कानपुर में मंगलवार को 10 साल के मासूम दलित बच्चे से दरिंदगी की इंतहा पार कर दी गई। नर्वल के सकट बेहटा गांव में घर से खेलने निकले मासूम को पहले अगवा किया गया। इसके बाद उसके साथ ऐसी हैवानियत को अंजाम दिया गया, जिससे दिल्ली का निर्भया कांड याद आ गया। हैवानों ने मासूम की गला घोंटकर हत्या करने से पहले उसकी आंख में 5 इंच की कील ठोंक दी और गुदाद्वार में डंडा डाल दिया। घटना के कारण गांव में जातीय तनाव का माहौल बन गया है।बच्चे का शव की हालत देखकर गांव में लोग भी कहते दिखाई दिए कि इस बच्चे के साथ की गई दरिंदगी देखकर निर्भया कांड याद आ गया है। उधर, 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक मामले का खुलासा नहीं कर सकी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस घटना में 6 संदिग्धों को हिरासत में लेकर जांच-पड़ताल की जा रही है। एसपी आउटर अजीत कुमार सिन्हा का दावा है कि जल्द ही हत्याकांड का खुलासा करेंगे। आज दोपहर बाद डॉक्टरों का पैनल बच्चे का पोस्टमॉर्टम करेगा।
...

​पत्नी ने खाया गुटखा तो पति ने जड़ दिया थप्पड़:पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में आया मामला, पत्नी को गुटखा नहीं खाने की मिली हिदायत...

प्रदेश की जनता को "यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज" देने की सोच के साथ शुरू की गई चिंरजीवी योजना को अभी "बुस्टर डोज" का इंतजार है. योजना को शुरू हुए करीब साढ़े तीन माह का समय बीत चुका है. इस दरमियान 1.34 करोड़ परिवारों को योजना से जोड़ तो दिया गया, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी और निजी अस्पतालों की मनमानी के चलते कई जगह मरीज इलाज को लेकर गुमराह हो रहे है. अकेले राजधानी की बात की जाए तो कुछ अस्पताल जहां सरकार को पत्र लिखकर योजना से पल्ला झाड़ रहे है तो कुछ सिर्फ खुद के फायदे के पैकेज में ही मरीजों का इलाज कर रहे है. नि: शुल्क दवा-जांच योजना के जरिए राजस्थान को देश दुनिया में एक अलग पहचान दिलाने वाले सीएम अशोक गहलोत ने एक मई यानी मजदूर दिवस के दिए 1600 करोड़ की "यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज" स्कीम की शुरूआत की. मंशा सिर्फ एक है कि लोगों को चिकित्सा पर लगने वाले बड़े खर्चो से पूरी तरह फ्री करके सामाजिक सुरक्षा दी जाए. सीएम की मंशा के अनुरूप लोगों ने भी योजना पर बड़ा विश्वास जताया है. करीब सवा करोड़ परिवारों को निशुल्क कैटेगिरी में योजना से जोड़ा गया, जबकि करीब नौ लाख परिवार 850 रुपए की प्रीमियम राशि देकर योजना से जुड़ चुके है. लेकिन जब बार अस्पतालों में सेवाएं देने की आई तो राजधानी जयपुर में ही निजी अस्पताल मनमानी पर उतर रहे है....

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में वैक्सीनेशन की स्थिति और कोरोना के हालात पर बैठक की। इसमें वैक्सीनेशन ड्राइव की समीक्षा की गई। मीटिंग में PMO के अधिकारी, स्वास्थ्य सचिव और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल मौजूद हुए। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने दिसंबर तक 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया है।देश में अब तक कोरोना वैक्सीन के 31.48 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें 26.02 करोड़ को पहला और 5.45 करोड़ को दोनों डोज लग चुके हैं। 21 जून से देश भर में नई गाइडलाइंस के हिसाब से वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होने के बाद से लगातार 50 लाख से ज्यादा डोज लगाए जा रहे हैं। कोविन ऐप के मुताबिक, शनिवार को ही शाम साढ़े 5 बजे तक 56.31 लाख डोज लगाए जा चुके हैं।बीते दिन 48,618 नए केस मिले-देश में शुक्रवार को कोरोना के 48,618 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। इस दौरान 64,524 लोगों ने कोरोना को मात दी लेकिन 1182 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या में 17,101 की कमी रिकॉर्ड की गई है।10 राज्यों में संक्रमण दर 5% से ज्यादा-देश में कोरोना के काबू होते हालात के बीच चिंता की बात यह है कि 10 राज्यों में अब भी संक्रमण दर 5% से ज्यादा बनी हुई है। यानी इन राज्यों में अब भी हर 100 टेस्ट पर 5 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। इनमें सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, केरल, नगालैंड, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।...

कोरोना की दूसरी लहर के कहर बरपाने के बाद कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस ने दस्तक दी है। महाराष्ट्र में 7500 लोगों की जांच में 21 मामले इस नए वैरिएंट के मिले हैं जिसमें मुंबई के 2 लोग शामिल हैं। इन 21 मामलों में सबसे अधिक 9 मामले डेल्टा प्लस वैरिएंट के रत्नागिरी में मिले हैं। जलगांव में 7, मुंबई में 2, पालघर में एक, ठाणे में एक और सिंधुदुर्ग जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के एक मामले मिले हैंडेल्टा प्लस के ये सभी मामले उन सैंपलों की जांच में मिले हैं जो दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए 7500 लोगों से लिए गए थे। इन्हें 15 मई को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़कर 20 हो गए हैं।यहां मिले डेल्टा प्लस के मामले-तेजी से फैलने वाला डेल्टा वैरिएंट अब डेल्टा प्लस में तब्दील हो गया है। इसमें 15 से 20 मामले तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश से मिले हैं। यह कितनी तेजी से फैलता है, अभी इसकी जांच की जा रही है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में डेल्टा प्लस से संक्रमित चार लोगों की मौत हो गई है।केरल में 4 साल का बच्चा आया चपेट में-केरल के 2 जिलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। पलक्कड़, पथनमथिट्टा में तीन लोगों में इस नए वैरियंट की पुष्टि हुई है। तीन लोगों में एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है।खतरनाक म्युटेशन हुआ,देश में कोरोना वायरस की खतरनाक दूसरी लहर इसी वेरिएंट के चलते आई थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका एक और खतरनाक म्यूटेशन हुआ है, जो वैक्सीन से मिलने वाली इम्युनिटी को चकमा दे सकती है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर डरावना म्यूटेशन एक खतरनाक वायरस का रूप ले।सुपर-स्प्रेडर है डेल्टा प्लस-अभी तक जितने भी वेरिएंट आए हैं, डेल्टा उनमें सबसे तेजी से फैलता है। अल्फा वेरिएंट भी काफी संक्रामक है, लेकिन डेल्टा इससे 60 पर्सेंट अधिक संक्रामक है। डेल्टा से मिलते-जुलते कप्पा वैरिएंट भी वैक्सीन को चकमा देने में कामयाब दिखता है, लेकिन फिर भी यह बहुत ज्यादा नहीं फैला, जबकि डेल्टा वेरिएंट सुपर-स्प्रेडर निकला।इम्युनिटी को दे सकती है चकमा-डेल्टा के दो म्यूटेशन- 452R और 478K इम्युनिटी को चकमा दे सकते हैं। वैक्सीन की दोनों डोज जरूर इन पर प्रभावी है, लेकिन एक डोज से मिलने वाली सुरक्षा का असर इन पर कम है। ब्रिटने में हुई एक स्टडी के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ पहली डोज 23 पर्सेंट सुरक्षा देती है, जबकि अल्फा वेरिएंट के खिलाफ ये 51 पर्सेंट सुरक्षा देती हैं।ज्यादा खतरनाक भी-अल्फा के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट कहीं अधिक गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इस वायरस के चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 2.6 गुना अधिक है। इसके अलावा अल्फा वेरिएंट से पॉजिटिव हुआ एक व्यक्ति जहां 4 से 5 लोगों को संक्रमित कर सकता हैं, वहीं डेल्टा वेरिएंट की चपेट में आया व्यक्ति 5 से 8 लोगों को संक्रमित कर सकता है।एक स्टडी में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों के तेजी से गंभीर होने की बात आई है। स्टडी में कहा गया, 'करीब 12% मरीज संक्रमित होने के 3-4 दिन के भीतर गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं, जबकि पहले ऐसा सिर्फ 2-3% लोगों के साथ होता था।'...