर को नेविगेट करने में मदद करता है।...
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रिलायंस जियो ने अपने कस्टमर्स को e-KYC स्कैम से बचने के लिए चेतावनी के साथ कुछ टिप्स दिए हैं। कंपनी बाकायदा इन स्कैम से बचाने के लिए यूजर्स को मैसेज अलर्ट भी भेजती रहती है। आइए उन 5 टिप्स के बारे में जानते हैं...1.e-KYC वैरिफिकेशन के नाम पर होने वाले ठगी से बचें,रिलायंस जियो का कहना है कि e-KYC वैरिफिकेशन के नाम पर आने वाले कॉल या मैसेज को रिस्पांड ना करें। इसमें फ्रॉड करने वाले यूजर्स को KYC वैरिफिकेशन के नाम पर किसी नंबर पर कॉल करने के लिए कहते हैं। ऐसे फ्रॉड कॉल से यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है।2.KYC अपडेट के लिए ऐप ना करें डाउनलोड,KYC अपडेट करने के लिए अपने फोन या पीसी पर किसी भी ऐप को डाउनलोड ना करें। इससे यूजर्स के डिवाइस का एक्सेस स्कैमर्स तक पहुंच सकता है और उनका फाइनेंशियल लॉस हो सकता है। यानी आपके अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं।3.जरूरी डिटेल्स को शेयर ना करें,कंपनी और साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार कस्टमर्स को जरूरी डिटेल्स जैसे आधार नंबर, ओटीपी, बैंक अकाउंट नंबर किसी को भी देने की जरूरत नहीं है। कहा गया है कि जियो के फेक कस्टमर केयर बन कर वो कस्टमर्स से जरूरी डिटेल्स मांगते हैं। फ्रॉड से बचने के लिए इसे किसी के साथ शेयर ना करें।4.कनेक्शन बंद करने का भी दे रहे झांसा,कंपनी का कहना है कि यदि आपको कनेक्शन बंद करने की धमकी वाले कॉल या मैसेज से आ रहें हैं तो सावधान रहें। रिलायंस जियो ने कस्टमर्स को कहा है कि जिसमें उन्हें e-KYC पूरा करने के लिए कहा जाता है। e-KYC पूरा ना होने पर कनेक्शन को भी बंद करने की बात कही जाती है। लेकिन कस्टमर्स स्कैमर्स के झांसे में ना आएं।5.मैसेज में मिले अनजान लिंक पर क्लिक ना करें
जियो ने कहा है कस्टमर्स मैसेज में उन लिंक पर क्लिक ना करें जिसमें e-KYC करने की बात कही जा रही हो। दूसरे अनजान लिंक पर भी कस्टमर्स को क्लिक करने से बचना चाहिए। कंपनी ने कहा ये कस्टमर्स को कभी भी माय जियो ऐप के अलावा कोई थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहेगा।...
- Post by Admin on 850 days, 21 hours ago
PM किसान सम्मान निधि योजना की 10वीं किस्त 1 जनवरी को किसानों के बैंक खाते में आएगी। मोदी सरकार ने ऐलान कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जनवरी 2022 को दोपहर 12 बजे पीएम किसान योजना के तहत 10वीं किस्त ट्रांसफर करेंगे। किसान अगले 5 दिनों में अपने खाते की E-KYC करा लें क्योंकि बिना इसके आपके खाते में पैसा नहीं आएगा।किसानों को कराना होगा E-KYC,किसानों को इस बार E-KYC की प्रोसेस भी पूरी करनी होगी। इसके लिए पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा और E-KYC का विकल्प चुनना होगा। इसके बाद अपना आधार नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। अब आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद एक और आधार ओटीपी आएगा। आधार ओटीपी दर्ज करने के बाद ये प्रोसेस पूरी हो जाएगी।PM किसान योजना में सभी किसानों को मिलता है फायदा,शुरुआत में जब पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी (फरवरी, 2019), इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान परिवारों के लिए इसे एक्सटेंड कर दिया गया। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है।PM-KISAN से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे प्रोफेशनल्स के साथ-साथ 10,000 रुपए से ज्यादा की मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है।क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें साल में (कुल 6000 रुपए) दी जाती हैं। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।...
- Post by Admin on 851 days, 22 hours ago
साल 2020-2021 के लिए आपको 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। ITR फाइल करने के कई फायदे होते हैं। इससे लोन मिलने में आसानी रहती है। इसके अलावा अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं और ITR फाइल नहीं करते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सीए अभय शर्मा आपको ITR फाइल करने के फायदे, फाइल न करने के नुकसान, ITR किसे फाइल करना चाहिए और इसे कैसे फाइल करना है, ये बता रहे हैं।इन 4 लोगों के लिए ITR फाइल करना जरूरी तो जिनका भी पैन नंबर आ गया है उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए, लेकिन प्रोविजन के मुताबिक 4 तरह के लोगों के लिए ITR फाइल करना जरूरी होता है।इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के मिलते हैं दो ऑप्शनITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल, 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।ITR फाइल नहीं करने पर लगेगा जुर्मानाअगर आपकी कुल आय 2.5 लाख से ज्यादा है और आप 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। समय रहते ITR फाइल न करने से न केवल पेनल्टी देनी पड़ सकती है, बल्कि समय पर ITR फाइल नहीं करने के कई और नुकसान भी हैं...देना पड़ सकता है जुर्माना: निर्धारित तारीख तक ITR दाखिल नहीं करने पर आपको 5 हजार रुपए तक का भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।नोटिस आने का डर नहीं रहेगा: समय पर ITR दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग से आपको नोटिस मिल सकता है।ब्याज की बचत: यदि किसी करदाता ने एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या अपनी देनदारी के 90% से कम चुकाया है तो उसे सेक्शन 234ए के तहत 1% प्रति माह का ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकाना होगा। अगर समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं तो देय आयकर पर लगने वाले ब्याज की बचत कर सकते हैं।नुकसान कैरी फॉरवर्ड: नुकसान को आगे के वित्त वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड नहीं कर सकेंगे। यानी अगले वित्त वर्षों में आप अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम नहीं कर सकेंगे।नहीं मिलती कोई छूट: इससे आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट भी आपको नहीं मिलेंगी। इसके अलावा देरी से ITR फाइल करने के कारण करदाता को आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा।
ITR भरने पर ही मिलता है टैक्स रिफंडअगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आते हैं तब भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए। अगर आप ITR फाइल करते हैं, तो इससे आपको कई फायदे होते हैं। ये हैं ITR भरने के फायदे...टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए: टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR दाखिल करना जरूरी है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है। अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।
वीजा के लिए जरूरी: कई देशों की वीजा अथॉरिटीज वीजा के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगते हैं। ITR के जरिए वे चेक करते हैं कि जो आदमी उनके देश में आना चाहता है कि उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है।इनकम का रहता है प्रूफ: ITR फाइल करने पर एक प्रमाण पत्र मिलता है। जब भी ITR दाखिल होता है तब उसके साथ फॉर्म 16 भरा जाता है, फॉर्म 16 वहां से मिलता है जहां व्यक्ति नौकरी कर रहा है। इस तरह एक सरकारी तौर पर प्रमाणिक कागजात हो जाता है जिससे यह साबित होता है कि व्यक्ति की इतनी रुपए सालाना नियत आय है। आय का रजिस्टर्ड प्रमाण मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन या खुद की क्रेडिट साबित करने में मदद होती है।बैंक लोन मिलने में आसानी: ITR आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थान इनकम प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं। अगर आप नियमित तौर पर ITR फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है।एड्रेस प्रूफ के रूप में भी आती है काम: ITR रसीद आपके पंजीकृत पते पर भेजी जाती है, जो एड्रेस प्रूफ के रूप में काम कर सकती है। इसके अलावा यह आपके लिए इनकम प्रूफ का भी काम करती है।खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी है ITR: अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ITR भरना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अगर आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको ITR दिखाना पड़ेगा। किसी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का ITR देना पड़ता है।ज्यादा बीमा कवर के लिए बीमा कंपनियां मांगती हैं ITR: अगर आप एक करोड़ रुपए का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे ITR मांग सकती हैं। वास्तव में वे आपकी आय का स्रोत जानने और उसकी नियमितता परखने के लिए ITR पर ही भरोसा करती हैं।...
- Post by Admin on 852 days, 22 hours ago
लोगों के मन में धूप सेंकने को लेकर कई शंकाएं होती हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से कहीं स्किन कैंसर न हो जाए जबकि धूप सेंकने का ब्यूटी और हेल्थ के ऊपर सीधा असर देखा गया है। सूर्य नमस्कार के फायदों के बारे में हजारों साल पुराने आयुर्वेद में खूब लिखा गया है। करीब सौ-डेढ़ सौ साल से पाॅपुलर नेचुरोपैथी में भी इसकी खासियत को गिनाया जाता है।नारियल तेल से क्यों नहींतिल या सरसों के तेल से मालिश करें। ये दाेनों तेल गरम तासीर के होते हैं इसलिए सर्दी के मौसम में इनकी मालिश अच्छी होती है। फिर उत्तर भारत में तिल और सरसों की खेती अधिक होने के कारण भी ये तेल आसानी से मिल जाते हैं।नारियल का तेल ठंडा माना जाता है। इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।बारिश के मौसम में धूप कम निकलती है और गरमी के मौसम की धूप में बहुत तेजी हाेती है। इसलिए सूर्य स्नान के लिए सर्दी का माैसम सबसे सही रहता है।सूर्य स्नान का सेहत से जुड़ा राजफैटी फिश, लीवर, एग योक, चीज, सोया मिल्क में विटामिन-डी खूब मिलता है। हालांकि, सनलाइट इसका सबसे अच्छा स्रोत है। सुबह की नर्म मुलायम धूप त्वचा को फायदा पहुंचाती है, तेज धूप से त्वचा को नुकसान होता है।ज्यादा देर तक धूप में बैठने से त्वचा की रंगत गहरी होती है। अधिक तेज धूप में बैठने से स्किन कैंसर का खतरा भी रहता है।सबको नहीं आता सही तरीके से धूप सेंकना
सुबह-सवेरे वॉशरूम से फ्री होने के बाद सूर्य नमस्कार करें। इसके बाद पांच से सात मिनट तक वार्मअप एक्सरसाइज कर लें। इससे शरीर के जॉइंट्स एक्टिव हो जाएंगे। पूरे शरीर पर तेल को गुनगुना करने के बाद लगाएं। पतला सफेद कपड़ा पहनें और घर की छत या खुली जगह पर जाकर सूर्य स्नान करें। संभव हो तो गोल घूमते हुए धूप सेंकें।धूप सेंकने का अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहते हैं, तो चार-चार के सेट में एक या दो बार सूर्य नमस्कार कर लें। सुबह 7 बजे 9 बजे तक का समय इसके लिए सबसे सही है। सुबह नहीं कर पाते हैं तो शाम को ढलते सूरज के समय धूप सेंके। जिन लोगों को सुबह की ठंड सहन नहीं होती है, उनके लिए भी शाम का समय सही रहेगा। इस मौसम में शाम को 4 से 5 बजे धूप में बैठना सही रहेगा।रोग पास नहीं फटकेंगे, कुछ सप्ताह करके तो देखेंब्लड प्रेशर के मरीजों को यह काफी फायदेमंद माना गया है। त्वचा की भीतरी ऊपरी सतह में नाइट्रिक ऑक्साइड रहता है, जो सूर्य की किरणों के संपर्क में जाते ही रिलीज होता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। धूप के कारण ब्लड वेसेल्स फैलते हैं, इस वजह से भी रक्त का दबाव नहीं बन पाता।विटामिन डी की वजह से शरीर में पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन बनता है। इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकलते हैं। बच्चे के तीन महीने के होने के बाद मालिश करने के बाद धूप में लिटाएं।मूड खराब है, तो महिलाएं धूप सेंकेंधूप सेंकने से सेरेटोनिन रिलीज होता है। इसका सीधा असर मूड पर पड़ता है। डिप्रेशन और एग्जाइटी जैसी बीमारयां दूर हो जाती है। तनाव से परेशान महिलाओं के लिए यह बहुत ही अच्छा इलाज है। मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं के लिए धूप सेंकना फायदेमंद होता है क्योंकि इस उम्र में हडि्डयां कमजोर होने लगती है। बोन फ्रैक्चर होने की आशंका भी बढ़ जाती है।महिलाओं के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि धूप सेंकने से वेट लॉस होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बाटा में हुए इस शोध में यह साबित हुआ है। धूप सेंकते ही शरीर में मौजूद ट्राइग्लिसराइड और कॉलेस्टेरॉल काे विटामिन- डी में बदलना शुरू कर देता है।आंखों के लिए अमृत की तरह होता है धूप सेंकना। धूप की तरफ चेहरा करके आंखें बंद करके पांच-दस सेंकंड तक कई बार आंख सेंकें। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, अल्जाइमर के पेशेंट को सुबह के समय की धूप में ले जाएं, तो उनमें भूलने की समस्या दूर होती हैं। कुछ लोगों को नींद नहीं आती है इसके लिए वह नींद की गोलियां लेते हैं।अनिद्रा से परेशान लाेग धूप सेंकें, तो उनके शरीर में मेलोटोनिन रिलीज होगा, यह नींद लाने के लिए अच्छा तत्च है। इससे अच्छी नींद आएगी।...
- Post by Admin on 853 days, 23 hours ago
अगर किसी व्यक्ति के टैक्स बचाने के अन्य सभी रास्ते बंद हो गए हैं तो होम लोन सबसे अच्छा साधन साबित हो सकता है। टैक्स सेविंग के अलावा, आपका होम लोन सबसे कम ब्याज दर पर एक अच्छी खासी संपत्ति बनाने में भी मदद करता है।लोन अमाउंट और समय को पहले जानें,बहुत से लोग होम लोन की कम ब्याज दर और टैक्स सेविंग की संभावनाओं के बारे में जानते हैं। बहुत कम लोग इस बारे में जानते हैं कि उनका लोन अमाउंट और अवधि क्या होनी चाहिए, जो उन्हें सबसे कम लागत और सबसे तेज़ रीपेमेंट में सबसे अच्छा अनुभव और मौका प्रदान करे। टैक्स सेविंग के रास्तों की अपनी कई सीमाएं हैं। यह तभी सबसे अच्छी सेविंग प्रदान करता है जब आप इसे स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करते हैं।1.5 लाख रुपए सालाना बचता है टैक्स-आप इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत हर साल 1.5 लाख रुपए तक के होम लोन के प्रिंसिपल के रीपेमेंट पर टैक्स बचा सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने के लिए कई अन्य विकल्प भी हैं। इनमें ईपीएफ और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), यूलिप में निवेश, स्कूल फीस पर टैक्स का फायदा, जीवन बीमा प्रीमियम जैसे साधन भी हैं।टैक्स सेविंग का बेहतरीन विकल्प-दूसरी ओर, सेक्शन 24B के तहत होम लोन के ब्याज पेमेंट पर दी जाने वाली टैक्स सेविंग का कोई विकल्प नहीं है। उसका उपयोग तभी कर सकते हैं जब आप होम लोन पर ब्याज का पेमेंट कर रहे हों। इसलिए, वार्षिक ब्याज खर्च एक निर्णायक फैक्टर बन जाता है कि आप अपने होम लोन के माध्यम से कितना टैक्स बचा सकते हैं।अगर आप 30% इनकम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आप हर साल 60,000 रुपए बचा सकते हैं, बशर्ते आपका सालाना इंटरेस्ट आउटगो 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा है। आपके पास जितना कम ब्याज होगा, आपकी टैक्स बचत उतनी ही कम होगी।अदा किए गए इंटरेस्ट को क्लेम करने के लिए डिडक्शन एक वित्त वर्ष में धारा 24 B की कुल सीमा के तहत 2 लाख रुपए तक है। किराए के मामले में अधिकतम ब्याज की कोई सीमा नहीं है जिसका दावा किया जा सकता है।लंबी अवधि के लिए लें होम लोन-यदि आप केवल टैक्स सेविंग को देखते हैं, तो आपको अधिक से अधिक टैक्स बचाने के लिए ज्यादा लोन को सबसे लंबी अवधि के लिए लेने की आवश्यकता पड़ती है। उदाहरण के लिए, यदि आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और यदि आप 7% वार्षिक ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन लेते हैं तो 15 वर्षों में आप कुल कर 5.54 लाख रुपए बचा सकते हैं। दूसरी ओर, अगर आपके पास 30 साल की अवधि के साथ 50 लाख रुपए का होम लोन है, तो इसी तरह की स्थिति में टैक्स सेविंग 13.93 लाख रुपए है।...
- Post by Admin on 855 days, 23 hours ago
वोडाफोन आइडिया (Vi) अब अपने यूजर्स को फ्री डोरस्टेप डिलीवरी के साथ प्रीमियम, फैंसी और कस्टमाइज्ड मोबाइल नंबरों को चुनने का मौका दे रहा है। Vi ग्राहक अपने लकी नंबर, जन्म तिथि या किसी अन्य तिथि के आधार पर एक विशेष नंबर को चुनने का मौका दे रहा है। यानी आप जिस तरह का नंबर चाहते हैं, उसे आप चुन सकते हैं। प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ग्राहक इन प्रीमियम नंबरों को लेने का फायदा उठा सकते हैं।इन शहरों में मिलेगी सुविधा-अगर आप दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, अहमदाबाद, सूरत और जयपुर में रहते हैं तो आपको सिम कार्ड घर पर डिलीवर कर दिया जाएगा। अगर आप देश के किसी और हिस्से में रह रहे हैं तो भी अपनी पसंद का नंबर आप पा सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको कंपनी के सर्विस सेंटर पर जाना होगा।वोडाफोन आइडिया (Vi) अब अपने यूजर्स को फ्री डोरस्टेप डिलीवरी के साथ प्रीमियम, फैंसी और कस्टमाइज्ड मोबाइल नंबरों को चुनने का मौका दे रहा है। Vi ग्राहक अपने लकी नंबर, जन्म तिथि या किसी अन्य तिथि के आधार पर एक विशेष नंबर को चुनने का मौका दे रहा है। यानी आप जिस तरह का नंबर चाहते हैं, उसे आप चुन सकते हैं। प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ग्राहक इन प्रीमियम नंबरों को लेने का फायदा उठा सकते हैं।
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- Post by Admin on 856 days, 22 hours ago
इन दिनों शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है। हालांकि, एक्सपर्ट इसे एक मौके की तरह देख रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसे समय में कुछ अच्छे शेयर्स में पैसे लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया आपको 5 ऐसे शेयर्स बता रहे हैं जो आपका न्यू ईयर हैप्पी बना सकते हैं।अच्छे शेयर्स में निवेश करके कमाएं पैसा,अजय केडिया निवेशक ऐसे समय में सही शेयर्स में निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उनके अनुसार इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT), बैंकिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर के शेयर्स में इस समय पैसा लगाना सही रहेगा।SIP के जरिए करें निवेशशेयर बाजार अपने ऊपरी स्तरों से काफी गिर गया है, लेकिन फिर भी यदि निवेशक अभी निवेश करना चाह रहे हों तो उन्हें एक मुश्त निवेश करने की बजाय किस्तों में करना चाहिए। इससे शेयर बाजार से संबंधित उतार चढ़ाव का जोखिम थोड़ा काम हो जाता है। आप थोड़ा संयम रखकर गिरते बाजार में भी फायदा कमा सकते हैं।स्टॉक बास्केट रहेगी सही,अजय केडिया कहते हैं कि शेयर मार्केट में आज कल स्टॉक बास्केट का कॉन्सेप्ट चल रहा है। इसके तहत आप शेयर्स का एक बास्केट बनाते हैं और अपने सभी शेयर्स में निवेश करते हैं। यानी अगर आप इस 5 शेयर्स में कुल 25 हजार निवेश करना चाहते हैं तो सभी में 5-5 हजार रुपए लगा सकते हैं। इससे जोखिम कम हो जाता है।...
- Post by Admin on 857 days, 23 hours ago
सोशल मीडिया पर सुंदर दिखने की होड़ में हर उम्र की महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो रही हैं। मनोचिकित्सकों के मुताबिक लोग खुद को फिट और सुंदर दिखने के लिए फोटो एडिट कर सोशल मीडिया पर डालते हैं। उनकी ये आदत उनको डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार बना रही है। साथ ही फैमिली और समाज की ओर से उन्हें हर फील्ड में बेस्ट आने की डिमांड उनको अवसाद की ओर धकेल रही है।लड़कियां अच्छा दिखने के लिए अपने कपड़े, मेकअप और फिटनेस पर काफी पैसे खर्च करती हैं। सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करने को लेकर होड़ लगी हुई है। सभी सोशल साइट्स पर खुद को खूबसूरत दिखाना चाहते हैं। हर फोटो पर लाइक और कमेंट को लेकर खुद से ही तुलना करने लगते हैं। कई बार कमेंट या लाइक कम आने पर भी लोग तनाव में आ जाते हैं। सोशल मीडिया पर अपनी इमेज को लेकर युवा लड़कियां इतना ज्यादा प्रेशर लेती हैं कि इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर असर दिख रहा है।बाइपोलर डिसऑर्डर एक तरह की मानसिक बीमारी होती है। जो डोपामाइन हार्मोन में असंतुलन होने के कारण होती है। इस असंतुलन की वजह से एक व्यक्ति के मूड या बर्ताव में बदलाव आने लगते हैं। अगर कोई व्यक्ति बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित होता है तो उसे डिप्रेशन के दौरे पड़ते हैं यानी उसका मूड या तो बहुत हाई या लो रहता है। इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति कोई भी फैसला बिना सोचे समझे ले लेता है। उसका मन एक जगह पर स्थिर नहीं रहता है।मनोचिकित्सक बिंदा सिंह के मुताबिक, फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट पर इस तरह की परेशानी सिर्फ युवाओं में ही नहीं बल्कि 35 से 45 साल की महिलाओं और पुरुषों में देखने को मिल रही है। मनोचिकित्सक के मुताबिक लोग खुद को फिट और सुंदर दिखने के लिए फोटो एडिट कर सोशल मीडिया पर डालते हैं लेकिन असल जिंदगी में खुद को देखकर धीरे-धीरे तनाव, बेचैनी और अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। किशोरियों में तो अच्छे दिखने के दबाव के साथ करियर में भी अव्वल आने का प्रेशर रहता है।दिल्ली की रहने वाली सानिया 12वीं की छात्रा है। जब उन्होंने कॉलेज जाना शुरू किया तो बहुत खुश थी। धीरे-धीरे वह शांत रहने लगी। परिवार के लोगों से बातचीत भी कम कर दी। घरवालों के साथ खाना भी नहीं खाती थी। उसके इस बर्ताव से परिवार के लोग परेशान रहने लगे। बात करने पर वह रोने लगती और किसी से बात नहीं करना चाहती थी। परिवार के लोगों ने डॉक्टर से कंसल्ट किया। जब उसकी काउंसलिंग की गई तो पता चला कि कॉलेज में अच्छा दिखने की होड़ और अपने दोस्तों से फेसबुक पर कम लाइक को लेकर उसमें हीन भावना आने लगती है। वह अपने भविष्य को लेकर सोचती रहती है और डिप्रेशन की शिकार हो गई है। इस वजह से वे अपनी पढ़ाई में भी पिछड़ गई है।...
- Post by Admin on 858 days, 22 hours ago
राजस्थान के नागौर में 15 साल के लड़के को ऑनलाइन गेम फ्री फायर की ऐसी लत लगी कि वह परिवार वालों पर ही आक्रामक हो गया। पिता ने मोबाइल देने से इनकार किया तो उन्हें कमरे में बंद कर खूब हंगामा किया। नागौर में ही इस गेम के चक्कर में एक लड़का कर्ज के दलदल में ऐसा धंसा कि उसने पैसों के लिए अपने चचेरे भाई को मौत के घाट उतार दिया।चूरू का नाबालिग तो गेम के चक्कर में सबको भुला बैठा। उसे न परिवार वालों का ख्याल रहा, न अपनी सेहत का। हालत बिगड़ी तो उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। ये तो कुछ उदाहरण भर हैं। राजस्थान में बच्चे मरने-मारने पर उतारू हो रहे हैं। प्रदेश में इस तरह के रोज दो से ढाई सौ शिकायतें पुलिस को मिल रही हैं। 10-12 बच्चे रोज घर छोड़ रहे हैं। ऑनलाइन गेम किस तरह बच्चों को एग्रेसिव बना रहे हैं,मोबाइल और इंटरनेट टेक्नोलॉजी ने हमें कई सहूलियतें दी, जीवन को आसान बनाया, खासतौर पर कोविड काल में इसी के सहारे बच्चों की पढ़ाई चल रही है. लेकिन इसी टेक्नोलॉजी का एक दूसरा पहलू भी है जो बेहद गंभीर, खतरनाक और जानलेवा है.अगर समय रहते हम और आप नहीं जागे तो हम अपने बच्चों को खो सकते हैं. आखिर मोबाइल कैसे बन गया बच्चों की जान का दुश्मन? कैसे बनाता है ये मासूमों को अपना शिकार ? घर घर के घुस आए इस नए काल को भगाने का क्या है उपाय? आइए जानने की कोशिश करते हैं.
ऑनलाइन गेम छीन रहा है मासूमों की जिंदगी,मध्यप्रदेश के छतरपुर से आई खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, ऑनलाइन गेम की लत ने एक 13 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली. छठी में पढ़नेवाले छात्र ने ऑनलाइन गेम में 40 हजार रुपये गंवाने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी. उसने सुसाइड नोट में इसके लिए अपने माता-पिता से माफी मांगी....
- Post by Admin on 859 days, 21 hours ago
ठंड लगातार बढ़ रही है। गिरते पारे से न सिर्फ मौसम में कनकनी बढ़ी है, बल्कि घर के बुजुर्ग और बच्चों में सर्दी-जुखाम की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। ठिठुरन भरे इस मौसम में परिवार की इम्युनिटी और मेटाबोलिज्म का ख्याल बेहद जरूरी है, जिससे आने वाले हफ्तों में सेलिब्रेशन के प्लान को भरपूर एंजॉय किया जा सके।
कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए किचन में रखे मसालों का इस्तेमाल कर सकती हैं, बता रही हैं आयुर्वेदिक फिजिशियन डॉ. श्रीललिथा अविनाश। वे बताती हैं कि ठंड से बचने के लिए लिए मेटाबोलिज्म का बेहतर होना जरूरी है। इससे शरीर में उर्जा बनी रहेगी और आप और आपकी फैमिली फिट रह सकेगी। ठंड से खुद को बचाने के लिए घरेलू नुस्खे कारगार साबित होते हैं।इन मसालों को शामिल करें ‘डाइट डोज’ में-जीरा - तड़के के लिए इस्तेमाल में आने वाला ये मसाला औषधीय गुणों से भरपूर है। एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेट्री होने के साथ-साथ जीरा रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी दुरुस्त रखता है। सर्दी-जुखाम की परेशानी में असरदार होता है। दाल और सब्जी में तड़का लगाने के अलावा भूने जीरा पाउडर को दही, सलाद के साथ अपनी डाइट में इसे शामिल कर सकती हैं।जावित्री - सर्दियों में ये एक अहम मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। बच्चों को ठंड न लगे इसलिए मालिश के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल में इसे घिसकर मिलाया जाता है। इसका इस्तेमाल इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर भी किया जाता है। आधी चुटकी जावित्री शहद में मिलाने खाने से ठंड में कफ की तकलीफ कम होती है। साथ ही ठंड से बचने के लिए सूप में भ जरा सा पाउडर मिलाकर ले सकती हैं।बड़ी इलायची - गले में खराश और जुकाम से राहत पाने के लिए बड़ी इलायची का उपयोग करें। चुटकी भर इलायची पाउडर को सोने से पहले शहद के साथ लेने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है। साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर ये मसाला ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।दालचीनी - एंटी माइक्रोबायल प्रॉपर्टीज से भरपूर दालचीनी की तासीर गर्म होती है, जो सर्दी-खांसी कम करती है। इसका इस्तेमाल दूध, चाय, कॉफी और शेक में भी कर सकते हैं। हालांकि उपयोग करने के दौरान मात्रा का बेहद ध्यान रखें, क्योंकि चुटकी भर पाउडर ही शरीर को गर्म रखने के लिए काफी है।
हींग - कम होते तापमान में हींग का इस्तेमाल शरीर को गर्म रखता है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण सर्दी और कफ से लड़ते हुए शरीर में इम्युनिटी को बनाए रखने में के लिए उम्दा साबित होते हैं। इसे अपनी रेगुलर डाइट में शामिल करने से अपच और गैस से भी राहत मिलती है।
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- Post by Admin on 860 days, 23 hours ago
गर्मी के मौसम में पसीना होने या प्यास लगने के कारण लोगों का वाटर इन्टेक पर्याप्त होता है, लेकिन सर्दियों में ज्यादातर लोगों के साथ इसका उल्टा होता है। कम पानी पीने की वजह से कब्ज से लेकर डिहाइड्रेशन जैसी कई समस्याएं होती हैं। इसलिए सर्दी के मौसम में हेल्दी रहने के लिए वाटर इन्टेक, यानी सही समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है।हमारे शरीर का करीब 60% हिस्सा पानी है और हर दिन शरीर से 2.5 लीटर पानी बाहर निकलता है। शरीर में 10 फीसदी पानी की कमी होने पर प्यास लगती है। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक पानी पीना सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है। कब, कितना और कैसे पानी पिएं, इसकी जानकारी जरूरी है। आयुर्वेद के मुताबिक, सुबह उठने के बाद खाली पेट पानी पीना आपको हेल्दी रखने में मदद करता है।वैसे तो हर किसी को करीब 8 से 10 गिलास पानी पीना जरूरी है, ताकि बॉडी और स्किन हेल्दी बनी रहे, लेकिन बॉडी में पानी की जरूरत उम्र, जेंडर, फिजिकल एक्टिविटी और प्रेग्नेंसी में अलग-अलग होती है। उसके अनुसार अगर शरीर को पानी नहीं मिला तो दूसरी परेशानियां होने लगती हैं। पानी कैसे पिएं, इसे लेकर भी एक नियम है जिसके मुताबिक खड़े होकर पानी न पिएं, जल्दी-जल्दी न पिएं, इससे किडनी और जोड़ों पर असर होता है। सर्दियों में सिर्फ नॉर्मल पानी ही नहीं बल्कि गुनगुना पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है।...
- Post by Admin on 861 days, 22 hours ago
बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में चुनाव में होने वाली फर्जी वोटिंग रोकने के लिए बिल को मंजूरी मिली है। इसके तहत आने वाले समय में वोटर कार्ड को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। सरकार ने चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर ही यह फैसला किया है। आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से फर्जी वोटर कार्ड से होने वाली गड़बड़ी रोकी जा सकेगी।चुनाव आयोग ने वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने की सिफारिश की थी, ताकि मतदाता सूची ज्यादा पारदर्शी हो और फर्जी वोटर हटाए जा सकें। आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से आदमी एक से ज्यादा वोटर कार्ड नहीं रख सकेगा।वोटर कार्ड के आधार से लिंक होने पर क्या होगा?कई बार देखा जाता है कि किसी व्यक्ति का उसके शहर के वोटर लिस्ट में नाम है और वह लंबे समय से दूसरे शहर में रह रहा है। इसके चलते वह दूसरे शहर की वोटर लिस्ट में भी नाम जुड़वा लेता है। ऐसे में दोनों जगहों पर उसका नाम वोटर लिस्ट में रहता है। आधार से लिंक होते ही एक वोटर का नाम केवल एक ही जगह वोटर लिस्ट में हो सकेगा। यानी, एक शख्स केवल एक जगह ही अपना वोट दे पाएगा।क्या सभी को आधार से वोटर कार्ड लिंक कराना होगा?फिलहाल, आधार को वोटर कार्ड से जोड़ना अनिवार्य नहीं वैकल्पिक होगा। यानी, अगर आप अपने वोटर कार्ड को आधार से नहीं जुड़वाना चाहते तो इसके लिए आपको बाध्य नहीं किया जाएगा।इससे आम आदमी की निजता को खतरा तो नहीं होगा?नहीं, आधार और वोटर कार्ड जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले को ध्यान में रखा जाएगा। सरकार चुनाव आयोग को और ज्यादा अधिकार देने के लिए कदम उठाएगी।साल में 4 बार मिलेगा वोटर आईडी बनवाने का मौका-प्रस्तावित बिल देश के युवाओं को हर साल चार अलग-अलग तारीखों पर खुद को वोटर के तौर पर रजिस्टर करने की इजाजत भी देगा। यानी, वोटर बनने के लिए अब साल में चार तारीखों को कटऑफ माना जाएगा। अब तक हर साल पहली जनवरी या उससे पहले 18 साल के होने वाले युवाओं को ही वोटर के तौर पर रजिस्टर किए जाने की इजाजत है।इससे क्या फायदा होगा?भारत निर्वाचन आयोग पात्र लोगों को मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड कराने के लिए कई ‘कटऑफ डेट्स’ की वकालत करता रहा है। चुनाव आयोग ने सरकार को बताया था कि 1 जनवरी के कटऑफ डेट के चलते वोटर लिस्ट की कवायद से कई लोग रह जाते थे। केवल एक कटऑफ डेट होने के कारण 2 जनवरी को 18 साल की आयु पूरी करने वाले व्यक्ति रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते थे। इस कारण उन्हें 1 साल इंतजार करना पड़ता था।2015 में भी शुरू किया था वोटर ID को आधार से जोड़ने का काम-चुनाव आयोग ने 2015 में अपने राष्ट्रीय मतदाता सूची शोधन और प्रमाणीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मतदाता कार्ड और आधार संख्या को जोड़ने का काम शुरू किया था। बाद में चुनाव आयोग ने आधार के उपयोग को प्रतिबंधित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए कार्यक्रम को छोड़ने का फैसला किया था।क्या ये नियम लागू हो गया है?नहीं, अब ये बिल संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में पेश होगा। यहां से बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है। इनकी मंजूरी मिलने के बाद ही यह कानून बन जाएगा।...
- Post by Admin on 862 days, 23 hours ago
हेल्दी रहने के लिए हर दिन कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है। कुछ लोग अपनी फिजिकल एक्टिविटी में मॉर्निंग वॉक को चुनते हैं। जो लोग मॉर्निंग वॉक करना पसंद करते हैं वो ठंड में भी अपनी इस आदत को जारी रखते हैं। रोज सुबह सड़क के किनारे, पार्क में या किसी खाली जगह सुबह वॉक के लिए चले जाते हैं, लेकिन सर्दियों में ऐसा करना कई बार परेशानी का कारण भी बन जाता है।दरअसल सर्दियों की ठंडी हवा और उसमें मौजूद नमी आपको बीमार कर सकती है। इसके अलावा सुबह स्मॉग या धुंध भी ज्यादा होती है जो हवा को आपकी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है। ठंडी हवा और जहरीली गैसें दोनों ही हार्ट और लंग से संबंधित बीमारियों को बढ़ाती हैं। जिन्हें अस्थमा या सर्दी की शिकायत होती हैं उन्हें भी ठंड में मॉर्निंग वॉक पर जाने के बजाय घर पर ही एक्सरसाइज करना ज्यादा बेहतर होगा।फिर भी सर्दी के मौसम में अगर आप मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं तो थोड़ा संभलकर कर जाना चाहिए। हेल्थ लाइन की रिपोर्ट से समझते हैं कि इस मौसम में मॉर्निंग वॉक पर जाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…आरामदायक जूते पहनेंसुबह सैर पर जाते समय आरामदायक जूते पहनें ना कि चप्पल। इससे पैर में किसी प्रकार का मोच नहीं आता। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सुबह सैर पर जाते समय जूता पहनने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है।मॉर्निंग वॉक पर जाने से पहले पानी पिएं,शरीर का तापमान सही रखने के लिए सुबह सैर पर जाने से पहले एक गिलास पानी अवश्य पिएं। पानी पीने से शरीर का तापमान नॉर्मल बना रहता है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वॉक करते समय ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए, यदि आपको तेज प्यास लगती है तो सिर्फ गले को हल्का गीला करें यानि सिर्फ एक से दो घूंट पानी पिएं। अपनी क्षमता के अनुसार करें वॉक-स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हर किसी को अपनी आयु के और क्षमता के अनुसार एक्सरसाइज और वॉक करना चाहिए। किसी के बहकावे में आकर ज्यादा वॉक या एक्सरसाइज ना करें। इससे आपकी तबियत अचानक खराब हो सकती है। वॉक करते समय कुछ मीटर तक पहले धीरे चलें, फिर थोड़ी तेज चलें।ध्यान दें,ध्यान रहे ह्रदय रोग, हाई और लो ब्लड प्रेसर या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित लोगों को सुबह वॉक करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए।साफ और स्वच्छ वातावरण-कोरोना काल के बाद से लोग अपने फेफड़ो को लेकर अधिक फिक्रमंद रहते हैं। आपको बता दें मॉर्निंग वॉक फेफड़ो के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए सुबह की सैर के लिए शांत और स्वच्छ वातावरण वाली जगह चुनें।...
- Post by Admin on 863 days, 23 hours ago
पत्नी की जानकारी के बिना फोन पर उसके साथ की गई बातचीत को रिकॉर्ड करना निजता का हनन है। यह टिप्पणी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने की है। न्यायमूर्ति लीला गिल की एकल पीठ ने एक महिला की याचिका पर यह आदेश पारित किया। इस महिला ने बठिंडा फैमिली कोर्ट के 2020 के आदेश को चुनौती दी थी।रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर किया पेश-पहले यह मामला बठिंडा की फैमिली कोर्ट में गया था। पति ने यह बातचीत फोन के मेमोरी कार्ड में रिकॉर्ड की थी और इसे सीडी में लेकर कोर्ट पहुंचा था। पति ने पत्नी के खिलाफ क्रूरता के आरोप लगाए थे। कोर्ट ने सीडी में दर्ज टेलीफोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग से इन आरोपों को साबित करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने इसे याचिकाकर्ता की पत्नी के मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया।अदालत ने फैसले पर लगाई फटकार-
अदालत ने कहा, किसी की रिकॉर्डिंग सुनकर आकलन नहीं किया जा सकता है कि किन परिस्थितियों में बातचीत हुई या किस तरह से बातचीत रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति ने जवाब दिया। क्योंकि यह स्पष्ट है कि रिकॉर्डिंग निश्चित तौर पर दूसरे पक्ष से छिपाकर की गई होगी। पत्नी की जानकारी के बिना पति द्वारा उसकी बात को रिकॉर्ड करना निश्चित तौर पर निजता का हनन है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में बठिंडा फैमिली कोर्ट के फैसले को खारिज किया जा रहा है। इस मामले में पति ने 2017 में महिला से तलाक की अर्जी डाली थी। उनकी शादी वर्ष 2009 में हुई थी और दंपति की एक बेटी है।फैमिली कोर्ट का आदेश किया रद्द
याचिकाकर्ता महिला ने अपनी चार वर्षीय बेटी की कस्टडी दिए जाने की मांग करते हुए कहा था कि पति ने बेटी को अपने पास रखा हुआ है। इतनी छोटी उम्र की बच्ची की कस्टडी पिता के पास होना अवैध है। दूसरी तरफ पति ने पत्नी के पुराने व्यवहार को कारण बताते हुए बेटी की कस्टडी मां को दिए जाने का विरोध किया था। अदालत में अपनी पत्नी के साथ फोन पर हुई बातचीत के दस्तावेज भी पेश किए थे।चार वर्षीय बच्ची की कस्टडी मां को दी-बच्ची की कस्टडी याचिकाकर्ता मां को दिए जाने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि पिता को भी अपनी बच्ची से मिलने की छूट होगी। जस्टिस मोंगा ने कहा कि अदालत के आदेश सिर्फ इस हैबियस कॉर्पस याचिका पर दिए गए है। इन आदेशों का दोनों पक्षों के बीच अदालत में विचाराधीन कस्टडी याचिका पर कोई असर नहीं होगा।रिकॉर्डिंग को माना जाता है सबूत, इस फैसले से बदलेंगे मायने-इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील अमित पांडेय कहते हैं कि कॉल रिकॉर्डिंग का उपयोग हमारे यहां वर्षों से हो रहा है। कॉल रिकॉर्डिंग को एक दस्तावेज जैसा सबूत माना जाता है और उस के माध्यम से किसी तथ्य को प्रमाणित किया जा सकता है। यह एक स्वाभाविक बात है कि जिस पक्ष के खिलाफ आप किसी दस्तावेज को प्रस्तुत कर रहे हैं यदि वह उस के खिलाफ जा रहा है तो वह उस दस्तावेज के असली होने से इनकार कर सकता है।कोई आपको अगर कॉल करता है तो आप उससे उसकी कॉल रिकॉर्ड करने की परमिशन तो नहीं लेंगे। इसे ब्रीच ऑफ ट्रस्ट कहते हैं। लेकिन कई न्यायिक मामलों में कॉल रिकॉर्डिंग के जरिये कई सारे मामले सुलझाए जाते हैं। जैसे हालिया मामला लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी इशरत जहां का था। इसके अलावा कई पॉलिटिकल मामले भी कॉल रिकॉर्डिंग के जरिये सुलझाए गए हैं।...
- Post by Admin on 865 days, 22 hours ago
अगर आप भी कम उम्र में पेंशन पाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यहां ऐसी स्कीम के बारे में जानकारी दी जा रही है, जो आपको 40 साल के उम्र में भी पेंशन देगी। इससे पहले या अन्य स्कीम 60 साल के उम्र में लोगों को पेंशन देती हैं। जीवन बीमा निगम (LIC) की सरल पेंशन योजना के तहत एकमुश्त रकम जमा की जाती है और इस स्कीम के तहत आपको 40 साल की उम्र में ही पेंशन दिया जाता है। आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में…क्या है सरल पेंशन योजना?LIC की सरल पेंशन योजना (Saral Pension) एक सिंगल प्रीमियम पेंशन प्लान है, जिसमें पॉलिसी के दौरान ही एकमुश्त प्रीमियम जमा करना होता है। इसके बाद आपको पूरी जीवन पेंशन मिलती रहेगी। अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को सिंगल प्रीमियम की राशि वापस दी जाती है। इस स्कीम के तहत पॉलिसी लेते ही पेंशन भी मिलना शुरू हो जाता है। इस पॉलिसी को लेने के बाद जितना पेंशन से शुरुआत होती है, उतनी ही पेंशन पूरी जिंदगी मिलती है।...
- Post by Admin on 867 days, 21 hours ago
सरसों के दानों से भरकर बनाया तकिया नवजात शिशु को सिरहाना भी देता है और मुलायम आराम भी। ये तकिया पुराने समय से ही लोग प्रयोग करते आ रहे हैं जिसके कई फ़ायदे हैं।कैसा होता है राई का तकिया?राई के तकिए में कपड़े या फोम की बजाय विशुद्ध सरसों के दाने भरे जाते हैं, जो कि नवजात शिशु के सिर को आराम पहुंचाते हैं। इस तकिए का आप बच्चे के जन्म से लेकर उसके आठ से दस महीने होने तक प्रयोग कर सकते हैं। इसके बाद बच्चे को सामान्य तकिए की आदत डलवा सकते हैं।फ़ायदे... सिर चपटा नहीं होगा...राई के तकिए का सबसे बड़ा फ़ायदा यही होता है कि इससे शिशु का सिर कभी भी एक तरफ़ चपटा नहीं होता, क्योंकि सरसों भरी होने के कारण ये तकिया बच्चे के सिर के मुताबिक़ ही आकार ले लेता है। सर्दी-खांसी से बचाने में मददगार...छोटे बच्चों में सर्दी-खांसी का बहुत डर रहता है, क्योंकि बच्चे का श्वसन तंत्र बेहद कमज़ोर होता है। ऐसे में राई का तकिया प्रयोग करने से सर्दी-खांसी की समस्या भी नहीं होती, क्योंकि सरसों के बीज बेहद गर्म होते हैं, जो कि बच्चे के सिर को गर्म रखने का काम करते हैं। हड्डियों पर दबाव...जब बच्चे के सिर के नीचे कोई कठोर तकिया रख देते हैं, तो उसके सिर के एक तरफ़ अधिक दबाव पड़ने के कारण बच्चे के सिर की हड्डी पर भी दबाव बढ़ जाता है। राई का तकिया रखने से सिर की हड्डी पर कोई दबाव नहीं पड़ता है।
शिशु के लिए आरामदायक...अक्सर देखा जाता है कि शिशु जिस तरफ़ सिर करके सोता है, उसका सिर उसी तरफ़ से दब जाता है, क्योंकि नवजात के सिर की हड्डी बेहद मुलायम होती है।ऐसे बनाएं तकियाआवश्यक सामग्री... आधा किलो सरसों को धोकर धूप में अच्छी तरह सुखाए हुए दाने। एक मीटर या बच्चे के सिर को देखते हुए उसी आकार का मलमल या सैटिन का कपड़ा होना चाहिए।- जिस कपड़े को तकिए के लिए चुना है, उसे गर्म पानी में धोकर सुखा दें, ताकि कपड़ा बैक्टीरिया मुक्त हो सके। नरमी के लिहाज़ से सैटिन का कपड़ा बेहतर होता है।- अब इस कपड़े को तकिए के आकार को देखते हुए उसी माप से काट लें। कपड़ा काटने के लिए फीते का प्रयोग करें, ताकि बड़ा-छोटा ना हो।- कपड़े को तीन तरफ़ से सिल लीजिए। सिलाई बारीक करें ताकि सरसों के दाने बाहर ना आ सकें।- अब इसमें सरसों डाल दीजिए। सरसों तकिए के आकार से लगभग आधी हो। यह शिशु के सिर को तकिए पर हिलने-डुलने का भरपूर स्थान देगा। पूरा भरा तकिया असुविधाजनक होगा।
- तकिए के खुले हिस्से को भी बेहद बारीक सिलाई से बंद कर दीजिए।- तकिए पर मनपसंद रंग का कवर चढ़ा दीजिए। जिसे समय-समय पर निकालकर धो भी सकें।...
- Post by Admin on 868 days, 22 hours ago
कई बार शरीर की मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द या सूजन को कम करने के लिए हीट या कोल्ड बैग से सिंकाई करने की सलाह दी जाती है। इन दोनों यानी कि हीट और कोल्ड बैग का काम तकलीफ़ को दूर करना है, पर किसका उपयोग कब करना है और कब नहीं, यह बहुत कम लोग जानते हैं। पहले इनके बीच के फ़र्क़ को जानिए।
हीट बैग का काम-मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द के लिए गर्म बैग से सिंकाई करने पर उस जगह का रक्त संचार बढ़ जाता है। प्रभावित जगह का रक्तसंचार अच्छा रहने से वहां टिश्यू को पर्याप्त मात्रा में खून मिलेगा और दर्द थोड़ा कम हो जाएगा। साथ ही मांसपेशियां भी मुलायम हो जाएंगी।दो तरह की होती है हीट थेरेपी...ड्राई हीट और मॉइस्चर हीट। ड्राई हीट जैसे-कपड़ा गर्म करके सिंकाई करना या हीटिंग पैड। मॉइस्चर हीट जैसे- गर्म पानी में कपड़ा भिगोकर सिंकाई करना। मॉइस्चर हीट ज़्यादा असरदार होती है क्योंकि यह टिश्यू में अंदर तक जल्दी चली जाती है। इससे कम समय में अच्छा परिणाम मिल सकता है। सीधे तौर पर भाप की सिंकाई कर सकते हैं जैसे कि स्टीम बाथ।कोल्ड बैग का काम-ठंडे बैग से सिंकाई करने पर प्रभावित जगह पर खून ले जाने वाली रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाएंगी, जिससे वहां का रक्तसंचार थोड़ा कम हो जाएगा। अगर उस जगह पर कोई बीमारी या सूजन है तो रक्तसंचार कम होने से सूजन कम हो जाएगी।ठंडी सिंकाई-ताज़ी चोट है, सूजन है या पैर मुड़ गया है और मोच आ गई है, तब कोल्ड बैग का इस्तेमाल होगा। इस स्थिति में 48-72 घंटे से पहले गर्म बैग से सिंकाई ना करें। गर्म सिंकाई करने पर उस जगह पर सूजन और दर्द बढ़ जाएगा।दौड़ने, खेलने, व्यायाम करने या गिरने की वजह से पैर में मोच या चोट आ गई है तो ठंडे बैग से 2-3 दिन तक सिंकाई करें। एक बार में केवल 5-10 मिनट तक सिंकाई करें और घुमा-घुमाकर करें।अगर शरीर के किसी हिस्से में सूजन है और सूजन के साथ त्वचा पर चोट लगी है, जैसे रगड़ लग गई या घाव हो गया है, तो ऐसे स्थान पर सीधे तौर पर बर्फ़ से सिंकाई नहीं करें। घाव के आस-पास सिंकाई करें। सिंकाई के लिए बर्फ़ का प्रत्यक्ष रूप से इस्तेमाल करने की बजाय आइस बैग से सिंकाई करें या दो पॉलीथिन में बर्फ़ डालकर सिंकाई करें।व्यायाम करने के दौरान सूजन आ रही है तो बर्फ़ की सिंकाई करने की सलाह दी जाती है।टेंडोनाइटिस (मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले टिश्यू में सूजन आ जाती है) होने पर गर्म सिंकाई से परहेज़ करें क्योंकि इससे दर्द बढ़ सकता है। यहां ठंडी सिंकाई करनी चाहिए।गर्म सिंकाई-अगर जोड़ों में पुराना दर्द या मांसपेशियों में दर्द या अकड़न रहती है, तो गर्म बैग से सिंकाई करने की सलाह दी जाती है।अगर चोट लगी है और लम्बे समय से सूजन है या चोट लगने वाली जगह पर लम्बे समय से दर्द है, मांसपेशियों में अकड़न या दर्द रहता है, तो गर्म बैग से सिंकाई कर सकते हैं।ऐड़ियों के दर्द में गर्म पानी की सिंकाई करें।कॉक्सीडीनिया यानी गुदा की हड्डी में चोट लगने से होने वाले दर्द और बेचैनी में गर्म पानी की सिंकाई कर सकते हैं। सीधे तौर पर सिंकाई नहीं हो सकती है इसलिए गुनगुने पानी की सिंकाई करें।सर्जरी या ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों द्वारा पुराने दर्द या मांसपेशियों की अकड़न में गर्म सिंकाई की सलाह दी जाती है।अगर केवल पुराना दर्द है, व्यायाम नहीं कर रहे हैं फिर भी दर्द है, अकड़न है और सूजन नहीं है, तब भी गर्म सिंकाई की सलाह दी जाती है।गर्म पानी की सिंकाई करते वक़्त प्रभावित हिस्सा केवल 10-15 मिनट के लिए पानी में डालें और फिर हटा दें। कुछ मिनट बाद प्रभावित हिस्से पर फिर पानी डालें।...
- Post by Admin on 871 days, 22 hours ago
डायबिटीज पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यह उनकी ओवरऑल हेल्थ पर असर करता है। यह एक साइलेंट किलर है। जो धीरे-धीरे शरीर को भीतर से इतना कमजोर बना देता है कि जिससे पेशेंट की जान भी खतरा हो सकता है। डायबिटीज से महिलाओं को कई तरह की दिक्कतें हो सकती है। जिनमें हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, ब्लाइंडनेस, डिप्रेशन, यूटीआई और इंफर्टिलिटी मुख्य है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा अधिक होता है।नोएडा की एंडोक्रिनोलॉजिस्ट श्रुति चहल कहती हैं कि डायबिटीज होने का सबसे बड़ा कारण मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जो बॉडी में ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने के कारण होता है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को वेजाइनल डिस्चार्ज, दर्द, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), सेक्स ड्राइव में कमी, साथ ही बार-बार यूरिन आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके अलावा पीरियड्स में बदलाव से पीरियड्स लंबे और हैवी हो सकते हैं।इसलिए महिलाओं के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल को मेंटेन करना जरूरी है। साथ ही समय समय पर शुगर लेवल को मॉनिटर करना जरूरी है। शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाने पर पैरों में कुछ बदलाव होने लगते हैं। अगर आपके पैरों में भी इनमें से कुछ लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत अपना ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं। शुरुआत में ही इस बीमारी को पहचान लेने से जल्दी से इसे कंट्रोल करना आसान हो जाता है।...
- Post by Admin on 872 days, 22 hours ago
ज़रूरी नहीं कि सर्दियों में बच्चों को गोंद, सूखे मेवे या आटे से बने लड्डू ही खिलाए जाएं। लड्डू में खजूर, तिल, नारियल, दूध, चॉकलेट या वनीला फ्लेवर डालकर भी तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा अलग-अलग तरह के मुरमुरा लड्डू भी खिला सकते हैं। इन लड्डुओं की ख़ास बात ये है कि इनमें उचित मात्रा में देसी घी होता है जिन्हें सर्दियों में बच्चों का शरीर आसानी से पचा लेता है। शारीरिक व मानसिक ताकत मिलती है।भरवां पराठा-हरी पत्तेदार सब्ज़ियों से अक्सर बच्चे परहेज़ करते हैं। पालक, मेथी, बथुआ, सरसों के साग को आटे में मिलाकर पराठा बना सकते हैं। बथुआ को उबालकर, पीसकर और आटे में मिलाकर पराठा तैयार कर सकते हैं। मूली और गोभी के भरवां पराठे भी अच्छा विकल्प हैं। टमाटर या हरे धनिया की चटनी के साथ इन्हें परोसें।तरल आहार-ठंडे पेय पदार्थ इस मौसम में गला ख़राब कर देते हैं। ऐसे में बच्चों को टमाटर, चुकंदर, पालक या अन्य मिली जुली सब्ज़ियों का सूप दे सकते हैं। नारियल पानी के अलावा टमाटर आदि का सूप दे सकते हैं।
टिक्की-बाजरे और मक्के की रोटी या टिक्की में पालक, मेथी, बथुआ या अन्य मौसमी सब्ज़ियों को कीसकर या बारीक काटकर मिला सकते हैं। मक्का और बाजरे के अलावा मल्टीग्रेन आटे (गेहूं, रागी, बाजरा, ओट्स, चना, ज्वार, जौ, सोयाबीन) से तैयार रोटी, ढोकले और टिक्की भी दे सकते हैं। स्वास्थ्यवर्धक बनाने के साथ-साथ स्वाद बढ़ाना चाहते हैं, तो हरे धनिए की चटनी के साथ इन्हें परोसें।ये भी खाएं-स्प्राउट्स यानी कि अंकुरित दालें खिलाएं। अंकुरित चना और मूंग ख़ासतौर पर खिलाएं। बच्चों को बाजरे या मक्के की खिचड़ी, मौसमी सब्ज़ियों का सलाद दे सकते हैं। इस मौसम में हलवा सभी पसंद करते हैं इसलिए गाजर, लौकी, आलू का हलवा खिलाएं। चाय या दूध के साथ बेसन की पकौड़ी को पौष्टिक बनाने के लिए इसमें पालक, मेथी, पत्तेदार प्याज़, चुकंदर काटकर मिला सकते हैं।...
- Post by Admin on 876 days, 23 hours ago
दिल की सेहत के लिए अच्छे खानपान का अर्थ यह कतई नहीं है कि बर्गर, फ्रेंच फ्राइज या कोल्ड ड्रिंक से दूरी बना लें। पर यह ध्यान रखना होगा कि ये चीजें नियमित खानपान में शामिल न हो जाएं। यह कहना है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख डॉ. रॉबर्ट एकेल का। एसोसिएशन ने हाल में दिल तंदुरुस्त रखने वाले खानपान को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। मुख्य लेखक डॉ. एलिस एच लिकटेंस्टाइन ने बताया कि ‘ये न खाएं’ जैसी नसीहतों से लोगों पर दबाव डालने के बजाय हमने खानपान के ऐसे पैटर्न को बढ़ावा देने की कोशिश की है, जिससे दिल स्वस्थ रहे। गाइडलाइंस के प्रमुख अंश...6 आदतें जो खानपान का पैटर्न सही बनाने में मददगार होंगी, दिल से जुड़े जोखिम भी घटाएंगीहफ्ते में 150 मिनट वर्कआउटजीवनभर वजन को संतुलित रखकर दिल से जुड़े जोखिम कम किए जा सकते हैं। हफ्ते में 150 मिनट वर्कआउट, ऊर्जा संतुलन को सही रखता है। उम्र के हर दशक में ऊर्जा की जरूरत 70-100 कैलोरी तक घट जाती है। इसलिए डाइट की नियमित ट्रेकिंग जरूरी है।गहरे रंग वाले फल-सब्जियां खाएं-विधता वाले फल-सब्जियां खाएं, इनसे फाइटोकेमिकल्स ज्यादा मिलेंगे। ये गंभीर बीमारियों को रोकने में मददगार हैं। गहरे रंग वाले फल-सब्जी में पोषक तत्व ज्यादा होते हैं। जूस के बजाय साबुत खाने से फाइबर ज्यादा मिलेगा।रिफाइंड के बजाय साबुत अनाज-रिफाइंड अनाज में पोषक तत्वों को हटा दिया जाता है। इसलिए साबुत अनाज से बने खाने को प्राथमिकता दें। साबुत अनाज में चोकर, एंडोस्पर्म और आंतरिक बीज तीनों परत होती है। इसलिए ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। कई सारी स्टडीज में साबित हो चुका है कि साबुत अनाज खाने से दिल को जोखिम पहुंचाने वाले कारकों के नियंत्रण में मदद मिली है।प्रोटीन के स्वस्थ स्रोत चुनें-प्रोटीन की जरूरत पूरी करने के लिए फलियां, नट्स जैसे सोयाबीन, दालें, चना और मटर का सेवन करें। ये प्रोटीन के साथ फाइबर के भी अच्छे स्रोत हैं। डेयरी उत्पाद लो फैट या फैट मुक्त चुनें। इनसे वजन और मोटापा बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी।नारियल/पाम जैसे तेल कम खाएं,विशेषज्ञों का मानना है पॉलीअनसैचुरेटेड फैट वाले तेल बेहतर होते हैं। इनमें सोयाबीन, कॉर्न, सनफ्लॉवर और अलसी तेल आते हैं। ये कार्डियोवस्कुलर खतरों को 30% तक घटा देते हैं। जबकि ट्रॉपिकल तेल जैसे नारियल और पाम तेल से एचडीएल और एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल दोनों में बढ़ोतरी होती है।इसलिए इन्हें खाने में शामिल करने से बचना चाहिए।अतिरिक्त शुगर/नमक से बचें-उन वस्तुओं और पेय से बचें जिनमें अतिरिक्त शुगर हो। इससे डायबिटीज, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नमक (सोडियम क्लोराइड) का ब्लड प्रेशर के साथ सीधा संबंध है। इसके कम सेवन से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।इसके अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि डॉक्टरों को मरीजों से पांच मिनट इस विषय पर जरूर बात करना चाहिए कि वे फल, सब्जियां और साबुत अनाज कितनी मात्रा में खाते हैं। या उन्हें इनके फायदों के बारे में कितना पता है।...
- Post by Admin on 878 days, 22 hours ago
दक्षिण अफ्रीका से महाराष्ट्र आने वाला एक भारतीय यात्री कोविड पॉजिटिव पाया गया है. हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि वो कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित है या नहीं।महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक क्वारंटाइन केंद्र में है, लेकिन वहां पहुंचने से उसका कई पड़ावों को पार करना भारत के महामारी प्रबंधन के बारे में बहुत कुछ कहता है। कल्याण डोम्बिवली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिभा पनपाटिल ने पत्रकारों को बताया कि यात्री 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से दिल्ली आया।दिल्ली हवाई अड्डे पर उसे कोविड पॉजिटिव पाया गया लेकिन इसके बावजूद इसे मुंबई जाने दिया गया। मुंबई हवाई अड्डे पर उसे दोबारा कोविड पॉजिटिव पाया गया लेकिन इसके बावजूद उसे ठाणे स्थित उसके घर जाने दिया गया। बाद में उस यात्री को उसके घर से क्वारंटाइन केंद्र भेजा गया।ढीली व्यवस्था : हालांकि पनपाटिल ने यह भी बताया कि अभी तक वो यात्री किसी से भी संपर्क में नहीं आया है। उसके सहयात्रियों को ढूंढने की कोशिश की जा रही है। पॉजिटिव पाया गया यात्री कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित है या नहीं यह जीनोम जांच के बाद ही पता चल पाएगा।अधिकारियों ने बताया है कि उसके सैंपलों को जीनोम जांच के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि पिछले 15 दिनों में 466 यात्री दक्षिण अफ्रीका समेत उन सभी देशों से मुंबई आए हैं, जहां नए वेरिएंट से संक्रमण के मामले पाए गए थे।नए दिशा निर्देश : अधिकारियों ने इन सभी यात्रियों को संपर्क करना शुरू कर दिया है और संपर्क होने के बाद इन सबकी जांच की जाएगी। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले सुविधा पोर्टल पर कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और पिछले 14 दिनों का अपना यात्रा इतिहास डालना होगा।नए नियम 1 दिसंबर से लागू किए जाएंगे। जोखिम की श्रेणी में डाले गए देशों से आने वाले यात्रियों की भारत पहुंचने पर फिर से जांच की जाएगी और जांच के नतीजे आ जाने तक उन्हें हवाई अड्डे पर ही रहना होगा। अगर किसी यात्री में लक्षण दिखाई दे रहे हों तो उसे तुरंत आइसोलेट कर चिकित्सा केंद्र ले जाया जाएगा।नेगेटिव पाए जाने पर घर जाने की अनुमति तो दी जाएगी लेकिन घर पर 7 दिनों तक क्वारंटाइन करना होगा और 8वें दिन फिर से जांच करवानी होगी। इन देशों में यूके, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इसराइल शामिल हैं।...
- Post by Admin on 879 days, 22 hours ago
सर्दी के मौसम में जल्दी थकान आ जाती है, सुस्ताने लगते हैं। क्योंकि ठंड होने की वजह से घूमना बहुत हद तक बंद कर दिया जाता है। जिससे वजन बढ़ने लगता है। हालांकि ठंड के मौसम कई सारी चीजें ऐसी भी है जिनका सेवन करके वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं ठंड में वो कौन-सी 5 चीजों को जो आपके वजन को कम करके फीट एंड फाइन रखेगी -1.गाजर - गाजर में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। इसका सेवन करने से पेट भरा हुआ रहता है। आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगती है। इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है। इसलिए आपका आराम से सेवन कर सकते हैं। अगर आप गोल टुकड़े करके नहीं खा सकते हैं तो किसनी से किस कर भी इसका सेवन किया जा सकता है। ताकि दांतों में दर्द नहीं हो।2. टमाटर सूप - शाम के वक्त कुछ गरम खाने का मन है तो तली हुई चीज की बजाए आप टमाटर सूप जरूर ट्राय करें। इससे आपका पेट भी भरा जाएगा और बॉडी में गर्माहट भी बनी रहेगी। साथ ही रात को अधिक भूख नहीं लगेगी। आप चाहे तो तोस भी सूप में डाल कसते हैं।3. दालचीनी - रसोई को खाना खजाना तो बोलते साथ ही वहां कई सारी बीमारियों का दूर भगाने का उपाय भी रहता है। जी हां, जर्नल ऑफ न्यूट्रिशिनल साइंस एंड विटामिनोलॉजी के मुताबिक, दालचीनी में पाएं जाने वाले सिनमॉल्डेहाइड फैट वाली आंत के ऊतक का मेटाबॉलिज्म को संतुंिलत रखता है। वजन के साथ शुगर को भी सामान्य रखने में मदद करता है।4. पानी - जी हां, आपको जानकर आश्यर्च होगा कि पानी कैसे वजन को कंट्रोल करता है। तो बता दें कि यूरिन के द्वारा आपकी बॉडी की गंदगी बाहर निकलती है। साथ ही बॉडी को हाइड्रेट रखता है। ंजिससे मेटाबॉलिज्म कमजोर नहीं पड़ता है। ठंड के मौसम में गर्म पानी और हर्बल टी आपकी बॉडी को हाइड्रेट करते ही है साथ ही भूख को भी कंट्रोल करने का काम करते हैं।5. मैथीदाना: जिन्हें दिल की बीमारी है, कोलेस्ट्रॉल है, शुगर है उन्हें मैथीदाने का सेवन करना ही चाहिए। इससे आपके शरीर पर मौजूद एक्स्ट्रा चर्बी कम होती है। मेटाबॉलिज्म को दुरस्त करती है। और भूखक को कंट्रोल करने में मदद करती है। ठंड में जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है। इसके लिए कई लोग ठंड में मैथीदाने के लड्डू खाते हैं।...
- Post by Admin on 882 days, 22 hours ago
हर साल के अंत में अगले साल के लिए नास्त्रेदसमस की भविष्यवाणियों को प्रचारित किया जाता है। इस साल भी वर्ष 2022 के लिए फ्रांसीसी भविष्यवक्ता की भविष्यवाणी सामने आई है।14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां 100 छंदों के अनेक शतकों में की हैं। ऐसे शतकों की संख्या 12 है जिनमें से अंतिम 2 शतकों के अनेक छंद उपलब्ध नहीं हैं। इन शतकों को 'सेंचुरी' कहा गया है। नास्त्रेदमस की इस कालगणना के अनुसार हम चन्द्रमा की द्वितीय महान चक्र अवधि से गुजर रहे हैं, जो सन् 1889 से शुरू हुई है और सन् 2243 में समाप्त होगी। नास्त्रेदमस के अनुसार, यह अवधि मनुष्य जाति के लिए रजत युग है। नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां लगभग 499 वर्ष पहले की थीं। नास्त्रेदमस की इस किताब में कुल 6338 भविष्यवाणियां हैं।वर्ष 2022 के लिए नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी 1. परमाणु बम फटेगा और विनाश होगा : नास्त्रेदमय के जानकारों का कहना है कि वर्ष 2022 में एक विनाशकारी परमाणु बम फट जाएगा और इससे जलवायु परिवर्तन होगा और धरती का मौसम बदल जाएगा। इससे कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलेंगे।2. ऐस्टरॉइड होगी धरती पर तबाही : नास्त्रेदमय की वर्ष 2022 की भविष्यवाणी के अनुसार ऐस्टरॉइड धरती के समुद्र में गिरेगा जिससे भयंकर लहरें उठेंगी जो पृथ्वी को चारों तरफ से घेर लेंगी। इससे कई राष्ट्रों के डूबने का खतरा है।3. तीन दिनों तक पूरी दुनिया में छा जाएगा अंधेरा : उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, साल 2022 तबाही और उसके बाद शांति लाएगा। इस शांति से पहले पूरी दुनिया में 72 घंटे का अंधेरा छा जाएगा। पहाड़ों पर बर्फ गिरेगी और कई देशों के युद्ध शुरू होते ही खत्म हो जाएंगे। ऐसा एक प्राकृतिक घटना के कारण होगा।
4. महंगाई हो जाएगी बेकाबू : नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों की माने तो साल 2022 में महंगाई नियंत्रण से बाहर हो जाएगी और अमेरिकी डॉलर में तेजी से गिरावट आएगी।5. फ्रांस में आएगा बड़ा तूफान : यह भी कहा जा रहा है कि साल 2022 में फ्रांस में एक बड़ा तूफान आएगा। जिससे भीषण आग, सूखा और बाढ़ की स्थिति होगी। इससे आगे चलकर विश्वव्यापी भूखमरी देखने को मिलेगी।6. मानव जाति को नष्ट कर देंगे रोबोट: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार 2022 में पर्सनल कंप्यूटर का ब्रेन मनुष्यों पर नियंत्रण करने में में सक्षम हो जाएगा। यानि साल 2022 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव इंटरफेस वाले कंप्यूटर का होगा और रोबोट मानव जाति को नष्ट कर देंगे।7. भूमध्य सागर में होगा धमाका : भविष्यवाणी के अनुसार मेनोर्का द्वीप के पास, भूमध्य सागर में मिसाइल के परीक्षण के दौरान एक बड़े विस्फोट की होने की संभावना है।...
- Post by Admin on 883 days, 21 hours ago
आप क्या कर सकते हैं कि आपको लोग पसंद करें? अपने आपमें बदलाव लेकर आएं। ठुकराए जाने की भावना किसी दूसरी दुनिया से नहीं आती है, यह आपके भीतर ही होती है जो परावर्तित होती है। इस मर्ज़ का इलाज भी आपके ही पास है। यदि आपको लगता है कि फलां-फलां लोग आपसे अच्छे से व्यवहार करें, यदि वे आपको पसंद नहीं करते हैं तो पसंद करने लगें तो सबसे पहले अपने दिल पर हाथ रखकर सच-सच बताइए क्या आप भी उन्हें पसंद या प्यार करते हैं, जिनसे आपको प्यार की उम्मीद है?सामाजिक ताना-बानाइस सच को आप झूठला नहीं सकते कि जो लोग आपको पसंद नहीं करते, उन्हें आप भी पसंद नहीं कर रहे होते हैं। आप जान सकते हैं कि आपका ही परावर्तन या रिफ़्लैकशन है, जो आपके सामने आता है। सामाजिक ताना-बाना या सामाजिक तौर-तरीका आपको अनुमति नहीं देता इसलिए आप ऐसा दिखाते हैं, कि आप उन्हें पसंद करते हैं या उन लोगों के साथ कुछ औपचारिकताएं हैं, जो आप सालों से याकि अपने बचपन से ही निभाते आ रहे हैं। इस वजह से आपके मन पर हमेशा बोझ रहता है। ऐसे रिश्तों को निभाते हुए उन्हें भी ऐसा ही लगता होगा। आप अपनी ओर से उन तक यह बात लेकर पहुँच नहीं पाते, उन्हें बता नहीं पाते।शून्य अपेक्षाएं-जब आप उनके प्रति अपनी भावनाओं को स्वीकार कर लेते हैं तो आप उनसे अपेक्षाएं रखना या तो बंद कर देते हैं या आपकी उनसे अपेक्षाएं शून्य हो जाती हैं। दूसरा आपका उनसे कभी साबका भी पड़ता है या वास्ता भी रखना होता है तो वह केवल औपचारिक आदान-प्रदान होता है और कुछ भी आप अपने दिल पर नहीं लगा बैठते।यदि आप उनसे इस तरह व्यवहार नहीं कर पाते हैं तो उसे भी स्वीकारिए। यदि आप गुस्से में आकर व्यवहार करते हैं तो उसे भी स्वीकारिए। यदि आप ग्लानि या शर्म-हया के लिहाज़ से व्यवहार करते हैं तो वह भी स्वीकारिए। आपको लगता है कि आपको चोट पहुंची है, स्वीकार कीजिए। यदि आप उनसे विद्वेष करते हैं या हमेशा उन्हें परखते रहते हैं तो उसे भी स्वीकारिए। अपनी अच्छी-बुरी हर भावना स्वीकार कीजिए। ऐसा केवल अपनी ज़रूरत के लिए मत कीजिए बल्कि यह समझने की कोशिश कीजिए कि जैसे आप किन्हीं लोगों को पसंद नहीं करते हैं, वैसे वे भी आपको पसंद नहीं करते होंगे।स्वीकार कीजिए
इसके बाद यह स्वीकार कीजिए कि आप किसे पसंद करते हैं, न केवल व्यक्तियों में से बल्कि पशु-पक्षी, अन्य प्राणी, पेड़-पौधे, बच्चे...आपको क्या पसंद आता है? अब अपने आपसे पूछिए क्या आप उन्हें निःस्वार्थ भाव से चाहते हैं या इस चाह के पीछे कोई ख़ास वजह है? पूछिए क्या वे भी एकदम सही, परफ़ेक्ट हैं? या आप उन्हें उनकी कमियों के साथ स्वीकार करते हैं या उनकी कमियों से ज़्यादा आपका ध्यान उनकी ख़ूबियों की ओर जाता है?यह पूरी कवायद करने का उद्देश्य इतना है कि आप सिक्के के दूसरे पहलू को भी जानें। न केवल अपने दूसरे पक्ष को समझें, बल्कि आपके चेहरे के पीछे कौन-सा चेहरा छिपा है, और आप दूसरों को कौन-सा चेहरा दिखाते हैं, दोनों चेहरों को खुद पहचानें। साहिर लुधियानवी सत्तर के दशक में लिखकर गए हैं ‘एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग’...सुनिए- समझिए उसी गीत से- ‘जीने के लिए सब कुछ भुला लेते हैं लोग’......
- Post by Admin on 885 days, 22 hours ago
नींद सेहत के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन कम नींद आपकी सेहत खराब कर सकती है। एक रिसर्च सामने आई है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्चमें बताया कि अधूरी नींद या ठीक से नींद न आने पर सीधा असर दिमाग पर पड़ता है।शोधकर्ताओं का कहना है, अगर आप 8 घंटे की नींद ले रहे हैं और 30 मिनट पहले अलार्म सेट करते हैं तो साढ़े सात घंटे की नींद ब्रेन पर सकारात्मक असर डालती है। अल्जाइमर्स डिजीज यानी चीजों को भूलने की बीमारी के खतरे को कम करती है।औसतन 75 साल की उम्र वाले 100 बुजुर्गों पर हुई रिसर्च में इसकी पुष्टि भी हुई। रिसर्च के लिए इन बुजुर्गों के माथे पर एक छोटा सा मॉनिटर बांधा गया। नींद के दौरान ब्रेन में किस तरह की एक्टिविटी हुई इसे मॉनिटर से जांचा गया।औसतन साढ़े चार साल चली रिसर्च में सामने आया कि इसका ब्रेन की एक्टिविटी पर असर होता है। भूलने की बीमारी अल्जाइमर्स के लिए एक खास तरह का प्रोटीन जिम्मेदार होता है। रिसर्च में शामिल बुजुर्गों के ब्रेन के सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड में उस प्रोटीन का स्तर क्या है, इसे जांचा गया।जिन मरीजों ने हर रात करीब 7.5 घंटे की नींद ली उनकी सोचने-समझने की क्षमता यानी कॉग्निटिव स्कोर बेहतर मिला। वहीं, जिन लोगों ने रोजाना 5 या साढ़े पांच घंटे की नींद ली उनमें यह स्कोर कम मिला।इससे पहले हुई रिसर्च में यह सामने आया था कि आधी-अधूरी नींद से अल्जाइमर्स बीमारी का कनेक्शन है। याद्दाश्त घटने, भ्रम सा महसूस होने और नई चीजों को देरी से समझना अल्जाइमर्स के लक्षण हैं। इनसे बचना है तो कम से कम साढ़े सात घंटे की नींद जरूर लें।
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- Post by Admin on 886 days, 22 hours ago
भारत में गाय के गोबर का बेहद महत्व है। यहां गाय को लेकर धार्मिक मान्यताएं भी हैं। लेकिन अब ब्रिटेन में भी गाय चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि यहां के किसानों ने गाय के गोबर से बिजली की बैटरियां बना ली हैं। दावा है कि एक गाय के गोबर से ब्रिटेन के 3 घरों में सालभर तक बिजली सप्लाई हो सकता है।दरअसल, ब्रिटिश किसानों ने गाय के गोबर से बिजली का विकल्प तैयार कर दिया है। किसानों के एक समूह के मुताबिक उन्होंने गाय के गोबर से ऐसा पाउडर तैयार किया गया है, जिससे बैटरियां बनाई गई हैं।गाय के एक किलोग्राम गोबर से किसानों ने इतनी बिजली तैयार कर ली है, कि 5 घंटे तक वैक्यूम क्लीनर चलाया जा सकता है।
ब्रिटेन के आर्ला डेयरी की ओर से गोबर का पाउडर बनाकर उसकी बैटरियां बनाई गई हैं। इन्हें काउ पैटरी का नाम दिया गया है।AA साइज़ की पैटरीज़ से साढ़े 3 घंटे तक कपड़े भी इस्त्री किए जा सकते हैं।ब्रिटिश डेयरी को ऑपरेटिव की ओर से ये बैटरी विकसित की जा रही है। बैटरी एक्सपर्ट GP Batteries का दावा है कि एक गाय के गोर से तीन घरों को साल भर बिजली मिल सकती है। एक किलोग्राम गोबर के ज़रिये 3.75 किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है। ऐसे में अगर 4, 60,000 गायों के गोबर से बिजली बने, तो 12 लाख ब्रिटिश घरों में बिजली सप्लाई की जा सकती है।डेयरी में साल भर में 1 मिलियन टन गोबर निकलता, जिससे बिजली उत्पादन का बड़ा लक्ष्य रखा जा सकता है।Arla डेयरी में तमाम चीज़ों के लिए गोबर से बनी बिजली का ही इस्तेमाल किया जाता है। इससे निकले वेस्ट को खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। बिजली बनाने की प्रक्रिया को एनएरोबिक डाइजेशन कहा जाता है, जिसमें जानवरों के वेस्ट से बिजली बनाई जाती है।डेयरी में 4,60,000 गायें रहती हैं, जिनके गोबर को सुखाकर पाउडर तैयार किया जाता है और उसे ऊर्जा में बदला जाता है।...
- Post by Admin on 887 days, 23 hours ago
बदलती लाइफस्टाइल में फिटनेस भी जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। जहां युवा वर्ग लगातार अपनी डाइट पर कंट्रोल कर रहे हैं। लेकिन कई बार डाइट पर कंट्रोल सेहत परउल्टा असर भी डाल सकता है। जी हां, इन दिनों युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में विटामिन बी-12 की कमी दर्ज की जा रही है। जिससे 25 साल तक के युवा गंभीर और लंबी बीमारियोंकी चपेट में आने से बच नहीं पा रहे है। लेकिन शरीर में किसी तरह की कमी पूरी नहीं हो इसके लिए सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। तो आइए जानते हैं विटामिन बी+-12की कमी के लक्षण और उसकी कमी से होने वाले नुकसान और किन चीजों में पायाजाता है विटामिन बी-12 -
विटामिन बी-12 के लक्षण -- भूलने की बीमारी का खतरा।- सांस फूलना।- बहुत ज्यादा थकान होना।- भूख नहीं लगना।- त्वचा पीली पड़ जाना।- सिरदर्द और कान में सीटी बजना।- जीभ में दाने या फिर लाल हो जाना।- कमजोरी और सुस्ती बने रहना।- तनाव महसूस होना।- कमर और पीठ में दर्द होना।- नर्वस सिस्टम पर असर पड़ना।- गर्भवती महिलाओं को कमजोरी महसूस होना।आइए जानते हैं विटामिन बी 12 से भरपूर फूड,विटामिन बी-12 के सेवन से कमी को पूरा किया जा सकता है। हालांकि विटामिन बी-12 मांस, मछली या चिकन में अधिक पाया जाता है। लेकिन आप शुद्ध शाकाहारी है तो अपनीडाइट में कम फैट वाला दूध, छाछ, दही, पनीर, बीन्स, सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं।शिक्षित करने के लिए यह एक सामान्य जानकारी है। इस प्रकार के लक्षण दिखने या महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें।...
- Post by Admin on 888 days, 22 hours ago
कोरोनाकाल से उबरने के बाद अब भारतीय रेलवे यात्रियों को बड़ी सुविधाएं देने की तैयारियां कर रही हैं। इसी के मद्देनजर जनरल क्लास (General Coach) को वातानुकूलित यान (एसी कंपार्टमेंट) में बदलने की तैयारी की जा रही है।देश में रोजाना हजारों लोग ट्रेनों से सफर करते हैं, कुछ लोगों की लंबी दूरी की यात्रा होती है, तो कुछ यात्री कम दूरी के लिए भी ट्रेनों से सफर करना ही सुविधाजनक मानते हैं। ऐसे में हर यात्री एसी कोच में सफर तो करना चाहता है लेकिन उतना किराया देना आसान नहीं होता है।खबरों के अनुसार फिलहाल जनरल सेकेंड क्लास के कोच में लगभग 100 से 110 यात्री बैठ सकते हैं जबकि जनरल कोच को एसी में बदलने के बाद आम यात्री भी जो ज्यादा किराया देकर सफर नहीं कर पाते थे वे भी आसानी से इस किराये में सफर कर पाएंगे। रेलवे की मुख्य योजना इन डिब्बों को पूरी तरह आरक्षित कोच बनाकर चलाने की है।मिल सकती हैं ये सुविधाएंइन जनरल एसी कोच में ऑटोमेटिक बंद होने वाले दरवाजे लगे होंगे।रेलवे मंत्रालय की की तरफ से लगातार इस पर काम किया जा रहा हैपंजाब के कपूरथला की रेलवे कोच फैक्ट्री में बनाए जा रहे हैं फर्स्ट एसी और जनरल क्लास कोच।...
- Post by Admin on 891 days, 22 hours ago
सर्दी का मौसम दमा के मरीजों के लिए तो तकलीफदेह होता ही है, लेकिन हृदय रोगियों को भी इस मौसम में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दरअसल सर्दियों में रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं, जिसका असर हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है। इसलिए इस मौसम में हृदय रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जानिए 5 जरूरी सावधानियां ...इससे बचने के लिए ज्यादा ठंडे माहौल में जाने से बचें। यदि ठंड में बाहर निकलें तो अच्छी तरह से ऊनी वस्त्र पहनकर और सिर में भी टोपी आदि लगाकर निकलें, ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहें और रक्तवाहिनियों में सिकुड़न न हो।अधिक वसा युक्त चीजें खाना और सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल न करें। इससे रक्तवाहिनियां संकरी हो सकती हैं और हृदय तक सही रक्तसंचार में समस्या आ सकती है। इसके अलावा दबाव भी बन सकता है।सुबह-शाम 3-4 किमी सैर जरूर करें। इसके कई फायदे हैं। न न केवल रक्तसंचार बेहतर होगा, बल्कि शरीर में गर्माहट बनी रहेगी और वसा का जमाव भी नहीं होगा, जो खतरनाक साबित होता है।नमक का सेवन कम करें। मक्खन व घी का प्रयोग भी सीमित मात्रा में करें। ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखना और वसा के जमाव का रोकना आपके लिए बेहद जरूरी है।तनाव लेने से बचें। गुनगुनी धूप का आनंद लें लेकिन सिर को अधिक तपने ना दें। अधिक ठंड बढ़ने पर ताप सेंके मगर कुछ दूरी से।...
- Post by Admin on 895 days, 22 hours ago
पीएफ खाताधारियों के लिए यह खुशखबरी है। केंद्र सरकार की तरफ से प्रॉविडेंट फंड (PF) अकाउंट में ब्याज ट्रांसफर कर दिया गया है। मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ अकाउंटों में यह पैसा भेजा है। लोगों के पास पैसा क्रेडिट होने को लेकर मैसेज भी जाने लगा है। अगर आप भी नौकरीपेशा हैं और पीएफ अकाउंट है, लेकिन अभी तक ब्याज क्रेडिट होने का कोई मैसेज नहीं आया तो हम बता रहे हैं कि आपको आसान तरीका जिससे आप जान सकते हैं कि आपके खाते में पैसा आया है या नहीं?अकाउंट चेक करने से पहले ये जान लें कि आखिर सरकार ने कितना ब्याज दिया है? EPFO ने इस बार कुल पीएफ अमाउंट पर 8.5 प्रतिशत का ब्याज दिया है। इसकी घोषणा काफी समय पहले की गई थी, तब से ही लोग इसके क्रेडिट होने का इंतजार कर रहे थे।आप फोन से मैसेज भेजकर भी जान सकते हैं कि आपके खाते में ब्याज का पैसा क्रेडिट हुआ है या नहीं? EPFO ने मैसेज के जरिए बैलेंस पता करने के लिए एक नंबर जारी किया है। यह नंबर 7738299899 है। आपको अपने अकाउंट से रजिस्टर्ड मोबाइल से EPFOHO UAN लिखकर इस नंबर पर भेजना होगा। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि आपको ये जानकारी तभी मिलेगी, जब आपका UAN पैन और आधार लिंक होगा।मैसेज भेजने के बाद आपको मोबाइल पर पीएफ बैलेंस, आपका योगदान और कितना ब्याज क्रेडिट हुआ है, इसकी जानकारी मिल जाएगी। बैलेंस पता करने के लिए मैसेज भेजने की सुविधा हिन्दी, इंग्लिश, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम और बांग्ला भाषा में दी गई है।...
- Post by Admin on 896 days, 21 hours ago
डायबिटीज के मरीजों को शुगर कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है। इसके साइड इफैक्ट्स बेहद खतरनाक होते हैं। हार्ट अटैक, किडनी फेल होने का खतरा, आंखों की रोशनी चले जाना,ब्रेन हेमरेज जैसी समस्या घर कर सकती है। ठंड के मौसम में भी कई गरमा-गरम मीठे पकवान बनते हैं जिन्हें देखकर खाने का मन होता है। लेकिन इन सबकी जगह आप सिंघाड़े कासेवन भी कर सकते हैं। जी हां, वह भी हल्के मीठे होते हैं लेकिन उससे डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए वह लाभदायक है। प्रतिदिन इसका सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल कियाजा सकता है आइए जानते हैं कैसे -सिंघाड़े के फायदे -सिंघाड़े में बड़ी मात्रा में पोटेशियम होता है जो सोडियम के स्तर को कम करता है। जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। साथ ही बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी मदद करता है।सिंघाड़े में विटामिन ए, सी, सिट्रिक एसिड, फास्फोरस, मैंगनीज, कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।जानें सिंघाड़े या उसके आटे का सेवन किस तरह करें -- ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए सिंघाड़े खाना चाहिए। इन्हें अच्छे धोकर थोड़ा उबाल लें। इसके बाद खाएं। साथ ही एसिडिटी, अपच की समस्या में भी आराम मिलेगा। सिंघाड़ के साथ ही इसके आटे का सेवन भी कर सकते हैं। उसके लिए आप राब बना सकते हैं। या दूध में भी उबाल कर पी सकते हैं। गेहूं की रोटी की बजाए सिंघाड़े के आटे की रोटी का सेवन कर सकते हैं। सिंघाड़े के आटे का सेवन करने के और भी कई सारे फायदे है।- अनिद्रा की समस्या दूर होना - जी हां अगर आपको नींद नहीं आ रही है तो ठंड में सिंघाड़े का सेवन करें। इससे धीरे-धीरे अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी।- पेट की दिक्कत होने पर आपकी दिनचर्या भी बिगड़ जाती है। भूख नहीं लगना, रूक-रूक कर पेट दुखना, गैस बनना या अधिक भूख लगना। इन सभी पेट संबंधी समस्या में आराम मिलता है।- सिंघाड़ा सीजनल फल है। यह ठंड के मौसम में ही आता है। डॉक्टर भी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए सीजनल फूड खाने की सलाह देते हैं। इसका सेवन करने से कमजोरी दूर होती है। इसमें मौजूद कैल्शियम की मात्रा दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।अगर आपको डायबिटीज बहुत ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करें। क्योंकि इसमें ग्लूकोज पाया जाता है। लेकिन मीठा खाने की चाह रखते हैं तो सिंघाड़े का सेवन कर सकते हैं।...
- Post by Admin on 897 days, 22 hours ago
सर्दी का मौसम और सुबह-सुबह की नींद...भई वाह, जैसे सोने पर सुहागा, वहीं सर्दी का मौसम और सुबह जल्दी उठना...ऊफ्फ, आफत की सुबह। लेकिन तब क्या किया जाए, जब सर्दी के इन दिनों में सुबह जल्दी उठना जरूरी हो? न नींद खुलती है न रजाई से निकलने का मन होता है। लेकिन टेंशन मत लीजिए, यह 5 उपाय करेंगे आपकी मदद इस कठिन काम में -1 अलार्म -हां-हां, जानते हैं कि अलार्म बजते ही बंद कर दिया जाता है और आप दोबारा नींद के आगोश में चले जाते हैं। लेकिन इस बार आपको अपने दिमाग को यह समझाइश देनी होगी, कि अलार्म बजने का मतलब बिस्तर से उठना ही है। इसमें कोई कोताही बरती गई, तो बड़ा नुकसान हो सकता है।2 मोबाइल - आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन सुबह जल्दी नींद खुलने के बाद भी जब आप उठ न पाएं, तो अपना मोबाइल चेक करें। जी हां, मोबाइल ऑपरेट करते समय आप होश में होते हैं और आपका दिमाग सक्रिय रूप से उसमें संलग्न होता है। वॉट्सएप और फेसबुक चेक करें, या फिर कोई जरूरी काम जो अधूरा हो। देखिए कैसे नींद छू मंतर होती है।3 बिस्तर छोड़ें - सुबह नींद खुलते या अलार्म बजते ही तेजी से बिस्तर छोड़ दें और मुस्कुराएं। इस तरह से आपके दिन की शुरुआत सकारात्मक होगी औरदोबारा सोने के बजाए आपका दिनचर्या बढ़ाने का मन होगा।4 पानी पिएं - अपने बिस्तर के पास पानी भरकर रखें और नींद खूलते ही बिस्तर से उठकर सबसे पहले गिलास भरकर पानी पिएं। इससे आपका रासा आलस और नींद तुरंत गायब हो जाएगा और अब आप दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
5 अलार्म रखें दूर - अलार्म लगाने के बाद घड़ी को अपने पास कभी न रखें, वरना आप उसे बजते ही बंद कर देंगे। अलार्म अगर दूर होगा, तो आपको उसे बंद करने के लिए भी बिस्तर से उठना ही होगा, और यह आपकी नींद उड़ाने के लिए काफी है।
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- Post by Admin on 898 days, 23 hours ago
छठ का पावन पर्व सोमवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है। चार दिन तक चलने वाले पर्व का आज दूसरा दिन है, जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन का व्रत रखते हैं। शाम को व्रती महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर गुड़वाली खीर का प्रसाद बनाती हैं। सुबह से ही व्रतियों ने नदियों और घाटों पर जाकर पूजा आरंभ कर दी है।सूर्य देव की पूजा करने के बाद व्रत रखने वाले इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। खरना के अगले दिन छठी मैया और सूर्य देव की पूजा होती है। छठ का प्रसाद भी इसी दिन से बनना शुरू होता है। इसके अगले दिन यानी षष्ठी को छठ का मुख्य पूजन होता है।छठ पूजा का कार्यक्रम
8 नवंबर 2021, सोमवार- (नहाय-खाय) 9 नवंबर 2021, मंगलवार-(खरना) 10 नवंबर 2021,बुधवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य) 11 नवंबर 2021, शुक्रवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)मिट़्टी के चल्हे पर बनेगा प्रसाद-खरना के दिन महिलाएं शाम को मिट्टी का नया चूल्हा बनाकर आम की लकड़ी से उसमें आग जलाती हैं और उसके बाद छठी मईया का प्रसाद बनाती हैं। प्रसाद में साठी के चावलों, गुड़ व दूध से खीर बनाई जाती है। छठ व्रतधारी सूर्य देवता और छठी मईया को यह प्रसाद अर्पित करने के लिए घुटनों तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। आज शाम 5:29:59 बजे सूर्यास्त होगा।कल नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था छठ का व्रत-नहाय-खाय के दिन कद्दू-भात का प्रसाद बनाया जाता है और व्रती इसे ग्रहण करते हैं। नहाय-खाय के दिन से घर में सात्विक भोजन बनने लगता है और साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दौरान व्रती भोजन में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। नहाने के बाद ही भोजन बनाया जाता है। छठ पर महिलाएं उपवास करती हैं और घुटने तक गहरे पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।छठ की पूजा सामग्री-छठ पूजा में विशेष सामग्रियों का इस्तेमाल होता है, जिनमें टोकरी, लोटा, फल, मिठाई, नारियल, गन्ना और हरी सब्जियां प्रमुख हैं। इसके अलावा दूध-जल के लिए एक ग्लास, शकरकंदी और सुथनी, पान, सुपारी और हल्दी, अदरक का हरा पौधा, बड़ा मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती का इस्तेमाल होता है। साथ ही कई लोग पानी वाला नारियल, मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल और आटे से बना ठेकुआ, चावल, सिंदूर, दीपक और शहद भी प्रसाद के तौर पर देते हैं।...
- Post by Admin on 900 days, 23 hours ago
सबसे अच्छा व्यायाम है। जिस प्रकार 12 राशियां, 12 महीने होते हैं, उसी प्रकार सूर्य नमस्कार भी 12 स्थितियों से मिलकर बना है। सूर्य नमस्कार के एक पूर्ण चक्र में 12 स्थितियों को क्रम से दोहराया जाता है तथा इन 12 स्थितियों के अनुसार 12 बीज मंत्र होते हैं तथा इन 12 स्थितियों के अलग-अलग लाभ होते हैं।सूर्य नमस्कार के 10 सेहत चमत्कार-1. पेट की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं उससे पाचन शक्ति बढ़ती है।2. शरीर के ज्यादा वजन को घटाने में मददगार।3. आलस्य को दूर भगाता है, दिमाग को ठंडा रखता है।4. शरीर में खून का प्रवाह तेज होने से ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।5. बालों को असमय सफेद होने, झड़ने व रूसी से बचाता है।6. व्यक्ति में धीरज रखने की क्षमता बढ़ती है।7. सहनशीलता बढ़ाने और क्रोध पर काबू रखने में मददगार।7. शरीर में लचीलापन आता है, जिससे पीठ और पैरों के दर्द की आशंका कम होती है।9. प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों को मजबूत करने और आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद है।
10. त्वचा के रोग खत्म हो जाते हैं।सावधानियां-1. सूर्य नमस्कार सुबह शौच के बाद पूर्व दिशा में मुख करके ही करना चाहिए।2. सूर्य नमस्कार करते समय शरीर की प्रत्येक क्रिया को ध्यानपूर्वक व आराम से करना चाहिए।3. ज्ञान के अभाव में किसी योग विशेषज्ञों के निर्देशक के अनुसार ही करना चाहिए।
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- Post by Admin on 901 days, 23 hours ago
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 10 नवंबर 2021, बुधवार को मनाया जाएगा। यह पर्व खासकर उत्तर भारत का पर्व है। यह पर्व छठी माई और भगवान सूर्य का पर्व है। आओ जानते हैं कि क्या करते हैं इस दिन।1. कब है कौनसा पर्व :छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का प्रचलन और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। इस दिन सभी महिलाएं नदी, तालाब या जलाशय के तट पर सूर्य को अर्घ्य देकर उसकी पूजा करती है। यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। 8 नंबर से ही नहाय खा से इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी। 9 नंबर को खरना, 10 नवंबर को सांध्य अर्घ्य और 11 नवंबर को उषा काल का अर्घ्य दिया जाएगा।
2. संतान के सुख के लिए रखती हैं व्रत -छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगाने के लिए करती हैं। मान्यता अनुसार इस दिन निःसंतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं छठ मैया। छठ के दौरान महिलाएं लगभग 36 घंटे का व्रत रखती हैं।
3. 36 घंटे का निर्जला उपवास : इस पर्व की शुरुआत नहाय खाये से होती है जिसमें साफ-सफाई और शुद्ध शाकाहारी भोजन सेवन का पालन किया जाता है। इसके बाद सूर्य और छठी मैया को घर में स्थापित कर उनका पूजा किया गया। दूसरे दिन खरना होता है। खरना में महिलाएं नित्यकर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनती हैं और नाक से माथे के मांग तक सिंदूर लगाती हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद तैयार करती हैं। पूजा के बाद उसे ही खाती है और घर के अन्य सदस्यों को प्रसाद रूप में इसे दिया जाता है। इस भोजन को ग्रहण करने के बाद ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मइया) का आगमन हो जाता है। तब तीसरा दिन और चौथा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है जिसे सांध्य और उषा अर्घ्य कहा जाता है।
4. संध्या अर्घ्य : षष्ठी के दिन ही छठ पूजा और पर्व रहता है। इस दिन संध्या अर्घ्य का महत्व है। इस दिन कार्तिक शुक्ल की षष्ठी होती है। संध्या षष्ठी को अर्घ्य अर्थात संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और विधिवत पूजन किया जाता है। इस समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसीलिए प्रत्यूषा को अर्घ्य देने का लाभ मिलता है। कहते हैं कि शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है। शाम को बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और कुछ फल रखें जाते हैं और पूजा का सूप सजाया जाता है और तब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी दौरान सूर्य को जल एवं दूध चढ़ाकर प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा भी की जाती है। बाद में रात्रि को छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा सुनी जाती है।
5. उषा अर्घ्य : उषा अर्घ्य अर्थात इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। षष्ठी के दूसरे दिन सप्तमी को उषाकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है जिसे पारण कहते हैं। अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला में अर्घ्य दिया जाता है। यह सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। इससे सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं, जिसे पारण या परना कहा जाता है। यह छठ पर्व का समापन दिन होता है। यह मुख्य रूप से यह लोकपर्व है जो उत्तर भारत के राज्य पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग ही मनाते हैं। यहां के लोग देश में कहीं भी हो वे छठ पर्व की पूजा करते हैं ...
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4 नवंबर 2021 को दीपावली के शुभ मुहूर्त -योग : प्रीति योग प्रात: 11:10 तक उसके बाद आयुष्मान योग पूरे दिन-रात रहेगा।
शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त : प्रात: 11:42:32 से दोपहर 12:26:30 तक।
विजय मुहूर्त
: दोपहर 01:33 से 02:17 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:04 से 05:28 तक।
संध्या मुहूर्त : शाम 05:15 से 06:32 तक।
अमृत काल मुहूर्त : रात्रि 09:16 से 10:42 तक।
प्रदोष काल मुहूर्त : शाम 6:10:29 से रात 08:06:20 तक।
महानिशीथ काल मुहूर्त : रात्रि 11:38:51 से 12:30:56 तक।
दिन का चौघड़िया
शुभ- प्रात: 06:39 से 08:00 तक।
लाभ- दोपहर 12:04 से 01:25 तक।
अमृत- दोपहर 01:25 से 02:47 तक।
शुभ- शाम 04:08 से 05:29 तक।
रात का चौघड़िया
अमृत- शाम 05:29 से 07:08 तक
लाभ- रात्रि 12:04 से 01:43 तक।
शुभ- रात्रि 03:22 से 05:01 तक।...
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छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी और बड़ी दीवाली कार्तिक अमावस्या पर मनाई जाती है। दिवाली के पांच दिनी उत्सव में छोटी दिवाली के बाद बड़ी दीपावली आती है। भाई दूज के दिन यह त्योहार समाप्त हो जाता है तब कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली आती है। आओ जानते हैं कि छोटी दिवाली पर कितने दीपक कहां पर जलाए जाने चाहिए।5 दीपक : छोटी दीवाली के दिन घर में मुख्यत: पांच दीये जलाने का प्रचलन है। 1. पूजा पाठ वाले स्थान पर, 2.रसोई घर में, 3. पीने का पानी वाले स्थान पर, 4.दीया पीपल या बरगद के पेड़ तले, 5. घर के मुख्य द्वार पर। घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाए वह दीया चार मुंह वाला होना चाहिए और उसमें चार लंबी बत्तियों को जलाना चाहिए।विषम संख्या में जलाते हैं दीए : छोटी दिवाली पर 5, 7, 13, 14 या 17 की संख्या में दीए जला सकते हैं। खासकर चतुर्दशी होने के कारण 14 दीए जलाने की परंपरा और महहत्व है।1. पहला दीया रात में सोते वक्त यम का दिया जो पूराना होता है और जिसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर कूड़े के ढेर के पास रखा जाता है।2. दूसरा दीया किसी सुनसान देवालय में रखा जाता है जोकि घी का दिया होता है। इसे जलाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।3. तीसरा दीया माता लक्ष्मी के समक्ष जलाते हैं।4. चौधा दीया माता तुलसी के समक्ष जलाते हैं।5. पांचवां दीया घर के दरवाजे के बाहर जलाते हैं।6. छठा दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाते हैं।7. सातवां दीया किसी मंदिर में जलाकर रख दें।8. आठवां दीया घर में कूड़ा कचरा रखने वाले स्थान पर जलाते हैं।9. नौवां दीया घर के बाथरूम में जलाते हैं।10: दसवां दीया घर की छत की मुंडेर पर जलाते हैं।11. ग्यारहवां दीया घर की छत पर जलते हैं।11. बारहवां दीया घर की खिड़की के पास जलाते हैं।13. तेरहवां दीया- घर की सीढ़ियों पर जलाते हैं या बरामदे में।14. चौदहवां दीया रसोई में या जहां पानी रखा जाता है वहां जलाकर रखते हैं।...
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सर्दियां शुरू होते ही एलर्जी की दिक्कतें बढ़ जाती हैं, रिपोर्ट बताती है कि ठंड की शुरुआत होते ही एलर्जी के करीब 70 प्रतिशत मामले बढ़ जाते हैं। छींके आना, आंखों से पानी आना इसके मुख्य लक्षण हैं। ऐसे में सर्दियों में एलर्जी की परेशानी से बचने के लिए हम आपको बता रहें हैं कुछ खास उपाय।अगर आपको एलर्जी हैं, बार बार छींकें आती हैं तो आप को खासतौर से कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे बचाए खुद को एलर्जी से।नम कपड़े का उपयोग: धूल की सफाई के लिए सूखे कपड़े की जगह हल्के नम कपड़े का उपयोग करें। नम कपड़ा धूल को चिपका लेता है।गर्म पानी में धोएं कपड़े: कपड़ों से धूल के कण हटाने के लिए कम से कम 54 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में धोएं।मास्क पहनें: एन-95 या एफएफपी2 मास्क 0.1 से 0.3 माइक्रॉन के कणों को भी फिल्टर कर देता है। ये कण इंसानी बाल से लगभग 700 गुना तक छोटे होते हैं।अगर कई दिनों से आपकी नाक बह रही है, आंखों से पानी आ रहा है या खांसी बरकरार है। अगर इन लक्षणों के कारण आपको नींद नहीं आ पा रही है तो अलर्ट होने की जरूरत है। अगर आपको साइनस में संक्रमण, सिर दर्द और कान में संक्रमण जैसी समस्या है। ध्यान रखें कि एलर्जी से जुड़े लक्षण दिखने पर अपने मन से कोई भी दवा न लें। डॉक्टरी सलाह जरूर लें।...
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नई दिल्ली। पेंशन कोष नियामक ने अतिरिक्त विकल्प के रूप आधार ईकेवाईसी के जरिए अटल पेंशन योजना के ग्राहकों को जोड़ने की इजाजत दे दी।पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने यह कदम अटल पेंशन योजना को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उठाया है।पीएफआरडीए वर्तमान में ग्राहकों को भौतिक, और अन्य डिजिटल तरीकों से योजना से जुड़ने का ऑप्शन दे रहा है।पीएफआरडीए ने एक अधिसूचना में कहा कि योजना की पहुंच को बढ़ाने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए) आधार ईकेवाईसी के रूप में एक अतिरिक्त विकल्प प्रदान करेगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी।इसके अलावा पीएफआरडीए ने कहा कि सभी अटल पेंशन योजनाके खातों को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। आधार को अटल पेंशन योजना से जोड़ने के लिए सीआरए एजेंसी एक प्रक्रिया तैयार करेगी।
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- Post by Admin on 908 days, 21 hours ago
तुलसी एक औषधीय पौधा है। तुलसी भारत में सबसे पवित्र जड़ी बूटी मानी जाती है। इसे जड़ी बूटियों की रानी भी कहा जाता है।तुलसी की चायस्वास्थ्य की रक्षा करने वाली, दिमागी शक्ति बढ़ाने वाली और प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली होती है।सामग्री : -तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपान 100 ग्राम, ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफशा 25 ग्राम, सौंफ 250 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250 ग्राम और काली मिर्च 25 ग्राम। विधि : -सब पदार्थों को एक-एक करके इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर सबको मिलाकर किसी बरनी में भरकर रख लें। बस, तुलसी की चाय तैयार है। दो कप चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) आधा छोटा चम्मच भर लेना काफी है। दो कप पानी एक तपेली में डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे तब तपेली नीचे उतार कर आधा छोटा चम्मच मिश्रण डालकर फौरन ढक्कन से ढंक दें। थोड़ी देर तक उबलने दें फिर छानकर कप में डाल लें।इस चाय में दूध नहीं डाला जाता। मीठा करना चाहें तो उबलने के लिए आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और गरम होने के लिए रख दें।
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- Post by Admin on 909 days, 23 hours ago
हिन्दू धर्म में पाताल लोककी चर्चा सदियों से ही धर्मग्रंथों में होती रही है। अब इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने भी पाताल का रास्ता खोजा है। 50 सालों से ज्यादा समय से लोगों को यही बताया जा रहा है कि धरती का केंद्र लोहे का एक ठोस गोला है। जिसके बाहर तरल कोर है। लेकिन हाल ही में जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इनर कोर पूरी तरह से ठोस नहीं है। यह ठोस गोला कई जगहों पर थोड़ा नरम से लेकर तरल धातु की तरह है यानी पिलपिला है।इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल की भूकंप विज्ञानी जेसिका इरविंग ने कहा कि हम जितना ज्यादा धरती के इनर कोर का अध्ययन कर रहे है, उतने ही नए खुलासे हो रहे हैं। धरती का इनर कोर किसी बोरिंग ठोस लोहे का गोला नहीं है। हम धरती के केंद्र में एक पूरी नई दुनिया देख रहे हैं। धरती का केंद्र तब तक एक बड़ा रहस्य था, जब तक जूल्स वर्ने ने 1864 में 'जर्नी टू द सेंटर ऑफ द अर्थ' नहीं लिखी थी।रेट बटलर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कैसे उन लोगों ने बड़े भूकंपों से उटने वाले भूगर्भीय तरंगों की जांच की। उन्होंने धरती पर आए बड़े भूकंपों से निकलने वाली तरंगों को 5 अलग-अलग स्थानों पर मापा। उन्होंने देखा कि तरंगें धरती के कोर तक जाती हैं, फिर वहां से निकलकर पूरी दुनिया में फैलती हैं। इसका मतलब ये है कि इनर कोर के अंदर धातु ठोस, तरल और नरम तीनों रूप में मौजूद है। यह एक अलग तरह की दुनिया है जिसके बारे में बरसों बाद पता चला है...
- Post by Admin on 910 days, 22 hours ago
1 मेथीदाना -इनमें फाइबर्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो कब्ज को दूर कर आंतों को साफ रखने में मदद करते हैं। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी मेथीदाने फायदेमंद हैं। साथ ही इनका सेवन महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को भी कम करता हैं।2 खसखस -ये फोलेट, थियामिन और पैंटोथेनिक एसिड का अच्छा सोर्स होता हैं। इसमें मौजूद विटामिन बी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अलसी -अलसी या फ्लैक्स सीड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड का एकमात्र शाकाहारी सोर्स माना जाता हैं। अलसी का सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर हमारे दिल को भी हेल्दी रखता हैं।4 मुनक्का -इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन काफी मात्रा में होते हैं। मुनक्के का नियमित सेवन कैंसर कोशिकाओं में बढ़ोतरी को रोकता है। इससे हमारी स्किन भी हेल्दी और चमकदार रहती है। एनीमिया और किडनी स्टोन के मरीजों के लिए भी मुनक्का फायदेमंद है।5 खड़े मूंग -इनमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। इनका नियमित सेवन कब्ज दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पोटेशियम और मैग्नेशियम भी भरपूर मात्रा में होने की वजह से डॉक्टरस हाई बीपी के मरीजों को इसे रेगुलर खाने की सलाह देते है।6 काले चने -इनमें फाइबर्स और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होती हैं जो कब्ज दूर करने में सहायक होते है।7 बादाम -इसमें मैग्नीशियम होता है जो हाई बीपी के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से भीगी हुई बादाम खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है।8 किशमिश -किशमिश में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। भीगी हुई किशमिश को नियमित रूप से खाने से स्किन हेल्दी और चमकदार बनती है। साथ ही शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है।...
- Post by Admin on 911 days, 22 hours ago
दिवाली के पूर्व पुष्य नक्षत्र और धनतेरसका दिन खरीदारी का दिन होता है। इस दिन खरीदी गई वस्तु अक्षय फल वाली होती है। धन तेरस पर खासकर 6 वस्तुएं जरूर खरीदना चाहिए क्योंकि इन्हें खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है। इन्हें शुभ मुहूर्त में जरूर खरीदें।1. खरीदें धनिया : धनतेरस पर खासकर धनिया (खड़ा धनिया) खरीदना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से धन का नुकसान नहीं होता है। किवदंति अनुसार ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करने और भगवान धनवंतरि के चरणों में धनिया चढ़ाने के बाद उनसे प्रार्थना करने से मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति तरक्की करता है। पूजा के बाद आप धनिया का प्रसाद बनता है जिसे सब लोगों के बीच वितरित किया जाता है।2. झाड़ू खरीदें : धन तेरस पर नई झाड़ू खरीदकर उसकी पूजा की जाती है। घर में नई झाड़ू लाने के अलावा आप किसी मंदिर में या किसी सफाईकर्मी को अच्छी वाली झाड़ू खरीदकर दान कर सकते हैं। इससे लक्ष्मी माता आप पर प्रसन्न होंगी। ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है और इससे दरिद्रता का नाश होता है। धनतेरस के दिन घर में नई झाड़ू लाने के बाद इस पर एक सफेद रंग का धागा बांध देना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर की आर्थिक स्थिति सुधर जाती है।3. पीली कौड़ियां : धन समृद्धि बढ़ाने के लिए कौड़ियां खरीदकर उसकी पूजा करते हैं और उसे तिजोरी में रखते हैं। कौड़ीयां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें। बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रखें। इसके अलावा इस दिन 13 दीपक जलाएं और घर के सभी कोने में रख दें। आधी रात के बाद सभी दीपकों के पास एक एक पीली कौड़ियां रख दें। बाद में इन कौड़ियों को जमीन में गाड़ देते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में अचानक से धनवृद्धि होगी।4. पीतल का बर्तन : इस दिन पीतल का बर्तन खरीदना चाहिए क्योंकि पीतल भगवान धन्वंतरी की धातु है। पीतल खरीदने से घर में आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभता आती है। पीतल गुरु की धातु है। यह बहुत ही शुभ है। बृहस्पति ग्रह की शांति करनी हो तो पीतल का इस्तेमाल किया जाता है।5. नमक खरीदें : धनतेरस से बाजार से नमक का नया पैकेट खरीदकर लाएं और घर में इसी नमक का उपयोग करें। इससे आपके घर में धन समृद्धि बढ़ेगी। थोड़ासा खड़ा नमक भी लेकर आएं और इसे घर के पूर्व और उत्तर दिशा में एक कटोरी में रख दें। इससे वास्तु दोष दूर होगा।6. सोना- चांदी : इस दिन सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा भी है। सोना भी लक्ष्मी और बृस्पति का प्रतीक है इसलिए सोना खरीदने की परंपरा है। इस दिन चांदी खरीदना चाहिए क्योंकि चांदी कुबेर देव की धातु है। इस दिन चांदी खरीदने से घर में यश, कीर्ति, ऐश्वर्य और संपदा में वृद्धि होती है। चांद्र चंद्र की धातु है जो जीवन में शीतलता और शांति को स्थापित करती है।शुभ मुहूर्त-त्रयोदशी तिथि समय : द्वादशी प्रात: 11:31 तक उसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारंभ।
योग : त्रिपुष्कर योग-दिन के मुहूर्त :त्रिपुष्कर योग- प्रात: 06:06 से 11:31 तक। इस योग में भी खरीदारी की जा सकती है।धनतेरस मुहूर्त- 06 बजकर 18 मिनट और 22 से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकंड तक का मुहूर्त है। इस काल में पूजा की जा सकती है।अभिजीत मुहूर्त– सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक। इस मुहूर्त में खरीदारी की जा सकती है। यह सबसे शुभ मुहूर्त है।विजय मुहूर्त- दोपहर 01:33 से 02:18 तक।शाम और रात के मुहूर्त :गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:05 से 05:29 तक।
प्रदोष काल- 5 बजकर 35 मिनट और 38 सेकंड से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकंड तक रहेगा। इस काल में पूजा की जा सकती है।धनतेरस मुहूर्त- शाम 06:18:22 से 08:11:20 तक। इस काल में पूजा और खरीदी दोनों ही जा सकती है।वृषभ काल– शाम 06:18 से 08:14: तक।निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:16 से 12:07 तक।दिन का चौघड़िया :लाभ- प्रात: 10:43 से 12:04 तक।अमृत- दोपहर 12:04 से01:26 तक।शुभ- दोपहर 02:47 से 04:09 तक।रात का चौघड़िया :लाभ- 07:09 से 08:48 तक।शुभ- 10:26 से 12:05 तक।अमृत- 12:05 से 01:43 तक।...
- Post by Admin on 912 days, 22 hours ago
दीवाली जैसे त्योहार का समय आ रहा है, ऐसे में घर का काम, ऑफिस, खरीददारी और मेहमानों के बीच खान-पान, हेल्थ नींद सबकुछ डिस्टर्बहो जाता है। ऐसे में जानना जरूरी है कि सीजन के समय में कैसे अपने आप को फिट और ऊर्जावान बनाए रखें।एक्सरसाइज करें - बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए व्यायाम करना बहुत जरूरी है। ये पाचन में मदद करता है। पाचन संबंधित स्मस्याओं को दूर करता है। सुबह और शाम योगा करें। लंबी सैर पर भी जा सकते हैं।फूड हेबिट - अपनी डाइट में ताजे फल और पत्तेदार सब्जियों का सेवन भी बढ़ाएं। ये फाइबर से भरपूर होते हैं। विटामिन सी से भरपूर भोजन करें। ये ब्लॉटिंग और अपच की समस्या को दूर रखेंगे। पपीता, अनानास और सेब जैसे फलों में डिटॉक्स करने वाले गुण होते हैं।हाइड्रेटेड रहें- दीवाली की खरीदारी से लेकर घर के काम तक हम बेहद बिजी रहते हैं। ऐसे में डिहाइड्रेशन और सुस्त होने से बचने के लिए खुद को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। इसलिए अपने साथ पानी की बोतल रखें और हर घंटे में पानी पीते रहें।
नींद निकालें - दिमाग को डिटॉक्सीफाई करना उतना ही जरूरी है जितना कि शरीर को डिटॉक्स करना। रात की अच्छी नींद मस्तिष्क से टॉक्सिन को बाहर निकालने और दिनभर की थकान से उबरने में मदद करती है। आप हर रात करीब 8 घंटे की नींद लें।...
- Post by Admin on 913 days, 22 hours ago
अक्सर नींद पूरी करने के बाद भी नींद आती रहती है। और जब नींद आती है तब आप किसी भी कार्य को 100 फीसदी से नहीं कर पाते हैं। और काम से लिंक टूट जाती है। हालांकि वर्क फ्रॉम होम के दौरान हम सो भी जाते थे तो कोई नहीं देखता था लेकिन ऑफिस में ऐसा संभव नहीं है। इसके लिए 10 आसान टिप्स है। जिन्हें आप फ़ॉलो कर अपनी नींद कोभगा सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा आपकी नींद कब उड़ गई। तो आइए जानते हैं काम के वक्त नींद उड़ाने के 10 आसान टिप्स -1. अगर आपको काम के दौरान लगातार नींद आ रही है या झोंके आ रहे हैं तो अपनी जगह से उठकर थोड़ी देर वॉक करें। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में किए गए एक सर्वे मेंसामने आया कि 10 मिनट वॉक करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। ऑक्सीजन लेवल आपकी नसों की जरिए दिमाग और मसल्स तक पहुंचता है। जिससे आपकी नींद खुलजाएगी। 2. कम्प्यूटर के सामने लगातार देखने से आपकी आंखें थक जाती है। और वह भी नींद का कारण बन जाता है। अगर आपको बहुत अधिक नींद आती है तो अपनी आंखों को थोड़ी देर के लिए आराम दें। ऑफिस में अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे आंखों की एक्सरसाइज करें।3. अपनी रूचि की बात करें। जी हां, एक स्टडी में खुलासा हुआ कि अगर आप अपनी रूचि की बात करेंगे तो आपकी नींद तुरंत खुल जाएगी और आपको पता भी नहीं चलेगा। ऐसा करने से दिमाग एक्टिव हो जाता है।4.जितना कम लाइट में काम करेंगे उतनी अधिक नींद आएगी। इसलिए संतुलित रोशनी में काम करें जिससे आपको नींद नहीं आएं। दरअसल, कम लाइट में काम करने से मेलाटोनिन हार्मोन बढ़ जाते हैं जिससे आपको नींद आने लगती है।5. नींद आने पर गहरी सांस लें। ऐसा अपनी सीट पर बैठकर भी कर सकते हैं। इससे दिल की धड़कन कम होती है और बीपी भी सामान्य होता है। जिससे परफॉर्मेंस और एनर्जी लेवलबढ़ता है।6. चाय या कॉफी पी सकते हैं। हालांकि कैफीन का सेवन बहुत अधिक जरूरत होने पर ही करना चाहिए। लेकिन बहुत अधिक नींद आ रही है तो सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन कर सकते हैं।.अगर आपको हद से ज्यादा नींद आ रही है तो एक झपकी जरूर लें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। एकदम फ्रेश मूड से काम को शुरू कर सकेंगे।8. जब अगर किसी काम को करते-करते आपको नींद आ रही है तो उसे थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। दूसरा काम करें। इससे आपकी नींद उड़ जाएगी। जब लगातार बैठकर आप काम करते रहते हैं तो बोरियत महसूस होने लगती है। इस बीच में दूसरी एक्टिविटी भी करते रहे। जिससे नींद भी नहीं आएगी और बोरियत भी महसूस नहीं होगी।9.कई बार रात को जब नींद पूरी नहीं होती है तो इसके भी दो कारण होते हैं। पहला बॉडी में विटामिन डी की कमी और एक जगह बैठे रहना। जी हां, इसके लिए रोज सूरज की धूपजरूर लें और 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।10.हेल्दी स्नैक्स खाने से भी नींद उड़ जाती है। और उसका दिमाग पर अच्छा असर पड़ता है। इतना ही नहीं आप फ्रेश माइंड के साथ काम की शुरुआत करते हैं।...
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कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, इस दिन को करवाचौथ कहते हैं। रात में चंद्रमा के दर्शन करने और छलनी से पति का चेहरा देखने के बाद महिलाएं यह व्रत पूरा करती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन यह व्रत किया जाता है और इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर रविवार को है।करवा चौथ पर इस बार 5 साल बाद यह शुभ संयोग बन रहा है कि करवा चौथ के व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जाएगी। रोहिणी नक्षत्र सुहाग संबंधी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। रविवार को व्रत होने से भी सूर्यदेव का शुभ प्रभाव भी इस व्रत पर रहेगा।करवा चौथ व्रत करने से न सिर्फ पति की आयु लंबी होती है बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सुहाग के व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और परिवार संकट से दूर रहता है। इस दिन माता पार्वती, शिवजी और कार्तिकेय का पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।करवा चौथ की तिथि और मुहूर्त-कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार 24 अक्टूबर को है। इस दिन रविवार है। इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर को रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और समापन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर होगा।करवा चौथ के दिन सुबह उठकर सरगी का सेवन किया जाता है और उसके बाद स्नान करके घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत का आरंभ किया जाता है। करवा चौथ का व्रत पूरे दिन निर्जला किया जाता है और उसके बाद शाम के समय तुलसी के समक्ष बैठकर करवा चौथ के व्रत की विधि विधान से पूजा की जाती है। चांद निकलने से पहले थाली में धूप-दीप, रोली, अक्षत, पुष्प और मिठाई रख लें। करवे में अर्घ्य देने के लिए जल भर लें और फिर चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर छलनी से पति का चेहरा देखकर व्रत खोल लें, पूरा कर लें...।...
- Post by Admin on 915 days, 21 hours ago
करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है जो सुहागिन के लिए बहुत मायने रखता है। और पति के दीर्घायु के लिए व्रतरखती है। त्योहार के दिनों में महिलाओं को बहुत सारे काम होते हैं। हालांकि जाने-अनजाने में महिलाओं को कुछ कार्य करवा चौथ के दिन नहीं करना चाहिए। जिससे सीधे उनकी सेहत,पर असर पड़ता है। आइए जानते हैं व्रत से पहले और व्रत के बाद किन बातों का ध्यान महिलाओं को जरूर रखना चाहिए। ताकि सेहत भी बनी रहे।करवा चौथ व्रत से पहले महिलाओं को सेहत का ख्याल रखते हुए क्या करना चाहिए -- रात को जल्दी सोए ताकि सुबह उठने में आपको थकान भी महसूस नहीं हो और फ्रेश महसूस करें।- सूर्योदय से पूर्व तक महिलाएं खा सकती है। ऐसे में सरगी में पौष्टिक आहार शामिल करें ताकि लंबे वक्त तक पेट भरा रहे। फल, दूध, ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। यह चीजें थोड़ी मात्रा में खाने पर भी पेट भरा जाता है।- कोशिश करें पेट भर कर खाना ही खाएं। तला-भुना खाने से बचें।- व्रत के दिन बहुत अधिक काम नहीं करें। खुद को व्यस्त रखने के लिए परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।- व्रत के दिन बहुत अधिक टीवी और मोबाइल नहीं चलाएं। इससे आपकी आंखों पर जोर पड़ेगा।- रात को सोने से पहले सूखे मेवे का उबला हुआ दूध पीएं। इससे आपका पेट लंबे वक्त तक भरा रहेगा और कमजोरी महसूस नहीं होगी।
-सरगी में कीवी का भी सेवन करें। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।- नारियल पानी या आंवले का मुरब्बा दोनों का सेवन कर सकती हैं, दोनों ही सेहत के लिए गुणकारी है। इसका सेवन करने से थकान महसूस नहीं होगी।- व्रत के दिन भूलकर भी किसी प्रकार का व्यायाम, योग या जिम नहीं जाएं। इससे आपको अधिक थकावट हो सकती है।- व्रत से एक दिन पहले एकदम लाइट भोजन ही करें। ऐसा करने से आपको अगले दिन बहुत अधिक प्यास नहीं लगेगी।
व्रत खोलने के बाद क्या नहीं करना चाहिए -अक्सर देखा जाता है कि व्रत के बाद डिनर में बहुत सारी स्वादिष्ट डिश बनाई जाती है। लेकिन यह व्रत करने वाली महिलाओं को जरा भी हैवी चीजें नहीं खाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दिनभर आप भूखे रहते हैं जिससे आपका शरीर कमजोर हो जाता है और अचानक से हैवी चीजें खाने से आपकी सेहत पर उल्टा असर पड़ सकता है। जैसे जी मचलाना, कमजोरीलगना, पेट गड़बड़ हो जाना, पेट दर्द आदि।- व्रत के बाद बहुत अधिक पानी नहीं पीएं। थोड़ा- थोड़ा पानी पींए। अन्यथा उल्टी हो सकती है या जी घबरा सकता है।- व्रत पारण के बाद तुरंत चाय नहीं पीएं। इससे एसिडिटी हो सकती है।
- व्रत पारण के बाद पेट भरकर नहीं खाएं। इससे आपकी तबियत बिगड़ सकती है।...
- Post by Admin on 920 days, 22 hours ago
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने अपने आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है। इसके अलावा बैंक ने वाहन ऋण पर ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कमी की है।बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस कटौती के बाद बीओआई की आवास ऋण दर 6.50 प्रतिशत से शुरू होगी। पहले यह 6.85 प्रतिशत थी। वहीं बैंक के वाहन ऋण पर ब्याज दर 7.35 से घटकर 6.85 प्रतिशत रह गई है।बैंक ने कहा कि यह विशेष दर 18 अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक लागू रहेगी। नए ऋण तथा ऋण के स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों के लिए नई ब्याज दर लागू होगी। इसके साथ ही बैंक ने 31 दिसंबर, 2021 तक आवास तथा वाहन ऋण पर प्रोसेसिंग शुल्क को समाप्त कर दिया है...
- Post by Admin on 920 days, 22 hours ago
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने अपने आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है। इसके अलावा बैंक ने वाहन ऋण पर ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कमी की है।बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस कटौती के बाद बीओआई की आवास ऋण दर 6.50 प्रतिशत से शुरू होगी। पहले यह 6.85 प्रतिशत थी। वहीं बैंक के वाहन ऋण पर ब्याज दर 7.35 से घटकर 6.85 प्रतिशत रह गई है।बैंक ने कहा कि यह विशेष दर 18 अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक लागू रहेगी। नए ऋण तथा ऋण के स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों के लिए नई ब्याज दर लागू होगी। इसके साथ ही बैंक ने 31 दिसंबर, 2021 तक आवास तथा वाहन ऋण पर प्रोसेसिंग शुल्क को समाप्त कर दिया है...
- Post by Admin on 921 days, 23 hours ago
देश के कई हिस्सों में डेंगू के मामले बढ़ते नज़र आ रहे हैं। डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। इसलिए इस मौसम में अगर आपको बुख़ार आता है, तो डेंगू की जांच ज़रूर करा लें। डेंगू होने पर बुखार के अलावा सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द भी होता है।इसके अलावा आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमज़ोरी, भूख न लगना, गले में दर्द होना, मुंह का स्वाद खराब हो जाना और शरीर पर रैशेज़ जैसे लक्षण भी नज़र आ सकते हैं। इससे बचने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि यह होता कैसे है।डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं।जो शख्स डेंगू से पीड़ित होता है, उसके शरीर में काफी मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। इसके अलावा जब कोई एडीज़ मच्छर किसी डेंगू के मरीज़ को काटता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ शख्स को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है। क्योंकि मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। जिससे वह शख्स भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है।हालांकि, डेंगू के मरीज़ से हाथ मिलाने, उसके साथ बैठने या उसके मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के ज़रिए डेंगू नहीं होता। लेकिन क्योंकि डेंगू दूसरे तरीके से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलाता है, इसलिए इसे संक्रामक रोग ही माना जाता है।इसके अलावा डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाले चार तरह के वायरस के कारण होता है। इनमें सभी वायरस एडीज़ एजिप्टी या फिर एडीज एल्बोपिक्टर मच्छर की प्रजातियों के जरिए फैलते हैं।
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- Post by Admin on 922 days, 22 hours ago
दीपावली के त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। संपूर्ण भारत में इसकी जगमग रहती है। आइए जानते हैं कि 2021 में दिवाली कब है और दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के क्या है शुभ मुहूर्त और चौघड़िया।कब है दिवाली : धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को आाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह त्योहार 4 नबंबर 2021 गुरुवार को मनाया जाएगा और इसके एक दिन पहले धनतेरस और एक दिन बाद भाईदूज का त्योहार रहेगा।क्या है दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त :-1. प्रदोष काल मुहूर्त : शाम 6 बजकर 10 मिनट और 29 सेकंड से रात 8 बजकर 6 मिनट और 20 सेकंड तक रहेगा। यह समय आम लोगों के लिए है।2. महानिशीथ काल मुहूर्त : रात्रि 11 बजकर 38 मिनट 51 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 56 तक। यह समय तंत्र पूजा के लिए है।दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त :-शुभ : सुबह 6 बजकर 34 मिनट और 53 सेकंड से प्रात: 7 बजकर 57 मिनट अर 17 सेकंड तक।
चर, लाभ और अमृत : प्रात: 10 बजकर 42 मिनट 6 सेकंड से दोपहर 2 बजकर 49 मिनट और 20 सेकंड तक रहेगा।सायंकाल शुभ, अमृत और चर : शाम 4 बजकर 11 मिनट और 45 सेकंड से 8 बजकर 49 मिनट और 31 सेकंड तक।नोट : स्थानी पंचांग के अनुासर मुहूर्त में घट-बढ़ रहती है।...
- Post by Admin on 924 days, 21 hours ago
फेसबुक की एक सीक्रेट ब्लैकलिस्ट लीक हुई है। इसमें कुछ चौंकाने खुलासे हुए हैं। इसमें श्वेत वर्चस्ववादी, मिलिट्री राइज्ड सोशल मूवमेंट और कथित आतंकवादी शामिल हैं। इसमें फेसबुक खतरनाक मानता है।इस ब्लैकलिस्ट में 4,000 से अधिक लोगों और ग्रुपों की जानकारी है, जिन्हें खतरनाक माना गया है। भारत से बाहर मौजूद 10 आतंकवादी, उग्रवादी या चरमपंथी संगठन भी शामिल हैं, जो काफी खतरनाक माने गए हैं।फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर एक्टिव नहीं होने की अनुमति देने वाली ‘डेंजरस इंडिविजुअल्स एंड ऑर्गेनाइजेशन्स’ की लिस्ट को द इंटरसेप्ट ने मंगलवार को लीक कर दियासद इंटरसेप्ट के अनुसार हिन्दुत्व समूह सनातन संस्था, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) उस फेसबुक ब्लैकलिस्ट में शामिल भारत के 10 ग्रुप्स हैं। इसके अतिरिक्त ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, खालिस्तान टाइगर फोर्स, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक भी लिस्ट में हैं।इंडियन मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद के अफजल गुरु स्क्वाड और भारत और कई देशों में एक्टिव इस्लामिक स्टेट और तालिबान जैसे वैश्विक संगठनों के विभिन्न स्थानीय या उप-समूह सहित कई इस्लामी चरमपंथी और आतंकवादी समूह भी ब्लैकलिस्ट में शामिल हैं।...
- Post by Admin on 925 days, 22 hours ago
अगर आपकी हड्डियां मजबूत है तो आपका शरीर भी मजबूत होगा। और आप फिट रहेंगे। शरीर में हड्डियां कमजोर होने पर शरीर के अन्य अंग पर भी असर पड़ता है। इसलिए कहते हैं भले ही आप स्वस्थ हो लेकिन शरीर का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम के साथ अन्य पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है। आइए जानतेहैं हड्डियों को मजबूत करने के लिए कौन-से विटामिन अहम होते हैं -1.कैल्शियम - कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है। इसके लिए डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, दूध और इससे बनी चीजें पनीर, दही जरूर खाएं। हड्डियों को कमजोरी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा आप बादाम, चावल, सोया से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं। ब्रोकली, हरी सब्जियां, फलियों में भी कैल्शियम मौजूद होता है।2. विटामिन डी - विटामिन डी की शरीर में कमी होने से ज्वाइंट पेन होने लगता है। इसका सबसे अच्छा सोर्स है सूर्य। रोज सुबह 15 मिनट सूरज की धूप लेना चाहिए। इसके अलावा संतरा, गाय का दूध, मशरूम जैसी चीजें भी डाइट में शामिल कर सकते हैं।3. प्रोटीन - हड्डियों के लिए कैल्शियम जितना जरूरी है उतना ही प्रोटीन भी। बता दें कि फ्रैक्चर होने पर प्रोटीन का सेवन करने की सलाह दी जाती है। डेयरी प्रोडक्ट में तो प्रोटीनमिलता है इसके अलावा कद्दू के बीज, अमरूद, टोफू में भी प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है।4. पोटेशियम और मैग्नीशियम - हड्डियों को मजबूत करने के लिए यह पोषक तत्व होना भी जरूरी है। इसके लिए आप हलिबूट, पालक, सोयाबीन डाइट में शामिल कर सकते हैं।5. अन्य पोषक तत्व - विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन बी भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। भोजन में सलाद जरूर खाएं। साथ ही बादाम, काजू का भी सेवन करें।...
- Post by Admin on 927 days, 22 hours ago
देश में कोरोना की रफ्तार भले कम हो गई हो, लेकिन रेल मंत्रालय इसे लेकर कोई ढील देना नहीं चाहता है। रेलवे ने अपने पहले के आदेश को 6 महीने और बढ़ा दिया है। इसमें ट्रेन में मास्क पहनकर यात्रा करना अनिवार्य है। नियम के मुताबिक रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अभी भी मास्क पहनना आवश्यक है।
रेल मंत्रालय ने ऐसा नहीं पाए जाने पर संबंधित यात्री या यात्री को छोडऩे आए व्यक्ति से 500 रुपए का जुर्माना वसूलने के आदेश दिए हैं। रेल मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह आदेश कोरोना काल में लागू किया गया था, लेकिन उसकी अवधि समाप्त हो गई थी। रेलवे ने इस आदेश को 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया। अगर कोरोना पूरी तरह से खत्म हो जाता है तो इस आदेश को बीच में भी निरस्त किया जा सकता है।
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- Post by Admin on 928 days, 21 hours ago
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को देश भर में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव रखा है।भारत में डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ रहे हैं और मोबाइल ऐप के जरिए भी लोग छोटे-बड़े भुगतान कर रहे हैं। लेकिन कई बार इंटरनेट की वजह से डिजिटल भुगतान नहीं हो पाता है। अब भारतीय रिजर्व बैंक एक ऐसा ढांचा तैयार कर रहा है जिसके तहत ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट मुमकिन होंगे। जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है, वहां भी ऑफलाइन मोड में डिजिटल लेनदेन किया जा सकेगा।आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली इस नई तकनीक का पायलट सफल रहा है और सीख से संकेत मिलता है कि इस तरह के समाधान पेश करने की गुंजाइश खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में है। 6 अगस्त 2020 को विकासात्मक और नियामक नीतियों पर आरबीआई के वक्तव्य ने नवीन प्रौद्योगिकी के पायलट परीक्षण करने के लिए एक योजना की घोषणा की थी जो उन स्थितियों जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है तो ऑफलाइन मोड में भी खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाता है।सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के तहत तीन पायलटों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया जिसमें 1.16 करोड़ रुपए के मूल्य के 2.41 लाख की मात्रा को कवर करने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन शामिल थे। पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव और उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए, आरबीआई ने अब पूरे देश में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव दिया था।पिछले साल से ही कोरोना वायरस के दौरान देश में डिजिटल भुगतान में तेजी आई थी। लोग नोट संक्रमण से बचने के लिए यूपीआई या फिर बैंक कार्ड द्वारा भुगतान करना पसंद कर रहे हैं। बैंकों द्वारा भी डिजिटल पेमेंट पर तरह तरह के ऑफर दिए जाते हैं जिससे यह आकर्षक होता जा रहा है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवा देने वाले भी अपने ग्राहकों को कई तरह के कैशबैक और कूपन देते हैं।इसी साल सितंबर महीने में डिजिटल पेमेंट ने नया रिकॉर्ड बनाया है। इस दौरान साढ़े छह लाख करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। सितंबर लगातार तीसरा महीना है जब यूपीआई के जरिए 3 अरब से ज्यादा के लेनदेन हुए। यूपीआई से भुगतान करना आसान होता है, क्योंकि इसमें सिर्फ नंबर या फिर बैंक खाता या क्विक रिस्पॉन्स कोड को स्कैन कर तुरंत पैसे भेजे जा सकते हैं। भारत में कई ऐसे इलाके हैं जहां इंटरनेट की पहुंच बहुत कमजोर है या न के बराबर है। ऐसे में यह सुविधा उन लोगों को काफी लाभ दे सकती है।...
- Post by Admin on 929 days, 22 hours ago
त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है। ऑनलाइन के साथ ही कुछ ऐसा कार्य भी रहता है जब बैंक जाने की आवश्यकता रहती है। अक्टूबर 2021 में नवरात्र, दशहरा समेत में कई सारे त्योहार आ रहे हैं। इस कारण से देश के अलग-अलग शहरों में कुल 13 दिन बैंक बंद रहेंगे। जान लीजिए कौनसी तारीख को बैंक रहेंगे बंद-10 अक्टूबर- रविवार (साप्ताहिक अवकाश)।
12 अक्टूबर-दुर्गा पूजा (महा सप्तमी) – अगरतला, कोलकाता में बैंक बंद।
13 अक्टूबर- दुर्गा पूजा (महा अष्टमी) – अगरतला, भुबनेश्वर, गंगटोक, गुवाहाटी, इंफाल, कोलकाता, पटना और रांची में बैंक बंद।
14 अक्टूबर- दुर्गा पूजा / दशहरा (महा नवमी) / आयुथ पूजा- अगरतला, बेंगलूरु, चेन्नई, गंगटोक, गुवाहाटी, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता। लखनऊ, पटना, रांची, शिलांग और तिरुवनंतपुरम में बैंक बंद।
15 अक्टूबर- दुर्गा पूजा / दशरा / विजयादशमी- इंफाल और शिमला को छोड़ अन्य स्थानों पर बैंक बंद।
16 अक्टूबर-दुर्गा पूजा (दशैन)- गंगटोक में बैंक बंद।
17 अक्टूबर- रविवार (साप्ताहिक अवकाश)।
18 अक्टूबर-कटी बिहू- गुवाहाटी में बैंक बंद।
19 अक्टूबर- ईद-ए-मिलाद / ईद-ए-मिलादुन्नबी / मिलाद-ए-शरीफ / बारावफात- अहमदाबाद, बेलापुर, भोपाल, चेन्नई, देहरादून, हैदराबाद, इंफाल, जम्मू, कानपुर, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, रायपुर, रांची, श्रीनगर और तिरुवनंतपुरम में बैंक बंद।
20 अक्टूबर-महर्षि वाल्मीकि का जन्म दिन / लक्ष्मी पूजा / ईद-ए-मिलाद- अगरतला, बेंगलूरु, चंडीगढ़, कोलकाता और शिमला में बैंक बंद।
22 अक्टूबर-ईद-ए-मिलाद-उल-नबी के बाद का शुक्रवार- जम्मू और श्रीनगर में बैंक बंद।
23 अक्टूबर- शनिवार (महीने का चौथा शनिवार)।
24 अक्टूबर- रविवार (साप्ताहिक अवकाश)।
26 अक्टूबर-विलय दिवस- जम्मू और श्रीनगर में बैंक बंद।
31 अक्टूबर- रविवार (साप्ताहिक अवकाश)।...
- Post by Admin on 931 days, 22 hours ago
यदि आप शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक उपवास करने जा रहे हैं तो उपवास में कई लोग खिचड़ी, फलाहार आदि उपवास की चीजें खाते हैं। यदि आप पूर्णोपवस नहीं कर रहे हैं तो जानिए यहां नौ दिनों का डाइट प्लान।नवरात्रि व्रत नियम : इन 10 नियमों के अनुसार ही करें उपवास
1. दिन की शुरुआत गुनगुने पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, मिल्क शेक या ग्रीन टी से करें। चाय या दूध कतई नहीं पिएं, तभी आपको व्रत का फायदा होगा।
2. इसके बाद ब्रेकफास्ट में आप फल, ड्राई फ्रूट और किशमिश या मुनक्का का सेवन कर सकते हैं। लेकिन हमारी सलाह है कि हो सके तो आप ब्रेकफास्ट ना लें।
3. लंच के समय साबूदाने या मोरधन की खिचड़ी का सेवन करें जिसमें आलू मिले हों। पेटभर का खिचड़ी ना खाएं। हो सके तो खिचड़ी दही मिलाकर खाएं।
4. लंच के दौरान कुछ लोग राजगिरे, कद्दू या सिंघाड़े का आटे की रोटी बनाकर आलू या भींडी की सब्जी से खाते हैं। पेटभर ना खाएं।
5. लंच के बाद एक गिलास छाछ ले सकते हैं। अगर आपको लो बीपी की समस्या है तो उसमें सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं।
6. लंच के बाद यदि आपको 4 या 5 बजे के आसपास भूख लगे तो आप दही खा सकते हैं। आप मिल्क शेक या ग्रीन टी भी ले सकते हैं।
7. शाम को स्नैक्स के रूप में आलू की चिप्स का उपयोग कर सकते हैं।
8. यदि आप डिनर में फिर से खिचड़ी खाना पसंद नहीं करते हैं तो डिनर के समय चकूंदर या अनार के रस का सेवन करें यह बहुत ही फायदेमंद रहेगा।
9. सोने से पहले एक गिलास हल्का गुनगुना दूध पीना अच्छा रहेगा। हालांकि यदि आप कुछ नहीं पिएंगे तो बेहतर रहेगा।
नोट : आपको यदि किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या है जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि तो आपको डॉक्टर की सलाह अनुसार ही उपवास करना चाहिए।...
- Post by Admin on 937 days, 22 hours ago
इस बार पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021, सोमवार से प्रारंभ हुआ हैं और अब इसका समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अर्थात सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या को होगा। इस बार इस दिन 11 साल बाद गजछाया योग बना रहा है। इस दिन कुमार योग और सर्वार्थसिद्धि योग भी है। इस दिन सूर्य, चंद्रमा, मंगल और बुध ग्रह मिलकर कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बना रहे हैं। ऐसे में कुतुप काल में श्राद्ध करना अत्यंत ही चमत्कारिक फल देने वाला होगा।1. छह 6 अक्टूबर को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 04:34 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे। अमावस्या के दिन यह विशिष्ट योग सूर्योदय से शाम के करीब 4.34 तक रहेगा। यह स्थिति को ही गजछाया योग कहते हैं। यह भी कहा जाता है कि जब सूर्य हस्त नक्षत्र पर हो और त्रयोदशी के दिन मघा नक्षत्र होता है तब 'गजच्छाया योग' बनता है।2. शास्त्रों के अनुसार इस योग में श्राद्ध कर्म अर्थात तर्पण, पिंडदान, पंचबलि कर्म, ब्राह्मण भोज, घी मिली हुई खीर का दान, वस्त्र आदि कर्म करने से पितृ प्रसन्न होकर आशीवार्द देते हैं। यह योग उनकी मुक्ति और तृप्ति के लिए उत्तम योग है। कहते हैं कि गजछाया योग में किए गए श्राद्ध और दान से पितरों की अगले 12 सालों के लिए क्षुधा शांत हो जाती है। यह श्राद्धकर्म के लिए अत्यन्त शुभ योग है। इसमें किए गए श्राद्ध का अक्षय फल होता है।3. इस योग में श्राद्ध कर्म और पितृ पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है। पितृपक्ष में गजछाया योग होने पर तर्पण और श्राद्ध करने से वंश वृद्धि, धन संपत्ति और पितरों से मिलने वाले आशीर्वाद प्राप्त होता है।4. कहते हैं कि जो पितृ उनकी तिथि पर नहीं आ पाते हैं या जिन्हें हम नहीं जानते हैं उन भूले-बिसरे पितरों का भी इसी दिन श्राद्ध करते हैं। अत: इस दिन श्राद्ध जरूर करना चाहिए।5. अगर कोई श्राद्ध तिथि में किसी कारण से श्राद्ध न कर पाया हो या फिर श्राद्ध की तिथि मालूम न हो तो सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या पर श्राद्ध किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दिन सभी पितर आपके द्वार पर उपस्थित हो जाते हैं।6. सर्वपितृ अमावस्या पर पंचबलि कर्म के साथ ही पीपल की सेवा और पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ मिला लें और पीपल की जड़ में अर्पित कर दें। शास्त्र कहते हैं कि "पुन्नामनरकात् त्रायते इति पुत्रः" जो नरक से त्राण (रक्षा) करता है वही पुत्र है। इस दिन किया गया श्राद्ध पुत्र को पितृदोषों से मुक्ति दिलाता है।
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- Post by Admin on 940 days, 22 hours ago
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन घोषणा की थी। इस अभियान को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 6 केंद्रशासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है। अब यह पूरे देश में लागू हो गई है। जानिए आखिर क्या है पूरी योजना और इस योजना में कैसे बनेगा आपका हेल्थ कार्ड?हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जो एक तरह का स्वास्थ्य पहचान-पत्र होगा। ये आधार कार्ड जैसा ही होगा, जिसका 14 अंकों का रैंडम तरीके से जनरेट किया एक नंबर होगा। इसके जरिए किसी भी मरीज की निजी मेडिकल हिस्ट्री पता चल सकेगी।यह कार्ड आधार के जरिए भी बनाया जा सकेगा और सिर्फ मोबाइल नंबर से भी बनाया जा सकेगा। यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अगर आप देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो आपको कोई जांच रिपोर्ट या पर्ची आदि नहीं ले जानी होगी। आपकी सारी जानकारी हेल्थ कार्ड में मौजूद होगी। डॉक्टर सिर्फ आपकी आईडी से ये जान सकेंगे कि आपको पहले कौन-सी बीमारी रही है और आपका कहां पर क्या इलाज हुआ था। इससे आपको आपकी जांचों और मेडिकल से जुड़ी फाइलों और कागजों को रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।कैसे बनेगा आपका हेल्थ कार्ड-: एक बेहद आसान प्रक्रिया से आपका डिजिटल हेल्थ कार्ड बन जाएगा। इसके लिए सबसे पहले आपको नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की वेबसाइट ndhm.gov.in पर जाना होगा। यहां पर आपको यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने का विकल्प दिखेगा। इस ऑप्शन पर क्लिक करते ही आपका कार्ड बनने की प्रोसेस शुरू हो जाएगी।देनी होंगी ये जानकारियां : सबसे पहले तो आपसे आधार कार्ड की जानकारी ही मांगी जाएगी। आपको अपना आधार नंबर डालना होगा और उसके बाद ओटीपी डालकर वेरिफाई करना होगा। बिना आधार की जानकारी दिए हेल्थ कार्ड बनाने का ऑप्शन भी आप चुन सकते हैं। आप चाहे तो सिर्फ अपना मोबाइल नंबर बताकर भी हेल्थ कार्ड बनवा सकते हैं।ओटीपी से होगा वेरिफाई : मोबाइल नंबर देने के बाद आपको उसे ओटीपी के जरिए वेरिफाई करना होगा। आपको अपने प्रोफाइल के लिए एक फोटो, अपनी बर्ड डेट, पता सहित कुछ जानकारियां देनी होंगी। इसके लिए आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा। इसमें आपको पूरी जानकारियां देनी होंगी।इसे भरते ही आपके सामने एक हेल्थ आईडी कार्ड बनकर आ जाएगा। इसमें आपकी जानकारियां, फोटो और साथ ही एक क्यूआर कोड होगा। यह कार्ड आपके हेल्थ का पूरा डिजिटल डेटा होगा जिससे आपको भविष्य में स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाएं मिलेंगी।...
- Post by Admin on 942 days, 23 hours ago
दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल सिम लेने के नियमों को सख्त करते हुए इसमें बड़े बदलाव किए हैं। विभाग ने यह फैसला सिम कार्ड के फर्जीवाड़े पर रोक लगाए जाने के उद्देश्य से किया है।खबरों के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने कहा है कि भारत में नाबालिगों को सिम कार्ड जारी नहीं किए जाने चाहिए। इसका सीधा मतलब यह है कि अब 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर से सिम कार्ड नहीं खरीद सकता है।विभाग ने सिम लेने के नियमों को सख्त करते हुए इसमें बदलाव किया है। विभाग का कहना है कि किसी नाबालिग को सिम कार्ड बेचना दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा एक अवैध गतिविधि मानी जाएगी।विभाग का कहना है नया सिम खरीदने के लिए ग्राहकों को एक कस्टमर एक्विजिशन फॉर्म (CAF) भरना होता है। इस फॉर्म में अब संशोधन किया गया है, जिसके मुताबिक सिम कार्ड खरीदने की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है तो उसे भी सिम कार्ड नहीं बेचा जा सकता।वहीं दूसरी ओर दूरसंचार विभाग ने प्रीपेड मोबाइल को पोस्टपेड में बदलना और पोस्टपेड मोबाइल को प्रीपेड में बदलना भी आसान बना दिया है। अब आप मात्र ओटीपी के जरिए अपना सिम कार्ड कभी भी प्रीपेड या पोस्टपेड बना सकते हैं। आपको नया सिम लेने की कोई जरूरत नहीं होगी।...
- Post by Admin on 943 days, 22 hours ago
जापानी भारत के लोगों से या बाकी दुनिया से कुछ मामलों में अलग माने जाते हैं। वो फर्क यह है कि उन्हें पता होता है कि उनकी जिंदगी का मकसद क्या है, अगर उन्हें नहीं पता होता है कि जिंदगी में आने की उनकी वजह क्या है तो वे इस बारे में पता लगाते हैं।खुशहाली और लंबी उम्र। यह भी जापानियों की एक ऐसी बात है जो उन्हें दूसरों से खास बनाती है। वजह है उनके पास उनकी जिंदगी की IKIGAI होना। यह एक जापानी शब्द है। जिसका अर्थ है मकसद, या जीवन की सार्थकता।
दुनिया में हर आदमी का एक इकिगाई होता है, लेकिन अलग-अलग, सिर्फ सवाल यह है कि कौन अपने इकिगाई को खोजने का प्रयास करता है।IKIGAI एक इंटरनेशनल बेस्टसेलर किताब है। यह Héctor García और Francesc Miralles ने लिखी है। किताब का कहना है कि हम सभी के पास एक इकिगाई होता है, लेकिन हम उसके बारे में नहीं जानते हैं। लेकिन जापानीज अपने मकसद को खोजकर अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाते हैं।
जानते हैं कैसे एक किताब जिंदगी बदल सकती है।यह किताब हर आदमी को अपना इकिगाई खोजने में मदद करेगी।किताब आपके काम को आसान करने की मदद करेगी।जापानियों के लिए इकिगाई का मतलब है जीवन की सार्थकता। वे अपनी उम्र में यह खोजने की कोशिश करते हैं कि अपने जीवन को सार्थक कैसे बनाएं। इसके लिए वे क्या करते हैं।•जापानी कहते हैं कि हम सभी में अपना इकिगाई छुपा होता है।•सबसे पहले उसे पहचानना होता है•पहचान करने के बाद अपने इकिगाई यानि मकसद को खोजना होता है।•एक बार आपने अपना इकिगाई खोज लिया तो जीवन की सार्थकता के संकेत मिल जाएंगे।दरअसल, इकिगाई एक प्रक्रिया है। जिसे फॉलो करने पर हर कोई एक खुशहाल और सार्थक जीवन जी सकता है। ये प्रक्रिया इस प्रकार हैं।(1)सबसे पहला यह कि आप ऐसा काम करें जो आपको पसंद हो, जो आपकी हॉबी हो।(2)जो काम आपको पसंद है, उसे ही प्रोफेशन बना लें। जैसे यदि आपको गाना गाना या डांस करना पसंद है तो आप इसे अपने प्रोफेशन में तब्दील कर लें।(3)जो काम आपकी रूचि है, उसे अपने प्रोफेशन में बदलने से आपको काम करने में मजा आएगा। वो आपके लिए काम करना नहीं होगा।(4)इसके बाद आपको आपको देखना है कि जो काम आप करते हैं क्या वह दुनिया के लिए कितने काम का है या बाकी लोगों को उससे कुछ मिलता है, तो निश्चित तौर पर आप देखेंगे कि आपके गाने से सा डांस से दुनिया को मजा आएगा, वे आपकी कला से खुश होंगे, और इससे आपको खुशी मिलेगी।(5)अब आपको अपने इस काम को प्रोफेशन में बदलने की जरूरत जिससे कि आपको उससे धन मिल सके।(6)इस पूरी प्रक्रिया का फार्मूला है... आपकी पसंद + दक्षता + पैशन (Passion)(7)ऐसे आपको पता चलेगा कि आपकी रूचि क्या है, जो रूचि हैवही आपका प्रोफेशन है और आपके इस काम की दुनिया को कितनी जरूरत है और क्या आपको अपनी रूचि के काम को करने से धन भी मिल सकता है।(8)इस तरह से आपका यह काम आपके लिए एक मिशन में बदल जाएगा।(9)आप देखेंगे कि अगर आप इस पूरी प्रक्रिया को फॉलो करते हैं(10)तो यही प्रक्रिया पैशन + प्रोफेशन + वोकेशन + मिशन में बदल कर आपका इकिगाई (Ikigai) बन जाएगा। मतलब आपको अपनी जिंदगी का इकिगाई यानि मकसद मिल गया। जो आपके जीवन को सार्थक बनाएगा।इकिगाई के 10 नियम 1. सक्रिय रहें; रिटायर न हो।2.रूके नहीं, धीमे धीमे चलते रहें।4. अच्छे दोस्तों से घिरे रहें।5. मुस्कुराते रहें।6. प्रकृति के साथ कनेक्ट रहें।8. हर चीज का धन्यवाद दें।9.वर्तमान में रहें ।10. अपने ikigai का पालन करें।...
- Post by Admin on 962 days, 21 hours ago
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत होती है जो अनंत चतुर्दशी तक चलती है। इस बार गणेश उत्सव की शुरुआत 10 सितंबर से होगी और 19 सितंबर को अंत चतुर्दशक्ष का व्रत रखा जाएगी। आओ जानते हैं अनंत चतुर्दशी के व्रत के संबंध में खास जानकारी।1. विष्णु की पूजा : अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत (विष्णु) की पूजा का विधान होता है। अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है।2. अनंत सूत्र : इस दिन अनंत सूत्र बांधने का विशेष महत्व होता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है।3. अनंत चतुर्दशी का महत्व : भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों द्वारा जुए में अपना राजपाट हार जाने के बाद श्रीकृष्ण से पूछा था कि दोबारा राजपाट प्राप्त हो और इस कष्ट से छुटकारा मिले इसका उपाय बताएं तो श्रीकृष्ण ने उन्हें सपरिवार सहित अनंत चतुर्दशी का व्रत बताया था।4. क्यों कहलाते हैं अनंत : चतुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर अनंत शयन में रहते हैं। अनंत भगवान ने ही वामन अवतार में दो पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया था। इनके ना तो आदि का पता है न अंत का इसलिए भी यह अनंत कहलाते हैं अत: इनके पूजन से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे। भगवान विष्णु के सेवक भगवान शेषनाग का नाम अनंत है।5. कैसे करें पूजा : प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर कलश स्थापित किया जाता है। कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करने के पश्चात एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए। इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखकर भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। इसके बाद विधिवत पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें। पुरुष दांये हाथ में और महिलाएं बांये हाथ में बांधे।अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण होती है। धन-धान्य, सुख-संपदा और संतान आदि की कामना से यह व्रत किया जाता है।...
- Post by Admin on 970 days, 21 hours ago
जन्माष्टमी पर बाल-गोपाल को क्यों लगाया जाता है छपन्न भोग। इसके पीछे कुछ रोचक और मान्यताएं हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को छप्पनप्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं जिसे 56 भोग कहा जाता है।बाल-गोपाल को लगाए जाने वाले इस भोग की बड़ी महिमा है। भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किए जाने वाले 56 भोग के संबंध में कई रोचक कथाएं हैं।एक कथा के अनुसार माता यशोदा बालकृष्ण को एक दिन में अष्ट पहर भोजन कराती थी अर्थात् बालकृष्ण 8 बार भोजन करते थे। एक बार जब इन्द्र के प्रकोप से सारे व्रज को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था, तब लगातार 7 दिन तक भगवान ने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया। 8वें दिन जब भगवान ने देखा कि अब इन्द्र की वर्षा बंद हो गई है, तब सभी ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत से बाहर निकल जाने को कहा, तब दिन में 8 पहर भोजन करने वाले बालकृष्ण को लगातार 7 दिन तक भूखा रहना उनके ब्रजवासियों और मैया यशोदा के लिए बड़ा कष्टप्रद हुआ। तब भगवान के प्रति अपनी अनन्य श्रद्धाभक्ति दिखाते हुए सभी ब्रजवासियों सहित यशोदा माता ने 7 दिन और अष्ट पहर के हिसाब से 7X8=56 व्यंजनों का भोग बालगोपाल को लगाया।श्रीमद्भागवत कथा के अनुसार जब कृष्ण की गोपिकाओं ने उनको पति रूप में पाने के लिए 1 माह तक यमुना में भोर में ही न केवल स्नान किया, अपितु कात्यायिनी मां की पूजा-अर्चना भी की ताकि उनकी यह मनोकामना पूर्ण हो। तब श्रीकृष्ण ने उनकी मनोकामना पूर्ति की सहमति दे दी। तब व्रत समाप्ति और मनोकामना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ही उद्यापनस्वरूप गोपिकाओं ने 56 भोग का आयोजन करके भगवान श्रीकृष्ण को भेंट किया।एक अन्य मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि गोलोक में भगवान कृष्ण राधिका जी के साथ एक दिव्य कमल पर विराजते हैं। उस कमल की 3 परतें होती हैं। इसके तहत प्रथम परत में 8, दूसरी में 16 और तीसरी में 32 पंखुड़ियां होती हैं। इस प्रत्येक पंखुड़ी पर एक प्रमुख सखी और मध्य में भगवान विराजते हैं, इस तरह कुल पंखुड़ियों की संख्या 56 होती है। यहां 56 संख्या का यही अर्थ है। अत: 56 भोग से भगवान श्रीकृष्ण अपनी सखियों संग तृप्त होते हैं।...
- Post by Admin on 978 days, 22 hours ago
दमकता-चमकता रत्न मोती हर किसी को पसंद आता है। इसकी गुलाबी आभा न सिर्फ आकर्षण प्रदान करती है बल्कि जीवन की कई विकट समस्याओं को दूर करने का भी काम करती है। मोती एक ऐसा रत्न है, जो अमृत का काम करता है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी बाधा हो उसे दूर करता है। मोती एक ऐसा रत्न है, जो आपकी हर इच्छा पूरी करने की क्षमता रखता है।अगर आपके जीवन में पारिवारिक कलह पीछा नहीं छोड़ रहा है और पति-पत्नी के बीच अनबन रहती है तो इस परेशानी को दूर करने के लिए पत्नी को मोती का हार पहनाएं, इससे बहुत लाभ होगा तथा घर में शांति बनी रहेगी और समृद्धि रहेगी।2. संतान का स्वास्थ्य खराब है?
अगर आपकी संतान का स्वास्थ्य अच्छा न रहता हो, छोटे बच्चों को कुछ न कुछ लगा ही रहता है ऐसी स्थिति में मोती एकदम रामबाण का काम करता है। आप यह करें कि बच्चों को गले में एक चांदी के चंद्रमा में मोती लगाकर पहनाएं, बच्चा स्वस्थ रहेगा।3. निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं?अगर जीवन में कोई निर्णय लेने की स्थिति में असमंजस की स्थिति बनती है तो यह बहुत ही विकट समस्या है। निर्णय न लेने की वजह से व्यक्ति बड़े से बड़ा नुकसान कर बैठता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने घर में स्थित भगवान गणपति को मोती का हार पहनाएं और सोमवार के दिन नित्य गणपति स्तोत्र का पाठ करें तो बहुत लाभ मिलेगा और असमंजस की स्थिति समाप्त हो जाएगी।4. धन की हर वक्त रहती है कमी?जीवन में रोजगार होते हुए भी धन का अभाव रहता है और व्यक्ति इसके अभाव में हमेशा परेशान रहता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने पूजा स्थान में 2 मोती के दाने लेकर एक पीले कपड़े में बांधकर रखे। इससे लक्ष्मी जी की असीम कृपा होगी और कभी धन का अभाव नहीं रहेगा।5. चंचल मन, क्रोधी स्वभाव है?कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि मन में चंचलता रहती है और स्वभाव में क्रोध। इस आदत से आप खुद भी परेशान रहते हैं तो ऐसी स्थिति में मोती बहुत लाभकारी होता है। ऐसी स्थिति हो तो व्यक्ति एक सुन्दर और साफ मोती का दाना सफेद कपड़े में बांधकर अपने पास रखें। इससे मन भी अशांत नहीं रहेगा और जो स्वभाव में क्रोध रहता है, वह समाप्त हो जाएगा।6. चाहकर प्रगति नहीं कर पा रहे हैं?जब अथक प्रयास के बावजूद प्रोफेशनल करियर में व्यक्ति उतनी तरक्की नहीं कर पाता है जितनी के लिए वह मेहनत करता है और करियर थम-सा जाता है तो ऐसी स्थिति में आप अपने पास एक चांदी की डिब्बी में मोती रखें और उसे अपने बैग में रखें। दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होगी।7. महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग अक्सर बीमार रहते हैं?कई बार ऐसा होता है कि घर में अक्सर कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है और खासतौर पर जब महिलाएं, बुजुर्ग या बच्चे बीमार रहने लगें तो परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में पूर्णिमा के दिन चावल पर मोती रखकर किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर दान दें, आपके घर से रोग समाप्त हो जाएंगे।...
- Post by Admin on 978 days, 22 hours ago
अभी तक सभी यहीं जानते हैं कि रोज सुबह वॉक करना जरूरी है। वॉक करना यानी सीधे चलना। लेकिन कभी आपने रिवर्स वॉकिंग के फायदे जानने की कोशिश की है। पहले तो आपको भी सुनकर आश्चर्य जरूर होगा। लेकिन रिवर्स वॉकिंग यानी उलटे पैर चलना। अगर नहीं जानते हैं तो चलिए आज जान लीजिए।1. समन्वय (कॉर्डिनेशन) - उल्टी दिशा में चलने से आपके कॉर्डिनेशन में सुधार होता है। क्योंकि आप सामान्य से परे काम कर रहे हो। उल्टी दिशा में चलने के लिए आपके शरीर को बेहतर कॉर्डिनेशन के लिए उसे विकसित करना होता है। इससे आपका फोकस बेहतर होता है।2. मांसपेशियां होती है मजबूत - दरअसल, सभी इस तरह से एक्सरसाइज नहीं करते हैं कि पैर के पीछे की साइड की मांसपेशियों का इस्तेमाल हो सकें। वहीं अगर आप रिवर्स वॉकिंग करते हैं तो इससे पैरों के पीछे की मांसपेशियां मजबूत होगी।3.घुटनों पर पड़ता है कम दबाव - जब हम सामान्य तरह से वॉक करते हैं तो सीधे घुटनों पर जोर पड़ता है। वहीं रिवर्स वॉकिंग के जरिए दर्द में आराम मिलता है। क्योंकि रिवर्स वॉकिंग में आपके घुटनों पर नहीं बल्कि पीछे की मांसपेशियों पर असर पड़ता है।4.पीठ दर्द में आराम - 8 घंटे लगातार कंप्यूटर पर बैठकर काम करने से पीठ दर्द होने लगती है। पीठ दर्द हर युवाओं में भी कॉमन हो गई है। इसका कारण है हैमस्ट्रिंग में लचीलेपन की कमी। एक रिसर्च में भी खुलासा हुआ है कि उलटे पैर वॉक करने से कमर दर्द और पीठ दर्द में छुटकारा मिलता है। हर रोज कम से कम 15 मिनट रिवर्स वॉकिंग जरूर करें।5.वजन कम करने में मददगार - जी, जब आप उल्टा चलेंगे, तब आपका वजन पीछे की तरफ घिरेगा। लेकिन आपको उसे बैलेंस करके चलना होगा। जितना बॉडी को कड़क करेंगे। इतनी तेजी से वजन कम करने में मदद मिलगी। तो यह है रिवर्स वॉकिंग के फायदे।...
- Post by Admin on 980 days, 22 hours ago
नमक वह चीज है जो खाने में असली स्वाद बढ़ाता है। इसके अधिक होने पर यह खाने का टेस्ट भी बिगाड़ देता है और कम होने पर भी टेस्ट अच्छा नहीं लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं सफेद नमक अगर आप स्वादनुसार भी डालते हैं वह तब भी आपकी बॉडी के लिए नुकसानदायक ही है। हम हर दिन सफेद नमक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह शरीर के लिए थोड़ा सा भी लाभदायक नहीं है। इसकी जगह आप सेंधा नमक यूज कर सकते हैं। यह शरीर के लिए भी अच्छा है और किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है।बता दें कि सेंधा नमक को हिमालयन सॉल्ट, लाहौरी नमक और हैलाइड क्लोराइड भी कहते हैं। इस नमक में दूसरे नमक के मुकाबले आयरन की मात्रा सबसे कम होती है। इस नमक में करीब 90 फीसदी मिनरल्स मौजूद होते हैं। इस नमक में कैल्शियम, पोटैशियम, और जिंक जैसे तत्व मौजूद होते हैं। जो शरीर के लिए बेहतर माने जाते हैं।1. ब्लड प्रेशर- बीपी कम होने पर हम नींबू पानी और नमक का घोल पीते हैं। लेकिन यह साधा नमक आपके शरीर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहा है। इस जगह पर आप सेंधा नमक का इस्तेमाल कीजिए। इससे आपका बीपी कंट्रोल में रहेगा, हार्ट की समस्या नहीं होगी और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी नहीं बढ़ेगी।2. स्ट्रेस लेवल- इसके सेवन से आपका स्ट्रेस लेवल कम होगा। इसमें मौजूद तत्व सेरोटोनिन और मेलाटोनिन केमिकल्स को बैलेंस करके रखता है। जो आपको खासकर डिप्रेशन जैसी समस्या से लड़ने में मदद करेंगे।3. वजन- आज के वक्त में हर कोई मोटापे का शिकार हो रहा हैं। इसे कम करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाएं जा रहे हैं। लेकिन अगर आप सफेद नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग करेंगे यह आपका वजन कम करने में कारगर होगा। इसमें मौजूद तत्व एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मददगार होते हैं।4. बीमारियों से छुटकारा- इसका सेवन अनिद्रा, अस्थमा, डायबिटिज, पथरी जैसी समस्या के लिए सबसे अधिक कारगर है।5. साइनस- साइनस की बीमारी बच्चों को सबसे अधिक होती है। इसलिए सेंधा नमक का उपयोग करना चाहिए। इसके सेवन से सांस की बीमारी का खतरा भी टल जाता है।...
- Post by Admin on 983 days, 22 hours ago
कोरोना वायरस का प्रकोप स्थिर हो गया है। मामले बहुत अधिक कम भी नहीं हो रहे और बहुत अधिक बढ़ भी नहीं रहे हैं। लेकिन इस दौरान भी सतर्कता बरतना जरूरी है। जी हां, कई लोगों को अब भी कोविड वैक्सीन लगाने में डर लग रहा है। वहीं कोरोना का वेरिएंट तेजी से अपना रूप बदल रहा है। जिसे जीनोम सीक्वेंसिंग की मदद से भी पहचानने में वक्त लगने लगा है। इन दिनों डेल्टा वेरिएंट का खतरा काफी अधिक है। डबल डोज के बाद भी लोग कोविड की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि अस्पताल जाने की नौबत कम आ रही है। लेकिन डर के मारे कोविड वैक्सीन नहीं लगाने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है -- भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचें - जी हां, अगर आपने किसी भी कारणवश कोविड टीका नहीं लगवाया है तो भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। ऐसा इसलिए कोरोना के बदलते वेरिएंट के बीच नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को तेजी से हो सकता है। वैक्सीन नहीं लगवाने वाले जल्दी कोविड की चपेट में आ सकते हैं।- सिनेमा या थियेटर में नहीं जाएं - कोविड टीका नहीं लगाने वाले 50 फीसदी थियेटर खुलने पर भी नहीं जाएं। क्योंकि कोविड टीका नहीं लेने वालों को संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक बढ़ सकता है। वहीं डेल्टा वेरिएंट तेजी से व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है। तो नॉन वैक्सीनेटड लोगों की मौत भी हो रही है।- घर से बाहर नहीं निकलें- कोविड का खतरा अभी भी जारी है। डबल डोज लगने के बाद लोग कोविड की चपेट में आ रहे हैं। दूसरी ओर हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को तीसरे बूस्टर डोज देने की चर्चा जारी है। हालांकि भारत में कोविड वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है लेकिन अन्य देशों में इसे जरूरी कर दिया गया है।- कोविड वैक्सीन लगाने से परिवार और समाज सुरक्षित - कोविड वैक्सीन से डर रहे लोग वैक्सीन लगाने पर अपने परिवार के साथ समाज को भी सुरक्षित कर सकेंगे। इसलिए कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं इम्यूनिटी बूस्ट होने पर कोविड होने पर गंभीर हालत नहीं होगी।- हर साल लग सकता है बूस्टर डोज - कई शोध और वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले कुछ समय तक बूस्टर डोज लेना रहेगा। हर साल इम्यूनिटी बनाएं रखने के लिए कोविड वैक्सीनेशन जरूरी रहेगी। वैज्ञानिकों द्वारा लगातार शोध जारी है लेकिन अभी यह नहीं सामने आया है कि यह वायरस कैसे फैल रहा है।
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- Post by Admin on 985 days, 22 hours ago
पेंटिंग आपके घर के इंटीरियर में चार चांद तो लगाती ही है, लेकिन अगर आप सही पेंटिंग का चयन करें तो यह घर में खुशी और समृद्धि भी लाती है। वास्तुशास्त्री मानते हैं कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगर पेंटिंग के चयन में सावधानी बरती जाए तो यह काफी लाभदायक सिद्ध होती है। कलाकृतियां सिर्फ कला दीर्घाओं की ही शोभा नहीं बढ़ातीं बल्कि घर को इनसे एक अलग पहचान मिलती है। अत: लोग इन्हें वास्तु के हिसाब से भी सजाते हैं।1. गौर करने वाली बात है कि पेंटिंग ऐसी हो, जो ऊर्जा प्रदायिनी तथा प्रसन्नता देने वाली हो। नीले रंग की पेंटिंग उत्तर दिशा की दीवार पर बेहतर मानी जाती है, क्योंकि पेंटिंग में रंगों का एक अलग स्थान होता है। हरियाली से युक्त, सूर्य की चमकती रोशनी और साफ नीले आसमान वाली पेंटिंग लिविंग रूम के लिए अच्छी मानी जाती है। ऐसी कलात्मक चीजें दक्षिण-पूर्व दिशाओं के लिए बेहतर हैं।2. हरे या उससे मिलते-जुलते रंग पूर्व दिशा की दीवार पर लगाने से घर में खुशहाली आती है। लाल या संतरी रंग दक्षिण दिशा में हो तो बेहतर रहता है। बच्चों के कमरे में पेंटिंग लगाते समय गुलाबी, जामुनी या नीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। क्रीम तथा सफेद रंग का प्रयोग कहीं भी किया जा सकता है।3. नवविवाहित जोड़े के कमरे में गुलाबी रंग की पेंटिंग बेहतर होगी। घर में रनिंग वॉटर जैसे फाउंटेन और समुद्र की पेंटिंग ड्राइंग रूम या लॉबी में कहीं भी लगाई जा सकती है, लेकिन बेडरूम में इस तरह की पेंटिंग का प्रयोग करने से बचना चाहिए।4. पेंटिग्स में दिशा ज्ञान- घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार में दिशाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इसीलिए पेंटिंग लगाते समय दिशाओं का भी खास खयाल रखना चाहिए। पूरब की दिशा में उगते हुए सूरज की पेंटिंग लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी तरह धार्मिक चिह्न जैसे ॐया स्वस्तिक उत्तर-पूर्व कमरे की पूर्व दीवार पर हो तो काफी अच्छा रहता है। इससे घर में सुख और शांति आती है।5. परिवार के सदस्यों की तस्वीर या पेंटिंग दक्षिण दिशा में होनी चाहिए। बच्चों की तस्वीर, लैंडस्केप या हरे जंगल पश्चिम दिशा में हो, तो इसका घर में सकारात्मक असर पड़ता है। नवविवाहित जोड़े की पेंटिंग कमरे की दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए।6. समृद्धि और स्वास्थ्य कारक पेंटिंग : पेंटिंग न केवल घर में सकारात्मक परिवेश और ऊर्जा प्रदान करती है, बल्कि यह समृद्धि का कारक भी है। घर में सही पेंटिंग लगाने से व्यापार को बढ़ावा मिलता है। कमरे की दक्षिण दीवार पर मैप लगाने से व्यापार में वृद्धि होती है। अगर कोई व्यक्ति भारत में व्यापार करता है तो उसे भारत का मैप लगाना चाहिए। अगर किसी का व्यापार विदेशों तक फैला है, तो उसे विश्व का मैप लगाना चाहिए।7. उड़ते हुए पक्षियों की तस्वीर आपके आर्थिक पक्ष को सुदृढ़ करती है। उगता हुआ सूरज सौभाग्य लेकर आता है, लेकिन पेंटिंग का गलत चयन आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है। घर में किसी को दिल संबंधी बीमारी है या कोई व्यक्ति डिप्रेशन का मरीज है, तो घर में लाल रंग की पेंटिंग नहीं लगानी चाहिए। हरा रंग आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।8. इन पेंटिंग्स से परहेज : पेंटिंग के फायदे हैं लेकिन इस संबंध में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। घर में ऐसी पेंटिंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जैसे- भूतहा मकान, खंडहर, तालाब, कुएं, हथियार, अस्त्र-शस्त्र, रुके हुए पानी, गहरे कष्टकारक रंग, आंखों को चुभने वाले रंगों की पेंटिंग्स, पशुओं या लड़ाई की तस्वीरें यह घर में कभी भी नहीं लगानी चाहिए। जिसे देखने से मन में दुख का आभास होता हो। ऐसी पेंटिंग घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। अत: पेंटिंग्स का चयन करते समय ऊपरी बातों को ध्यान में रखकर ही खरीदें या किसी उपहार में दें।...
- Post by Admin on 986 days, 22 hours ago
कोरोना वायरस का प्रकोप अब भी जारी है। देश के कुछ राज्यों में मामले कम नहीं हो रहे हैं।लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए इसे तीसरी लहर की आहट समझा जा रहा है। देश में मुंबई और केरल में कोविड के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में टेस्टिंग के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6 सदस्यों की एक टीम केरल भेजी गई है। बता दें कि केरल में आर वैल्यू लगातार 1.11 से अधिक बनी हुई है। गौरतलब है कि एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी भारत में बढ़ती आर-वैल्यू को देखते हुए चिंता जाहिर की है।आर-वैल्यू का 0.96 से 1 तक जाना चिंता का विषय है। इसकी बढ़ती वैल्यू से संक्रमण के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। तो आइए जानते हैं आखिर आर-वैल्यू क्या होती है और इसके घटने बढ़ने से क्या फर्क पड़ता है।आर फैक्टर यानी रिप्रोडक्शन रेट। इससे यह चेक किया जाता है कि कोई एक संक्रमित व्यक्ति से कितने लोग इनफेक्ट हो रहे हैं। और आगे हो सकते हैं। आर वैल्यू अगर 0.95 है यानी प्रत्येक 100 व्यक्ति अन्य 95 अन्य लोगों को संक्रमित करेंगे। आर-वैल्यू 1.0 से कम होना यानी संक्रमित मरीजों के केस घटने के संकेत। अगर R फैक्टर 1.0 से अधिक है तो केस बढ़ रहे हैं। आप इस तरह भी समझ सकते हैं अगर R-Value 1 है तो 100 लोगों को इंफेक्ट करते हैं।R वैल्यू बढ़ना यानी खतरे की घंटी,जी हां, मार्च में R वैल्यू बढ़कर 1.4 हो गई थी।9 मई 2021 में R वैल्यू में गिरावट आई।
15 मई से 26 जून के बीच R वैल्यू 0.78।26 जनू के बाद 0.88 हो गई।वर्तमान में R वैल्यू1.01 के करीब है। इसे देखते हुए एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी चिंता जताई है।कोरोना का डेल्टा वेरिएंट खतरनाक-जी हां, डेल्टा वेरिएंट तेजी से म्यूटेट होने के साथ खतरनाक साबित हो रहा है। देश में करीब 1 लाख ऐसे मामले भी है जिन्हें कोरोना के दोनों डोज लगने के बाद भी कोविड हो रहा है। केरल राज्य में इस तरह के मामले भी सामने आ रहे हैं। अमेरिकी स्टडी में खुलासा हुआ था कि कोरोना का यह वेरिएंट चिकनपॉक्स की भांति तेजी से फैल सकता है। वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स में डॉक्युमेंट पब्लिश हुआ था। कोरोना के दूसरे वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। वहीं सीडीसी के डायरेक्टर डॉ रोशेल पी का कहना है कि वैक्सीनेटेड लोगो्ं के नाक और गले में उतना ही वायरस होता है जितना टिकाकरण नहीं कराने वालों में। इस वजह से वायरस और तेजी से फैलता है।
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- Post by Admin on 995 days, 22 hours ago
कंप्यूटर पर लगातार आठ से दस घंटे काम करके कुछ लोग कई तरह के रोगों का शिकार हो जाते हैं या फिर तनाव व थकान से ग्रस्त रहते हैं। निश्चित ही कंप्यूटर पर लगातार आंखे गड़ाए रखने के अपने नुकसान तो हैं ही इसके अलावा भी ऐसी कई छोटी-छोटी समस्याएं भी पैदा होती है, जिससे हम जाने-अनजाने लड़ते रहते हैं। तो आओ जाने की इन सबसे कैसे बचा जाए।10 नुकसान :1. स्मृति दोष2. दूर दृष्टि कमजोर पड़ना3. चिड़चिड़ापन और तनाव4. पीठ दर्द5. शारीरिक थकान6. मानसिक थकान7. भ्रम8. दिमागी द्वंद्व9. कब्ज10. अनिद्रा5 बचाव :1. आपका कंप्यूटर आपकी आंखों के ठीक सामने रखा हो। ऐसा न हो की आपको अपनी आंखों की पुतलियों को ऊपर उठाए, दाएं या बाएं घुमाकर लगातर रखना पड़ रहा हो। ऐसे में जरा सिस्टम जमा लें।2. कंप्यूटर को आंखों से कम से कम 3 फिट दूर रखना चाहिए।
3. कंप्यूटर पर काम करते वक्त अपनी सुविधानुसार हर 5 से 10 मिनट बाद 20 फुट दूर देखें। इससे दूर दृष्टि बनी रहेगी।4. स्मृति दोष से बचने के लिए अपने दिनभर के काम को रात में उल्टेक्रम में याद करें।5. जो भी खान-पान है उस पर पुन: विचार करें।10 योगा टिप्स :1. आंखों की सुरक्षा और थकान मिटाने के लिए सुबह ध्यान और रात में सोते वक्त योग निद्रा का अभ्यास करें।2. अंग संचाल के अंतर्गत आंखों की एक्सरसाइज करें। जैसे आंखों की पुतलियों को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे नीचे घुमाते हुए फिर गोल-गोल घुमाएं। इससे आंखों की मांसपेशियां मजबूत होंगी।3. पीठ दर्द से निजात के लिए दाएं-बाएं बाजू को कोहनी से मोड़िए और दोनों हाथों की अंगुलियों को कंधे पर रखें। फिर दोनों हाथों की कोहनियों को मिलाते हुए और सांस भरते हुए कोहनियों को सामने से ऊपर की ओर ले जाते हुए घुमाते हुए नीचे की ओर सांस छोड़ते हुए ले जाएं। ऐसा 5 से 6 बार करें फिर कोहनियों को विपरीत दिशा में घुमाइए।4. गर्दन को दाएं-बाएं, फिर ऊपर-नीचे नीचे करने के बाद गोल-गोल पहले दाएं से बाएं फिर बाएं से दाएं घुमाएं। बस इतना ही। इसमें सांस को लेने और छोड़ने का ध्यान जरूर रखें।5. आसनों में ताड़ासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, ब्रह्म मुद्रा, नौकासन और विपरीत नौकासन।6. प्राणायामों में नाड़ी शोधन और कपालभाति प्राणायाम करें।7. ध्यान में आप करें विपश्यना या फिर सिर्फ ध्यान दें सांसों के आवागमन पर। गहरी-गहरी सांस लें और छोड़ें। और इस लेने और छोड़ने की क्रिया पर ही पूरा ध्यान केंद्रित कर इसका मजा लें।8. आठ घंटे कार्य करने के दौरान जब भी समय मिले तो या तो झपकी ध्यान करें। अर्थात 2 मिनट की झपकी ले लें9. आप झपकी ध्यान नहीं कर सकते हैं तो हर एक घंटे के बाद हाथों की हथलियों से अपनी आंखों को 1 मिनट के लिए बंद रखें। इस दौरान गहरी श्वास लें और छोड़े।10. आप नेति क्रिया भी कर सकते हैं। जैसे सूतनेति और जलनेति करें। इससे आंखों की दृष्टि तेज होती है।...
- Post by Admin on 998 days, 21 hours ago
अगर आपके परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है तो आपको भी बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों को दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है, जिनक परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही है।बदलती लाइफस्टाइल में लोगों को हार्ट की जुड़ी समस्याएं ज्यादा होने लगी हैं। हार्ट की बीमारियों के चलते हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ने लगा है। इसके अलावा जिन लोगों के परिवार में 55 साल की उम्र से पहले किसी को हार्ट की समस्या जैसे अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर हुआ है तो उसके परिवार हो हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।आनुवांशिक बीमारी है इस वजह से भी हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने की फैमिली हिस्ट्री बनती है। ऐसे में आपको अपना बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।ये लाइफस्टायल अपनाएं-एक्सरसाइज करें- फिट रहने के लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम और योग करना चाहिए। योग और एक्सरसाइज से दिल की बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए।वजन कंट्रोल रखें- वजन बढ़ने पर हार्ट, डायबिटीज और कई तरह की दूसरी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आपके परिवार में आनुवांशिक कारणों से हार्ट डिजीज का खतरा है तो आपको अपने वजन को हमेशा कंट्रोल में रखने की जरूरत है।नो टू स्मोकिंग - अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर की बीमारी रही है तो आपको तंबाकू का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। तंबाकू और स्मोकिंग से दिल की बीमारी होने का खतरा माना जाता है।ड्रिंक न करें- हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री होने पर आपको एल्कोहल से दूर रहना चाहिए। आपको शराब नहीं पीनी चाहिए। शराब पीने से दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा रहता है।ब्लड शुगर को कंट्रोल- कई लोगों को डायबिटीज होने पर हार्ट की समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में आपको अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना चाहिए। अगर फैमिली हिस्ट्री में हार्ट डिजीज से पीड़ित लोग रहे हैं तो खासतौर से आपको ध्यान रखने की जरूरत है।
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- Post by Admin on 999 days, 22 hours ago
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में करीब पांच करोड़ लोगों को डिमेंशिया है, और करीब एक करोड़ नए मामले हर साल आ रहे हैं।याद्दाश्त, निर्णय लेने की क्षमता और सोचने-समझने की क्षमता में कमी आना आदि डिमेंशिया के लक्षण हैं। ऐसी समस्याओं के लिए यही शब्द इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया भर में उम्र दराज लोगों के बीच निर्भरता और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से ये एक है। इसको लेकर एक नई रिसर्च में भविष्यवाणी की गई है कि डिमेंशिया पीड़ितों की वैश्विक संख्या 2050 तक करीब तीन गुना तक हो सकती है।रिसर्च के हवाले से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि लोग नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान नहीं करें, अल्कोहल से परहेज करें, वजन पर नियंत्रण पाएं, स्वस्थ डाइट खाकर और स्वस्थ ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल और शुगर लेवल बनाए रख कर डिमेंशिया का खतरा कम कर सकते हैं। डिमेंशिया के अतिरिक्त जोखिम कारक में डिप्रेशन, शिक्षा की कमी, सामाजिक आइसोलेशन शामिल हैं। इन क्षेत्रों पर भी डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए ध्यान देने की जरूरत है।27 जुलाई को अल्जाइमर एसोसिएशन इंटरनेशल कांफ्रेंस में पेश किए गए नए डेटा के मुताबिक, अनुमान लगाया गया है कि दुनिया में 15 करोड़ मिलियन से ज्यादा लोग डिमेंशिया के साथ रह रहे होंगे। 2019 में 5 करोड़ 57 लाख से बढ़कर 2050 में संख्या के 15 से ज्यादा होने का अनुमान लगाया गया है।यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसीन ने डिमेंशिया का अध्ययन किया। इसके लिए, उन्होंने 1999 और 2019 के बीच इस्तेमाल किए गए डेटा को इस्तेमाल किया।...
- Post by Admin on 1000 days, 21 hours ago
अगस्त माह में त्योहारों व अन्य कारणों से बैंक 15 दिन बंद रहेंगे और बदलते परिवेश के अनुसार आजकल बैंक अपने कस्टमर्स को इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। लेकिन अन्य कारणों से भी बैंक से जुड़े कुछ कामकाज करने के लिए अपनी बैंक की नजदीकी शाखा में ग्राहकों को जाना पड़ सकता है।आरबीआई के नियमानुसार सभी बैंक महीने के दूसरे और चौथे शनिवार तथा रविवार को बंद रहते है और यह नियम प्राइवेट और सरकारी दोनों बैंकों में लागू है। अगस्त माह में 8 दिन बैंक बंद रहेंगे। लेकिन सभी राज्यों के सभी बैंकों में एकसाथ 8 दिन की छुट्टी नहीं रहेगी और हर राज्य में अलग-अलग दिन में छुट्टी घोषित की गई है। स्थानीय जरूरत के मुताबिक कुछ राज्यों में छुट्टियां घोषित की गई हैं।अगस्त महीने में बैंकों की छुट्टियां1 अगस्त, 2021 – रविवार।8 अगस्त, 2021 – रविवार।13 अगस्त, 2021 – इंफाल जोन में इस दिन Patriots Day होने के कारण बैंक बंद रहेंगे।14 अगस्त, 2021 – दूसरा शनिवार।15 अगस्त, 2021 – रविवार और स्वतंत्रता दिवस।16 अगस्त, 2021 – पारसी नववर्ष होने के चलते इस दिन महाराष्ट्र के बेलापुर, मुंबई और नागपुर जोन में बैंक बंद रहेंगे।19 अगस्त, 2021 – मुहर्रम होने की वजह से अगरतला, अहमदाबाद, बेलापुर, भोपाल, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना, रायपुर, रांची और श्रीनगर जैसे जोन में बैंक रहेंगे।20 अगस्त, 2021 – पहला ओणम और मुहर्रम होने की वजह से बेंगलुरु, चेन्नई, कोच्चि और केरल जोन में छुट्टी।21 अगस्त, 2021 – थिरुवोणम के कारण कोच्चि और केरल जोन में छुट्टी।22 अगस्त, 2021 – रक्षाबंधन और रविवार की वजह से बैंक में छुट्टी।23 अगस्त, 2021 – श्री नारायण गुरु जयंती होने के चलते कोच्चि और केरल जोन में बैंक बंद रहेंगे।28 अगस्त, 2021 – चौथा शनिवार।29 अगस्त, 2021 – रविवार।30 अगस्त, 2021 – जन्माष्टमी होने के चलते बैंक रहेंगे।31 अगस्त, 2021 – श्री कृष्ण अष्टमी होने चलते इस दिन हैदराबाद में बैंक बंद रहेंगे।...
- Post by Admin on 1001 days, 22 hours ago
1. भगवान शिव महान योगी थे और वे हमेशा ही समाधी और ध्यान में ही लीन रहते थे लेकिन माता पार्वती का ये प्रेम ही था कि योगी बना एक गृहस्थ।2. गृहस्थ का योगी होना जरूरी है तभी वह एक सफल दाम्पत्य जीवन का निर्वाह कर सकता है।3. भगवान शिव के साथ उल्टी गंगा बही। कई लोग ऐसे हैं जो विवाह के बाद उम्र के एक पड़ाव पर जाकर बैरागी बनकर संन्यस्त होकर अपनी पत्नी को छोड़ चले। जैसे गौतम बुद्ध या अन्य कई ऋषि मुनि, परंतु भगवान शिव तो पहले से ही योगी, संन्यासी या कहें कि बैरागी थे।4. यह तो माता पार्वती का तप ही था जो योगी गृहस्थ बन गए। कहना तो यह चाहिए कि माता पार्वती भी तो जोगन थीं। पत्नी के साथ यदि सात जन्म के फेरे लिए हैं तो फिर कैसे इसी जन्म में संन्यास के लिए छोड़कर चले जाएं? भगवान शंकर ने यह सबसे बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया था।5. माता सती ने जब दूसरा जन्म हिमवान के यहां पार्वती के रूप में लिया तब उन्होंने पुन: शिव को पाने के लिए घोर तप और व्रत किया। उस दौरान तारकासुर का आतंक था। उसका वध शिवजी का पुत्र ही कर सकता था ऐसा उसे वरदान था। लेकिन शिवजी तो तपस्या में लीन थे। ऐसे में देवताओं ने शिवजी का विवाह पार्वतीजी से करने के लिए एक योजना बनाई। उसके तहत कामदेव को तपस्या भंग करने के लिए भेजा गया। कामदेव ने तपस्या तो भंग कर दी लेकिन वे खुद भस्म हो गए। बाद में शिवजी ने पार्वतीजी से विवाह किया। इस विवाह में शिवजी बरात लेकर पार्वतीजी के यहां पहुंचे। इस कथा का रोचक वर्णन पुराणों में मिलेगा। शिव को विश्वास था कि पार्वती के रूप में सती लौटेंगी तो पार्वती ने भी शिव को पाने के लिए तपस्या के रूप में समर्पण का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।...
- Post by Admin on 1002 days, 21 hours ago
समय के साथ-साथ फैशन या वक्त की कमी के चलते खड़े होकर खाना हमारे कल्चर में शामिल हो गया है। कल्चर तक तो ठीक है, लेकिन अगर ये आपकी आदत में शुमार हो चुका है तो आपके इसके नुकसान भी पता होना चाहिए।1 खड़े होकर खाना, सबसे पहले तो आपको कंफर्ट नहीं देता, जिससे आप खाना तो खाते हैं लेकिन यह अंदाजा नहीं लगा पाते कि आपने भूख से ज्यादा खाया है या कम। इसके अलावा बैठ कर खाने जितना आनंद और संतुष्टी भी नहीं पाता।2 खड़े होकर खाने का दूसरा बड़ा नुकसान है सही पाचन न होना। जी हां, इससे आपका पाचन तंत्र सही तरीके से काम नहीं कर पाता और आपकी पाचन शक्ति भी कमजोर होती है।3 जैसा कि ऊपर बताया कि पाचन नहीं होता, ऐसी स्थिति में अपच के साथ कब्ज की समस्या हो सकती है।4 आपकी एकाग्रता में कमी का एक बड़ा कारण हो सकता है खड़े होकर खाना। जी हां, यह आदत आपके फोकस को कमजोर कर एकाग्रता में कमी लाती है और इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।5 खड़े होकर खाना, आंतों के लिए भी नुकसानदायक है। रोजाना की ये आदत आंतों के सिकुड़ने का कारण बन सकती हैं जिससे सेहत की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।...
- Post by Admin on 1005 days, 21 hours ago
आपके जीवन से जुड़े नियमों में 1 अगस्त से बदलाव होने वाला है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक अपने नियमों को बदलने वाला है। इसके अलावा 1 अगस्त से रसोई गैस की नई कीमतें भी जारी होने वाली है और इसका सीधा असर आपके घर के बजट पर पड़ता है। आइए जाने कि 1 अगस्त से किन नियमों में बदलाव आने वाला है?देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक 1 अगस्त से कई बड़े बदलाव करने जा रहा है। 1 अगस्त से बैंक के एटीएम से कैश निकालना महंगा होने वाला है। साथ ही चेकबुक के नियमों में भी बदलाव होगा। आईसीआईसीआई की ओर से अपने ग्राहकों को 4 फ्री ट्रांजेक्शन की सर्विस दी जाती है। 4 बार पैसा निकालने के बाद आपको चार्ज देना होगा।अगस्त से आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक अपनी होम ब्रांच से 1 लाख रुपए प्रति निकाल सकते हैं। इससे ज्यादा होने पर 5 रुपए प्रति 1,000 पर देना होगा। होम ब्रांच के अलावा दूसरी ब्रांच से पैसा निकालने पर प्रतिदिन 25,000 रुपए तक कैश निकालने पर चार्ज नहीं है। उसके बाद 1000 रुपए निकालने पर 5 रुपए देना होगा।2021 से रविवार या कोई दूसरा बैंक हॉलिडे होने पर भी आपकी सैलरी, पेंशन, डिविडेंड और इंटरेस्ट का पेमेंट नहीं रुकेगा यानी तय डेट पर ही सैलरी और पेंशन का भुगतान हो जाएगा। रिजर्व बैंक ने ऐलान किया है कि नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध होगा। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस के माध्यम से बल्क पेमेंट जैसे सैलरी, पेंशन, ब्याज, डिविडेंड आदि की भुगतान होता है। 1 अगस्त से नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस की सुविधा 7 दिन 24 घंटे मिलने से कंपनियां सैलरी कभी भी ट्रांसफर कर सकेंगी।एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 1 अगस्त से बदलाव आ जाएगा। हर महीने की पहली तारीख को घरेलू रसोई गैस और कमर्शियल सिलेंडर की नई कीमतें तय की जाती हैं।...
- Post by Admin on 1011 days, 23 hours ago
कुछ प्राकृतिक औषधियां होती हैं, जो कई तरह की बीमारियों और इंफेक्शन को ठीक करने में कारगर होती हैं। ऐसी ढेर सारी चीजें हैं, जो हमारे रसोई घर में होती हैं और लेकिन हम उनका इस्तेमाल ठीक से नहीं कर पाते हैं।ऐसी ही एक चीज है शहद और अदरक का मिश्रण जिससे हम सांस संबंधी समस्याओं के साथ ही गले में दर्द व इंफेक्शन जैसी तमाम समस्याओं से निजात पा सकते हैं और हर समस्या को घर के कुछ नुस्खों के साथ आसानी से ठीक कर सकते हैं। अभी कोरोना का संक्रमण चारों ओर फैला हुआ है। ऐसे में अगर आपको गले से संबंधित कोई परेशानी हो तो आप इसका सेवन करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं।शहद और अदरक के कई चमत्कारी असर स्वास्थ्य पर होते हैं। ये हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ सांस संबधित दिक्कतों से भी निजात दिलाते हैं।शहद और अदरक के लाभ अपनी-अपनी जगह बेहतरीन हैं। इसका इस्तेमाल आपको स्वास्थ्य संबंधी फायदे देगा। इन दोनों के इस्तेमाल के लिए आप 1 चम्मच अदरक का जूस लें। अदरक के जूस में 1 चम्मच शहद और एक चुटकी काली मिर्च मिला लें।इसका सेवन करने से आपको गले के हर इंफेक्शन से राहत मिलेगी।इसमें एंटीइंफ्लामेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिसकी वजह से ये हमें कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। अदरक, काली मिर्च और शहद का मिश्रण एक बहुत ही अच्छा एक्सपेक्टोरेंट होता है, जो कफ, सर्दी और नाक के बहने में आराम देता है।...
- Post by Admin on 1014 days, 21 hours ago
डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर ब्लड शुगर की नियमित जांच करनी की सलाह देते हैं। ब्लड शुगर के जरिए डायबिटीज की जांच की जाती है।इसप्रकियामेंग्लूकोमीटर में मरीज की उंगलीलगाकर ब्लड सैंपल लिया जाता है। इस दर्द से निजात दिलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी खोज की है।वैज्ञानिको ने ब्लड शुगर टेस्ट करने के लिए एक तरीका निकाला है जिसमें उंगली में सुई चुभाने की जरूरत ही नहीं होगी। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी पट्टी बनाई है जो सलाइवा यानी मुंह के लार से ब्लड शुगर की जांच कर लेगी। जाहिर तौर पर इससे सुई से होने वाले दर्द से छुटकारा मिल सकेगा।डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड स्तर की जांच करने के लिए ग्लूकोमीटर में बार-बार अपनी उंगली चुभोनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में मरीजों को कई बार दर्द से गुजरना पड़ता है। इससे बचने के लिए कई बारी मरीज अपना टेस्ट भी टाल देते हैं।ऑस्ट्रेलिया की न्यूकैसल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पॉल दस्तूर का कहना है कि इस नए तरीके से किए जाने वाले टेस्ट में एंजाइम एम्बेड हो जाते हैं। एक ट्रांजिस्टर में ग्लूकोज की पहचान की जा सकती है। ये शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को बताता है। इस टेस्ट में किसी तरह का दर्द नहीं होता है।प्रोफेसर दस्तूर का कहना है कि नई ग्लुकोज टेस्टिंग दर्द रहित होने के साथ-साथ कम लागत वाली भी है और ये डायबिटीज के मरीजों को बेहतर रिजल्ट देगी। प्रोफेसर दस्तूर ने अल जजीरा को बताया, 'मुंह के लार में ग्लुकोज होता है। इस ग्लुकोज कंसंट्रेशन के जरिए ब्लड ग्लुकोज का भी पता आसानी से लगाया जा सकता है। हमें एक ऐसी टेस्टिंग बनानी थी जो कम लागत वाली हो, जिसे बनाना आसान हो और जिसकी संवेदनशीलता स्टैंडर्ड ग्लूकोज ब्लड टेस्ट से लगभग 100 गुना अधिक हो।
चूंकि ट्रांजिस्टर के इलेक्ट्रॉनिक सामग्री में स्याही होती है, इसलिए कम लागत पर प्रिंटिंग के जरिए इसका टेस्ट किया जा सकता है। प्रोफेसर दस्तूर ने कहा, 'हम जिन चीजों के साथ काम कर रहे हैं वो असाधारण हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक इंक हैजो इलेक्ट्रॉनिक सामग्री के तौर पर काम करती हैं। लेकिन अंतर यह है कि हम उन्हें रील-टू-रील प्रिंटर का उपयोग करके बड़े पैमाने पर प्रिंट कर सकते हैं, जैसा कि आप समाचार पत्र बनाने के लिए उपयोग करते हैं'वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल में पास होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। प्रोफेसर दस्तूर का कहना है कि इस तकनीक के जरिए COVID-19 और एलर्जेन, हार्मोन और कैंसर की भी टेस्टिंग की जा सकती है।...
- Post by Admin on 1018 days, 21 hours ago
यह पैसा जो सिक्के में या नोटों में भले ही अलग-अलग आकार, रंग-रूप, वजन लिए हुए हो पर जिसकी जेब में ये बसते हैं वो ही इस दुनिया में सबसे रुतबेदार है। इसी के आस-पास सारी दुनिया घूमती है। फिर भी पैसा या धन बहुत कुछ हो सकता है लेकिन सबकुछ नहीं।धन से मनुष्य की तृप्ति नहीं हो सकती।जिस धन की महिमा इतनी अपरम्पार है उसके बारे में कभी जानने की कोशिश की ? तो आइए जानते हैं कि पैसे,भारतीय मुद्रा कितनी ऐतिहासिक है?क्या आप जानते हैं कि पंच-चिन्हित सिक्के ईसा से पहले भी मौजूद थे? भारत में सबसे प्रारंभिक सभ्यताओं में, सिक्कों को 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के रूप में देखा जा सकता है। भारतीय मुद्रा/पैसों /रुपयों के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:1.प्राचीन, मध्ययुगीन और मुगल काल, सभी में सिक्के के रूप में मुद्रा का उपयोग किया जाता था। सबसे उल्लेखनीय शेरशाह सूरी का रूपिया था, जो आधुनिक रुपए का अग्रदूत बन गया।2.कागज का पैसा पहली बार अठारहवीं शताब्दी के अंत में जारी किया गया था। बैंक ऑफ हिंदोस्तान, बंगाल में जनरल बैंक और बंगाल बैंक ऐसे पहले बैंक हैं जिन्होंने कागजी मुद्रा जारी की है।3. भारत सरकार के नोटों का पहला सेट विक्टोरिया पोर्ट्रेट श्रृंखला था। सुरक्षा कारणों से, इस श्रृंखला के नोट आधे में काट दिए गए थे; एक आधा डाक द्वारा भेजा गया था, और प्राप्ति की पुष्टि होने पर, दूसरा आधा भेजा गया था। उन्हें 1867 में 'अंडरप्रिंट' श्रृंखला द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था।4.भारतीय रिजर्व बैंक का औपचारिक रूप से 1935 में उद्घाटन किया गया था और भारत सरकार के नोट जारी करने का अधिकार दिया गया था। RBI द्वारा जारी किया गया पहला नोट किंग जॉर्ज VI के चित्र पर आधारित पांच रुपए का नोट था।
5. दृष्टिहीन लोगों के लिए उठाए गए प्रिंट (इंटैग्लियो) के रूप में प्रत्एक नोट के बाएं हाथ पर एक पहचान चिह्न (अलग-अलग ज्यामितीय आकार) है - 1000 रुपए में एक हीरा, 500 रुपए के लिए चक्र, 100 के लिए त्रिकोण , रुपए के लिए वर्ग, 20 रुपए के लिए आयत और 10 रुपए के लिए कोई चिह्न नहीं था।6.क्या आपने कभी साल के नीचे अलग-अलग प्रतीकों पर ध्यान दिया है। ए प्रतीक वास्तव में निर्दिष्ट कर रहे हैं जहां उत्पत्ति हुई। निम्नलिखित जानकारी मान ली गई है और उन्हें आवंटित किया गया है ।।।- दिल्ली (नोएडा) - एक बिंदु है- मुम्बई - एक हीरा है- हैदराबाद - एक सितारा है- कोलकाता - वर्ष के नीचे कुछ भी नहीं7.भारतीय रुपए पर आप इन "I, J, O, X, Y, Z" अक्षर पैनल पर वर्णमाला/ अक्षर नहीं पा सकते हैं। जैसा कि इस मामले में RBI के पास केवल बीस अक्षर हैं, इनसेट के रूप में उपयोग किया जाता है। सुरक्षा कारणों से, भारतीय रिज़र्व बैंक यह नहीं बताता है कि कौन से इंसेट वर्णमाला / अक्षर को प्रिंटिंग प्रेस के लिए सौंपा गया है।8.बैंक नोटों की वर्तमान श्रृंखला को महात्मा गांधी श्रृंखला कहा जाता है। नोटों की महात्मा गांधी श्रृंखला 1996 में शुरू की गई थी।हम चाहे जितना धन इकठ्ठा कर लें पर प्रकृति और नियति के आगे हम सभी बेबस और लाचार हो जाते हैं। पर फिर भी कलियुग में मनुष्य ही मनुष्य के सुख-दुःख से सौदा करने लगता है और उसका माप दण्ड बन जाता है रुपया/ धन/ पैसा। इसकी भी तीन गतियां होतीं हैं-दानं भोगो नाशः तिस्त्रो गतयो भवन्ति वित्तस्य। न ददाति न भुंक्ते तस्य तृतीया गतिर्श्रवति।- (भर्तृहरि - नीतिशतक 43)दान, भोग और नाश ए तीन गतियां धन की होती हैं। जो न देता है और न भोगता है, उसकी तीसरी गति होती है।पर चाहे जो भी हो इसे भी तो झुठलाया नहीं जा सकता कि-“वित्तवान गुणवान है, वित्तहीन गुणहीन।महिमा वित्त सामान कहुं, काहू की देखीन।”...
- Post by Admin on 1020 days, 22 hours ago
शहद एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है। यह मीठा जरूर होता है लेकिन हानिकारक नहीं। इसके कई सारे लाभ है। खास रूप से शहद वजन घटाने में मदद करता है। लेकिन बाजार में मिलावट के कारण बाजार से खरीदते समय मन में कई सारे सवाल उठते हैं कि शहद असली है या नकली। तो आइए जानते हैं कैसे पहचान करें असली और नकली शहद की ?1 एक मोमबत्ती लें, इसके बाद एक लकड़ी पर रूई के ऊपर शहद लगा दें। इसके बाद मोमबत्ती की सहायता से जलाएं। अगर रूई आंच पकड़ लेती है और वह जलने लग जाती है तो शहद असली है और रुई जलने में टाइम लेती है तो शहद में पानी मिक्स है।2. एक कांच के गिलास में गर्म पानी डालें। गिलास में एक चम्मच शहद डालें। अगर शहद पानी में तुरंत घुल गया तो शहद में मिलावट है। अगर वह एक गाढ़ा तार बनकर नीचे बैठ जाता है तो शहद असली है।3.टिश्यू पेपर पर शहद को डालें। शुद्ध शहद टिश्यू पेपर ही टिका हुआ रहेगा।4. आप अपनी उंगली पर शहद को परख सकते हैं। अगर शहद उंगली की नोक पर ही टिका रहता है तो वह असली है और वह फैल जाता है तो वह नकली है।5. आपने कभी देखा होगा मिठाई बनाते वक्त चाशनी ली जाती है उसी प्रकार से शहद को भी परखा जाता है। अगर वह सिर्फ मोटे तार बना रहा है मतलब असली शहद।...
- Post by Admin on 1021 days, 21 hours ago
बारिश का मौसम आनंद के साथ बीमारियों को भी साथ लेकर आता है, लेकिन इस मौसम की हर समस्या से बचने के उपाय हमारे पास मौजूद होते हैं। किचन में रखे कुछ मसाले भी मौसमी स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए रामबाण साबित होते हैं। आप भी जानिए इन 5 मसालों को -1 काली मिर्च- काली मिर्च आपको सर्दी, खांसी, कफ, पाचन संबंधी समस्याओं से बचा सकती है साथ ही यह म्यूकस को शरीर से बाहर निकालने में भी काफी मददगार साबित होती है।2 दालचीनी- दालचीनी का सेवन बारिश के मौसम इस मौसम में गला खराब होने से तो बचाएगा ही, कफ को निकालने में भी मदद करेगा। यह प्राकतिक तौर पर शरीर में गर्माहट पैदा करने में सहायक है जिससे आप सर्दी जनित समस्याओं से बच जाते हैं।3 हल्दी- हल्दी इन दिनों में गर्माहट का अच्छा स्त्रोत है और यह एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगल गुणों से भरपूर है। गर्म दूध में हल्दी का सेवन तो अमृत के समान माना गया है।4 अदरक- बारिश में अदरक वाली चाय का मजा ही कुछ और होता है। इन दिनों में इसके फायदे भी आपके लिए दुगुने होते हैं, क्योंकि यह न केवल शरीर को गर्माहट देती है बल्कि मौसम की बीमारियों से आपको बचाती है। सूखी अदरक यानि सौंठ का सेवन भी इस मौसम में लाभकारी है।5 लहसुन- लहसुन को भून कर खाने से सर्दी ठीक होती है, यह तो दादी मां के नुस्खों में से एक है। ऐसे कई फायदों में लहसुन से मौसमी बीमारियों का बचाव भी शामिल है।...
- Post by Admin on 1023 days, 20 hours ago
देश में पनीर की डिमांड हर साल करीब 25 फीसदी तक बढ़ती है। लेकिनजैसे-जैसे डिमांड बढ़ रही है मिलावट और अधिक बढ़ती जा रही है। कुछ खाद्य पदार्थ में बहुत अधिक तेजी से मिलावट हो रही है। जिसमें पनीर भी शामिल है। बता दें कि पनीर का सेवन लोगों के बीच पिछले कुछ सालों में काफी अधिक बढ़ गया है। क्योंकि पनीर पोषक तत्वों से भरपूर होता है,डाइट को मेंटेन करता है,-इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। लेकिन नकली पनीर खाने से आपकी तबीयत भी बिगड़ सकती है इसलिए आइए जानते हैं कैसे पहचान करें असली और नकली पनीर –नकली पनीर की पहचान,-नकली पनीर रबड़ की तरह होता है।,-अगर उसकी चिकनाहट की बात की जाए तो नकली पनीर में नहीं होती है।,-वह खाते वक्त भी बिलकुल रबड़ की तरह ही लगता है।,-पनीर चेक करने का दूसरा तरीका है। पनीर को पानी में डालकर उबालकर ठंडा कर लें। ठंडा होने के बाद उसमें कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। इसके बाद अगर पनीर का रंग नीला पड़ने लगता है तो वह मिलावटी पनीर है।...
- Post by Admin on 1025 days, 21 hours ago
नॉटआउट सेंचुरी लगाने के बाद भी पेट्रोल की कीमतें हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं। मध्यप्रदेश और राजस्थान में अब पेट्रोल की कीमतें 110 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा हो चुकी हैं। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से लोगों का बजट भी गड़बड़ा रहा है। ऐसे में यदि आप डेली 35 से 40 किलोमीटर का सफर तय करते हैं तब आपके लिए नाहक मोटर्स की इलेक्ट्रिक साइकिल भी बेस्ट ऑप्शन बन सकती है। कंपनी ने दो ई-साइकिल जिप्पी और गरुणा को लॉन्च किया है।1 किमी का खर्च 10 पैसे-नाहक मोटर्स की जिप्पी और गरुणा दोनों इलेक्ट्रिक साइकिल एक जैसी रेंज के साथ आती हैं। दोनों साइकिल में 36V की स्वैपेबल लिथियम आयन बैटरी दी गई है। कंपनी का कहना है कि ये 3 से 4 घंटे में फुल चार्ज हो जाती है। खास बात है कि इसे घर के नॉर्मल सॉकेट से चार्ज किया जा सकता है। ये एक यूनिट में ही फुल चार्ज हो जाएगी। सिंगल चार्ज पर इसकी रेंज करीब 40 किलोमीटर होगी। यानी 1 किमी का खर्च महज 10 पैसे होगा।2999 रुपए में हो रही बुकिंगकंपनी ने दोनों ई-साइकिल की प्री-बुंकिंग शुरू कर दी है। साइकिल को 2,999 रुपए देकर बुक कर सकते हैं। गरुणा की कीमत 31,999 रुपए और जिप्पी की कीमत 33,499 रुपए है। साइकिल की टॉप स्पीड 25km/h है। यदि इसे थोड़ा पैडल से चलाया जाए तब इसकी रेंज 50 किलोमीटर से भी ज्यादा हो जाती है। इसमें 5 लेवल पैडल असिस्ट और 7 स्पीड गियर सेट दिया है। साइकिल की लोडिंग कैपेसिटी 120 किग्रा है। इसे पैडल से चलाते हैं तब आपका वजन कम होगा और स्टेमिना बढ़ेगा। साथ ही, आपकी फिटनेस भी बेहतर होगी।नाहक ई-साइकिल के स्पेसिफिकेशन-गरुणा और जिप्पी के स्पेसिफिकेशन एक जैसे हैं। दोनों साइकिल में सिर्फ डिजाइन का अंतर है। गरुणा को लड़कों और जिप्पी को लकड़ियों के हिसाब से तैयार किया गया है। साइकिल में 250 वॉट की हब मोटर दी है। ये डिस्क ब्रेक से लैस है। इसमें LED डिस्प्ले स्क्रीन दी है। बैटरी को साइकिल में अलग से अटैच किया जाता है। ऐसे में आप बैटरी को निकालकर घर के अंदर ले सकते हैं और चार्ज कर सकते हैं। इसमें पैडल सेंसर जैसी टेक्नोलॉजी मिलेगी। साइकिल के फ्रंट में हेडलाइट और इंटीग्रेटेड हॉर्न भी दिया है।...
- Post by Admin on 1026 days, 21 hours ago
यदि बचपन में अधिकतर लोग कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हो जाते हैं तो भविष्य में यह वायरस अपना स्वरूप बदलकर उन कोरोनावायरस जैसा ही हो जाएगा, जिनसे केवल मामूली सर्दी-जुकाम होता है। पत्रिका ‘साइंस’ में मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्ष में यह बात कही गई है।इस अध्ययन में आम सर्दी-जुकाम करने वाले 4 कोरोनावायरस और सार्स-सीओवी-1 को लेकर अनुसंधान किया गया। इस विषाणु से संबंधित प्रतिरक्षा विज्ञान और महामारी विज्ञान के डेटा के विश्लेषण से वैज्ञानिकों को सार्स-सीओवी-2 के भविष्य के स्वरूप के संबंध में अनुमान लगाने वाला एक मॉडल विकसित करने में मदद मिली।वैज्ञानिकों ने कहा कि आम सर्दी-जुकाम करने वाले कोरोनावायरस पिछले लंबे समय से लोगों को संक्रमित कर रहे हैं और लगभग हर व्यक्ति कम आयु में उनसे संक्रमित हो चुका है। अध्ययन की लेखिका एवं अमेरिका की इमोरी यूनिवर्सिटी की जेनी लाविने ने कहा कि बचपन में हुआ यह संक्रमण आयु बढ़ने पर गंभीर बीमारी से रक्षा करता है।इसमें कहा गया है कि भविष्य में सार्स-सीओवी-2 ऐसा संक्रमण बन सकता है, जिससे बच्चे 3 से 5 वर्ष तक की आयु में ही संक्रमित हो जाएंगे और ऐसा होने पर यह संक्रमण मामूली बन जाएगा।इसमें कहा गया है कि लोग बड़े होने पर भी इससे संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बचपन में संक्रमित हो जाने के कारण उनमें इसके खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी होगी।अध्ययन में कहा गया है कि वायरस का यह स्वरूप कितनी तेजी से बदलता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वायरस कितना तेजी से फैलता है और सार्स-सीओवी-2 रोधी टीके किस प्रकार से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं।...
- Post by Admin on 1027 days, 21 hours ago
कोरोना वायरस की दूसरी लहर इतनी भयावह होगी कभी सोचा भी नहीं था। कोविड की पहली लहर में बुजुर्ग लोग अधिक चपेट में आए थे। दूसरी लहर में युवा वर्ग अधिक चपेट में आया है। वहीं अब तीसरी लहर की संभावना भी जताई जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा कहा जा रहा है तीसरी लहर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे चपेट में आ सकते हैं। वहीं कोविड से बचाव के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण जरूरी है। अब 18 वर्ष से कम बच्चों के लिए भी टीकाकरण की चर्चा होने लगी है। लेकिन बच्चों के लिए कोविड टीका कितना सुरक्षित है? MGM मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन और शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ शरद थोरा से चर्चा की आइए जानते हैं क्या कहा?डाॅ शरद थोरा ने बताया कि, ‘‘ कोविड की पहली लहर में करीब 1 लाख केस प्रति दिन आए थे। दूसरी लहर में 4 लाख से अधिक केस प्रतिदिन आए है। साथ ही दूसरे वैरियंट्स भी बढ़ें। इस वजह से गंभीर केस अधिक हुए है। अलग - अलग वैरियंट्स अधिक प्रभावी है, लोगों को बहुत जल्दी और अधिक संक्रमित कर रहा है। साथ ही अभी बहुत कम जनसंख्या को कोविड टीका लगा है। दूसरी लहर में संक्रमित होने के दो सबसे बड़े कारण है संक्रमण तेजी से फैला और यह सीवियरिटी रेट अधिक रहा।हालांकि बच्चे बहुत कम प्रभावित होते हैं क्योंकि उनकी इम्युनिटी अच्छी होती है। इसलिए बच्चों में कोविड या अन्य बीमारी बहुत अधिक सीवियर (गंभीर) नहीं होती है। 14 साल से नीचे बच्चों की इम्यूनिटी अच्छी होती हैहालांकि दूसरी वेव में संक्रमण तेजी से फैला, सीवियर केस अधिक बढ़ें। इसलिए ज्यादा लोग प्रभावित हुए।देश में करीब 25 फीसदी बच्चे 18 साल से नीचे है। बच्चों को वैक्सीन लगी नहीं है। ऐसे में बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। दूसरी लहर में कोविड पाॅजिटीव हुए लोगों की इम्यूनिटी बढ़ जाएगी। जैसे पहली लहर में जो लोग कोविड संक्रमित हुए थे उनको असर नहीं के बराबर हुआ।तीसरी लहर में एक संभावना यह है कि बच्चे कोविड से संक्रमित हो सकते हैं और गंभीरता भी अधिक हो सकती है। दूसरी संभावना यह है कि जून तक वैक्सीन बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने की बात कही जा रही है अगर ऐसा होता है तो संख्या पहले के मुकाबले कम हो सकती है।बच्चों का दो तरह से ध्यान रखें-बच्चों के लिए दो चीजें ध्यान रखना है। बच्चों में बीमारी माइल्ड स्तर पर होती है मेजोरिटी स्तर पर बच्चे कवर हो जाते हैं 97 फीसदी बच्चे ठीक हो जाते हैं, कोविड प्रोटोकॉल से। लेकिन बच्चे एक तरह से सुपर स्प्रेडर भी है। जिन्हें पहले से कोई बीमारी है जैसे डायबिटीज, बीपी आदि बुजुर्गों में अधिक होती है। बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए बच्चों से दूर और एकदम अलग रखा जाता है। बच्चों में जब इंफेक्शन कम होता है तब बच्चों को 14 दिनों तक होम आइसोलेट रहना पड़ता है। इस दौरान उन्हें सभी कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है। बच्चों को डाॅ के सुपरविजन में जरूर रखें।इस दौरान उनका इमोशनल सपोर्ट बहुत जरूरी रही है। उनकी जो हॉबिज है उन्हें वह करने दें।इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं-खाने में बच्चों को अंकुरित मूंग, चने, हरी सब्जियां और फल खिलाएं। इन सभी में बच्चों को विटामिन मिल सकते हैं। इसी के साथ बच्चों को विटामिन डी, सी और जिंक की गोलियां भी दे सकते हैं। 5 साल से बड़ा बच्चागोली ले सकता है और 5 साल से छोटे बच्चे को साइरप भी दे सकते हैं।
कोविड टीका बच्चों के लिए सुरक्षित है?कुछ दिनों में 2 साल से 18 साल तक के बच्चों में कोविड ट्रायल शुरू होने जा रहा है। भारत में अभी 18 साल से कम बच्चों को टीका नहीं दिया जाता है। यूएस में 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए टीका मान्य है। भारत में रिसर्च और ट्रायल जारी है। यह जब भी अप्रूव होता है तो बच्चों को टीका लगना चाहिए। यह बहुत कारगर उपाय है।...
- Post by Admin on 1029 days, 20 hours ago
मनुष्य के लिए बोलना प्रकृति का वरदान है। भाषा के विकास के साथ ही मनुष्य का बोलना बढ़ा है। बोलने के बढ़ने के साथ ही सोचना और समझना भी बढ़ा है। इसी से हमारे भीतर अच्छे और बुरे भावों का विकास भी हुआ। आओ जानते हैं बोलने, सुनने, सोचने, समझने से उपजे बर्ताव से संबंधित 8 खास बातें।1. देखा गया है कि अधिकतर व्यक्ति लोगों के दुखों में शामिल नहीं होते और खुद यह अपेक्षा रखते हैं कि कोई हमारे दुख-दर्द सुन ले और हमारी मदद करें। इसके लिए वे उन लोगों के पास भी चले जाते हैं जिनके दुखों में वे कभी खुद नहीं गए।2. बहुत से ऐसे लोग हैं, जो खुद तो दूसरों के साथ खराब बर्ताव करते हैं और अपेक्षा यह रखते हैं कि सभी उनसे अच्छा व्यवहार करें। ऐसे लोग नकारात्मक विचारों के होते हैं और हमेशा वे दूसरों की बातों को काटते रहते हैं और अपना ही बखान करते रहते हैं।3. कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना भी कई लोगों की आदत है। ऐसे लोग न चाहने पर भी दूसरों को राय बांटते रहते हैं। ऐसे लोग कभी किसी की बात ध्यान से नहीं सुनते लेकिन अपेक्षा रखते हैं कि कोई हमारी बातें ध्यान से सुने। ऐसे में यदि कोई उनकी बातें ध्यान से नहीं सुनता हैं तो उन्हें गुस्सा आता है।4. बहुत से लोगों में आदत होती है किसी भी मामले में दखलअंदाजी करना। उनमें भी वे लोग सबसे खराब हैं, जो बिना कारण के किसी के घरेलू मामले में दखल देते हैं और मामले को और बिगाड़ देते हैं।5. बहुत से लोग अपने स्वार्थ के लिए या निष्प्रयोजन झूठ बोलते रहते हैं। वे हर वक्त झूठी कसम खाते रहते हैं। उनमें भी वे लोग अपराधी हैं तो कसम खाकर, झूठ बोलकर और धोखा देकर अपना माल बेचते या व्यापार करते हैं।6. बहुत से लोग ऐसे हैं, जो हर एक के सामने अपना दुख-दर्द सुनाते रहते हैं और अपने घर का भेद दूसरों पर जाहिर करते हैं। इससे घर और परिवार में बिखराव होता है। ऐसे लोग कमजोर माने जाते हैं। ऐसे लोगों का बहुत से दूसरे लोग शोषण भी करते हैं।7. लाखों लोग हैं, ऐसे जो अपनी जुबान बंद नहीं रख सकते। वे दूसरों को कभी बोलने का अवसर नहीं देते। हर बात में वे अपनी राय रखना चाहते हैं भले ही वे उस विषय का ज्ञान नहीं रखते हों। ऐसे लोग जरूरत से ज्यादा बातचीत करते हैं। वे बगैर सोचे-समझे करते हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे हैं, जो हमेशा नकारात्मक बातें ही करते रहते हैं। हमेशा उनके मुंह से कटु वचन ही निकले रहते हैं। ऐसे लोगों से आप कभी भी संवाद स्थापित नहीं कर सकते।8. बहुत से लोग बहुत जल्द ही किसी के बारे में अपनी राय कायम कर उसकी तारीफ या निंदा करने लग जाते हैं, जो कि एक सामाजिक बुराई है। कुछ लोग तो एक-दो मुलाकात में ही किसी के बारे में अपनी राय कायम कर भाषण देने लग जाते हैं।...
- Post by Admin on 1030 days, 21 hours ago
जुलाई से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने वाला है जिनका आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। इनमें कई नियम आपकी जिंदगी को आसान करेंगे तो कई नियमों से परेशानियां बढ़ जाएंगी। आइए जानते हैं वे नियम।एलपीजी की कीमतों में बदलाव : हर महीने की 1 तारीख को केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर की कीमत का ऐलान होता है। पिछले महीने सरकार ने 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 122 रुपए कटौती की गई थी। इस बार भी 1 जुलाई से गैस की कीमतों में बदलाव की पूरी संभावना है, क्योंकि कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव जारी है।SBI के ग्राहकों को लगेगा झटका : अगर आप भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक हैं तो 1 जुलाई से नकदी निकालना महंगा पड़ेगा। चेक के प्रयोग के लिए भी अधिक पैसे देने होंगे। एसबीआई 1 जुलाई से नियम में बदलाव करने जा रहा है। अब बैंक से 4 बार से ज्यादा पैसा निकालने पर अतिरिक्त चार्ज देना होगा। इसमें बैंक के एटीएम भी शामिल हैं। 4 बार पैसा निकालने के बाद प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर आपको 15 रुपए और जीएसटी जोड़कर चार्ज देना होगा। सभी नए सर्विस चार्ज बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट खाताधारकों पर लागू होंगे। इन खाताधारकों को 10 चेक लेने पर 40 रुपए प्लस जीएसटी चार्ज लगेगा।लर्निंग लाइसेंस में सुविधा : लर्निंग लाइसेंस में आपको सुविधा मिलने जा रही है। अब आपको लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन करने के साथ ही घर से ही टेस्ट भी दिया जा सकेगा। टेस्ट में पास होने के बाद लर्निंग लाइसेंस आपके घर पहुंच जाएगा। हालांकि स्थायी लाइसेंस के लिए ट्रैक पर वाहन चलाकर दिखाना होगा। जुलाई से कई राज्यों में यह नई व्यवस्था लागू हो रही है।
छोटी बचत पर ब्याज का फैसला : छोटी बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स या फिर सुकन्या समृद्धि में निवेश किया है तो सरकार ब्याज दर में कटौती कर सकती है। खबरों के अनुसार छोटी बचत योजनाओं पर बैंकों के मुकाबले अधिक ब्याज से दिक्कतें खड़ी हो रही हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।बढ़ सकती हैं गाड़ियों की कीमतें : अगर आप गाड़ियां खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं। स्टील, प्लास्टिक और एल्युमीनियम के दामों में उछाल के बाद वाहन कंपनियां गाड़ियों के दाम अगले महीने से बढ़ाने जा रही हैं। मारुति ने भी अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाने की घोषणा कर दी है। हीरो मोटरकॉर्प ने भी 1 जुलाई से दामों को बढ़ाने का निर्णय लिया है।ज्यादा कटेगा टीडीएस और टीसीएस : आयकर विभाग द्वारा रिटर्न नहीं भरने वालों से 1 जुलाई से ज्यादा टीडीएस, टीसीएस वसूलने की तैयारी है। यह नियम उन आयकरदाताओं पर लागू होगा जिनका सालाना टीडीएस 50,000 रुपए या इससे ज्यादा होता है। इंकम टैक्स रिटर्न नहीं दाखिल करने वालों के लिए लागू दर से अधिक पर टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है। न्यूनतम 5 प्रतिशत या संबंधित सेक्शन में दिए गए रेट्स का दोगुना में से जो भी अधिक हो, वह रेट होगा।ज्वेलरी की होगी अलग पहचान : जिस तरह देश के सभी नागरिकों की पहचान आधार कार्ड में यूआईडी के जरिए की गई है, ठीक उसी तरह सरकार 1 जुलाई से ज्वेलरी के हर नग की विशिष्ट पहचान (यूआईडी) अनिवार्य बनाने जा रही है। गहने चोरी हो जाएं या गुमने पर असली मालिक की पहचान आसानी होगी।इन बैंकों का बदल जाएगा आईएफएससी कोड : 1 जुलाई से केनरा बैंक में विलय हो चुके सिंडीकेट बैंक का आईएफएससी कोड बदल जाएगा। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या लेनदेन के लिए इस कोड की आवश्यकता होती है। बिना आईएफएससी कोड के आप NEFT, RTGS जैसे लेन-देन नहीं कर पाएंगे। 1 जुलाई से इन ग्राहकों के लिए नया आईएफएससी कोड ही मान्य होगा। सिंडीकेट बैंक के ग्राहक पुराने कोड से कोई लेनदेन नहीं कर पाएंगे।
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- Post by Admin on 1030 days, 21 hours ago
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके से पुरुषों और महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिला है। मंत्रालय ने कहा कि टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ‘कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ दल’ ने स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं को भी टीका लगवाने का सुझाव दिया है और कहा है कि यह सुरक्षित है तथा टीका लगवाने से पहले या उसके बाद स्तनपान बंद करने की कोई जरूरत नहीं है।मंत्रालय की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब मीडिया में कोविड-19 टीकाकरण को लेकर नपुंसकता और बांझपन की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसी खबरें भी सामने आई जिनमें कहा गया कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए टीका लगवाना सुरक्षित नहीं है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने वेबसाइट पर डाले गए प्रश्नोत्तर में स्पष्ट किया है कि उपलब्ध किसी भी टीके से पुरुषों या महिलाओं में प्रजनन क्षमता प्रभावित होने का साक्ष्य नहीं मिला है। बयान में कहा गया कि सभी टीकों और उनके घटकों का परीक्षण पहले पशुओं पर किया गया तथा उसके बाद मानवों पर किया गया ताकि किसी भी दुष्प्रभाव का पता लगाया जा सके।टीकों के प्रभाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद ही उनके इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। बयान में कहा गया कि इसके अतिरिक्त, कोविड-19 टीकाकरण से प्रजनन क्षमता प्रभावित होने की अफवाह पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, जिससे साबित हो सके कि टीका लगवाने से पुरुषों में नपुंसकता या महिलाओं में बांझपन जैसी समस्या हो सकती है। टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं।हाल में दिए गए एक साक्षात्कार में ‘टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह’ के कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने ऐसी आशंकाओं पर स्पष्टीकरण दिया था। उन्होंने कहा था कि पोलियो टीकाकरण के दौरान भी ऐसी ही अफवाहें फैलाई गई थीं। उन्होंने कहा था कि सभी टीके वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद बनते हैं और इस प्रकार का दुष्प्रभाव किसी में नहीं होता।...
- Post by Admin on 1033 days, 22 hours ago
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना सिर्फ मोटापा ही नहीं बढ़ाता बल्कि कई गंभीर बीमारियों को भी जन्म देता है। इसे कम करने के लिए बेशक आप कई जतन करते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अखरोट आपका कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है, वह भी सिर्फ 4 घंटे में। जी हां अगर आपको यकीन नहीं होता तो जरूर पढ़िए -एक शोध में यह बात साबित हुई है। लगभग एक मुट्ठी अखरोट खाने पर आप चार घंटे के अंदर इसके फायदे देख सकते हैं। इससे न केवल आपका कोलेस्ट्रॉल कम होता है बल्कि यह आपकी नसों को और अधिक लचीला बनाने में भी मदद करता है। इसके साथ ही आपके शरीर में रक्त संचार आसान हो जाता है जिससे हृदय पर अधिक दबाव नहीं पड़ता।अखरोट शरीर में थर्मोजेनिक प्रभाव पैदा करता है, जिससे हृदय की धमनियों में जमा हुआ वसा घुलनशील अवस्था में आकर धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। इस तरह से आपके हृदय को शरीर में रक्त संचार के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती।अखरोट में प्राकृतिक मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें जिंक, कॉपर, फास्फोरस, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो आपके शरीर के आंतरिक अंगों को पोषित कर उन्हें बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।अखरोट की 100 ग्राम मात्रा में लगभग 600 कैलोरी होती है। इसे खाने से शरीर को अत्यधिक एनर्जी मिलती है। आपके जानकर आश्चर्य होगा कि यह वजन घटाने के लिए भी बेहतरीन है, क्योंकि इसकी थोड़ी मात्रा भी आपको विटामिन पी, एफ, सी, विटामिन बी9, बी2 और विटामिन ए मिलता है, वह भी भरपूर एनर्जी के साथ।इन सभी विटामिन और मिरनल्स के अलावा अखरोट फैटी एसिड, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 का भी एक बेहतरीन स्त्रोत है, जो आपके मस्तिष्क के अंगों के लिए फायदेमंद है और यादददाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं।यह पैंक्रियाज ग्रंथि में होने वाले कैंसर से आपके बचाता है और महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना को कम करता है। इसके अलावा यह रक्त को जमने से रोकता है और टाइप 2 डाइबिटीज से भी बचाता है।प्रतिदिन कम मात्रा में अखरोट का सेवन करना आपकी सेहत के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो कर्इ तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से आपको बचाए रखता है। तो फिर इंतजार किस बात का, आज शुरू कीजिए अखरोट खाना।...
- Post by Admin on 1034 days, 20 hours ago
हल्दी एक औषधीय दवा है। इसके सेवन से कई बीमारियों से निजात मिलती है। हल्दी में एंटी बैक्टीरियल तत्व प्रचुरता में मौजूद होते हैं। इसके सेवन से संक्रमण का खतरा भी कम होता है। वहीं सेहत के साथ यह रंग निखारने में बहुत अच्छी है। हल्दी सेहत के साथ-साथ पूजन सामग्री में भी अधिक उपयोग होता है। आइए आपको बताते हैं आज हल्दी से होने वाले 25 लाभ के बारे में –हल्दी निखारे त्वचा –1.मुहांसों से परेशान है तो हल्दी सबसे कारगर उपाय है। हल्दी में चंदन और नींबू का रस मिलाकर 15 मिनट के लिए फेस पर लगा लीजिए। कुछ ही दिन में मुहांसों आराम मिल जाएगा। या आप 2 चम्मच दही, 1 चम्मच बेसन और आधा चम्मच हल्दी मिक्स करके 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगा लीजिए। सप्ताह में ऐसा 2 बार कीजिए कुछ ही दिन में आराम मिल जाएगा।2.गन्ने का रस,दही और हल्दी को मिला लीजिए। इसके बाद इसे अपनी आंखों के नीचे लगा लीजिए।15 मिनट तक उसे रखें। और ठंडे पानी से इसे धो लीजिए ।3.कई बार समय से पहले ही उम्र ज्यादा दिखने लगती है अगर आपके साथ भी ऐसा होता है हल्दीका पैक जरूर लगाएं। जी हां, हल्दी को दही या दूध में मिक्स कर लें इसके बाद उसे चेहरे पर किसी एक दिशा में घूमने जाएं। 15 मिनट बाद चेहरे को ठंडे साफ पानी से धोलें।4.चेहरी पर जल्दी झुर्रियां आने लग गई है तो घबराएं नहीं हल्दी के साथ आंवले का पाउडर,टमाटर रस और कच्चा दूध मिलाएं। सभी को एक जैसा करके चेहरे पर 30 मिनट लगा कर रख लें। सप्ताह में कम से कम दो बार प्रयोग करें।5.अगर आप ऑयली स्किन से परेशान है तो पीठी जरूर लगाएं। पीठी में आप आटा,नींबू, मलाई,हल्दी, बेसन,मीठा तेल,गुलाब जल,केसर और ऑलिव ऑयल जरूर मिक्स करें 1 महीने तक 1 दिन छोड़कर पीठी लगाएं। आपको कुछ ही दिन में आराम मिल जाएगा।6.कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान पेट पर स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं जो अच्छे नहीं लगते हैं ऐसे में आप बेसन, दही, नींबू, हल्दी को अच्छे से मिक्स कर लें। और फिर उन्हें अपने स्ट्रेच मार्क्स वाली जगह पर 30 मिनट के लिए लगा लें।7.अगर आपको भी किचन में काम के दौरान जलने के निशान हो जाते हैं तो हल्दी और एलोवेरा जेल को मिक्स कर लगा लें। आराम मिल जाएगा।8.ऑयली स्किन का एक ओर उपाय है जी हां, हल्दी चंदन और संतरे का रस तीनों सामग्री कोअच्छे से मिक्स करके चेहरे पर लगा लीजिए। बहुत जल्दी ऑयली स्किन से छुटकारा मिल जाएगा।9.त्वचा को चमकदार बनाने के लिए चंदन का पाउडर, आंवले की गुदी और हल्दी को अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगा लें। फिर गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें। और इसके बाद जैतून के तेल से कुछ देर तक मालिश करते रहे। चेहरे पर कुछ ही दिनों में चमक आ जाएगी।शहद, हल्दी, जैतून का तेल और बेसन बराबर मात्रा में मिक्स कर लें। और उसे चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगा लें। चेहरे का रंग निखर जाएगा।हल्दी, शहद और नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगा लें। 15 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरेको धो लें।12.हल्दी में थोड़ा सा बेसन और शक्कर को अच्छे से मिक्स कर लें। आप इसे चेहरे पर स्क्रब की तरह यूज कर सकते हैं।आइए जानते हैं हल्दी से हेल्दी होने के लाभ,दिल की बीमारी होने पर रोज दूध के साथ हल्दी का सेवन करना चाहिए। साथ ही यह कैस्ट्रोल का कम करने में मदद करता है।
2.रोज हल्दी के दूध का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। गठिया बादी समस्या में भी आराम मिलता है।3.पीरियड्स के दौरान सुबह खाली पेट चुटकी भर हल्दी का ठंडे पानी से सेवन करने से आराम मिलता है।हल्दी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्वों से कैंसर की आशंका कम हो जाती है। दरअसल हल्दी, करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देता है।5.घाव, अंदरूनी चोट, हड्डी से संबंधित परेशानी होने पर हल्दी के दूध का सेवन किया जाता है।6.हल्दी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।7.हल्दी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए दूध के साथ इसका सेवन जरूर करना चाहिए, जिससे चेहरे पर समय से पूर्व झुर्रियां और सिलवटें नहीं आती है।8.सुबह हल्दी का खाली पेट सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल में रहता है और वजन घटाने में भी मदद करता है।9.प्रतिदिन हल्दी का सेवन करने से खून साफ रहता है और ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा होता है।सर्दी-खांसी से परेशान होने पर सबसे पहले हल्दी का दूध दिया जाता है। साथ ही इसके सेवन से बुखार में भी राहत मिलती है।11.बुजुर्गों को हल्दी का सेवन जरूर करना चाहिए। इसमें मौजूद करक्यूमिन अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों को आराम मिलाता है।12.कई बार मुंह से बदबू आने की समस्या से परेशान रहते हैं तो हल्दी का सेवन करें। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल एक्टिविटी पाई जाती है। जो दांतों की सफाई करने में मदद करती है। आप नमक के साथ हल्दी मिक्स करके ब्रश कर सकते हैं, इससे काफी आराम मिलेगा।13.
डायबिटीज के लोगों को अपनी हेल्थ का काफी ध्यान रखना होता है। शुगर के मरीजों को नियमित रूप से हल्दी का सेवन करना चाहिए। इससे शुगर कंट्रोल में रहती है।...
- Post by Admin on 1035 days, 20 hours ago
श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा लिखी थी और फिर हनुमान की कृपा से ही वे श्रीरामचरित मानस लिख पाए। कहते हैं कि तुलसीदासजी ने ही बजरंग बाण भी लिखा था। आओ जानते हैं कि बजरंग बाण का पाठ क्यों करना चाहिए और क्या रखना चाहिए सावधानी।कहते हैं कि गोस्वामी तुलसीदास पर काशी में किसी तांत्रिक ने मारण मंत्र का प्रयोग किया था। तब तुलसीदास जी के शरीर पर फोड़े निक आए थे। इसके बाद तुलसीदास जी ने बजरंग बाण का पाठ पढ़कर हनुमान जी से गुहार लगाई थी। बजरंग बाण के पाठ से एक दिन में सारे फोड़े ठीक हो गए थे। तभी से माजा जाता है कि यह पाठ शत्रुओं पर अचूक वार करता है।1. क्यों करते हैं बजरंग बाण का पाठ? : बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को रुष्ट कर देते हैं, इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं। कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है जिसके कारण उनके गुप्त शत्रु भी होते हैं। यह भी हो सकता है कि आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी तरक्की से लोग जलते हो और आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचते हो। ऐसे समय में यदि आप सच्चे हैं तो बजरंग बाण का पाठ आपको बचाता है और शत्रुओं को दंड देता है।2. सच्चे और पवित्र लोग ही करें इसका पाठ : बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ सच्चे और पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं। 21 दिन में तुरंत फल मिलता है। कभी किसी का बुरा करने की कामना के साथ बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए। किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए या फिर किसी से विवाद की स्थिति में विजय पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए। कर्म करना जीवन में बहुत आवश्यक होता है इसलिए बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता पाने के उद्देश्य से बजरंग बाण पाठ न करें। धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।3. सावधानी : बजरंग बाण के बारे में कहा जाता है कि इसका प्रयोग हर कहीं, हर किसी को नहीं करना चाहिए। जब व्यक्ति घोर संकट में हो तब ही इसका प्रयोग करना चाहिये। प्रयोग करने के पूर्व इसे सिद्ध करना होता है। इसका प्रयोग करते वक्त सावधानी रखना चाहिए। किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होना चाहिए। जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें। बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए। अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक यह पाठ नियमपूर्वक करें। आपको जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना जरूरी है। जितने दिन भी आपको बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों तक किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।4. विधिवत रूप से करें पाठ : बजरंग बाण का पाठ करके के लिए हनुमानजी के चित्र या मूर्ति के समक्ष कुशासन (एक विशेष प्रकार की घास से बना आसन) पर बैठकर विधिवत उनकी पूजा अर्चना करने के बाद इसका पाठ करना चाहिए।5. कब करें ये पाठ : बजरंग बाण का पाठ अक्सर शनिवार को ही किया जाता है, परंतु मंगलवार को भी इसका पाठ कर सकते हैं।6. पाठ के पूर्व क्या करें : बजरंग बाण का पाठ करने के पूर्व संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी होगा, हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे। इसके अलावा रामजी की स्तुति पढ़ें और फिर विधिवत पूजा के बाद पाठ करें। पाठ पूर्ण हो जाने के बाद भगवान राम का स्मरण और कीर्तन करें।7. घी का दीप जलाएं : पाठ के पूर्व घी का दीपक चलाएं जिसमें पांच बत्ती हो। इसी के सात गुग्गल की सुगंध भी फैलाएं।8. अर्पित करें ये सामग्री : हनुमानजी को चमेली का तेल, गुड़, चना, जनेऊ, पान का बिड़ा आदि अर्पित करें। चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल भी अर्पित कर सकते हैं।9. शनि, राहु-केतु से मिलती है मुक्ति : घटना-दुर्घटना को राहु-केतु और शनि अंजाम देते हैं। जैसे अचानक आग लग जाना, आपकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो जाता या किसी मुसिबत का अचानक आ जाना। हनुमानजी आपको सभी तरह की घटना और दुर्घटना से बचा लेते हैं। इसके लिए आप सदा उनकी शरण में रहकर प्रतिदिन बजरंग बाण पाठ कर सकते हैं।10. मंगल दोष से मुक्ति : यदि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष है जिसके कारण विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह होने के बाद वैवाहिक जीवन में संकट पैदा हो रहा है तो उसे नियमित रूप से मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। अगर नियमपूर्वक निष्ठा के साथ बजरंग बाण का पाठ किया जाए, तो इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द हो सकता है।...
- Post by Admin on 1036 days, 21 hours ago
प्रभु जगन्नाथ के कई भक्तों में से एक थे माधवदास। बचपन में ही उनके माता पिता शांत हो गए थे तो बड़े भाई के आग्रह पर उन्होंने विवाह कर लिया और अंत में भाई भी उन्हें छोड़कर संन्यासी बन गए तो उन्हें बहुत बुरा लगा। फिर एक दिन पत्नी का अचानक देहांत हो गया तो वे फिर से अकेले रह गए। पत्नी के ही कहने पर वे बाद में जगन्नाथ पुरी में जाकर प्रभु की भक्ति करने लगे।माधवदास के संबंध में बहुत सारी कहानियां प्रचलित है उन्हीं में से एक कहानी है प्रभु जगन्नाथ के 15 दिन तक बीमार पड़ने की कहानी। प्रभु जगन्नाथ रथयात्रा के 15 दिन पहले बीमार पड़ जाते हैं और 15 दिन तक बीमार रहते हैं।माधवदासजी जगन्नाथ पुरी में अकेले ही रहते थे। वे अकेले ही बैठे बैठे भजन किया करते थे और अपना सारा काम खुद ही करते थे। प्रभु जगन्नाथ ने उन्हें कई बार दर्शन दिए थे। वे नित्य प्रतिदिन श्री जगन्नाथ प्रभु का दर्शन करते थे और उन्हीं को अपना मित्र मानते थे। एक बार माधवदास जी को अतिसार (उलटी-दस्त) का रोग हो गया। वह इतने दुर्बल हो गए कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया। फिर भी अपना सारा काम खुद किया करते थे।
उनके परिचितों ने कहा कि महाराज हम आपकी सेवा करें तो माधवदासजी ने कहा कि नहीं, मेरा ध्यान रखने वाले तो प्रभु श्रीजगन्नाथजी है। वे कर लेंगे मेरी देखभाल, वही मेरी रक्षा करेंगे।
फिर धीरे धीरे उनकी तबीयत और बिगड़ गई और वे उठने-बैठने में भी असमर्थ हो गए तब भगवान श्रीजगन्नाथ जी स्वयं सेवक बनकर इनके घर पहुंचे और माधवदासजी से कहा कि हम आपकी सेवा करें। उस वक्त माधवदासजी की बेसुध से ही थे। उनका इतना रोग बढ़ गया था की उन्हें पता भी नहीं चलता था कि कब मल-मूत्र त्याग देते थे और वस्त्र गंदे हो जाते थे।
भगवान जगन्नाथ ने उनकी 15 दिन तक खूब सेवा की। उनके गंदे कपड़ों को भी धोया और उन्हें नहलाया भी। जब माधवदास जी को होश आया, तब उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि यह तो मेरे प्रभु ही हैं। यह देखकर माधवदासजी ने पूछा, प्रभु आप तो त्रिलोक के स्वामी हैं, आप मेरी सेवा कर रहे हैं। आप चाहते तो मेरा रोग क्षण में ही दूर कर सकते थे। परंतु आपने ऐसा न करके मेरी सेवा क्यों की?
प्रभु श्री जगन्नाथ जी ने कहा- देखो माधव! मुझसे भक्तों का कष्ट नहीं सहा जाता। इसी कारण तुम्हारी सेवा मैंने स्वयं की है। दूसरी बात यह कि जिसका जैसा प्रारब्द्ध होता है उसे तो वह भोगना ही पड़ता है। मैं नहीं चाहता था कि तुम्हें प्रारब्ध का भोगना न पड़े और फिर से जन्म लेना पड़े। अगर उसको भोगेगे-काटोगे नहीं तो इस जन्म में नहीं तो उसको भोगने के लिए फिर तुम्हें अगला जन्म लेना पड़ेगा। इसीलिए मैंने तुम्हारी सेवा की। परंतु तुम फिर भी कह रहे हो तो अभी तुम्हारे हिस्से के 15 दिन का प्रारब्ध का रोग और बचा है तो अब 15 दिन का रोग मैं ले लेता हूं और अब तुम मुक्त हो। इसके बाद प्रभु जगन्नाथ खुद 15 दिन के लिए बीमार पड़ गए।
इस घटना की स्मृति में तभी से रथयात्रा के पूर्व प्रभु जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं। तब 15 दिन तक प्रभु जी को एक विशेष कक्ष में रखा जाता है। जिसे ओसर घर कहते हैं। इस 15 दिनों की अवधि में महाप्रभु को मंदिर के प्रमुख सेवकों और वैद्यों के अलावा कोई और नहीं देख सकता। इस दौरान मंदिर में महाप्रभु के प्रतिनिधि अलारनाथ जी की प्रतिमा स्थपित की जाती हैं तथा उनकी पूजा अर्चना की जाती है। 15 दिन बाद भगवान स्वस्थ होकर कक्ष से बाहर निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं। जिसे नव यौवन नैत्र उत्सव भी कहते हैं। इसके बाद द्वितीया के दिन महाप्रभु श्री कृष्ण और बडे भाई बलराम जी तथा बहन सुभद्रा जी के साथ बाहर राजमार्ग पर आते हैं और रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं।...
- Post by Admin on 1036 days, 21 hours ago
भारत में शुगर के मरीज सबसे अधिक है। देश शुगर के मामलों में टॉप देशों में शुमार है। उन्हें अपने खानपान का खासतौर पर ध्यान रखना जरूरी होता है। शुगर आने पर आपको कई प्रकार के फल और अन्य चीजों के सेवन से बचना चाहिए जिनमें शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। ऐसा इसलिए शुगर होने पर मोटापा, दिल की बीमारी, कैंसर सहित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कहा जा सकता है आपको अपनी लाइफस्टाइल में भी बदलाव करना पड़ता है। शुगर बढ़ने पर आपको शुगर इंटेक वाले फल और चीजों से बचना चाहिए। अक्सर हम मीठे फलों का भी सेवन करने लग जाते हैं यह सोचकर की वह तो नेचरल है। लेकिन ऐसा नहीं है उसका भी असर जरूर होता है।1.सफेद चावल- चावल का सेवन बहुत कम और रोज करने से बचना है। शुगर के मरीजों को इसका सेवन सप्ताह में एक बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए। इनमें कब्र्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। और कब्र्स हमारे शरीर में शुगर बनाते हैं। कई बार चावल खाने या उसके अधिक सेवन से शुगर की मात्रा इतनी अधिक बढ़ जाती है कि इंसुलिन भी कंट्रोल नहीं कर पाता है।2.ज्यूस- फल मीठे होते हैं उन्हें खाने से हमें एनर्जी मिलती है। लेकिन आप शुगर के मरीज है तो आपको ज्यूस नहीं लेना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज अधिक मात्रा में होते हैं और फाइबर की मात्रा कम होती है। वहीं अगर देखा जाए तो एक गिलास ज्यूस में डेढ़ फल लग जाते हैं। इसलिए ज्यूस का सेवन नहीं करना चाहिए। इस जगह पर रॉ फलों का ही सेवन करें।3.फ्लेवर्ड कॉफी- यह बहुत अच्छी लगती है लेकिन इसमें चीनी की मात्रा अधिक होती है। जिसके सेवन से आपका शुगर इनटेक बढ़ सकता है। ऐसे में आपके लिए एक और परेशानी का सबब बन सकता है। इसलिए इस तरह की कॉफी नहीं पीएं जिसमें शुगर अधिक हो।4.केचप- जंक फूड और अन्य फूड में खाने का स्वाद बढ़़ाता है लेकिन केचप का सेवन शुगर मरीजों के लिए घातक है। जी हां, इसके एक चम्मच केचप में एक चम्मच चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए केचप का सेवन नहीं के बराबर करना चाहिए।5.फ्लेवर्ड दही- दही सेहत के लिहाज से बहुत अधिक अच्छा होता है। कम वसा वाले दही में स्वाद नहीं होने पर उनमें बहुत सारी शक्कर घोल दी जाती हैं। लेकिन आपको ऐसे दही का सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही कम वसा वाले दही में फुल फैट दही के समान लाभ बहुत अधिक नहीं होते हैं।6.बारबेक्यू सॉस- यह बहुत स्वादिष्ट होता है। लेकिन बहुत अधिक चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसका सेवन करने से पहले स्टीकर पर जरूर चेक कर लें इसमे कितनी शक्कर है। उस अनुसार आप इसका सेवन करें।7.क्रीम डेयरी प्रोडक्ट्स- फुल क्रीम, आइसक्रीम, चीज में फैट कई गुना अधिक होता है। शुगर के मरीज होने के नाते लो फैट पदार्थों का सेवन करना चाहिए।...
- Post by Admin on 1037 days, 22 hours ago
अगर हमारी गर्भनाल नहीं होती तो हममें से कोई भी यहां नहीं होता, यह एक ऐसा उल्लेखनीय भ्रूण अंग है, जिसने जन्म से पहले हमारा पोषण किया। लेकिन इसके महत्व के बावजूद, गर्भनाल या प्लेसेंटा सबसे कम अध्ययन किए गए अंगों में से एक है और हम पूरी तरह से यह नहीं जानते हैं कि यह कैसे बढ़ता है और कैसे कार्य करता है।गर्भनाल के बारे में अधिक जानकारी का न होना एक बड़ी समस्या का कारण है क्योंकि दस में से एक भ्रूण का प्लेसेंटा ठीक तरीके से काम नहीं करता है, जिससे भ्रूण की वृद्धि रूकने (एफजीआर) जैसे गर्भावस्था संबंधी विकार पैदा होते हैं। इसमें एक बच्चे की वृद्धि नाटकीय रूप से धीमी हो जाती है या रुक जाती है। पूरे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में, यह हर साल 30,000 से अधिक भ्रूण को प्रभावित करता है, और इस विकार के चलते मृत शिशु पैदा होने की संभावना चार गुना अधिक होती है।आधुनिक अल्ट्रासाउंड इमेजिंग उपकरण और नई प्रौद्योगिकियां जैसे मां के खून में भ्रूण डीएनए परीक्षण अभी तक यह अनुमान नहीं लगा पाए हैं कि किस भ्रूण का विकास धीमा होने का जोखिम होता है। भ्रूण का विकास रूकने के बाद ही इसका पता चल पाता है।जोखिम वाले भ्रूण की शीघ्र पहचान और इस संबंध में पहले से पता लगाने में मदद के लिए हमने कंप्यूटर की सहायता से एक आभासी गर्भनाल विकसित किया है। इसे सहज गर्भावस्था और समस्याग्रस्त गर्भावस्था से जुड़े क्लिनिकल और प्रयोगशाला आंकड़ों को एकत्र करके तैयार किया गया है।प्लेसेंटा के कई कार्य हैं। यह मां के रक्त से बच्चे को पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाता है, बच्चे के अपशिष्ट को वापस मां तक पहुंचाता है और महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन करता है जो मां के शरीर को गर्भावस्था के अनुकूल बनाता है।हम जानते हैं कि धूम्रपान सहित कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं, जो बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन बिना किसी जोखिम वाली स्वस्थ महिलाओं में भी गर्भावस्था संबंधी विकार हो सकते हैं और ऐसी संस्कृति में जहां माताएं अक्सर खुद को दोष देने के लिए उतावली होती हैं, महिलाओं के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि भ्रूण का विकास शायद ही कभी इस बात से प्रभावित होता है कि गर्भवती मां ने क्या किया है या क्या नहीं किया।भ्रूण के विकास का अनुमान लगाने का सबसे आम तरीका मां के पेट पर एक टेप माप है, लेकिन यह तकनीक केवल 10 प्रतिशत सही परिणाम देती है और वसायुक्त पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं में तो यह दर और भी कम होती है। आधे से अधिक मामलों में प्रसव से पहले भ्रूण के विकास के संबंध में पता नहीं चल पाता।स्वास्थ्य विकारों का पता लगाने के लिए आभासी अंग में भ्रूण के विकास के बारे में पता लगाने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है। डॉक्टरों को जितनी जल्दी यह पता चलेगा कि भ्रूण जोखिम में हैं, उतना ज्यादा अच्छा है। फिलहाल इलाज के विकल्प तो सीमित हैं, लेकिन डॉक्टर गर्भावस्था की अधिक बारीकी से निगरानी करके प्रसव के बारे में उचित निर्णय ले सकते हैं।यह उतना आसान नहीं है, क्योंकि गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों के शरीर में जल्दी-जल्दी बदलाव आते हैं और हम गर्भवती माताओं को अधिक परीक्षण, या अल्ट्रासाउंड, या ऐसी प्रक्रियाओं से गुजरने के लिए नहीं कह सकते हैं, जो गर्भावस्था को जोखिम में डाल सकती हैं।वर्चुअल प्लेसेंटा हमें भावी मां पर उन परीक्षणों के बोझ को जोड़े बिना गर्भावस्था को और अधिक बारीकी से देखने की अनुमति देता है, जिनसे एक गर्भवती मां को गुजरना पड़ता है। आभासी अंग, या वास्तव में आभासी मनुष्य, कोई नई अवधारणा नहीं है।कई दशकों से वैज्ञानिक यह अनुमान लगाने के लिए भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के साथ शारीरिक ज्ञान का संयोजन कर रहे हैं कि शरीर रचना विज्ञान में परिवर्तन विभिन्न अंगों के कार्य को कैसे प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन कैसे प्रभावित करते हैं कि शरीर के चारों ओर रक्त प्रसारित करने के लिए हृदय को कितनी मेहनत करनी पड़ती है।गर्भनाल वृक्षों के घने जंगल की तरह होती है। बच्चे की अपनी रक्त वाहिकाएं इन पेड़ों की शाखाओं के अंदर होती हैं, जबकि मां के गर्भाशय से रक्त बाहर की ओर बहता है। इन दोनों परिसंचरणों में रक्त कैसे प्रवाहित होता है, यह जानना महत्वपूर्ण हो सकता है।अभी हाल ही में एक तकनीक से वर्चुअल प्लेसेंटा के माध्यम से इस रक्त प्रवाह और विनिमय के विवरण को जानना संभव हो सका है, जिससे वैज्ञानिक यह जान पाएंगे कि अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसी इमेजिंग में बच्चे के विकास को बाधित करने वाले प्लेसेंटा को कैसे पहचाना जा सकता है।हम उम्मीद करते हैं कि इस ज्ञान का उपयोग जोखिम वाले गर्भधारण की भविष्यवाणी करने के नए तरीके विकसित करने के लिए किया जाएगा, ताकि हम भ्रूण के विकास में बाधा डालने वाले मुद्दों को रोकने में मदद कर सकें, और सभी बच्चों को जीवन की बेहतर शुरुआत दे सकें।...
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महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हर दिन कोविड केस में एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो रहा है। पिछले साल 2020 में इस अदृश्य बीमारी ने भारत में दस्तक दी थी। 2021 में एक बार फिर से इसका कोहरम मचने लगा है। हालांकि इस एक साल में भारत में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार कर ली गई है।जिसे आज आयु वर्ग के अनुसार लगाया जा रहा है। लेकिन वैक्सीनेशन को लेकर कुछ आम सवाल है जिसे हर व्यक्ति वर्ग जानना चाहता है। इसे लेकर इंदौर जिला सर्विलांस अधिकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी डॉ. अमित मालाकार से खास चर्चा की। आइए जानते हैं क्या कहा उन्होंने-
1. क्या वैक्सीनेशन जरूरी है?
उत्तर. बिल्कुल, जो भी वैक्सीनेशन के पात्र हितग्राही है उन्हें वैक्सीन लगवाना चाहिए। इससे कोविड-19 की सीवियरिटी बहुत कम रहेगी। अगर आपको कोरोना होता है तो आपको अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।प्रश्न 2. वैक्सीनेशन लेने के बाद भी
कोविड हो सकता है?
उत्तर. हां, वैक्सीनेशन लेने के बाद भी कोविड-19 हो सकता है। लेकिन खतरा कम रहेगा।
प्रश्न 3. वैक्सीनेशन का पहला डोज लेने के बाद कोविड होने पर दूसरी डोज कब लेना चाहिए?
उत्तर. अगर वैक्सीनेशन के बाद कोविड हो जाता है तो ठीक होने के 3 महीने बाद आप वैक्सीन लगवा सकते हैं।
प्रश्न 4. कोविड मुक्त होने पर वैक्सीनेशन लेना आवश्यक है?
उत्तर. हां, कोविड मुक्त होने पर भी वैक्सीनेशन लेना जरूरी है।
प्रश्न 5. क्या वैक्सीन के लिए किसी कंपनी का चुनाव करना जरूरी है?
उत्तर. नहीं, दोनों ही कोविशील्ड और कोवैक्सीन की क्षमता एक हैं। दोनों वैक्सीन सुरक्षित है। दोनों वैक्सीन सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रश्न 6. क्या वैक्सीनेशन के बाद भी सावधानी बरतना जरूरी है?
उत्तर. वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग जरूर करें।
प्रश्न 7. क्या वैक्सीनेशन का एक डोज काफी है?
उत्तर. नहीं, ये बूस्टर डोज होते हैं, दोनों डोज के उपरांत ही आप पूर्णतः ठीक होने का विश्वास कर सकते हैं।
और आपके अंदर सही मात्रा में एंटीबाॅडी बनती है।
प्रश्न 8. क्या दोनों डोज एकसमान है?
उत्तर. जी हां, दोनों डोज एक जैसे ही है। साथ ही
आप कोवीशील्ड का डोज लगवाते हैं तो दूसरा डोज भी उसी का लगाना है।
प्रश्न 9. वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट्स कितने दिन तक हो सकते है?
उत्तर. वैक्सीनेशन के बाद बुखार, हाथ-पैर दर्द होना, सिर दर्द होना लक्षण हैं। इसका असर ज्यादा से ज्यादा एक या दो दिन तक रहता है।
प्रश्न 10. वैक्सीन लगाने के बाद साइड इफेक्ट्स न होना क्या वैक्सीन का प्रभाव न होना इसकी निशानी है?
उत्तर. हर इसांन का इम्युनिटी लेवल अलग-अलग होता है। किसी को साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं तो किसी को नहीं। इसका कोई मतलब नहीं है कि वैक्सीन उनकी बॉडी में डेवलप करने में असर नहीं करेगी। यह सभी को असर करेगी।
प्रश्न 11. कोविड के इलाज में प्लाज्मा देने वालों को भी वैक्सीन दी जाना चाहिए?
उत्तर. आज की स्थिति के अनुसार सरकार द्वारा जो आयु वर्ग तय किया है उसके अनुसार सभी को वैक्सीन लगवाना हैै। अगर प्लाज्मा देने वाला 45 साल से ऊपर के है वे सभी इसके पात्र है।
प्रश्न 12. कोरोना के दोनों डोज के बाद भी वैक्सीनेशन करवाना होगा?
उत्तर दो डोज के बाद पर्याप्त मात्रा में एंटी बाॅडी विकसित हो रही है। लेकिन एंटीबाॅडीज कितने वक्त तक बाॅडी में रहती है इस पर अभी कंपनी भी रिसर्च कर रही है। भारत सरकार की ओर से जो समिति है वह निर्धारित करती है कि अगली वैक्सीन कब लगेगी।
प्रश्न 13. गर्भवती महिलाएं कब वैक्सीन लगवा सकती है?
नहीं, अभी भारत में इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
प्रश्न 14. क्या स्तनपान करा रही महिलाएं वैक्सीन लगवा सकती है?
उत्तर. डिलेवरी के बाद कभी भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। उसमें कोई परेशानी नहीं है।
प्रश्न 15. वैक्सीनेशन के कितने दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं?
उत्तर. आपने कोई सी भी वैक्सीन लगवाई हो टीके के 28 दिन बाद आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं। अगर आपने कोविड का पहला डोज लगवाया हो या दूसरा डोज लगवाया हो कभी भी डोनेट कर सकते हैं। लेकिन 28 दिन का अंतराल रखें। कोशिश रहे बहुत अधिक जरूरी नहीं हो तो दोनों डोज के बाद ही रक्तदान करें और 28 दिन का अंतराल रखें।
प्रश्न 16. कोविड से ठीक होने के कितने दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं?
कोविड से ठीक होने के बाद अगर आपको किसी प्रकार की भी दवा दी जा रही है। तो ब्लड डोनेट नहीं करें। अगर आपको खून पतला करने की दवा दी जा रही है, आपके इम्यून सिस्टम पर अभी भी असर पड़ता है तो आप ब्ल्ड डोनेट नहीं करें। पूरी तरह से ठीक होने के डेढ माह बाद आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले सभी तरह की जांच जरूर कराएं। साथ ही मास्क का उपयोग करें, सैनिटाइज करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
अगा आपको डायबिटीज हो गई हो, या खून पतला करने की दवा दी जा रही हो तो आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। ब्लड डोनेट करने से 2 घंटे पूर्व ध्रूमपमान नहीं करें, आपको किसी प्रकार की दवा नहीं चल रही हो। तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं।...
- Post by Admin on 1039 days, 23 hours ago
सरकार के द्वारा दी गई अंतिम तारीख तक अगर आप अपने आधार को पैन से नहीं जोड़ते हैं तो इसके लिए आपको 1,000 रुपए जुर्माना देना होगा। यह आयकर कानून 1961 में जोड़ी गई धारा 234एच के कारण हुआ है। इसे सरकार ने 23 मार्च को लोकसभा में पारित वित्त विधेयक 2021 के अंतर्गत पास कराया है।अगर कोई व्यक्ति अंतिम तारीख तक अपने पैन को आधार से नहीं जोड़ता है तो उसका पैन निष्क्रिय हो जाएगा। इसके बाद लेनदेन में पैन का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। यानी जहां भी पैन की जरूरत होगी वहां पर इस्तेमाल नहीं होगा।उल्लेखनीय है कि बैंक अकाउंट खुलवाने, बैंकिंग लेनदेन, म्युचुअल फंड ट्रांजेक्शंस, स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट्स आदि में पैन कार्ड की आवश्यकता होती है, क्योंकि इन सभी में KYC नियमों के लिए पैन जरूरी है।
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- Post by Admin on 1039 days, 23 hours ago
हिन्दू परंपरा पर आधारित योग का इतिहास-1. योग का उपदेश सर्वप्रथम हिरण्यगर्भ ब्रह्मा ने सनकादिकों को, इसके बाद विवस्वान सूर्य, रुद्रादि को दिया। बाद में यह दो शाखाओं में विभक्त हो गया। एक ब्रह्मयोग और दूसरा कर्मयोग।2. ब्रह्मयोग की परम्परा सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार, कपिल, आसुरि, वोढु, पंच्चशिख नारद और शुकादिकों ने शुरू की थी। यह ब्रह्मयोग लोगों के बीच में ज्ञानयोग, अध्यात्मयोग और सांख्ययोग नाम से प्रसिद्ध हुआ।
3. दूसरी कर्मयोग की परम्परा विवस्वान की है। विवस्वान ने वैवस्वत मनु को, मनु ने ऋषभदेव और इक्ष्वाकु को, इक्ष्वाकु ने राजर्षियों एवं प्रजाओं को योग का उपदेश दिया। फिर भगवान श्रीराम को ऋषि वशिष्ठ और विश्वामित्र ने यह ज्ञान दिया।4. परंपरा से प्राप्त यह ज्ञान महर्षि सांदीपनि, वेदव्यास, गर्गमुनि, घोर अंगिरस, नेमिनाथ आदि गुरुओं ने भगवान श्रीकृष्ण को दिया और श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया।5. योग के इसी ज्ञान को बाद में भगवान महावीर स्वामी ने पंच महाव्रत और गौतम बुद्ध ने आष्टांगिक मार्ग नाम से विस्तार दिया।6. परंपरा से ही यह ज्ञान महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र के माध्यम से और आदि शंकराचार्य ने वेदांत के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार किया।7. इसी ज्ञान को बाद में 84 नाथों की परंपरा ने हठयोग के नाम से आगे बढ़ाया जिनके प्रमुख योगी थे गुरु मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गोरखनाथ।8. शैव परंपरा के अनुसार योग का प्रारंभ आदिदेव शिवजी से होता है। शिवजी ने योग की पहली शिक्षा अपनी पत्नी पार्वती को दी थी।9. शिवजी ने दूसरी शिक्षा केदारनाथ में कांति सरोवर के तट पर अपने पहले 7 शिष्यों को दी थी, जिन्हें सप्तऋषि कहा जाता है।10. भगवान शिव की योग परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष शिव, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भारद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरीष मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया।1. भगवान शिव के बाद योग के सबसे बड़े गुरु गुरु दत्तात्रेय थे। गुरु दत्तात्रेय की योग परंपरा में ही आगे चलकर आदि शंकराचार्य और गोरखनाथ की परंपरा का प्रारंभ होता है।12. गुरु गोरखनाथ की 84 सिद्धों और नवनाथ की परंपरा में मध्यकाल में कई महान संत हुए जिन्होंने योग को आगे बढ़ाया। संत गोगादेवजी, रामसापीर, संत ज्ञानेश्वर, रविदासजी महाराज से लेकर परमहंस योगानंद, रमण महर्षि और स्वामी विवेकानंद तक हजारों योगी हुए हैं जिन्होंने योग के विकास में योगदान दिया है।शोधपरआधारितयोगकाइतिहास
1. श्रीराम के काल में योग : नए शोध के अनुसार 5114 ईसा पूर्व प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। उस वक्त महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र और वाल्मीकिजी लोगों को योग की शिक्षा देते थे।2. श्रीकृष्ण के काल में योग : नए शोधानुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व हुआ था। उन्होंने अर्जुन को योग की शिक्षा दी थी।
3. सिंधु घाटी सभ्यता काल में योग : योगाभ्यास का प्रामाणिक चित्रण लगभग 3000 ईस्वी पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता के समय की मुहरों और मूर्तियों में मिलता है। इसके अलावा भारत की प्राचीन गुफाएं, मंदिरों और स्मारकों पर योग आसनों के चिह्न आज भी खुदे हुए हैं।4. ऋग्वेद काल में योग : संसार की प्रथम पुस्तक 'ऋग्वेद' में यौगिक क्रियाओं का उल्लेख मिलता है। हजारों वर्षों की वाचिक परंपरा के बाद 1500 ईसा पूर्व वेद लिखे गए।5. महावीर स्वामी के काल में योग : भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईस्वी पूर्व हुआ था। उन्होंने योग के आधार पर ही पंच महाव्रत का सिद्धांत प्रतिपादित किया था।6. बौद्ध काल में योग : भगवान बुद्ध का जन्म 483 ईस्वी पूर्व हुआ था। उन्होंने योग के आधार पर ही आष्टांगिक मार्ग का निर्माण किया था।7. आदि शंकराचार्य के काल में योग : मठ परंपरा के अनुसार आदि शंकराचार्य का जन्म 508 ईसा पूर्व और मृत्यु 474 ईसा पूर्व हुई थी। इतिहासकारों के अनुसार 788 ईस्वी में जन्म और 820 ईस्वी में मृत्यु हुई थी। उनसे योग की एक नई परंपरा की शुरुआत होती है।8. महर्षि पतंजलि के काल में योग :महर्षि पतंजलि ने योग का प्रामाणिक ग्रंथ 'योगसूत्र' को 200 ईस्वी पूर्व लिखा था। योगसूत्र पर बाद के योग शिक्षकों ने कई भाष्य लिखे हैं।9. हिन्दू संन्यासियों के 13 अखाड़ों में योग : सन् 660 ईस्वी में सर्वप्रथम आवाहन अखाड़ा की स्थापना हुई। सन् 760 में अटल अखाड़ा, सन् 862 में महानिर्वाणी अखाड़ा, सन् 969 में आनंद अखाड़ा, सन् 1017 में निरंजनी अखाड़ा और अंत में सन् 1259 में जूना अखाड़े की स्थापना का उल्लेख मिलता है।10. गुरु गोरखनाथ के काल में योग : पतंजलि के योगसूत्र के बाद गुरु गोरखनाथ ने सबसे प्रचलित 'हठयोग प्रदीपिका' नामक ग्रंथ लिखा। इस ग्रंथ की प्राप्त सबसे प्राचीन पांडुलिपि 15वीं सदी की है।11. मध्यकाल में योग : गुरु गोरखनाथ की 84 सिद्धों और नवनाथ की परंपरा में मध्यकाल में कई महान संत हुए जिन्होंने योग को आगे बढ़ाया। संत गोगादेवजी, रामसापीर, संत ज्ञानेश्वर, रविदासजी महाराज से लेकर परमहंस योगानंद, रमण महर्षि और विवेकानंद तक हजारों योगी हुए हैं जिन्होंने योग के विकास में योगदान दिया है।...
- Post by Admin on 1041 days, 21 hours ago
"ॐ जय शिव ओंकारा" की आरती आप शिव जी मानते आए हैं लेकिन सच तो है कि यह केवल शिवजी की आरती नहीं है बल्कि ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों की आरती है ...इस आरती के पदों में ब्रह्मा-विष्णु-महेश तीनों की स्तुति है..एकानन (एकमुखी, विष्णु),चतुरानन (चतुर्मुखी,ब्रह्मा) और पंचानन (पंचमुखी, शिव) राजे..iiहंसासन (ब्रह्मा) गरुड़ासन (विष्णु ) वृषवाहन (शिव) साजे..दो भुज (विष्णु), चार चतुर्भुज (ब्रह्मा), दसभुज (शिव) अति सोहे..अक्षमाला (रुद्राक्ष माला,ब्रह्माजी ), वनमाला (विष्णु ) रुण्डमाला (शिव) धारी..चंदन (ब्रह्मा), मृगमद (कस्तूरी विष्णु ), चंदा (शिव) भाले शुभकारी (मस्तक पर शोभा पाते हैं)..श्वेताम्बर (सफेदवस्त्र,ब्रह्मा) पीताम्बर (पीले वस्त्र, विष्णु) बाघाम्बर (बाघ चर्म ,शिव) अंगे..ब्रह्मादिक (ब्राह्मण, ब्रह्मा) सनकादिक (सनक आदि, विष्णु ) प्रेतादिक (शिव ) संगे (साथ रहते हैं)..कर के मध्य कमंडल (ब्रह्मा), चक्र (विष्णु), त्रिशूल (शिव) धर्ता..जगकर्ता (ब्रह्मा) जगहर्ता (शिव ) जग पालनकर्ता (विष्णु)..ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका (अविवेकी लोग इन तीनों को अलग अलग जानते हैं।)प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों...
- Post by Admin on 1043 days, 21 hours ago
अंग्रेजी में हिप्नोटिज्म कहते हैं। हिप्नोटिज्म दो तरह से होता है पहला खुद को सम्मोहित करना और दूसरा दूसरों को सम्मोहित करना। कई देशों में इस विद्या के माध्यम से मानसिक रोग, हताशा, निराशा और अविश्वास की भावना को दूर किया जाता है। मनोविज्ञान में इसे चिकित्सा की तरह देखा जाता है। आओ जानते हैं कि किस तरह से सेल्फ हिप्नोटिज्म अर्थात आत्म सम्मोहनकरने खुद को मानसिक रूप से सुदृढ़ बना सकते हैं।1. पहली स्टेप : ध्यान, प्राणायाम और नेत्र त्राटक द्वारा आत्म सम्मोहन की शक्ति को जगाया जा सकता है। आप पहले प्रतिदिन 5 मिनट का ध्यान करते वक्त भृकुटी पर फोकस करें या आप चहें तो दीवार पर एक बिंदू बानाकर उसे पांच मिनट तक देखने के बाद आंखें बंद करके उस बिंदू को देखने का प्रयास करें।कुछ लोग अंगूठे को आंखों की सीध में रखकर तो, कुछ लोग स्पाइरल (सम्मोहन चक्र), कुछ लोग घड़ी के पेंडुलम को हिलाते हुए, कुछ लोग लाल बल्ब को एकटक देखते हुए और कुछ लोग मोमबत्ती को एकटक देखते हुए भी उक्त साधना को करते हैं।2. दूसरी स्टेप : अब शवासन की मुद्रा में लेटकर खुद के शरीर को पूर्णत: ढीला छोड़ दें और सिर्फ श्वासों के आवागमन...
- Post by Admin on 1044 days, 22 hours ago
नई दिल्ली। पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने पेंशन कोष की राशि 5 लाख रुपए से कम होने की स्थिति में अंशधारकों को बिना कोई पेंशन प्लान खरीदे समूची राशि निकालने की अनुमति दे दी है।वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के ग्राहकों को सेवानिवृति के समय अथवा 60 साल की आयु पूरी होने पर 2 लाख रुपए का पेंशन कोष होने की स्थिति में बीमा कंपनियों द्वारा पेश की जाने वाली पेंशन योजना को खरीदना होता है। वे शेष 60 प्रतिशत राशि की निकासी कर सकते हैं।पेंशन नियामक ने एक गैजेट अधिसूचना में कहा है एनपीएस के तहत समय पूर्व निकासी सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया गया है।नियामक ने एनपीएस में प्रवेश करने की अधिकतम आयु को भी 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दिया है जबकि बाहर निकलने की आयु सीमा को 75 साल कर दिया गया है।...
- Post by Admin on 1045 days, 21 hours ago
रिलायंस जियो फाइबर यूजर्स के लिए एक साथ कई नए पोस्टपेड प्लान लेकर आई है। ये प्लान्स 399 रुपए प्रतिमाह कीमत से शुरू होंगे। नए प्लान्स को लॉन्च करने के साथ ही कंपनी ने ऐलान किया है कि सभी नए यूजर्स को प्लान के साथ इंटरनेट बॉक्स यानी राउटर फ्री मिलेगा। ग्राहकों को कोई इंस्टॉलेशनफीस भी नही भरनी पड़ेगी। कुल मिलाकर ग्राहकों को 1500 रुपए तक की बचत होगी।फ्री इंटरनेट बॉक्स और फ्री इंस्टॉलेशन का फायदा यूजर्स को तभी मिलेगा, जब वे कम से कम 6 महीने की वेलिडिटी का प्लान खरीदेंगे। सभी प्लान्स 17 जून से लागू होंगे।अपलोड और डाउनलोड स्पीड बराबर होगी।रिलायंस जियो के नए पोस्टपेड प्लान की एक खासियत यह होगी कि इसमें अपलोड और डाउनलोड स्पीड एक जैसी मिलेगी। 399 रुपए के प्लान में 30 एमबी, 699 रुपए के प्लान में 100 एमबी, 999 रुपए वाले प्लान में 150 एमबी और 1499 रुपए के प्लान में 300 एमबी की अपलोड और डाउनलोड स्पीड यूजर्स को मिलेगी। इसके अलावा 1 जीबीपीएस तक के प्लान भी जियोफाइबर पर उपलब्ध है।रिलायंस जियो के 999 रुपए के पोस्टपेड जियोफाइबर कनेक्शन के साथ ग्राहकों को फ्री ओटीटी ऐप्स का फायदा भी मिलेगा। अमेजन प्राइम, ...
- Post by Admin on 1045 days, 22 hours ago
कोरोना के नए डेल्टा वेरिएंट मिलने के बाद दुनिया के कई देश चिंतित हैं. लॉकडाउन खोलने की ओर बढ़ रहे इन देशों में फिर से पाबंदियां लागू कर दी गई है. हालांकि अब तो कोरोना के खतरनाक डेल्टा वेरिएंट का भी म्यूटेशन हो चुका है और अब ये डेल्टा प्लस या एवाई.1 में तब्दील हो गया है. इस डेल्टा वेरिएंट को तेजी से संक्रमण फैलाने वाला बताया गया है. ब्रिटेन में लागू रहेगा लॉकडाउन-इस नए वेरिएंट के आने के बाद ब्रिटेन में लॉकडाउन को हटाने का फैसला फिलहाल के लिए टाल दिया गया है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को लॉकडाउन संबंधी सभी पाबंदियों को खत्म करने की मियाद चार सप्ताह और टालते हुए इसे 19 जुलाई तक बढ़ा दिया. इससे पहले यह पाबंदियां 21 जून को खत्म होने जा रही थीं,जॉनसन ने कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के चलते संक्रमण के मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से चिंता और बढ़ गई है. प्रधानमंत्री की इस घोषणा के साथ ही अब 'फ्रीडम डे' 19 जुलाई को मनाया जाएगा जो कि लॉकडाउन खत्म होने की खुशी में मनाया जाना है.चीन ने बढ़ाई सख्ती-इसी तरह चीन के दक्षिणी प्रांत ग्...
- Post by Admin on 1046 days, 23 hours ago
भारत में ऐसे लोग जो अधिक समृद्ध नहीं हैं, वे आर्थिक परिदृश्य को लेकर अधिक संशय की स्थिति में हैं कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत से उपभोक्ताओं में काफी बेचैनी है।। एक ताजा अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादातर उपभोक्ताओं का मानना है कि अगले 6 माह के दौरान उनकी आमदनी कोविड-पूर्व के स्तर से कम होगी।वैश्विक प्रबंधन सलाहकार कंपनी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) द्वारा यह सर्वे 23 से 28 मई के दौरान किया गया। इसमें पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों तथा ग्रामीण भारत के 4,000 उपभोक्ताओं के विचार लिए गए।अध्ययन में शामिल 51 प्रतिशत उपभोक्ताओं का मानना है कि अगले छह माह के दौरान उनका खर्च निचले स्तर पर रहेगा। इससे पहले 20 जुलाई से दो अगस्त, 2020 के दौरान किए गए सर्वे में ऐसा कहने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 40 प्रतिशत थी।
सर्वे में शामिल 83 प्रतिशत लोगों का कहना था कि कोरोनावायरस उनकी नौकरी और कारोबार के लिए बड़ा जोखिम है, वहीं 86 प्रतिशत ने कहा कि महामारी की वजह से आर्थिक मंदी की स्थिति बनेगी। जहां तक आमदनी की बात है, 58 प्रतिशत लोगों का कहना था कि अगले छह माह के दौरान उनकी आय में ग...
- Post by Admin on 1046 days, 23 hours ago
कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय से बंद स्कूल और कॉलेजों को किस तरह से फिर से खोला जा सके इसको लेकर शिवराज सरकार ने अब मंथन शुरु कर दिया है। आज सीहोर में मंत्रियों को संबोधित करते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण विषय है। कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज नहीं खुलने के चलते बच्चे बहुत दिन से स्कूल नहीं गए है। स्कूल बंद होने से बच्चे कुठिंत और परेशान हो रहे है। ऐसे में क्या टेक्नॉलाजी के माध्यम के साथ शिक्षा देने के साथ और क्या तरीका हो सकता है इस पर भी मंथन करना होगा"।मनोचिकित्सक और काउंसलर डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी ने कहा था कि कोरोना काल में सामान्य तौर पर बच्चे पहले से ही किसी न किसी तरह एक डिप्रेशन के वातावरण से घिरे हुए है। ऐसे में पैरेटेंस की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है और उनको बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर की चिंता और लोगों को लगातार जागरुक करने की पहल की तारीफ करते हुए डॉक्टर सत्यकांत ने साफ तौर पर कहा था कि अब सरकारों को स्कूल,कॉलेज को कैसे शुरु करे इस पर मंथन करना होगा क्यों कि ऑनलाइन शिक...
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कोरोनावायरस महामारी शुरू होने के बाद से ही ऐसे सुझाव दिए जाते रहे हैं कि कुछ खाद्य पदार्थ या आहार इस संक्रमण से रक्षा कर सकते हैं, लेकिन क्या इस तरह के दावे विश्वसनीय हैं?'बीएमजे न्यूट्रीशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ' में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में इस अवधारणा की जांच की गई है। इसमें पाया गया किजिनस्वास्थ्य पेशेवरों ने शाकाहारी या मिश्राहारी (जिनमें मांस नहीं खाया जाता लेकिन मछली खाई जाती है) भोजन किया, उनमें कोविड-19 के मध्यम से गंभीर लक्षण पैदा होने का खतरा कम हो गया।साथ ही इस अध्ययन में पाया गया कि जिन्होंने कहा कि वे कम कार्बोहाइड्रेट या उच्च प्रोटीन वाला आहार लेते हैं तो उनमें कोविड-19 के मध्यम से गंभीर लक्षण पाए जाने का खतरा अधिक रहा। इससे ऐसा लग सकता है कि शाकाहारी भोजन करने या मछली खाने से कोविड-19 महामारी होने का खतरा कम होता है। लेकिन असलियत में चीजें इतनी आसान नहीं हैं। पहले यह बात महत्वपूर्ण है कि उक्त आहार का कोविड-19 के संपर्क में आने के शुरुआती खतरे पर कोई असर नहीं पड़ता।अध्ययन में यह नहीं कहा गया है कि आहार से संक्रमित होने के खतरे में बदलाव होता है, न ही इसमे...
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देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस की जुझारू नेत्री और राज्य की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश बीते दिन दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में शामिल होने गई थी और दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पिछले 4 दशक से उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बड़े नेताओं में शुमार रहीं।इंदिरा हृदयेश को पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का उत्तराधिकारी माना जाता था। उम्मीद की जा रही थी कि साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।अब अटकलें लगाई जा रही थीं कि 2022 में अगर कांग्रेस सत्ता पर काबिज होती है, तो इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।साल 2012 में भी इंदिरा हृदयेश के मुख्यमंत्री बनने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, तो उस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के समीकरण को देखते हुए विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। इसके बाद चर्चाएं फिर चलनी शुरू हो गई थीं कि कांग्रेस के इस कार्यकाल के दौरान...
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हिन्दू धर्म के तीन प्रमुख देवता हैं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। साधारण मानव ने तीनों को प्रकृति तत्वों में खोजने का प्रयास किया है। तीनों के ही मनुष्य ने साकार रूप गढ़ने के लिए सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा को शंख, शिव को शिवलिंग और भगवान विष्णु को शालिग्राम रूप में सर्वोत्तम माना है। परंतु हम यहां पर शिवलिंग और शालिग्राम की बात नहीं कर रहे हैं। आओ जानते हैं कि वास्तु के अनुसार कौनसे दो पत्थर घर में रखने से किस्मत पलट सकती है।1. अंडाकार सफेद पत्थर : अंडाकार सफेद पत्थर घर में होना चाहिए। यह पत्थर संगमरमर या किसी ठोस सफेद पत्थर का भी हो सकता है। इसे कुछ लोग अपनी जेब में भी रखते हैं। यह गोदंती के समान होता है। कहते हैं कि इस तरह के पत्थर को रखने का चमत्कारिक लाभ मिलता है। धन और समृद्धि के रास्ते फटाफट खुलते हैं और मानसिक शांति भी बनी रहती है।2. आत्मरत्न : समुद्र किनारे ऐसे हजारों रंग-बिरंगे पत्थर मिल जाएंगे, जो अद्भुत होंगे। ये पत्थर बहुत ही खूबसूरत होते हैं। इनमें से ही किसी भाग्यशाली को ऐसा भी पत्थर मिल सकता है, जो किस्मत को बदलने वाला हो। समुद्र में तैरने वाले पत्थर भी होते हैं। नाविक और ...
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हिन्दू धर्म का एकमात्र धर्मग्रंथ है वेद। वेद के चार भाग है- ऋग, यजु, साम और अथर्व। वेदों का सार है उपनिषद और उपनिषदों का सार है गीता। महाभारत, रामायण, पुराण, स्मृति ग्रंथ और सूत्र ग्रंथ को धर्मग्रंथ नहीं माना जाता है। रामायण, महाभारत और पुराण इतिहास ग्रंथ है तो स्मृतियां और सूत्र ग्रंथ में वेदों की ही बातों का अपने अपने तरीके से विस्तार किया गया है। आओ जानते हैं कि वेदों की वे 10 बातें जो हमारे जीवन में काम आएगी।अर्थात: साथ चलें मिलकर बोलें। उसी सनातन मार्ग का अनुसरण करो जिस पर पूर्वज चले हैं।1. श्लोक : ।।उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।।क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति।।14।। -कठोपनिषद् (कृष्ण यजुर्वेद)अर्थ : (हे मनुष्यों) उठो, जागो (सचेत हो जाओ)। श्रेष्ठ (ज्ञानी) पुरुषों को प्राप्त (उनके पास जा) करके ज्ञान प्राप्त करो। त्रिकालदर्शी (ज्ञानी पुरुष) उस पथ (तत्वज्ञान के मार्ग) को छुरे की तीक्ष्ण (लांघने में कठिन) धारा के (के सदृश) दुर्गम (घोर कठिन) कहते हैं।2. श्लोक : ।।प्रथमेनार्जिता विद्या द्वितीयेनार्जितं धनं।तृतीयेनार्जितः कीर्तिः चतुर्थे किं करिष्यति।।अर्थ...
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समुद्र किनारे बसे पुरी नगर में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के समय आस्था और विश्वास का जो भव्य वैभव और विराट प्रदर्शन देखने को मिलता है, वह दुनिया में और कहीं दुर्लभ है। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते पिछले साल भक्त के बगैर की जगन्नाथ यात्रा हुई थी। पुजारियों और कर्मचारियों ने यात्रा निकाली थी और इस बार भी कोरोना संक्रमण की वजह से रथयात्रा पर प्रतिबंध जारी रहेगा।कोविड-19 गाइडलाइन्स के साथ धार्मिक यात्रा का आयोजन होगा। रथ यात्रा को भक्तों के बिना केवल सेवकों के साथ ही आयोजित किया जाएगा। केवल कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन लगवा चुके सेवक ही यात्रा में शामिल हो सकेंगे।1. ओडिशा के स्पेशल रिलीफ कमिश्नर प्रदीप के जेना ने जानकारी देते हुए बताया, 'इस साल भी कोविड नियमों के साथ ही पुरी रथयात्रा निकलेगी। इसमें श्रद्धालु नहीं शामिल होंगे, केवल सेवक ही रहेंगे। पिछले साल यात्रा निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स का पालन किया जाएगा।' उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन लगवा चुके सेवक ही भाग ले सकेंगे।2. प्रशासन रथ यात्रा से जुड़े सभी पुजारियों, पु...