आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से टोंक सवाई माधोपुर सीट से अपना प्रत्याशी मंगलवार शाम को घोषित कर दिया गया। कांग्रेस ने टोंक सवाई माधोपुर सीट से विधायक हरीश मीणा पर अपना दांव खेला है।

हरीश मीणा पूर्व में राजस्थान के पुलिस महानिदेशक रह चुके है। जिसके बाद उन्होंने राजनीति की ओर रूख किया। उन्होंने 2014 में भाजपा के टिकट पर दौसा से सांसद का चुनाव लड़ा और जीता। साल 2018 में हरीश मीणा ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दमन थाम लिया और साल 2019 में कांग्रेस के टिकट पर देवली उनियारा विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और जीता। साल 2023 में फिर से कांग्रेस के टिकट पर देवली उनियारा से विधायक बने।

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लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने आज 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार राजस्थान में घोषित कर दिए हैं। आज शाम को जारी हुई लिस्ट में जोधपुर लोकसभा सीट से करण सिंह उचियारड़ा को कांग्रेस की ओर से टिकट दिया गया है। रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े उचियारड़ा के सामने भारतीय जनता पार्टी से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और मौजूदा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत मैदान में है। इस बार कांग्रेस और भाजपा दोनों ने राजपूत समाज के प्रत्याशी को टिकट दिया है। पिछली बार इस सीट से कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत उम्मीदवार थे। जिन्हें हराकर गजेंद्र सिंह शेखावत दूसरी बार सांसद बने।

करण सिंह पिछले 25 वर्षों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पूर्व में 5 साल तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रह चुके हैं। इस विधानसभा चुनाव में भी वह सुमेरपुर विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे।

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राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गैंगरेप के आरोपी बाड़मेर से कांग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की याचिका निस्तारित कर दी।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस की ओर से प्रस्तावित एफआर को अधिनस्थ कोर्ट के समक्ष संबंधित थानाधिकारी जल्द पेश करें। हाईकोर्ट में जैन की ओर से दायर याचिका की सुनवाई सोमवार को हुई थी।

एकल पीठ में जस्टिस फरजंद अली के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल कुमार जोशी ने कहा कि एडिशनल डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस जोधपुर वेस्ट की ओर से दिए गए तथ्यात्मक प्रतिवदेन के अनुसार मामला जांच में झूठा पाया गया है। मामले में नेगेटिव फाइनल रिपोर्ट पेश की जा रही है। उन्होंने तीनों पीड़िताओं के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए गए बयानों की प्रतिलिपियां भी कोर्ट के समक्ष पेश की। कोर्ट ने कहा कि पुलिस के नतीजे में नेगेटिव अंतिम रिपोर्ट पेश की जानी है और पीड़िताओं के बयानों को देखते हुए वर्तमान याचिका को लंबित रखने का कोई कारण नहीं रहता।

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राजस्थान में सत्ता में आने के एक महीने बाद भजनलाल सरकार की कैबिनेट ने आमजन के लिए काम शुरू कर दिया हो, लेकिन सरकार को अब अपने ही निर्णयों पर डर सताने लगा है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के निर्णय कोर्ट में अटक न जाए और उन पर कोई विवाद न हो इसे देखते हुए सरकार अब अपने हर निर्णय पर कैविएट दायर कर रही है।

पिछले 1 महीने की रिपोर्ट देखें तो सरकार ने जितनी भी भर्तियां निकाली हो या माइनिंग या पीडब्ल्यूडी के बड़े टेंडर निकाले। इन सभी पर सरकार ने अगले ही दिन हाईकोर्ट में कैविएट दायर की है। यही नहीं सरकार प्रमोशन सूची से लेकर ट्रांसफर सूची पर भी कैविएट दायर कर रही है, ताकि चुनाव आचार संहिता से पहले या उसके बाद उनके किसी मामले को कोर्ट में चुनौती देकर अटकाया न जा सके।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेलवे की करीब 85 हजार करोड़ रुपए की रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। साथ ही देश के कई शहरों से वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पीएम मोदी ने देशभर में सैकड़ों डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया। इसमें राजस्थान को भी 8 डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर स्टेशन मिले।

पीएम मोदी ने अहमदाबाद से इन योजनाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान रेलवे के 750 स्टेशनों से वीसी के जरिए अनेक जनप्रतिनिधि और रेलवे अधिकारी कार्यक्रम से जुड़े। राजस्थान में जयपुर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज का यह कार्यक्रम इतिहास में पहली बार हो रहा है। एक साथ 700 जगह से लोग इस कार्यक्रम के जरिए जुड़ रहे हैं। पिछले 100 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ। मैं इन परियोजनाओं के लिए देश को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा- 2014 से पहले रेल मंत्री का फोकस केवल अपने-अपने एरिया के स्टेशन पर ट्रेनों के स्टॉपेज और ट्रेनों में डिब्बे बढ़ाने पर रहता था। वर्तमान में रेलवे विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। हमने अलग रेलवे बजट की व्यवस्था को समाप्त कर इसे केंद्रीय बजट में शामिल किया, ताकि सरकारी पैसे का इस्तेमाल रेलवे के विकास में किया जा सके।

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हरदा जिले में 6 फरवरी को हुए पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट की जांच रिपोर्ट श्रम मंत्री ने लौटा दी है। मंगलवार को श्रम और पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल 9 साल बाद प्रदेश में बढ़ाई गई मजदूरी दरों की जानकारी दे रहे थे। इस दौरान उनसे हरदा हादसे और भोपाल नगर निगम में हुए संबल घोटाले को लेकर सवाल पूछा गया था।

हरदा हादसे पर उन्होंने कहा- मैं जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हूं, इसलिए कल (सोमवार) उसे स्वीकार नहीं किया है। मैंने मजदूरों की आइडेंटिटी को लेकर अपने विभाग से सवाल किए हैं। पूछा है कि यदि 2015 में उसी जगह पर हादसा हुआ था तो उस फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की संख्या का एनरोलमेंट क्यों नहीं था? अभी जो पीड़ित हैं, उसमें पब्लिक की संख्या ज्यादा बताई जा रही है।

मजदूरों की संख्या तो 32 ही है। जब सूची ही नहीं हैं तो वेरिफिकेशन किस आधार पर हो रहा है? आप किसी घायल से पूछकर उसे मजदूर बता रहे हैं। उसकी बहस में नहीं पड़ रहा। लेकिन अगर आपके पास किसी इंडस्ट्री में काम करने वालों की सूची नहीं हैं तो न्याय करने का आधार क्या होगा? इसलिए मैं खुद प्रथम दृष्ट्या मैने रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।

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लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने 10 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। एक दिन पहले कांग्रेस में आए राहुल कस्वां को चूरू से टिकट दिया गया है। भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। इसी तरह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही से उम्मीदवार बनाया गया है। पिछली बार वैभव ने जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था।कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे हैं। पिछली बार के किसी उम्मीदवार को सेम सीट पर टिकट नहीं दिया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पिछला चुनाव जोधपुर सीट पर लड़े थे। इसी तरह बीकानेर सीट से पिछले उम्मीदवार मदन गोपाल मेघवाल का टिकट काटकर गोविंद मेघवाल को दिया है। चूरू से पिछले उम्मीदवार रफीक मंडेलिया, झुंझुनू से श्रवण कुमार, भरतपुर से अभिजीत जाटव, टोंक से नमोनारायण मीणा के टिकट काट दिए हैं। उदयलाल आंजना को पिछली बार जालोर-सिरोही से टिकट दिया था। इस बार उन्हें चित्तौड़गढ़ से टिकट दिया है। वैभव गहलोत पिछली बार जोधपुर से लड़े थे। इस बार जालोर-सिरोही से उतारा है।

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गंगा के किनारे वाराणसी के घाटों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले पोस्टर दीवारों पर दिखाई दिए। जिन्हें कथित तौर पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा चिपकाया गया था। वहीं पोस्टर पर लिखा है कि मां गंगा काशी के घाट व मंदिर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति श्रद्धा व आस्था का प्रतीक है। जिनका आस्था सनातन धर्म में हो उनका स्वागत है। अन्यथा यह क्षेत्र पिकनिक स्पॉट नहीं है।सनातन संस्कृति का प्रतीक-बजरंग दल के नगर संयोजक निखिल त्रिपाठी ने कहा कि इन पोस्टरों के माध्यम से घाट को पिकनिक स्पॉट मानने वालों को स्पष्ट संदेश दिया गया है। उन्होंने कहा, 'हम उन्हें गंगा के घाटों से दूर रहने की चेतावनी दे रहे हैं, क्योंकि यह पिकनिक स्थल नहीं बल्कि सनातन संस्कृति का प्रतीक है।'विदेशी पर्यटक आते हैंविहिप के नगर सचिव राजन गुप्ता ने कहा कि जिन्हें सनातन धर्म का सम्मान नहीं है। उन्हें घाटों और मंदिरों में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर वे सनातन धर्म का सम्मान करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।' गौरतलब है कि हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक वाराणसी आते हैं। वह घाटों पर समय बिताते हैं।चर्च के सामने हनुमान चालीसा का पाठ-बता दें यह पहला मामला नहीं है, जब दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने इस तरह काम किया है। इससे पहले पर्यटकों द्वारा धूम्रपान करने पर आपत्ति जताई थी। वहीं 25 दिसंबर को चर्च के सामने प्रदर्शन किया और हनुमान चालीसा का पाठ किया था।...

नक्सल मामले में दंतेवाड़ा पुलिस को 6 सालों में कई सफलताएं मिली हैं। पुलिस ने 6 सालों में कुल 11 करोड़ 65 लाख रुपए के इनामी नक्सलियों का सरेंडर, गिरफ्तारी कराई और एनकाउंटर में ढेर किया है। पुलिस ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक साल 2016 से अब तक 1368 नक्सलियों की गिरफ्तारी, सरेंडर और एनकाउंटर में ढेर किया गया है। साल 2020 और 2021 को सबसे ज्यादा उपलब्धियां हासिल हुई हैं। कई नक्सलियों ने नक्सलवाद से तौबा किया है।दरअसल, दंतेवाड़ा पहला ऐसा जिला है जहां सक्रिय नक्सलियों की सूची को पुलिस ने सार्वजनिक किया था। इसके बाद लगातार सफलताएं मिलनी शुरू हुईं। SP डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि, दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन के लिए लगातार काम किया जा रहा है। 6 सालों में सरेंडर, गिरफ्तार और मारे गए नक्सलियों पर 11 करोड़ रुपए से ज्यादा का का इनाम रहा है। इनमें 635 का सरेंडर, 655 की गिरफ्तारी और 78 नक्सलियों को ढेर किया गया है।लोन वर्राटू अभियान को मिली ज्यादा सफलता,नक्सल मामले में पुलिस के लोन वर्राटू अभियान को सबसे ज्यादा सफलता मिली है। इसी अभियान के तहत दंतेवाड़ा में पिछले डेढ़ सालों में 487 नक्सलियों का सरेंडर हुआ है। इनमें 120 से ज्यादा इनामी माओवादी भी शामिल हैं। दंतेवाड़ा देश का पहला ऐसा जिला है जहां पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे किस अभियान में इतनी बड़ी सफलता मिली हो।इन्हें मिलती है यह राशि,पुलिस अफसरों के मुताबिक सरेंडर नक्सलियों पर घोषित इनाम की राशि उनके सरेंडर के बाद उन्हें ही दी जाती है। जबकि गिरफ्तार और मारे गए इनामी नक्सलियों की इनाम की राशि को गिरफ्तार करने वाली टीम और एनकाउंटर में ढेर करने वाले अफसर और जवानों को टीम को दिया जाता है।...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्ववर्ती सरकारों पर पूर्वोत्तर के विकास की अनदेखी करने और क्षेत्र के लोगों के बीच दूरियां बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार की वजह से इस क्षेत्र में उग्रवाद और असुरक्षा की आग नहीं है, बल्कि शांति और विकास की रोशनी है. प्रधानमंत्री ने यहां 4800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 22 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में यह भी कहा कि पूरे पूर्वोत्तर में सैकड़ों नौजवान आज हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं. मोदी ने करीब 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली नौ परियोजनाओं की आधारशिला रखी. यह परियोजनाएं सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर को लेकर पहले की सरकारों की नीति थी ‘डोंट लुक ईस्ट’ यानी पूर्वोत्तर की तरफ दिल्ली में तभी देखा जाता था, जब यहां चुनाव होते थे. लेकिन हमने पूर्वोत्तर के लिए ‘लुक ईस्ट’ का संकल्प लिया.’’प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों और यहां के लोगों में सामर्थ्य की भरमार है और इस वजह से यहां विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं भी हैं. उन्होंने कहा कि आज पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास का प्रवेश द्वार बन रहा है. नए भारत के सपनों को पूरा करने का प्रवेश द्वार बन रहा है...और इसमें मणिपुर और पूर्वोत्तर, भारत के भविष्य में नए रंग भर रहे हैं. पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब मणिपुर को अपने हाल पर छोड़ दिया गया था क्योंकि पहले दिल्ली में बैठी सरकारें सोचती थीं कि कौन इतनी तकलीफ उठाए और कौन इतनी दूर जाए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद मैं पूरी दिल्ली को भारत सरकार को आपके दरवाजे पर लेकर आ गया. वह चाहे नेता हो या मंत्री हो, अफसर हो. उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में पूर्वोत्तर के पांच प्रमुख चेहरे हैं जो देश के अहम मंत्रालयों का कामकाज संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की सात वर्षों की मेहनत का असर अब पूर्वोत्तर में दिख रहा है. मणिपुर में दिख रहा है. आज मणिपुर और पूर्वोत्तर बदलाव की नयी कार्य संस्कृति के प्रतीक बन रहे हैं. मणिपुर को केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के मिल रहे लाभों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि क्योंकि राज्य की जनता ने केंद्र व प्रदेश में भाजपा को अपना समर्थन दिया....

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सूबे में बिजली की व्यवस्था काफी बेहतर हुई है। शहरी इलाकों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई हो रही है। ग्रामीण इलाकों में 18 से 20 घंटे बिजली की आपूर्ति होती है। हालांकि, जब बात बिजली दरों की होती है तो हर कोई हाथ खड़े कर देता है। यही कारण है कि इस बार चुनाव में महंगी बिजली का मुद्दा काफी हावी है। पार्टियों ने किया मुफ्त बिजली का वादा,आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले यूपी चुनाव के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया था। इसके बाद कांग्रेस और अब समाजवादी पार्टी ने भी मुफ्त बिजली का वादा कर दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने नए साल के पहले दिन इसका एलान किया। कहा कि अगर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो 300 यूनिट तक सभी को मुफ्त बिजली दी जाएगी। किसानों को भी सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी। अब सवाल उठता है कि क्या ये संभव है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में इस तरह के चुनावी वादे पूरे हो सकते हैं? यह भी जानना जरूरी है कि अभी बिजली विभाग की क्या स्थिति है? अभी यूपी में प्रति यूनिट कितना बिल देना होता है? बिजली विभाग?उत्तर प्रदेश का विद्युत विभाग 90 हजार करोड़ रुपये के घाटे में है। प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा खुद स्वीकार कर चुके हैं। ऐसा नहीं है कि ये घाटा इसी सरकार के कार्यकाल में हुआ है। पिछली सरकार में यानी जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तब भी उत्तर प्रदेश का विद्युत विभाग 73 हजार करोड़ रुपये घाटे में था। बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा आरोप लगाते हैं कि अखिलेश की सरकार में लोगों को बिजली भी नहीं मिलती थी और विभाग घाटे में भी चल रहा था। आज घाटे में है, लेकिन सप्लाई व्यवस्था काफी बेहतर हो गई है। अब हर घर बिजली कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है। ब-कब बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी? उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के मुताबिक, 2012 से 2017 के बीच बिजली दरों में 60.71% की बढ़ोतरी हुई थी। कॉरपोरेशन के आंकड़ों के अनुसार तब बिजली की सप्लाई भी शहरी इलाकों में अधिकतम 18 से 20 घंटे होती थी, जबकि ग्रामीण इलाकों में छह से 12 घंटे। 2017 से अब तक बिजली की दरों में 25% की बढ़ोतरी हो चुकी है। 2019 में आखिरी बार उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 से 15 फीसदी बिजली महंगी हुई थी। घाटे में कैसे पूरा होगा चुनावी वादा?इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. मनोज शुक्ला कहते हैं, 'बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय उत्पादन की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है। इसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है। अब गांव हो या शहर बिजली की सप्लाई काफी अच्छी हो गई है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पॉवर ग्रिड की क्षमता 16500 मेगावाट थी जबकि आज 25 हजार मेगावाट की पीक डिमांड को पूरा किया जा रहा है। मतलब 26 हजार मेगावार ग्रिड की क्षमता हो चुकी है। फरवरी 2022 तक ग्रिड की क्षमता 30 हजार मेगावाट हो जाएगी।'
प्रो. शुक्ला के मुताबिक, 'जिस तेजी से बिजली की सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है, उस तेजी से बिजली भुगतान में इजाफा नहीं हुआ है। यही कारण है कि विभाग लगातार घाटे में चल रहा है। खपत बढ़ने से बिजली उत्पादन में होने वाला खर्च भी बढ़ रहा है। कोयले के दाम में भी काफी इजाफा हो चुका है। इसके बावजूद बिजली की दरों में अभी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसका भी प्रदेश सरकार को नुकसान उठाना पड़ेगा।'प्रो. मनोज शुक्ला के अनुसार, 'ऐसी स्थिति में जब विभाग घाटे में है और बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी नहीं हो रही है तब मुफ्त बिजली की बात काफी हवा-हवाई लगती है। अगर 300 यूनिट बिजली मुफ्त की सुविधा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में दी जाएगी तो इसका भारी बोझ यूपी सरकार को झेलना पड़ेगा। तब विभाग का जो घाटा अभी 90 हजार करोड़ रुपये है वह 20 लाख करोड़ से भी अधिक हो सकता है।...

 राजस्थान की राजधानी जयपुर में कोरोना कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लाइव ओपन बैठक करीब तीन घंटे चली. इस बैठक में स्कूल और कॉलेज तुरंत प्रभाव से बंद करने की मांग की गई है. ये मांग मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की हैं. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि तीन जनवरी से स्कूल खुलने वाले है, ऐसे में करीब एक सप्ताह या 15 दिन स्कूल-कॉलेज बंद रखे. मेयर शील धाबाई ने भी स्कूल बंद करने की मांग की. बैठक में मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि एयरपोर्ट, स्टेशन व बस स्टैंड पर सख्ती की जरूरत है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि एयरपोर्ट पर कोई पूछने वाला नहीं है, यह मैसेज पूरे प्रदेश में गलत जा रहा है.कलेक्टर ने कहा कि वीआईपी को अडानी ग्रुप के लोग अलग से निकाल लेते हैं.CS निरंजन आर्य ने कहा कि वहां तो आम आदमियों के लिए भी जांच नहीं हो रही है. रफीक खान ने कहा कि न जाने वालों की जांच है, न आने वालों की जांच है.मंत्री महेश जोशी ने कहा कि सरकार के जितने भी विज्ञापन जाता है, उन विज्ञापन में कोरोना से जुड़ा संदेश भी हो. सामान्य बीमारी वाले मरीजों का दबाव अस्पताल में न बढ़े. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सख्ती आज से लागू करें या तीन से. महेश जोशी ने कहा कि सख्ती तीन तारीख से हो. इस पर मजाकिया अंदाज में कहा प्रताप सिंह ने कहा कि आप कोई प्रोग्राम में जा रहे हो क्या?. इस पर महेश जोशी ने कहा कि मैं कहीं नहीं जा रहा. CM चाहे तो अभी से ही सख्ती लागू कर दे. CM ने महेश जोशी से पूछा, आज दूध पिलाने नहीं जाओगे क्या. अधिकारियों ने कहा कि आज दूध के कार्यक्रम रद्द हो गए....

दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लागू की गईं नई पाबंदियों के मद्देनजर बुधवार सुबह यहां विभिन्न मेट्रो स्टेशन के बाहर लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण  द्वारा लगाई गईं नई पाबंदियों के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो की ट्रेन सेवाएं 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ परिचालित होंगी तथा खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने मंगलवार को कहा था कि, दिल्ली मेंकोविड-19 से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा जारी नवीनतम दिशानिर्देशों के मद्देनजर, कुछ प्रतिबंधों के तहत मेट्रो के अंदर यात्रा की अनुमति होगी।
डीडीएमए द्वारा नए मानदंडों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद नए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए और सुबह के समय लंबी कतारें लग गईं। सुबह के समय अधिकतर लोग मेट्रो का उपयोग कार्यालय जाने के लिए करते हैं। लक्ष्मी नगर, अक्षरधाम, अन्य स्टेशन पर लोगों को समय भी अधिक लगा। कई लोगों ने फेसबुक और ट्विटर पर इसको लेकर शिकायत भी की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal)ने शहर में कोविड-19 के मामले बढ़ने पर मंगलवार को दिल्ली में येलो अलर्ट की घोषणा की थी।‘येलो’ अलर्ट के तहत रात्रि कर्फ्यू लगाना, स्कूलों तथा कॉलेजों को बंद करना, गैर आवश्यक सामान की दुकानों को सम-विषम आधार पर खोलना तथा मेट्रो ट्रेन और सार्वजनिक परिवहन की बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता आधी करने जैसे उपाय आते हैं।अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था, ‘‘ इसके मद्देनजर, दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन पर प्रवेश के लिए खुले द्वारों की संख्या को सीमित कर मेट्रो स्टेशन में प्रवेश को नियंत्रित किया जाएगा। 712 द्वारों में से 444 द्वार अभी खुले रहेंगे।’’केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, भारत में अभी तक कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन (New Variant Omicron) के 781 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 241 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। ये मामले 21 राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में सामने आए हैं। दिल्ली में सबसे अधिक 238 मामले दर्ज किए गए हैं और इसके बाद महाराष्ट्र में 167, गुजरात में 73, केरल में 65 और तेलंगाना में 62 मामले सामने आए हैं।राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को कोविड-19 के 496 नए मामले सामने आए, जो चार जून के बाद से सामने आए सर्वाधिक मामले हैं। वहीं, संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो गई। दिल्ली में संक्रमण की दर 0.89 प्रतिशत है।...

भाजपा विधायक कमल गुप्ता ने संस्कृत में मंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद जजपा विधायक देवेंद्र बबली को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शपथ दिलाई। शपथ दिलाने के बाद टी ब्रेक शुरू हो गया। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि ये पहला और आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार है। सस्पेंशन खत्म हो गया। हमारी संख्या पूरी हो गई। इससे आगे बढ़ नहीं सकते। आज जो कुछ किया, अब पूरा हो गया। सीएम ने कहा कि सभी मंत्री बढ़िया काम कर रहे हैं। वहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दोनों नए मंत्रियों को बधाई देता हूं। शाम तक इंतजार करो। दोनों पार्टियों ने मिलकर काम किया हैं और आगे भी करेंगे।वहीं नवनियुक्त कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा कि वे सीएम और डिप्टी सीएम का आभार व्यक्त करता हूं। वह प्रदेश की सेवा कंरूगा। महकमे तय करना सीएम और डिप्टी सीएम का काम है।इससे पहले हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार के मद्देनजर विधायक देवेंद्र बबली और कमल गुप्ता गवर्नर हाउस पहुंचे। वहीं, कृषि मंत्री जेपी दलाल, बनवारी लाल,दिग्विजय चौटाला भी मौजूद रहे। मंच पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और दोनों नए मंत्रियों के लिए कुर्सियां सजाई गईं। VVIP के लिए अलग से मंच तैयार किया गया। कैबिनेट मिनिस्टर के लिए अलग और राज्य मंत्रियों के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की गई। वहीं जजपा विधायक दल की बैठक डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आवास पर हुई। मीटिंग में 8 विधायक मौजूद रहे।हरियाणा मंत्रिमंडल में सीएम और डिप्टी सीएम सहित करीब 14 मंत्री बन सकते हैं। मौजूदा समय में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री बनाया जाना है। देवेंद्र बबली कैबिनेट मंत्री बनेंगे। हालांकि सीएम अपने राज्य मंत्री को स्वतंत्र प्रभार देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे सकते हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ दिलाकर सीएम बाद में कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपग्रेड कर सकते हैं। परंतु इस तरह से अपग्रेड होने के बाद भी कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे।CM के पास 15 और डिप्टी CM के पास 12 मंत्रालय,सीएम के पास करीब 15 मंत्रालय है। जबकि डिप्टी सीएम के पास करीब 12 मंत्रालय है। भाजपा कोटे से एक राज्य मंत्री का पद खाली है। सीएम अपने कोटे से और डिप्टी सीएम के कोटे से एक मंत्रालय देवेंद्र बबली को देंगे। हरियाणा विधानसभा में 90 विधायक है।...

​भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने के फैसले और चुनावी रैलियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है . वरुण गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया कि 'रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना - यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है.' इसी ट्वीट में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन.'उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं को सामने से नेतृत्व करना चाहिए ताकि आम जनता को घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा सके. गांधी ने उल्लेख किया कि अधिकतम संक्रमण आमतौर पर दिन के दौरान होता है, क्योंकि रात में सड़कों पर कम लोग होते हैं. उन्होंने सामाजिक समारोहों में सख्ती से कटौती करने का आह्वान किया, जो कोविड के फैलने का कारण बन सकते हैं. उन्होंने मार्च 2021 में महाराष्ट्र सरकार को केंद्र की ओर से भेजे गए नोट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि रात्रि कर्फ्यू, सप्ताहांत लॉकडाउन जैसे उपायों का संक्रमण का प्रसार रोकने या कम करने पर बहुत सीमित प्रभाव पड़ता है. नोट में कहा गया था कि प्रशासन को कठोर तथा प्रभावी रोकथाम रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये. गांधी ने समग्र रणनीति का आह्वान किया....

देश में 15 से 18 साल के बच्चों को 3 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकार ने यह फैसला नए कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया है। हालांकि देश में बच्चों का वैक्सीनेशन होना चाहिए या नहीं, इसे लेकर काफी वक्त से बहस चल रही थी। रविवार को AIIMS के सीनियर डॉक्टर संजय के. राय ने भी इस फैसले पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने इस फैसले को अनसाइंटिफिक यानी गैर-वैज्ञानिक बताया है। डॉ. राय एपिडेमियोलॉजिस्ट और इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।उनका कहना है कि इस फैसले पर अमल करने से पहले उन देशों के डेटा की स्टडी करनी चाहिए, जहां पहले ही बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। अगर रिस्क और बैनेफिट एनालिसिस करें तो पाएंगे कि बच्चों को वैक्सीन लगाने के फायदे कम हैं और खतरे ज्यादा हैं। बता दें कि AIIMS में बड़ों और बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल चल रहा है। डॉ. राय इस ट्रायल में इनवेस्टिगेटर हैं।प्रधानमंत्री के फैसले से निराश होने का ट्वीट कियाPM ऑफिस को किए एक ट्वीट में डॉ. राय ने लिखा कि देश के प्रति निस्वार्थ सेवा और सही समय पर फैसले लेने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा फैन हूं, लेकिन बच्चों के वैक्सीनेशन पर उनके अनसाइंटिफिक फैसले से मैं निराश हुआ हूं।PM ने शनिवार रात में की थी घोषणा,शनिवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि 15 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों को 3 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों के माता-पिता की चिंता खत्म होगी और महामारी से लड़ाई में मदद मिलेगी। इस कदम से स्कूलों में सामान्य तरीके से पढ़ाई शुरू करने में मदद मिलेगी।बूस्टर डोज लेने के बाद भी संक्रमित हो रहे लोग
डॉ. राय ने कहा कि किसी फैसले का कोई मकसद होना चाहिए। कोरोना वैक्सीन लगाने के पीछे इंफेक्शन रोकना, बीमारी की गंभीरता या मौत का खतरा कम करने जैसा कोई मकसद होना चाहिए। वैक्सीन के बारे में हमें जो भी थोड़ी-बहुत जानकारी है, उसके मुताबिक वैक्सीन इंफेक्शन को रोकने में बहुत कारगर नहीं हैं। कई देशों में बूस्टर डोज लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में रोजाना इंफेक्शन के 50 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं। इससे साबित होता है कि वैक्सीनेशन कोरोना के इंफेक्शन को नहीं रोक रहा है। हालांकि, वैक्सीन संक्रमण की गंभीरता को कम रखने और मौत से बचाव करने में प्रभावी है।बड़ों के लिए वैक्सीन फायदेमंद, बच्चों के लिए नहीं,डॉ. राय ने कहा कि कोरोना के कारण वयस्कों का डेथ रेट 1.5% है, यानी 10 लाख आबादी में 15,000 मौतें हो सकती हैं। वैक्सीनेशन के जरिए हम 80-90% मौतों को रोक सकते हैं, यानी 13 हजार से 14 हजार मौतों को रोका जा सकता है। वैक्सीन लगने के बाद 10 लाख लोगों में से 10 या 15 लोगों में ही गंभीर साइड इफेक्ट दिखते हैं या मौत होती हैं। ऐसे में वयस्कों के लिए वैक्सीन फायदेमंद है।बच्चों के मामले में इंफेक्शन की गंभीरता बहुत कम है और जो डेटा हमारे पास है, उसके मुताबिक 10 लाख आबादी में सिर्फ 2 मौतें दर्ज की गई हैं। बच्चों के मामले में 15 हजार मौतें नहीं हो रही हैं। अगर आप रिस्क और बैनेफिट एनालिसिस करेंगे तो आप पाएंगे कि बच्चों को वैक्सीन लगाने के फायदे कम हैं और खतरा ज्यादा है। ऐसे में बच्चों को वैक्सीन देने से हमारा कोई मकसद पूरा नहीं हो रहा है।अमेरिका समेत कुछ देशों में बच्चों को 4-5 महीने पहले वैक्सीन डोज देना शुरू किया गया है। इन देशों का आंकड़ा हमें देखना चाहिए और उसकी स्टडी करने के बाद तय करना चाहिए कि बच्चों को वैक्सीन लगानी चाहिए या नहीं।दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) हॉस्पिटल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार के विचार डॉ. राय से अलग हैं। उनका कहना है कि 12 से 18 साल के बच्चों को अगर कोविड वैक्सीन की डोज लग जाएगी तो यह उनके लिए सुरक्षा कवच होगा। कोरोना का नए वैरिएंट से भी बच्चों को खतरा नहीं रहेगा। अब तक 1-2 बच्चे ही ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए हैं। हमारे अस्पताल में भी एक बच्चा भर्ती हुआ था।...

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने शनिवार को एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे एक ‘‘राजनीतिक बदलाव’’ के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इस संबंध में निर्णय इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने यहां लिया. ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. हालांकि, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है. उन्होंने हाल में संपन्न शीतकालीन सत्र में निरस्त किये गए केंद्रीय कृषि कानूनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि एसकेएम का गठन विभिन्न विचारधाराओं वाले विभिन्न निकायों के साथ किया गया था और ‘‘हम एक साल से अधिक समय के बाद लड़ाई लड़कर लौटे.’’भारतीय किसान यूनियन (कादियान) के नेता ने कहा, ‘‘पंजाब में हमें जिस तरह का स्वागत मिला और लोगों की हमसे उम्मीदें बढ़ी हैं.’’ कादियान ने कहा, ‘‘हम पर काडर और अन्य लोगों का बहुत दबाव है और अगर आप उस 'मोर्चा' को जीत सकते हैं, तो आप पंजाब की बेहतरी के लिए कुछ कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एक नया मोर्चा ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ लेकर आ रहे हैं. कादियान ने दावा किया कि बीकेयू (डकौंडा) और बीकेयू (लखोवाल) सहित तीन और किसान संगठनों ने इस फैसले का समर्थन किया है, लेकिन वे अपनी बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के लोगों के आह्वान पर हम यह 'मोर्चा' लाये हैं, जो (राज्य की) सभी 117 (विधानसभा) सीटों पर लड़ने के लिए तैयार है.’’ कादियान ने कहा, ‘‘हम अन्य संगठनों को भी एक नया पंजाब बनाने के लिए हमारे साथ जुड़ने का खुला निमंत्रण देते हैं.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के बलबीर सिंह राजेवाल संयुक्त समाज मोर्चा के नेता होंगे. किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि किसान संगठन लोगों की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं. सिंह ने कहा, ‘‘हम पंजाब को एक नई दिशा देंगे.’’ उन्होंने कहा कि अवैध रेत खनन और मादक पदार्थ समस्या का राजनीतिक दलों द्वारा समाधान नहीं किया जा रहा है. सिंह ने कहा, ‘‘हम पंजाब के लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि वे हम पर विश्वास करते हैं और हम उनके मुद्दों को हल करने की दिशा में काम करेंगे, जैसे नशीली दवाओं के खतरे को रोकना और युवाओं को विदेश जाने से रोकना.’’ किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा, ‘‘हम पंजाब को शीर्ष पर ले जाना चाहते हैं.’’संयुक्त समाज मोर्चा सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा,किसान संगठनों के राजनीति में आने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजेवाल ने कहा कि यह निर्णय लेने के लिए पंजाब के लोगों की मांग और ‘‘भारी दबाव’’ था. उन्होंने कहा कि यह फैसला 'राजनीतिक बदलाव' के लिए लिया गया है. राजेवाल ने कहा कि संयुक्त समाज मोर्चा सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. उन्होंने लोगों से पारंपरिक राजनीतिक दलों के बयानों के झांसे में न आने की अपील करते हुए कहा, ‘‘'राज्य में बिगड़ी व्यवस्था को बदलने की जरूरत है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या 'मोर्चा' (संयुक्त समाज मोर्चा) आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करेगा, जो कि पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है, राजेवाल ने कहा कि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. कादियान ने इसे एक ‘नई सुबह’ करार देते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि ‘मोर्चा’ है. एसकेएम द्वारा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय पर संधू ने कहा कि एसकेएम में 475 संगठन शामिल हैं, जबकि पंजाब में 32 किसान संगठन हैं. उन्होंने कहा कि वे चुनाव लड़ने के लिए एसकेएम के नाम का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. एसकेएम नेता दर्शन पाल और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने एक बयान में कहा कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एसकेएम, देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है और इसका गठन किसानों के मुद्दों पर ही किया गया था. एसकेएम नेताओं ने कहा कि चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं है और चुनाव लड़ने के लिए भी कोई समझ नहीं है. उन्होंने कहा कि इसका गठन लोगों द्वारा सरकार से अपना अधिकार लेने के लिए किया गया था और तीन कृषि कानूनों के निरस्त किये जाने के बाद संघर्ष को स्थगित किया गया है.विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप से जाने पर सहमति नहीं बनी मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. गत 29 नवंबर को संसद द्वारा कानूनों को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों जैसे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के लिए एक समिति और किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने जैसी अन्य मांगों को लेकर अपना विरोध जारी रखा था. सरकार द्वारा लंबित मांगों को पूरा करने के लिए सहमति जताये जाने के बाद 9 दिसंबर को प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया था. एसकेएम नेताओं ने बयान में कहा था कि शेष मांगों की स्थिति की समीक्षा 15 जनवरी को होने वाली बैठक में की जाएगी. पंजाब में 32 संगठनों के बारे में उन्होंने क...

सपा सांसद जया बच्चन पर बलिया के BJP विधायक सुरेंद्र सिंह ने अभद्र टिप्पणी की है। विधायक ने जया बच्चन को नर्तकी कहा है। राज्यसभा में जया के दिए गए बयान पर अपनी बात रखते हुए सुरेंद्र सिंह ने कहा- 'पहले तो त्यागी, तपस्वी, साधक और साधु-संत ही आशीर्वाद या श्राप दिया करते थे। लेकिन अब नर्तकी भी श्राप देने लगी हैं। यही कलयुग का असली स्वरूप है।'सासंदों के निलंबन से भड़की थीं जया बच्चन-मंगलवार को राज्यसभा में सांसदों के निलंबन और निजी टिप्पणी से नाराज होकर सपा सांसद जया बच्चन ने कहा था- मैं आपको श्राप देती हूं, आपके बुरे दिन आएंगे। जया ने कहा था कि हमारे सांसद बाहर बैठे हैं। उनका निलंबन वापस नहीं हो रहा। यह न्याय नहीं है, लेकिन इस सरकार से यह उम्मीद करना बेकार है। उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने किसान से माफी मांगी है। अब इन सांसदों से भी माफी मांगेंगे। जिस तरह से ये सरकार काम कर रही है, वह निंदनीय है। इसी के बाद से जया भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं।...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को वाराणसी दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने पिंडरा के करखियांव में अमूल प्लांट की आधारशिला रखने के साथ ही 2100 करोड़ रुपये की 27 परियोजनाएं अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को समर्पित की। उन्होंने जनसभा में विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें...
पीएम मोदी ने कहा कि आज वाराणसी और आसपास का पूरा क्षेत्र फिर से पूरे देश और उत्तर प्रदेश के गांवों, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है। हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। उन्होंने कहा कि गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, लेकिन हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।गेहूं और चावल से ज्यादा दूध का उत्पादन,आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है। भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्रामिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का हालचाल जाना, जो सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. शिवसेना नेता विनायक राउत ने प्रधानमंत्री को बताया कि 61 वर्षीय ठाकरे की सेहत में अच्छा सुधार है और वह महाराष्ट्र विधानसभा के इन दिनों चल रहे सत्र में शामिल होंगे.
मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ, सदन में विभिन्न दलों के नेताओं की परंपरागत बैठक के दौरान शिवसेना सांसदों से ठाकरे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. बैठक के लिए लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में प्रधानमंत्री के अलावा वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह भी मौजूद थे. ठाकरे ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की. वह सत्र की पूर्व संध्या पर विधायकों के लिए प्रथागत चाय पार्टी में भी डिजिटल तरीके से शामिल हुए.मुख्यमंत्री हाल ही में विधान भवन गए थे. वह तब सर्जरी के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आये थे. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे अपने आधिकारिक आवास वर्षा से काम कर रहे हैं...

केंद्र सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान से ऑपरेट किए जा रहे 20 यूट्यूब चैनल और 2 वेबसाइट पर बैन लगा दिया। यह एक्शन इटेलिजेंस एजेंसियों और सूचना प्रसारण मंत्रालय की रिपोर्ट्स के बाद लिया गया है। सरकार के मुताबिक पाकिस्तान से ऑपरेट किए जा ये चैनल्स और वेबसाइट भारत से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर फेक न्यूज फैला रहे थे।केंद्र सरकार ने कहा कि इंटरनेट पर कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति, राम मंदिर और जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश जैसे मुद्दों पर ये यूट्यूब चैनल्स और वेबसाइट फेक न्यूज पोस्ट कर रहे थे। सरकार ने जिन यूट्यूब चैनल को बैन किया है, उनमें द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ अहम हैं।इन यूट्यूब चैनल पर बैन-बैन किए गए यूट्यूब चैनल्स की लिस्ट इस तरह है- द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ, News24, 48 न्यूज, काल्पनिक, हिस्टोरिकल फैक्ट, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान ग्लोबल, कवर स्टोरी, गो ग्लोबल, ई-कॉमर्स, जुनैद हलीम ऑफिशियल, तैयब हनीफ और ज़ेन अली ऑफिशियल।इन चैनल्स के 35 लाख सब्सक्राइबर्स, 55 करोड़ वीडियो व्यूज,केंद्र के मुताबिक पाकिस्तान से ऑपरेट किए जा रहे नया पाकिस्तान ग्रुप (NPG) के पास यूट्यूब चैनल्स का एक नेटवर्क है। इसके अलावा कुछ अन्य यूट्यूब चैनल भी हैं। हालांकि इनका NPG से कोई संबंध नहीं है। इन चैनल्स के पास करीब 35 लाख सब्सक्राइबर और 55 करोड़ वीडियो व्यूज हैं। कुछ यट्यूब चैनल्स को पाकिस्तानी न्यूज चैनल्स के एंकर्स भी चला रहे थे।दो अलग ऑर्डर जारी,इस मामले में दो अलग ऑर्डर जारी किए गए हैं। पहला ऑर्डर 20 यूट्यूब चैनल और दूसरा 2 वेबसाइट्स के लिए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम से कहा गया है कि वो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से इन चैनल्स और वेबसाइट को ब्लॉक कराए।सरकार के मुताबिक इन साइट्स की निगरानी कर रहे ग्रुप ने पाया कि इस तरह के प्रोपेगैंडा से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है क्योंकि इनके जरिए गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। यह पाकिस्तान से भारत के खिलाफ पूरी प्लानिंग के तहत चलाया जा रहा कैम्पेन है। लिहाजा इसके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।...

पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त रूप से सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. तीसरे भारत-मध्य एशिया संवाद में शामिल होने के एक दिन बाद इन नेताओं की प्रधानमंत्री से यह मुलाकात हुई. भारत द्वारा दिल्ली में आयोजित इस संवाद में कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री से इन मंत्रियों की मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित थे. रविवार को आयोजित संवाद में भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने पर जोर दिया और इस बात पर भी बल दिया कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों को पनाह देने, उन्हें प्रशिक्षण देने, आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने या उनके वित्त पोषण के लिए नहीं किया जाए.शामिल देशों ने यह भी दोहराया कि आतंकवादी समूहों को पनाह देना, सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादियों का परोक्ष रूप से इस्तेमाल, आतंकवाद का वित्त पोषण और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार मानवता तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. क्षेत्रीय संपर्क पहलों का जिक्र करते हुए देशों ने कहा कि ऐसी परियोजनाएं पारदर्शिता, व्यापक भागीदारी, स्थानीय प्राथमिकताओं, वित्तीय निरंतरता के सिद्धांतों और सभी देशों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए. मंत्रियों ने अफगानिस्तान की मौजूदा मानवीय स्थिति पर चर्चा की और अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने का फैसला किया. संवाद में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के साथ ही अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने, महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक समझौता जल्द से जल्द स्वीकार करने का आह्वान किया....

महाराष्ट्र में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन डराने लगा है। यहां शुक्रवार को एक बार फिर 8 नए मरीज मिले हैं। इनमें सभी विदेश से लौटे हैं। 4 संयुक्त अरब अमीरात (UAE), 1-1 अमेरिका और नाइजीरिया, जबकि इन लोगों के संपर्क में आए 2 शख्स में नए संक्रमण की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र में अब कुल मामले बढ़कर 40 हो गए हैं। वहीं देशभर में ओमिक्रॉन के मरीजों की कुल संख्या 109 पर पहुंच गई है।दुनिया के 91 देशों में फैल चुका है ओमिक्रॉन-इधर, शुक्रवार शाम हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनिया के 91 देशों में फैल चुका है। भारत के 11 राज्यों में नए वैरिएंट के केस मिले हैं। अग्रवाल ने बताया कि WHO के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसार रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में ही 24 नवंबर को ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले केस की पहचान की गई थी।कोवोवैक्स को WHO से मिला इमरजेंसी अप्रूवल, पूनावाला बोले- कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगीअमेरिकी कंपनी नोवानैक्स की कोरोना वैक्सीन कोवोवैक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल दे दिया है। अनुमति मिलने पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को मजबूती मिलेगी।कोवोवैक्स के 200 करोड़ टीके तैयार करेगी सीरम,नोवावैक्स और भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल में कोरोना वैक्सीन के 200 करोड़ खुराक तैयार करने का करार किया है। अगस्त में यह डील साइन की गई थी। समझौते के मुताबिक, कम और मध्यम आय वाले देशों और भारत के लिए कम के कम 100 करोड़ खुराक का उत्पादन किया जाएगा।
आज के अन्य प्रमुख अपडेट्स..दिल्ली में ओमिक्रॉन के 10 नए केस मिले, तेलंगाना में भी 2 केस; देश में अब 99 मामले-तेलंगाना में आज ओमिक्रॉन के 2 नए मामलो की पुष्टि हुई। यहां ओमिक्रॉन के कुल 8 मामले हो गए हैं। वहीं, दिल्ली में आज ओमिक्रॉन के 10 नए केस दर्ज किए गए हैं। इसके बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 20 हो गई है। दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने नए मामलों की पुष्टि की है। देश में नए वैरिएंट के कुल मामले अब बढ़कर 99 हो गए हैं।...

चिकित्सा विभाग से इस वक्त की बड़ी खबर आई है. सभी संविदा कर्मियों को परमानेंट किया जाएगा. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने खास बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार संविदा कर्मियों के लिए अलग कैडर बना रही है. कल ही कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि संविदा कर्मियों का अलग कैडर बनेगा. ऐसे में करीब एक लाख से अधिक संविदाकर्मी नियमित किए जाएंगे. चिकित्सा मंत्री ने माना कि विभाग में सर्वाधिक संविदा कर्मी मौजूद है. इन सभी संविदा कर्मियों को लेकर राज्य सरकार अत्यंत गंभीर हैं. ऐसे में अलग कैडर बनाकर इन संविदा कर्मियों को नियमित करने का रास्ता खोला जाएगा.  प्रदेश के सरकारी विभागों में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों की भर्ती से लेकर उनकी सर्विस तक के लिए गहलोत सरकार अलग से नियम बनाएगी. कैबिनेट ने राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2021 को मंजूरी दे दी है. इन नियमों के बनने के बाद सरकारी विभागों में संविदा पर काम करनेवाले कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवा शर्तें तय हो जाएंगी. ऐसे में पहले से काम कर रहे संविदा कर्मियों का वेतन बढ़ने का रास्ता साफ हो जाएगा. ...

बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 329 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस और एचडीफएसी में गिरावट के साथ बाजार नीचे आया. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 329.06 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,788.03 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 103.50 अंक यानी 0.60 प्रतिशत टूटकर 17,221.40 अंक पर बंद हुआ.सेंसेक्स के शेयरों में तीन प्रतिशत से अधिक गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस रही. इसके अलावा बजाज फिनसर्व, पावर ग्रिड, आईटीसी और टीसीएस के शेयर भी नुकसान में रहे. दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में सन फार्मा, कोटक बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति और एलएंडटी शामिल हैं. विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से बाजार धारणा पर असर पड़ा....

राजस्थान के बारां, कोटा, गंगानगर और करौली जिले में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए दूसरे चरण का मतदान बुधवार को होगा. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी .चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि मतदान बुधवार सुबह 7.30 बजे से सांय 5.30 बजे तक होगा. चुनाव आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुरक्षित मतदान के लिये सभी आवश्यक व्यवस्था की है. मेहरा ने बताया कि दूसरे चरण में चार जिलों में 12 लाख 72 911 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में 12 पंचायत समितियों के 240 वार्ड और उनसे संबंधित जिला परिषदों निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव होंगे. उन्होंने बताया कि पंचायत समिति सदस्यों के लिए 827 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है, जबकि दो उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं. दूसरे चरण के मतदान के लिए 1580 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं.चार जिलों की जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के पहले चरण में 12 दिसंबर को 64.35 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था. तीसरे चरण के लिए 18 दिसंबर को मतदान करवाया जाएगा. मतगणना 21 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर होगी. इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 23 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख 24 दिसंबर को चुनाव होगा....

 लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि भगवद गीता किसी विशेष भाषा, क्षेत्र या धर्म की नहीं बल्कि पूरी मानवता की है. बिरला यहां चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लेने के लिए आए थे और उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर और राज्य विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी मौजूद थे. बिरला ने कहा कि यदि किसी के जीवन में अंधेरा या कठिनाई है तो गीता ही आगे का मार्ग बता सकती है. उन्होंने कहा कि गीता सार के एक छोटे से हिस्से को पढ़ने के बाद हमारे जीवन में हर संदेह दूर हो सकता है.उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे लोकतंत्र की नींव हजारों साल पहले ऋषियों और विचारकों ने रखी थी, जिन्होंने हमेशा ग्रह पर मौजूद जीवन के सभी रूपों के बीच शांति, आध्यात्मिक और समानता के मार्ग पर जोर दिया. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित संगोष्ठी के समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष मुख्य अतिथि थे.बिरला ने संगोष्ठी के आयोजन में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की, जो उनके मुताबिक युवा पीढ़ी को गीता से प्रेरणा लेने और अपने जीवन में इसकी शिक्षाओं को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा. बिरला ने कहा कि आज के डिजिटल युग में युवा बौद्धिक रूप से सक्षम हैं और दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान मिलेगा तो उनका जीवन सही दिशा में जाएगा....

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'डिपॉजिटर्स फर्स्ट : गारंटी टाइम बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप टू 5 लाख रुपए' प्रोग्राम को संबोधित किया। इस दौरान PM मोदी ने बताया कि ऐसे डिपॉजिटर्स जिनका पैसा बैंकों में फंस गया था, उन्हें कुल 1300 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। कार्यक्रम में PM मोदी ने डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत बैंक में जमा पर मिलने वाली 5 लाख रुपए की गारंटी के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री और RBI गवर्नर भी मौजूद रहे।आज भारत समस्याओं को टालता नहीं, उनका समाधान करता हैविज्ञान भवन में हुए प्रोग्राम में PM ने कहा कि कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके ही उन्हें विकराल होने से बचा सकता है, लेकिन सालों तक एक प्रवृत्ति रही कि समस्याओं को टाल दो। आज का नया भारत, समस्याओं के समाधान पर जोर लगाता है, आज भारत समस्याओं को टालता नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम में से सिर्फ 50 हजार रुपए तक की राशि पर ही गारंटी थी। फिर इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया था। यानी अगर बैंक डूबा, तो जमाकर्ताओं को सिर्फ एक लाख रुपए तक ही मिलने का प्रावधान था। ये पैसे भी कब मिलेंगे, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं थी। गरीब की चिंता को समझते हुए, मध्यम वर्ग की चिंता को समझते हुए हमने इस राशि को बढ़ाकर फिर 5 लाख रुपए कर दिया। इसके अलावा बैंक डूबने के 90 दिनों के अंदर ये पैसा देना होगा।सब की पहुंच में आया बैंक-पहले गरीब आदमी का ऐसा मानना था कि बैंक में खाता तो बड़े लोग खोलते हैं और लोन भी बड़े लोगों को ही मिलता है, लेकिन जनधन योजना और स्ट्रीट वेंडर लोन योजना ने इस धारणा को बदल दिया है। जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों बैंक अकाउंट्स में से आधे से अधिक महिलाओं के हैं। इन बैंक अकाउंट्स का महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर असर हुआ है।छोटे बैंकों को बड़े में मर्ज करके उन्हें सशक्त बनायाबीते सालों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब RBI, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा।देश की समृद्धि में बैंकों की बड़ी भूमिका है। और बैंकों की समृद्धि के लिए जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है। हमें बैंक बचाने हैं तो Depositors को सुरक्षा देनी ही होगी।अब 24 घंटे हो रहे लेन-देन-आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है। कुछ साल पहले तक इस बारे में सोचना तो दूर, भारत के सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मजाक उड़ाते फिरते थे।हमारे यहां समस्या सिर्फ बैंक अकाउंट की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी। आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है।बजट-2021 में बैंक कवर बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया थाDICGC एक्ट में इस बदलाव को शामिल किए जाने पर डिपॉजिटर को बड़ी आसानी होगी, क्योंकि उन्हें तय समय में अपना 5 लाख रुपए तक का डिपॉजिट वापस मिल जाएगा। बैंक के फेल होने की सूरत में DICGC के कवर के हिसाब से डिपॉजिटर को उनका पैसा तय समय के भीतर आसानी से मिल जाएगा। बजट में ऐलान किया था कि बैंकों में जमा 5 लाख रुपए की रकम अब DICGC एक्ट के तहत सिक्योर्ड रहेगी।...

संविधान की उद्देशिका में संशोधन के लिए संसद में पेश किया गया है एक निजी विधेयकसंसद का कोई सदस्य जो सरकार में शामिल नहीं होता उसे निजी सदस्य की संज्ञा दी जाती है। निजी सदस्य द्वारा लाए जाने वाले विधेयक का मसौदा स्वयं सांसद या उसके सहायक द्वारा तैयार किया जाता है। ऐसे किसी विधेयक की प्रस्तुति के लिए सदन सचिवालय को एक माह की सूचना देना अनिवार्य है, ताकि संविधान और विधि के प्रविधानों के संदर्भ में उसका आकलन किया जा सके। जहां कोई सरकारी विधेयक किसी भी दिन प्रस्तुत कर उस पर चर्चा की जा सकती है, वहीं निजी सदस्य का विधेयक केवल शुक्रवार को ही प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रस्तावित विधेयक में प्रतिष्ठा और अवसर की समानता के स्थान पर प्रतिष्ठा और भरण-पोषण, शिक्षित होने, रोजगार पाने और गरिमा के साथ व्यवहार करने के अवसर की समानता शामिल करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार समाजवादी शब्द को समतामूलक शब्द से प्रतिस्थापित करने का भी प्रस्ताव किया गया है। उद्देश्यों के रूप में सूचना प्रौद्योगिकी तक पहुंच और खुशहाली को शामिल किए जाने की बात कही गई है।उद्देशिका किसी पुस्तक की प्रस्तावना नहीं है। इसके विपरीत इसमें तीन अनिवार्य तत्व होते हैं। पहला, संविधान का दर्शन जो अमूर्त होता है। दूसरा, ऐसे दर्शन के अनुरूप राज्य का दार्शनिक उद्देश्य जिसका स्पष्ट उल्लेख होता है तथा तीसरा, उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उल्लिखित मार्गदर्शक सिद्धांत। ये अनिवार्य तत्व सभी संविधानों की उद्देशिका में होते हैं। जहां तक भारत की बात है। संविधान में शामिल अमूर्त दर्शन कल्याणवाद है, जबकि राज्य के दार्शनिक लक्ष्य के रूप में लोकतांत्रिक समाजवाद प्रतिष्ठित है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के मूल्यों को मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में रखा गया है। इन्हीं अनिवार्य तत्वों से राज्य को नीति निर्माण और क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश मिलता है। इसी कारण यह कहा गया है कि उद्देशिका राज्य को आधिकारिक जवाबदेही देती है। इन दार्शनिक तत्वों को शामिल किए जाने के कारण ही यह स्पष्ट है कि उद्देशिका संवैधानिक शासन की आधारशिला है और यह प्राधिकारियों की अर्थपूर्ण शक्ति का स्नेत नहीं है।...

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (PCC) में आज 12 दिसंबर को होने वाली महंगाई हटाओ रैली को लेकर कांग्रेस की बैठक आयोजित हुई. बैठक में रैली को लेकर चर्चा हुई. PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि महंगाई बड़ा और ज्वलंत मुद्दा है. यह नासूर बन चुका है. हमें राष्ट्रीय रैली का मौका मिला है. इससे हमारा सीना गर्व से फूल गया. होर्डिंग और बैनर रैली को लेकर लगाना है. जयपुर में वातावरण हो जाना चाहिए. उत्सव की तरह रैली को सफल बनाना है.मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा कि रैली जयपुर में होगी. ओमिक्रॉन इतना प्रभावी नहीं है.राजस्थान में अधिकांश लोगों के डबल डोज लग चुकी है. रैली है महंगाई, गरीबी हटाने के लिए. किसी ने क्या लेटर लिखा इसकी जानकारी नहीं ?. बैठक में अजय माकन ने कहा कि आज महंगाई सबसे बड़ी समस्या है. विपक्षी पार्टी का कर्त्तव्य है, सोई सरकार को जगाने का काम करे. मैं मीडिया से कहना चाहता हूं. मीडिया समर्थन कर रहे महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस का. सोनिया गांधी और राहुल गांधी लोकतंत्र की रक्षा में जुटे है. पहली बार दिल्ली से बाहर राष्ट्रीय रैली हो रही. आलाकमान ने इसके लिए जयपुर को चुना है. उन्होंने कहा कि महंगाई से लोगों को दिक्कत है. सड़क पर उतर कर केंद्र को जगाने का प्रयास हम कर रहे. केंद्र पर रैली के लिए दबाव बना रहे. ...

​भारतीय सेना की गोलियों से 14 नागरिकों की मौत के बाद, देश के अशांत उत्तर-पूर्वी राज्य नगालैंड में तनाव बना हुआ है. प्रशासन ने इंटरनेट पर रोक लगा दी है और व्यापक विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए कर्फ़्यू भी लगाया गया है.हिंसा की ये घटना शनिवार को हुई. राज्य के मोन ज़िले में सेना के एक गश्ती दल ने मज़दूरों के एक समूह को चरमपंथी समझकर उन पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसमें छह लोग मारे गए.सेना ने इसे "ग़लत पहचान का मामला" बताया, लेकिन स्थानीय लोगों ने सेना के इस दावे को ख़ारिज कर दिया.इतना ही नहीं, उस घटना के बाद इलाक़े में तैनात सैनिकों के साथ स्थानीय लोगों की गुस्साई भीड़ की झड़प भी हो गई. उस झड़प में भारतीय सेना के एक जवान के अलावा सात और लोगों की मौत हो गई. रविवार की दोपहर में प्रदर्शनकारियों ने सेना के एक शिविर पर हमला कर दिया. इसमें भी एक ना​गरिक की मौत हो गई.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर "गहरा दुख" व्यक्त किया है. वहीं नगालैंड की राज्य सरकार ने मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से उच्च स्तरीय जांच का वादा किया है....

चुनाव नजदीक आते ही पंजाब कांग्रेस में प्रधान नवजोत सिद्धू का विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस (AICC) के नेशनल कोऑर्डिनेटर और पंजाब प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियावाल ने सोनिया को इस्तीफा भेज दिया है।उन्होंने कहा कि वह पंजाब में हो रही 'नॉनसेंस' और एंटी पार्टी, एंटी गवर्नमेंट टिप्पणियों को डिफेंड नहीं कर सकते। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ की भी तारीफ की। बलियावाल के पास हरियाणा और हिमाचल किसान कांग्रेस का प्रभार होने के साथ वह पंजाब कांग्रेस के सीनियर मीडिया पैनलिस्ट भी थे।सिद्धू के पाक संबंधों पर भी उठाए सवाल-बलियावाल ने सोनिया को भेजे इस्तीफे में लिखा कि 15 साल से वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अब आपने पंजाब को गलत हाथों में सौंप दिया है। एक प्रवक्ता के तौर पर उन्हें पार्टी और सरकार विरोधियों टिप्पणियों का बचाव करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसमें नवजोत सिद्धू की पाकिस्तान के साथ संबंध भी शामिल हैं।कैप्टन-जाखड़ की लीडरशिप में मजबूत थी कांग्रेस-
बलियावाल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ की लीडरशिप में कांग्रेस 2022 में पंजाब में सरकार बनाने की मजबूत स्थिति में थी, लेकिन आपने नवजोत सिद्धू को चुना। CM चरणजीत चन्नी की अगुआई में सरकार बढ़िया काम कर रही है। मगर सिद्धू के रोजाना के ट्वीट से पार्टी की छवि खराब हो रही है।...

राजस्थान के बेरोजगारों का आंदोलन अब खत्म होने की राह पर आगे बढ़ रहा है। शनिवार को बेरोजगारों के प्रतिनिधि मंडल और सरकार के बीच हुई वार्ता में 6 मांगों पर सहमति बन गई वहीं अब लंबित मांगों को लेकर आज शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेरोजगारों से मुलाकात करेंगे। जिसमें लंबित मांगों को लेकर फैसला होने की संभावना है।राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार के अधिकारियों से बातचीत में कुछ मांगों पर सहमति बन गई है। लेकिन कुछ मांगों पर अब भी फैसला होना बाकी है। ऐसे में जब तक हमारी लंबित मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उपेन ने कहा कि प्रदेशभर के बेरोजगार घर परिवार से दूर रहकर धरना स्थल पर डटे हुए हैं। ऐसे में सरकार ने अगर अब भी हमारी मांग पूरी नहीं की। तो हम फिर से उत्तर प्रदेश कूच कर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे।बता दें कि राजस्थान के बेरोजगार पिछले 53 दिनों से अपनी 22 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने के साथ पिछले 7 दिनों से बेरोजगार उत्तर प्रदेश में आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। जिसके बाद देशभर में बेरोजगारों का आंदोलन चर्चा का विषय बन गया था। वहीं लगातार बढ़ते विरोध के बाद अब सरकार ने भी बेरोजगारों को बातचीत के लिए बुलाया है। ऐसे में अब देखना होगा 22 मांगों में से बेरोजगारों की कितनी मांगों पर सहमति बन पाती है।जिनमें टेक्निकल हेल्पर भर्ती की विज्ञप्ति भी इसी महीने में बहुत जल्द जारी होगी। रीट शिक्षक भर्ती 2021 में विशेष शिक्षकों के 5000 पद निकालने की मांग को लेकर अगले सप्ताह में शिक्षा विभाग सामाजिक कल्याण विभाग और सीएमओ के अधिकारियों के साथ प्रतिनिधिमंडल की वार्ता होगी। नर्सिंग भर्ती 2013 और शिक्षक भर्ती 2012 में सरकार ने अभ्यर्थियों का पक्ष रखने का आश्वासन दिया है। रीट शिक्षक भर्ती 2018 मामले में एडवोकेट जनरल से फिजिकली पैरवी कराकर जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया का निस्तारण करवाने की सहमति बनी है।...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों का ‘रिकॉर्ड नहीं होने’ को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें मानवता दिखाते हुए इन किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा प्रदान करना चाहिए. उन्होंने ‘किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 500 से अधिक किसानों की एक सूची’ भी सार्वजनिक की और कहा कि वह यह सूची सोमवार को लोकसभा के पटल पर रखेंगे. राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि संसद में सवाल किया गया था कि क्या किसान आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई? सरकार ने जवाब दिया कि उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. हम 503 नाम जारी कर रहे हैं. बाकी नामों का सत्यापन करने के बाद हम सूची जारी कर देंगे.उन्होंने दावा किया कि सरकार कोरोना महामारी में मारे गए लोगों और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा नहीं देना चाहती है, जिस वजह से वह मौत के आंकड़े स्वीकार नहीं कर रही है. राहुल ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार को मानवता दिखाते हुए किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब की सरकार ने ऐसे किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है. हमारी कोई गलती नहीं है. प्रधानमंत्री की गलती से लोगों की जान गई है. कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री ने अपनी गलती स्वीकार कर ली, माफी मांग ली तो फिर मुआवजा देने में क्या परेशानी है? सरकार ने गत 30 नवंबर को बताया था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या संबंधी आंकड़ा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है....

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज सवाई माधोपुर से दिल्ली जाते वक्त लालसोट में 2 साल से गुमशुदा युवक के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान परिजनों ने रोते हुए प्रियंका गांधी को अपनी पीड़ा सुनाई. पीड़ा सुनने के बाद प्रियंका गांधी ने परिजनों से ज्ञापन मांगा. लेकिन ज्ञापन मौके पर तैयार नहीं था. इसके बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि वे मामले की जानकारी लेंगी. बता दें कि कर्णपुरा गांव निवासी बुद्धिप्रकाश 2 साल से गुमशुदा है. बीते दिन से परिजन SDM कार्यालय पर धरने पर बैठे हैं. प्रियंका गांधी के आने की सूचना पर परिजन भी सवाई माधोपुर रोड पर पहुंच गए. भीड़ को देखकर प्रियंका गांधी का काफिला भी रुक गया. प्रियंका गांधी के काफिले को लेकर पुलिस प्रशासन सुबह से ही मुस्तैद नजर आ रहा था.कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज सवाई माधोपुर से दिल्ली जाते वक्त लालसोट में 2 साल से गुमशुदा युवक के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान परिजनों ने रोते हुए प्रियंका गांधी को अपनी पीड़ा सुनाई. पीड़ा सुनने के बाद प्रियंका गांधी ने परिजनों से ज्ञापन मांगा. लेकिन ज्ञापन मौके पर तैयार नहीं था. इसके बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि वे मामले की जानकारी लेंगी. बता दें कि कर्णपुरा गांव निवासी बुद्धिप्रकाश 2 साल से गुमशुदा है. बीते दिन से परिजन SDM कार्यालय पर धरने पर बैठे हैं. प्रियंका गांधी के आने की सूचना पर परिजन भी सवाई माधोपुर रोड पर पहुंच गए. भीड़ को देखकर प्रियंका गांधी का काफिला भी रुक गया. प्रियंका गांधी के काफिले को लेकर पुलिस प्रशासन सुबह से ही मुस्तैद नजर आ रहा था.इस मामले में हाल ही में राज्यसभा सांसद डॉ. किरोडीलाल मीणा के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन भी किया गया था. बड़ी तादात में पहुंचे लोगों के साथ किरोड़ी ने मंत्री परसादीलाल मीणा के आवास का घेराव भी किया था. इससे पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे. आनन-फानन में अतिरिक्त पुलिस जाब्ता मंत्री के आवास के बाहर तैनात किया गया था. भीड़ को रोकने के लिए नाकाबंदी की गई, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने मंत्री के नाम के बोर्ड को उखाडते हुए रोष व्यक्त किया. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच राजस्थान के सवाईमाधोपुर पहुंचीं थी. प्रियंका ने यहां स्वजनों के साथ रणथंभौर राष्ट्रीय अभ्यारण्य में टाइगर सफारी की. इस दौरान वो रणथंभौर में बाघों की अठखेलियां देख रोमांचित हुई. प्रियंका गांधी वाड्रा पिछले 3 दिन से परिवार के साथ निजी दौरे पर थी. प्रियंका गांधी सवाईमाधोपुर के होटल शेर बाघ में ठहरीं थी. प्रियंका परिवार के साथ पहले भी कई बार रणथंभौर आ चुकी.  ...

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 'खतरनाक' प्रदूषण स्तर के मद्देनजर निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (संसद एवं उसके आसपास निर्माण एवं पुनर्निर्माण परियोजना) निर्माण कार्य काम जारी रखने के मामले में सोमवार को केंद्र सरकार से जल्द जवाब तलब किया।मुख्य न्यायाधीश एनवी रामना, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सरकार से जवाब तलब किया। दिल्ली में प्रदूषण के मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता आदित्य दुबे के वकील विकास सिंह द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य जारी रखने समेत कई मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत द्वारा प्रदूषण रोकने के उपायों के तहत निर्माण कार्यों पर लगाए अस्थायी प्रतिबंध के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य जारी है। इस पर पीठ नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जवाब देने को कहा।पीठ ने केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश सरकारों को एक बार फिर फटकार लगाते हुए कहा है कि प्रदूषण की इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरीके से सख्ती से तत्काल पालन करें, अन्यथा उन्हें एक स्वतंत्र टास्क फोर्स गठित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।शीर्ष अदालत ने संबंधित सरकारों से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उन्होंने खतरनाक वायु प्रदूषण को तत्काल कम करने के लिए अब तक क्या-क्या उपाय किए हैं? सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि 'कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन दिल्ली एनसीआर' द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अमल संबंधी तमाम जानकारियां हलफनामे के जरिए बुधवार तक शीर्ष अदालत के समक्ष पेश करें।शीर्ष अदालत ने 17 साल के स्कूली छात्र दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछली सुनवाई के दौरान राजधानी दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर फिर से रोक लगा दी थी। सर्वोच्च अदालत ने बिजली और प्लंबरिंग से संबंधित कार्यों को प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा था। पूर्व की सुनवाइयों के दौरान सर्वोच्च अदालत ने निर्माण कार्यों पर रोक समेत कई तरीके के प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन प्रदूषण में कमी का हवाला देते हुए 22 नवंबर को दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध हटा लिया था।...

वर्ष 2021 का अंतिम महीना दिसंबर। इस महीने में आपके जीवन से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। इनमें कुछ का असर आपके जेब पर भी पड़ने वाला है। कहीं आपको महंगाई का झटका लगेगा तो कहीं राहत की बारिश होगी। जानिए कौनसे नियमों में होगा बदलाव, जिनका आपके रोजमर्रा जीवन पर पड़ेगा सीधा असर।UAN-आधार लिंक : अगर आपका आधार नंबर और पीएफ खाते के साथ मिलने वाला यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी UAN अभी तक लिंक नहीं हुआ है तो जल्द करवा लें। 30 नवंबर 2021 इसकी अंतिम तारीख है।कर्मचारी भविष्य निधि संगठन  ने और आधार को लिंक कराने की आखिरी तारीख आगे बढ़ाकर 30 नवंबर 2021 कर दी है। पहले यह 31 अगस्त 2021थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इसकी अंतिम तारीख को शायद ही बढ़ाया जाए।घट सकते हैंसरकारी तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर के दाम की समीक्षा करती हैं। अफ्रीका में कोरोनावायरस का नया वैरिएंट मिलने के बाद कच्चे के दाम में बड़ी गिरावट आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि 1 दिसंबर की समीक्षा में LPG सिलेंडर के दामों में गिरावट हो सकती है।LPG सब्सिडी पर राहत : देश में कोविड महामारी थमने के बाद सरकार अब रसोई गैस पर सब्सिडी  फिर से शुरू कर सकती है। दिसंबर महीने से एलपीजी सब्सिडी फिर से बहाल की जा सकती है। एक खबर के मुताबिक देश में तेजी से बढ़ रहे एलपीजी के दाम को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार दिसंबर महीने से एलपीजी सब्सिडी बहाल कर सकती है।माचिस होगी महंगी : 14 साल बाद माचिस की कीमत दोगुनी होने वाली है। 1 दिसंबर 2021 से आपको माचिस की एक डिब्बी के लिए 1 रुपए की 2 रुपए चुकाना होंगे। 2007 में माचिस के दाम 50 पैसे से बढ़ाकर 1 रुपए किए गए थे। कीमतों में बढ़ोतरी की वजह माचिस को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के दामों का महंगा होना है।
SBI क्रेडिट कार्ड यूजर्स को लगेगा झटका: अगर आपके पास SBI का क्रेडिट कार्ड है, तो अगले महीने से इसके जरिए खरीदी करना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। हर खरीदी पर 99 रुपए और टैक्स आपको चुकाना होगा। यह प्रोसेसिंग चार्ज होगा। SBI के मुताबिक 1 दिसंबर 2021 से सभी मर्चेंट EMI के लेन-देन पर बतौर प्रोसेसिंग चार्ज 99 रुपए और टैक्स देना होगा। सबसे पहले SBI क्रेडिट कार्ड ने इसकी शुरुआत की है।PNB की ब्याज दरों में बदलाव : देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक खाता धारकों को बड़ा झटका दिया है। बैंक ने सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों में कटौती करने का निर्णय किया है। नई दरें 1 दिसंबर से लागू होंगी। बैंक ने सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों को सालाना 2.90 से घटाकर 2.80% करने का फैसला किया है।...

राज्य सरकार की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक अभी 51,804 मरीज उपचाराधीन हैं। केरल में कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद अब तक कुल 50,28,752 लोग ठीक हो चुके हैं।गुरुवार को दर्ज की गई 384 मौत में से 56 पिछले कुछ दिनों में हुई थीं और 328 को केंद्र के नए दिशानिर्देशों और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर आधारित अपील प्राप्त होने के बाद कोविड-19 से हुई मौत के रूप में दर्ज किया गया।पुडुचेरी में 49 नए मामले : पुडुचेरी में पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 49 नए मरीजों का पता चलने के बाद बृहस्पतिवार को इस महामारी के मामले बढ़कर 1,28,794 हो गए।स्वास्थ्य विभाग के निदेशक जी श्रीरामुलू ने बताया कि 2,776 नमूनों की जांच के बाद इन नए रोगियों का पता चला। पुडुचेरी में 25, कराइकल में 13, माहे में 6 और यानम में 5 नए मामले सामने आए। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के दो मरीजों की जान गयी जिससे मृतक संख्या बढ़कर 1,872 हो गई।श्रीरामुलू के अनुसार, फिलहाल केंद्रशासित प्रदेश में 318 मरीजों का उपचार चल रहा है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 33 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई, जिसके साथ ही अब तक 1,26,604 मरीज महामारी से उबर चुके हैं। निदेशक के मुताबिक, संक्रमण दर 1.77 फीसदी है जबकि मृत्युदर 1.45 फीसदी एवं मरीजों के स्वस्थ होने की दर 98.30 फीसदी है।केंद्र शासित प्रदेश में अब तक कोविड-19 रोधी टीकों की 11,93,490 खुराक दी जा चुकी हैं। कुल 7,43,682 लोगों को टीकों की पहली खुराक तथा 4,49,808 को दूसरी खुराक दी गई है।लद्दाख में एक मरीज की मौत : लद्दाख में कोविड-19 के 28 नए मामले सामने आने के साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 21 हजार 397 हो गई जबकि एक मरीज की मौत होने से मृतकों की तादाद बढ़कर 213 हो गई।लद्दाख में अब तक कोविड-19 से 213 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें लेह में 155 और करगिल के 58 मरीज शामिल हैं। लेह में बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 से एक मरीज की मौत हुई। संक्रमण के सभी 28 नये मामले लेह में सामने आए।...

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि दिसंबर में कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका है, लेकिन इसका प्रभाव हल्का होगा।स्वास्थ्य मंत्री ने एक न्यूज चैनल से कहा कि तीसरी लहर के दौरान चिकित्सीय ऑक्सीजन और गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) के बिस्तरों की जरूरत नहीं होगी। टोपे ने कहा, तीसरी लहर के हल्का होने की संभावना है और चिकित्सीय ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की जरूरत नहीं होगी।कोविड​​-19 के मौजूदा परिदृश्य के बारे में टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण किया जा चुका है। वर्तमान में संक्रमण का स्तर और मृत्यु दर कम है। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा था कि राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 766 मामले आए और 19 लोगों की मौत हुई।राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार तीसरे दिन 10,000 से नीचे रही। महाराष्ट्र में मंगलवार तक संक्रमण के कुल 66,31,297 मामले आए हैं। टोपे ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी की पहली लहर सितंबर 2020 में और दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आई थी।टोपे ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की थी और स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों, वरिष्ठ नागरिकों तथा संक्रमण के लिहाज से कमजोर वर्गों के लिए टीके की बूस्टर खुराक देने को लेकर केंद्र की अनुमति मांगी थी। संक्रमण से बचाव के लिए 12 से 18 वर्ष के बच्चों-किशोरों को टीका लगाने की भी मांग की थी।टोपे ने कहा, मांडविया ने कहा कि वह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और अवगत कराएंगे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा था कि देश में कोविड की पहली दो लहर की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की आशंका नहीं है।गुलेरिया ने कहा कि इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दर्शाता है कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी कहा है कि दूसरी लहर की तरह विनाशकारी तीसरी लहर की आशंका नहीं है और संभवत: दिसंबर अंत से फरवरी के बीच मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन प्रभाव हल्का होगा।...

ट्रैक्टर-ट्रॉली से कथित तौर पर एक व्यक्ति को कुचल कर घायल करने का वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर गलत, भ्रामक एवं आपत्तिजनक जानकारी फैलाने के लिए पुलिस ने मध्यप्रदेश कांग्रेस सचिव अर्जुन आर्य के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है . सीहोर जिले के पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि व्हाट्सएप, ट्विटर एवं फेसबुक पर गलत, भ्रामक एवं आपत्तिजनक पोस्ट के साथ वीडियो वायरल करने की शिकायत पर आवेदक के द्वारा रिपोर्ट करने पर आरोपी आर्य के खिलाफ थाना गोपालपुर ने वैधानिक कार्रवाई करते हुए भादंवि की धारा 505 (1-ख) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.उन्होंने कहा कि इस मामले में अनुसंधान के बाद आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. फेसबुक एवं ट्विटर पर इस वीडियो को पोस्ट करने वाले शख्स ने खुद की पहचान अर्जुन आर्य के रूप में की थी और उसके इन अकाउंटों में दावा किया गया था कि वह मध्यप्रदेश कांग्रेस का सचिव है. वीडियो में दिख रहा है कि एक युवक नदी के पास से रेत भर कर ले जा रहे एक ट्रैक्टर-ट्रॉली का विरोध करते हुए उसके सामने खड़ा हो जाता है और यह ट्रैक्टर-ट्राली उसे कुचलते हुए आगे निकल जाती है, जिससे वह व्यक्ति घायल होकर वहां नीचे जमीन पर गिर जाता है.आर्य ने अपने पोस्ट में दावा किया है कि यह घटना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में हुई है. आर्य ने ट्विटर पर इस वीडियो को टैग कर लिखा है कि ये वीभत्स दृश्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अपने बुधनी विधानसभा का है. यहां शिवराज के अपराधी मित्र सरेआम लोगों को मृत्यु के घाट उतार देते हैं. यही कलयुग के इस मामा का असल चरित्र है.’’ संपर्क किए जाने पर मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को पुष्टि की कि आर्य प्रदेश सचिव हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें प्राथमिकी और वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं है....

अहमदाबाद। एक ओर जहां केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को खत्म करने का फैसला लेकर किसानों की नाराजगी को दूर किया है, वहीं दूसरी ओर गुजरात में सरकार ने राज्य में किसानों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 1500 रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराने का निर्णय लिया है।राज्य कृषि विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि इस योजना का मकसद किसानों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए प्रेरित करना है, ताकि कृषि क्षेत्र में जब डिजिटल सेवा का प्रचलन बढ़ रहा है, तो वे ऐसे समय में इसका उपयोग कृषि आय बढ़ाने में कर सकें।राज्य कृषि, किसान कल्याण एवं सहकारिता विभाग की ओर से शनिवार को जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया कि गुजरात में भूमि का मालिक कोई भी किसान स्मार्टफोन की कुल लागत के 10 प्रतिशत (1,500 से ज्यादा नहीं) की सहायता के लिए 'आई-खेदूत' वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं।अधिसूचना में बताया गया कि यह सहायता केवल स्मार्टफोन के लिए उपलब्ध है और यह इससे जुड़े उपकरणों जैसे कि पावर बैकअप उपकरण, ईयरफोन या चार्जर आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उसे चीन के कब्जे का सत्य भी स्वीकार कर लेना चाहिए. कांग्रेस और राहुल गांधी चीन के साथ सीमा पर तनाव की स्थिति से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर उसकी अक्सर आलोचना करते आ रहे हैं.राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, अब चीनी क़ब्ज़े का सत्य भी मान लेना चाहिए. उधर, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के मद्देनजर जल्द ही किसी तारीख पर अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता आयोजित करने पर बृहस्पतिवार को सहमति व्यक्त की.विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के संबंध में स्पष्ट एवं गहराई के साथ चर्चा की और पिछली सैन्य स्तर की वार्ता के बाद के घटनाक्रम की समीक्षा की....

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आज तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। इसे लेकर पिछले 1 साल से किसान आंदोलनरत थे। आइए जानते हैं कि ए तीनोंकृषि कानून क्या थे?पहला कृषि कानून- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक 2020। इसके अनुसार किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते थे। इतना ही नहीं, बिना किसी अवरोध के दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते थे। कोई भी लाइसेंसधारक व्यापारी किसानों से परस्पर सहमत कीमतों पर उपज खरीद सकता था। कृषि उत्पादों का यह व्यापार राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए मंडी कर से मुक्त किया गया था।दूसरा कृषि कानून- किसान मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 था। यह कानून किसानों को अनुबंध खेती करने और अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से विपणन करने की अनुमति देने के लिए था। इसके तहत फसल खराब होने पर नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं बल्कि एग्रीमेंट करने वाले पक्ष या कंपनियों द्वारा की जाती।तीसरा कानून- आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम। इस कानून के तहत असाधारण स्थितियों को छोड़कर व्यापार के लिए खाद्यान्न, दाल, खाद्य तेल और प्याज जैसी वस्तुओं से स्टॉक लिमिट हटा दी गई थी।गौरतलब है कि इन्ही तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर 2020 को संसद से पास कराया गया था। इसके बाद से लगातार किसान संगठनों की तरफ से विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। किसान संगठनों का तर्क था कि इस कानून के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी और उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देगी जबकि सरकार का तर्क था कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश का अवसर पैदा होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी इस पर सहमति नहीं बन पाई। किसान दिल्ली की सीमाओं के आसपास आंदोलन पर बैठकर इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।...

महोबा। मातृभूमि की आन, बान और शान के लिए मर मिटने वाले शूरवीरों- आल्हा और ऊदल की धरती महोबा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर को सिंचाई एवं पेयजल की लगभग 3285 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात देकर बुंदेलखंड के दशकों पुराने जल संकट का समाधान करेंगे।पिछले 5 सालों में तीसरी बार महोबा पधार रहे मोदी के इस्तकबाल के लिए बुंदेले पलक पावड़े बिछाकर तैयार है। भाजपा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सेंगर ने गुरुवार को कहा कि गैर भाजपा सरकारों की उपेक्षा व प्राकृतिक आपदाओं के झंझावातों में उलझकर साल-दर-साल बदहाली के शिकार हुए बुंदेलखंड में विकास को नए आयाम देने तथा यहां मूलभूत सुविधाओं की अवस्थापना के लिए संकल्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 वर्षों में महोबा का तीसरा दौरा है।2016 में पहली बार आए थे मोदी : वर्ष 2016 में उन्होंने पहली बार यहां का दौरा किया था और इस पथरीली बंजर भूमि को जल से संतृप्त करने का बीड़ा उठाया था। बीते समय मे यहां केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई ओर पेयजल की विभिन्न परियोजनाओं को त्वरित ढंग से पूरा कराया गया।सेंगर के मुताबिक प्रधानमंत्री द्वारा शुक्रवार को सिंचाई एवम पेयजल की लगभग 3285 करोड़ लागत की महोबा की अर्जुन सहायक व रतोली बांध और ललितपुर जिले की भोनी बांध परियोजना का लोकार्पण किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री यहां बुंदेलखंड में पेयजल के लिए 'हर घर नल से जल' योजना और हमीरपुर जिले के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई योजना के साथ लोक निर्माण विभाग की तमाम अन्य परियोजनाओं का भी लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।लोगों में जबर्दस्त उत्साह : हमीरपुर-महोबा के सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर बुंदेलखंड के निवासियों में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। उनकी महोबा में रैली अभूतपूर्व होगी। भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा रैली की सफलता के लिए जोर-शोर से प्रयास किए जा रहे हैं।पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के निर्देशन में कार्यकर्ताओं की टीमें घर-घर जाकर लोगों को पीले चावल देकर रैली में पहुंचने के लिए निमंत्रित कर रही है। भाजपा का प्रयास है कि प्रधानमंत्री मोदी की रैली में महोबा जिले के प्रत्येक परिवार से एक सदस्य की भागीदारी अवश्य हो। चित्रकूट धाम मंडल के चारों जिलों- हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट ओर महोबा से दो लाख से ऊपर की भीड़ जुटने की संभावना है।
मोदी की अगवानी के लिए तैयार बुंदेलखंड : भाजपा जिलाध्यक्ष सेंगर ने गुरुवार को बताया कि वीरभूमि महोबा अपनी परंपरागत बुंदेली शैली में 19 नवंबर को मोदी कीअगवानी के लिए तत्पर हैं। मातृभूमि की आन, बान और शान के लिए मर मिटने वाले शूरवीरों आल्हा और ऊदल की धरती पर मोदी के आगमन को लेकर बुंदेले खासे उत्साहित हैं।...

गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तरप्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का तोहफा दिया। मंगलवार को पीएम मोदी का हरक्यूलिस (ग्लोब मास्टर) विमान सुलतानपुर पहुंचा और इसने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग कर इसका उद्घाटन किया। इस दौरान आकर्षक एयर शो भी हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्य आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे समय विमानों के करतब देखते रहे। लड़ाकू विमानों को उड़ते देखकर एयरफोर्स का लोगो लगी टोपी पहने मोदी के चेहरे पर कई बार मुस्कान आ गई।पीएम मोदी एयर स्ट्रिप पर वायुसेना का एयर शो देखेंगे।-जगुआर, सुखोई और मिराज दिखाएंगे पराक्रम।-कुछ ही देर में होगा पीएम मोदी का भाषण-सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक्सप्रेस वे से यूपी के विकास को नई गति मिली।-पिछली सरकारों में पूर्वांचल की अनदेखी हुई : सीएम योगी-साढ़े 4 साल में यहां विकास के काम हुए।सत्यदेव पचौरी ने कू पर पोस्ट में कहा कि योगी सरकार में बनकार तैयार हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद 10 जिलों के करीब 10 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा। एक्सप्रेसवे के किनारे मंडियां और उद्योग भी लगाए जाएंगे। इससे हजारों नौकरियां मिलने की उम्मीद है।पीएम मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर एक्सप्रेस का शुभारंभ किया।-इस अवसर पर एक्सप्रस वे पर एक फिल्म भी दिखाई गई।-पीएम मोदी ने कहा-पूर्वांचल की धरती को नमन-पूर्वांचल को एक्सप्रेस वे की सौगात मिली।-3 साल पहले किया था पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास।-नहीं सोचा था सबसे पहले मैं ही यहां विमान से उतरूंगा।-यह यूपी के विकास का एक्सप्रेस वे है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूपी में पहले माफियावाद था।-पहले पूर्वांचल की अनदेखी की जा रही है।-तीन-चार वर्ष पहले जहां सिर्फ जमीन थी, अब वहां से होकर इतना आधुनिक एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है।इस एक्सप्रेस वे का लाभ गरीब को भी होगा और मध्यमवर्ग को भी।-इसका लाभ श्रमिक को भी होगा और व्यवसायी को भी।-यह लाखों लोगों के रोजगार के निर्माण का माध्यम बनेगा।-पहले यूपी का एक शहर दूसरे शहर से कटा हुआ था। अच्छी कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से लोग परेशान था।-पिछले मुख्‍यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सिमित था, जहां तक उनका परिवार था।
-इस एक्सप्रेस वे से बिहार के लोगों को भी फायदा होगा।-340 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की विशेषता यह है कि यह लखनऊ से उन शहरों को जोड़ेगा, जहां विकास की काफी संभावनाएं है।...

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आरबीआईकी 2 नई योजनाओं की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की दो उपभोक्ता-केंद्रित पहल से निवेश के रास्ते बढ़ेंगे, पूंजी बाजार तक पहुंच आसान और सुरक्षित होगी।उन्होंने कहा कि आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उनसे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मर्केट्स को एक्सेस करना निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुविधाजनक बनेगा।पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक गर्वमेंट सिक्यूरिटी मार्केट में हमारे मध्यम वर्ग, कर्मचारी, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिकों को सिक्योरिटीज में निवेश के लिए बैंक इंश्योरेंश या म्यूचल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे। अब उन्हें सुरक्षित निवेश का एक और बेहतर विकल्प मिल रहा है।उन्होंने कहा कि कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण कालखंड में वित्त मंत्रालय ने, आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि ये दशक देश के विकास में अहम है। रिटेल डायरेकक्टरी स्कीम से सरकारी प्रतिभूति बाजार तक खुदरा निवेशकों की पहुंच आसान होगी। इससे उन्हें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी प्रतिभूतियों में निवेश का सीधा अवसर मिलेगा। निवेशक आसानी से अपने सरकारी प्रतिभूति खाते मुफ्त में ऑनलाइन खोल सकेंगे और इसे मेंटेन भी कर सकेंगे।
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मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने वाराणसी में एक समाचार चैनल से कहा, देश का पहला प्रधानमंत्री जिन्ना को बना दिया होता तो देश का बंटवारा ही नहीं होता। उन्होंने कहा, जिन्ना को देश का प्रधानमंत्री बना दिया होता, इस बात को लेकर आडवाणी जी के विचार पढ़िए, अटल जी के विचार को पढ़िए, जो देश के शुभचिंतक हैं उनके विचारों को पढ़िए। वह उनकी तारीफ क्यों करते हैं? राजभर की पार्टी ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन किया है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछली 31 अक्टूबर को हरदोई में एक कार्यक्रम में कहा था कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना बैरिस्टर बने तथा देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और कभी इससे पीछे नहीं हटे। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस मामले को लेकर सपा का घेराव किया था।अखिलेश ने तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पाबंदी लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सिर्फ पटेल ही ऐसा कर सकते थे।भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि जिन्ना को देश के बंटवारे का खलनायक माना जाता है और जो लोग उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें इसका कोई फायदा नहीं होगा।...

रूस, ईरान और मध्य एशिया के पांच देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इससे पहले इन अधिकारियों ने अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण से पैदा हुई सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर भारत की ओर से आयोजित वार्ता में हिस्सा लिया. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला भी शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मौजूद थे. समझा जाता है कि ‘अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता’’ में हुई चर्चा के प्रमुख बिन्दुओं से इन सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया. तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद आतंकवाद, कट्टरवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों का सामना करने में व्यावहारिक सहयोग के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत वार्ता की मेजबानी कर रहा है. रूस, ईरान और मध्य एशिया के पांच देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इससे पहले इन अधिकारियों ने अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण से पैदा हुई सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर भारत की ओर से आयोजित वार्ता में हिस्सा लिया. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला भी शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मौजूद थे. समझा जाता है कि ‘अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता’’ में हुई चर्चा के प्रमुख बिन्दुओं से इन सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया. तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद आतंकवाद, कट्टरवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों का सामना करने में व्यावहारिक सहयोग के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत वार्ता की मेजबानी कर रहा है. ...

 फ्रांस की एक मीडिया रिपोर्ट में वर्ष 2007 से 2012 के बीच भारत से राफेल विमान करार के लिए दलाली दिए जाने के खुलासे का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) का नाम बदलकर 'आई नीड कमीशन' कर दिया जाना चाहिए।साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तब यह सौदा इसलिए विफल हो गया था, क्योंकि वह दलाली के तहत मिलने वाली राशि से संतुष्ट नहीं थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेतृत्व पर करारा हमला किया, खासकर उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर, और आरोप लगाया कि वे अफवाह, झूठ और भ्रामक सूचनाएं फैलाते हैं। ज्ञात हो कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राफेल सौदे में दलाली के आरोप लगाते रहे हैं। पात्रा ने फ्रांस की खोजी पत्रिका 'मीडियापार्ट' की ओर से किए गए ताजा खुलासे पर राहुल गांधी से जवाब मांगे। उन्होंने कहा कि इटली से राहुल गांधीजी जवाब दें कि राफेल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश आपने और आपकी पार्टी ने इतने वर्षों तक क्यों की?कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सरकारी आवास की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार बेघर हो गया है और इसका पता है 10, जनपथ। कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि सरकार ने मामले को रफा-दफा करने का अभियान चला रखा है। पार्टी ने मांग की है कि सरकार ने अभी तक इस पूरे प्रकरण की जांच क्यों नहीं करवाई? कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस राफेल करार को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करती रही है लेकिन सरकार आज तक इसके लिए राजी नहीं हुई।
राफेल को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई, जब 'मीडियापार्ट' ने ताजा दावे किए कि फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने भारत से यह सौदा हासिल करने में मदद के लिए एक बिचौलिये को गोपनीय रूप से करीब 7.5 मिलियन यूरो का भुगतान किया और दसॉल्ट कंपनी को इस घूस की राशि देने में सक्षम बनाने के लिए कथित रूप से फर्जी बिलों का इस्तेमाल किया गया। 'मीडियापार्ट' की पड़ताल के अनुसार दसॉल्ट एविएशन ने 2007 और 2012 के बीच मॉरिशस में बिचौलिए को रिश्वत का भुगतान किया।कांग्रेस के नेतृत्व में 2004 से 2014 तक केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी। इसके बाद केंद्र में मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी। राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को भारतीय वायुसेना के लिए 36 राफेल जेट विमान खरीदने का सौदा किया था।राफेल सौदे को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है। उसने सरकार पर सौदे में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार प्रत्येक विमान को 1,670 करोड़ रुपए से अधिक कीमत पर खरीद रही है, जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने इसे 526 करोड़ रुपए में अंतिम रूप दिया था। कांग्रेस पर पलटवार करते हुए पात्रा ने कहा कि निश्चित तौर पर कांग्रेस और गांधी परिवार की असंतुष्टि ही थी जिसकी वजह से संप्रग सरकार के दौरान यह सौदा तय नहीं हो सका।उन्होंने कहा कि 'मीडियापार्ट' की रिपोर्ट में कहा गया है कि संप्रग शासन के दौरान भ्रष्टाचार, प्रभाव और पक्षपात था। उन्होंने कहा कि यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आईएनसी का नाम 'आई नीड कमीशन' कर दिया जाना चाहिए। पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राबर्ट वाड्रा... सभी कहते हैं कि उन्हें कमीशन चाहिए। संप्रग सरकार में हर करार के भीतर एक करार होता था। कांग्रेस अक्सर कहती रही है कि भाजपा और उसके सदस्य राजनीतिक बदले की भावना के तहत उसके और गांधी परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहते हैं।पात्रा से जब यह पूछा गया कि कांग्रेस कह रही है कि सरकार इस मामले की जांच क्यों नहीं करवा रही है? तो उन्होंने कहा कि कथित दलाल को पहले प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसिंया इस मामले को जरूर देख रही होंगी।भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कथित दलाल सुशेन मोहन गुप्ता का नाम राफेल मामले में भी सामने आया था। वह वीवीआईपी विमान खरीदे जाने के मामले में भी आरोपी था। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने मोदी सरकार द्वारा किए गए राफेल सौदे के विषयवस्तु को देखा है और उसमें कुछ भी गलत नहीं पाया है।उन्होंने कहा कि 2019 के चुनावों से पहले विपक्षी दलों ने, खासकर कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से एक झूठा माहौल बनाने की कोशिश राफेल को लेकर की थी, वह सभी ने देखा था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस सौदे को लेकर कई सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। राफेल निर्माता दसॉल्ट एविएशन और भारत के रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले करार में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया था।...

उत्तर प्रदेश मे होने वाले विधान सभा चुनाव 2022 को लेकर जहां सभी पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं, तो वहीं शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है और पार्टी की तरफ से चलाई जा रही सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा अपने चौथे चरण की तरफ बढ़ चुकी है।इस बीच रविवार को कानपुर देहात पहुंची रथयात्रा का कार्यकर्ताओं ने जोरशोर के साथ स्वागत किया। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए धन्यवाद प्रकट किया। 2022 चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं के अंदर ऊर्जा भरते हुए उन्‍होंने कहा कि पार्टी के द्वारा किए जा रहे कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य समय पर तरीके से पूरा कर लिया जाए।सरकार में बनी तो बिजली फ्री और देंगे नौकरी :सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा लेकर कानपुर देहात पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने कहा, जनता चाहती है कि प्रदेश में परिवर्तन हो और उनकी पार्टी की सरकार बने। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार प्रदेश में आती है तो सबसे पहले 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे और हर घर से एक बेटा और बेटी को नौकरी देंगे। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि प्रदेश से बेरोजगारी खत्म होना चाहिए और प्रदेश का विकास होना चाहिए।शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन की बात पर ओवैसी को साथ लेकर चलने की बात स्वीकार की और उन्होंने कहा कि न हमने किसी को छोड़ा है और न छोड़ेंगे, यह सब बहुत जल्द आपके सामने होगा। इसी के साथ वे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर जवाब देते हुए कुछ भी नहीं बोले और कहा कि गठबंधन कद के आधार पर नहीं किया जाता है, उनका कद तो पूरा उत्तर प्रदेश जानता है और सभी जानते हैं, मेरा कद क्या है।पहले जनता को बर्बाद किया है, अब पंप मालिकों को कर रहे हैं बर्बाद : शिवपाल सिंह यादव ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर पहले तो सरकार ने जनता को बर्बाद किया और अब एकदम से दाम कम कर के पेट्रोल पंप मालिकों को बर्बाद किया जा रहा है। प्रदेश की जनता सब जानती है।उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार केवल देश में दो पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है और जनता समझ रही है। निश्चित ही अगले चुनाव 2022 में जरूर सबक सिखाएगी। मौजूदा सरकार से प्रदेश की सारी जनता,किसान और छात्र परेशान हैं, छात्र बेरोजगार हैं और यह सरकार महंगाई रोक नहीं पा रही है, साथ ही भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर पहुंच गया है।जनता सरकार के बारे में सब कुछ जान चुकी है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है, निश्चित तौर पर 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता का परिवर्तन होना तय है और जनता महंगाई का जवाब 2022 में सरकार को जरूर देगी।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दीवाली का उपहार देते हुए उनके मानदेय में बढोतरी की है. इससे कुल 35,014 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और आंगनबाड़ी सहायिकाएं लाभान्वित होंगी.आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में प्रति माह 1,800 रुपये तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में 1,500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है. मानदेय में वृद्धि के बाद अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रति माह 9,300 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिकाओं को प्रति माह 5,250 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 6,250 रुपये मानदेय मिलेगा. प्रदेश में 14,947 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, 5,120 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और 14,947 आंगनबाड़ी सहायिकाएं हैं.मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंगलवार शाम प्रदेश के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल ने विभाग के निदेशक को इस माह नवंबर से मानदेय वृद्धि करते हुए भुगतान की कार्यवाही करने को कहा है. बाद में, धामी से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भेंट की और मानदेय में वृद्धि करने पर उनका आभार व्यक्त किया....

 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई दिग्गजों ने गुरुवार को देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी।राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने टि्वटर पर दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा, 'दीपावली के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। दीपावली बुराई पर अच्‍छाई की और अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है। आइए, हम सब मिलकर, इस त्‍योहार को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित तरीके से मनाएं और पर्यावरण की रक्षा में योगदान करने का संकल्‍प लें।'दीपावली के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। दीपावली बुराई पर अच्‍छाई की और अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है। आइए, हम सब मिलकर, इस त्‍योहार को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित तरीके से मनाएं और पर्यावरण की रक्षा में योगदान करने का संकल्‍प लें।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गुरुवार को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी कामना है कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए। दीपों का यह पर्व हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दी है। जयशंकर ने गुरुवार को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया, 'दीपावली के पावन अवसर पर आप सबको ढेरों शुभकामनाएं। आशा करता हूँ कि दीपों का यह पर्व सभी के लिए सुख, शांति एवं उत्तम स्वास्थ्य लाए।'...

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सांसदों और विधायकों समेत सभी जनप्रतिनिधियों तथा सरकारी कर्मचारियों से राज्य के गरीबों एवं वंचितों के साथ दीपावली की खुशी बांटने की अपील की है।मुख्यमंत्री ने बुधवार को जारी अपील में सभी प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई देते हुए प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्षों, प्रखंड प्रमुखों, नगर निकायों के अध्यक्षों और पार्षदों, जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के सदस्यों समेत 8 लाख से अधिक जनप्रतिनिधियों और लाखों सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस दीपावली पर प्रदेश के हर गरीब और एक-एक वंचित परिवार के साथ जुड़कर दीपावली की खुशियां बांटें।उन्होंने कहा कि अगर आप ठान लें तो प्रदेश में हर गरीब और वंचित के घर में भी दीपावली का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा सकता है। सभी जनप्रतिनिधि और कर्मचारी एक-एक घर के साथ जुड़ें और उन घरों में भी दीप प्रज्वलित करें तथा दीपावली की मिठाई उन घरों में पहुंचाने पर ध्यान दें। योगी ने कहा कि दीपावली का यह पर्व पूरे प्रदेशवासियों के लिए बहुत मंगलमय हो। प्रभु श्रीराम की कृपा सब पर बनी रहे।...

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. साथ ही उन्होंने नये राजनीतिक दल पंजाब लोक कांग्रेस के गठन की घोषणा की. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सात पन्नों का इस्तीफा भेजा है.सिंह ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू के साथ कटु सत्ता संघर्ष के बीच सितंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. कुछ दिनों पहले, सिंह ने कांग्रेस के साथ पिछले दरवाजे से वार्ता की खबरों को गलत बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि मेल-मिलाप का समय समाप्त हो चुका है और पार्टी को छोड़ने का उनका निर्णय अंतिम है. उन्होंने संकेत दिया था कि वह पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक दल बनाएंगे....

 महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को दावा किया कि निहित स्वार्थों द्वारा एक झूठी कहानी बनाई गई कि वह धनशोधन मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होने से बच रहे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता ने कहा कि वह निष्पक्ष अधिकारियों के सामने पेश होने के इच्छुक हैं. देशमुख ने सोमवार को यहां ईडी के कार्यालय में जाने के बाद एक बयान में दावा किया कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा एक गलत कहानी, एक गलत धारणा बनाई जा रही है, कि मैं प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने से बच रहा हूं. निस्संदेह, इस तरह का प्रचार बिल्कुल निराधार है. राकांपा के नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है.बयान में कहा गया है कि मैं इस तरह के निष्पक्ष अधिकारियों के सामने पेश होने और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के झूठ को उजागर करने के लिए उत्सुक हूं. मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से कार्य करेंगे और जांच में मेरे सहयोग के बारे में शंकाओं को भी दूर करेंगे. जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि वे महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये के कथित रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट में उसके द्वारा की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 71 वर्षीय देशमुख का बयान दर्ज करेंगे. इस मामले को लेकर इस साल अप्रैल में देशमुख को राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. देशमुख को मामले में ईडी द्वारा कम से कम चार समन जारी किये गये थे और बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते इन समन को रद्द करने से इनकार करने के बाद, वह सोमवार को एजेंसी के सामने पेश हुए. ...

उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भड़कने के बाद प्रतिक्रिया में हरीश रावत भी प्रेस के सामने आए। जवाब में हरीश रावत भी शाह पर बरसे और उनकी चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा, मैं उनकी चुनौती स्वीकार करता हूं और अकेले उन पर भारी पड़ूंगा।अमित शाह के वार पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने घस्यारी कल्याण योजना पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, प्रदेश की महिलाएं अपने घर में तमाम कामों के साथ ही खेत में काम करती हैं, लेकिन महिलाओं के कामों के आधार पर उनका संबोधन नहीं दिया जाता है।लिहाजा घस्यारी योजना नाम रखना महिला बहनों का अपमान है।हरीश रावत ने कांग्रेस समेत अन्य दलों और बुद्धिजीवियों से अनुरोध किया कि वह भी आगे आकर इसकी निंदा करें। डेनिश शराब के मुद्दे पर भी हरीश रावत ने साफतौर पर कहा कि अगर डेनिश हमारे राज में बिक रही थी, तो बीजेपी राज में भी बिक रही है, आज भी डेनिश बेची जा रही है।हरीश रावत ने साफतौर पर कहा कि अमित शाह कह रहे हैं कि मेरे शासनकाल में नकली शराब बेची गई।जबकि हकीकत यह है कि भाजपा के शासनकाल में भगवानपुर में नकली शराब पीने से कितने लोगों की मौत हुई, यह मैं बता सकता हूं।जुमे की नमाज पर हरीश रावत ने कहा, राज्य और केंद्र सरकार नोटिफिकेशन ढूंढ के दिखा दे।हरीश बोले, केंद्रीय गृहमंत्री उत्तराखंड में सिर्फ झूठ परोसने आए थे, जिसे परोसकर चले गए।
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तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शक्तिशाली बनेंगे क्योंकि कांग्रेस पार्टी राजनीति को लेकर गंभीर नहीं है और उन्होंने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर फैसले न लेने का भी आरोप लगाया. भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि दिल्ली की ‘दादागीरी’ बहुत हुई.गोवा के तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन पणजी में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए बनर्जी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के निर्णय न ले पाने का अंजाम देश भुगत रहा है. उन्होंने कहा कि मैं अभी सब कुछ नहीं कह सकती क्योंकि वे राजनीति को गंभीरता से नहीं लेते. कांग्रेस की वजह से मोदी जी और अधिक शक्तिशाली हो रहे हैं...अगर कोई निर्णय नहीं ले सकता तो उसके लिए देश को क्यों भुगतना चाहिए?टीएमसी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस को पहले भी मौका मिला. भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय वे मेरे राज्य में मेरे खिलाफ लड़े. क्या आपको नहीं लगता कि उन्होंने मेरे खिलाफ चुनाव लड़ा, बंगाल में मेरे राजनीतिक दल के खिलाफ चुनाव लड़ा....’’ टीएमसी ने घोषणा की है कि वह आगामी गोवा विधानसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.बनर्जी ने कहा कि टीएमसी चुनावों में क्षेत्रीय दलों को सीटें आवंटित करने में यकीन रखती हैं. उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि क्षेत्रीय दलों को मजबूत होना चाहिए. हम चाहते हैं कि संघीय ढांचा मजबूत हो. हमें राज्यों को मजबूत बनाना चाहिए, अगर राज्य मजबूत होंगे तो केंद्र भी मजबूत होगा. हम दिल्ली की दादागीरी नहीं चाहते, बस बहुत हुआ....

कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने ललितपुर में खाद की कथित कालाबाजारी और कर्ज के बोझ के चलते जान गंवाने वाले चार किसानों के परिजनों से शुक्रवार सुबह मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी तथा हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. प्रियंका ने बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं चार किसानों के परिवारों से मिली, जिनमें से दो ने आत्महत्या कर ली और दो अन्य ने खाद के लिए कुछ दिनों तक कतार में खड़े रहने के दौरान अपनी जान गंवा दी. वे कई दिनों तक बिना भोजन के लगातार खड़े रहे और मर गए. उन्होंने कहा कि सरकार के पास खाद वितरण की व्यवस्था है और यह स्पष्ट है किकालाबाजारी करने वालों, अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत के कारण यह विफल रही है. उन्होंने मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि यहां प्रशासन ने जो कुछ भी किया वह गलत है, अगर अधिकारियों, कालाबाजारी करने वालों और नेताओं की मिलीभगत है तो इसकी जांच होनी चाहिए कि खाद कैसे नहीं पहुंच रही है. किसानों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए प्रियंका ने कहा कि जिन किसानों से वह मिलीं, उन्होंने उन्हें बताया कि 2000 रुपये में एक बोरी खाद मिलती है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से कालाबाजारी का मामला है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा खाद के दाम भी बढ़े हैं जबकि बोरियों में उपलब्ध मात्रा में कमी आई है. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इन चारों परिवारों की ही यह समस्या नहीं है बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में यह दिक्कत हो रही है.  उन्होंने कहा कि एक लड़की रो रही थी क्योंकि उसे अपने पिता का चेहरा तक देखने को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि सरकार की क्रूरता चरम पर है. प्रियंका ने लखीमपुर खीरी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि खुद देखिए, एक मंत्री के बेटे ने किसानों को (वाहन से) कुचला, लेकिन मंत्री के साथ कुछ नहीं किया गया और वह अपने पद पर बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि ध्‍यान रहे कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को खीरी में आंदोलन कर रहे चार किसानों को ‘स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल’ (एसयूवी) से कुचले जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. प्रियंका ने कहा कि लखीमपुर से बुंदेलखंड तक देखिये कि किसानों की क्या स्थिति है, वे कैसे संघर्ष कर रहे हैं और रहे हैं. उन्होंने आगामी चुनाव से संबंधित सवालों को खारिज करते हुए कहा कि मैं यहां चुनाव के बारे में बात करने नहीं आई हूं. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने बताया कि बुंदेलखंड के किसान भोगी पाल (55) और महेश कुमार बंकर (36) खाद के लिए कतार में लगे थे और उन्हें खाद नहीं मिली.  उन्होंने बताया कि कतार में लंबे समय तक खड़े रहने के कारण इन दोनों की तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई. वहीं, मैलवाड़ा खुर्द के किसान सोनी अहिरवार (40) और पाली गांव के बबलू पाल (40) खाद नहीं मिल पाने के चलते परेशान थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली. प्रवक्ता ने बताया कि सभी किसानों ने खेती के लिए कर्ज लिया था और सरकार की नीतियों के चलते वे कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे. खाद नहीं मिल पाना, मुआवजा नहीं मिलना और फसल की बर्बादी से किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. उन्‍होंने कहा कि प्रियंका ने सभी पीड़ित किसान परिवारों से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की और उन परिवारों का कर्ज चुकाने का वादा किया. ...

टीवी अभिनेत्री काम्या पंजाबी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गई हैं और उन्होंने कहा है कि वह पार्टी नेताओं राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाद्रा के मार्गदर्शन में काम करने को लेकर उत्सुक हैं.पंजाबी, 'बनूं मैं तेरी दुल्हन', 'मर्यादा' और 'शक्ति' जैसे टीवी शो में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं. बुधवार को मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप की उपस्थिति में वह पार्टी में शामिल हुईं. पंजाबी (42) ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर जगताप और राजनीतिक कार्यकर्ता-स्तंभकार तहसीन पूनावाला को टैग करते हुए समारोह की तस्वीरें साझा कीं.उन्होंने लिखा कि मेरे नये सफर की सुंदर शुरुआत! इतनी गर्मजोशी से स्वागत के लिए भाई जगताप और तहसीन पूनावाला का बहुत-बहुत धन्यवाद. राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी के नेतृत्व में काम करने के लिए उत्सुक हूं.' पूनावाला ने भी कांग्रेस में अभिनेत्री का स्वागत किया और लिखा कि उन्हें विश्वास है कि पंजाबी 'लोगों की बेहतर सेवा' करेंगी...

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि उन्होंने पार्टी के नाम और प्रतीक के लिए आवेदन किया है और निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने के बाद वह इसकी घोषणा करेंगे. सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह जल्द ही अपनी नई पार्टी बनाएंगे और अगर तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के हित में कुछ समाधान निकलता है तो वह भाजपा के साथ 2022 के चुनाव में सीटों के समझौते को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक पार्टी का गठन कर रहा हूं. लेकिन मैं आपको अभी नाम नहीं बता सकता हूं. निर्वाचन आयोग से नाम और चुनाव चिह्न को मंजूरी मिलने के बाद ही मैं आपको इस बारे में बता पाऊंगा. निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा करें. उन्होंने कहा कि हमने चुनाव चिह्न और पार्टी के नाम के लिए आवेदन किया है. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसी बीच पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम, कांग्रेस के 78 विधायक कभी इस बारे में सोच भी नहीं सकते कि हमें प्रवर्तन निदेशालय नियंत्रित, भाजपा का वफादार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह था. जिसने खुद को बचाने के लिए पंजाब के हितों का सौदा कर लिया! आप पंजाब के न्याय और विकास को रोकने वाली नकारात्मक ताकत थे.यह घटनाक्रम पंजाब विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले सामने आया है. पिछले महीने राज्य सरकार से बाहर निकलने वाले सिंह ने कहा कि वह समान विचारधारा वाले दलों जैसे अकाली से अलग हुए समूहों के साथ गठबंधन पर भी विचार कर रहे हैं. दो बार मुख्यमंत्री रहे सिंह ने कहा था कि जब तक वह अपने लोगों और अपने राज्य का भविष्य सुरक्षित नहीं कर लेते, तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे. सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू से सियासी संघर्ष के बाद पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. पूर्व मुख्यमंत्री ने इस्तीफे के बाद कहा कि वह ‘अपमानित’ महसूस करते हैं. कांग्रेस ने उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया. सिंह ने पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की और किसान आंदोलन पर चर्चा करते हुए उनसे तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर इस संकट को सुलझाने की अपील की...

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के लोग रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं, क्योंकि प्रदेश की भाजपा सरकार यहां रोजगार मुहैया कराने में विफल रही है. कमलनाथ जोबट विधानसभा सीट पर एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. जोबट विधानसभा सीट पर उपचुनाव के तहत 30 अक्टूबर को मतदान होगा और दो नवंबर को मतगणना होगी.  पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अवसरों की कमी के कारण जिले के लोग दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचा ही नहीं बनाया है, जिससे रोजगार पैदा हो सके. निवेश तब आता है जब विश्वास का माहौल विकसित होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मध्य प्रदेश किसान आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार और बेरोजगारी के मामले में देश में पहले स्थान पर है.  ईंधन की कीमतें आसमान छू रही है और महंगाई बढ़ती ही जा रही है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह उपचुनाव उन युवाओं के भविष्य के लिए निर्णायक है जो नौकरी की तलाश में हैं. उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अलीराजपुर जिले के 31 हजार किसानों का फसल ऋण माफ किया, जबकि भाजपा सरकार किसानों की परेशानी से मुंह मोड़ रही है. ...

 महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 2014 में जहां इनकी संख्या 1.5 लाख के करीब थी, वहीं 2020 तक इसमें दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की ताजा कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए उम्मीद जताई कि आगे और भी ज्यादा संख्या में महिलाएं पुलिस सेवा में शामिल होंगी और देश की पुलिस सेवा की नयी पीढ़ी का नेतृत्व करेंगी. उन्होंने कहा कि पहले यह धारणा बन गई थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है, लेकिन आज ऐसा नहीं है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी हो गई है. 2014 में जहां इनकी संख्या 1.5 लाख के करीब थी, वहीं 2020 तक इसमें दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है और यह संख्या अब 2.15 लाख तक पहुंच गई है. ज्ञात हो कि मोदी 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे.उन्होंने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों में भी पिछले सात सालों में महिलाओं की संख्या लगभग दोगुनी हुई है और आज देश की बेटियां कठिन से कठिन कर्तव्य भी पूरी ताकत और हौसले से पूरा कर रही हैं. इस क्रम में उन्होंने सबसे कठिन माने जाने वाले प्रशिक्षणों में एक विशिष्ट जंगल युद्ध कमांडो के प्रशिक्षण का उल्लेख किया और कहा कि आगे जाकर यह प्रशिक्षित बेटियां कोबरा बटालियन का हिस्सा बनेंगी. उन्होंने कहा कि आज हवाई अड्डों से लेकर मेट्रो स्टेशनों तक या सरकारी दफ्तरों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की जांबाज महिलाएं हर संवेदनशील जगह की सुरक्षा करते दिखाई देती हैं. उन्होंने कहा कि इसका सबसे सकारात्मक असर हमारे पुलिस बल के साथ-साथ समाज के मनोबल पर भी पड़ रहा है. महिला सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी से लोगों में, विशेषकर महिलाओं में सहज ही एक विश्वास पैदा होता है. वे उनसे स्वाभाविक रूप से खुद को जुड़ा महसूस करती हैं. महिलाओं की संवेदनशीलता की वजह से भी लोग उन पर ज्यादा भरोसा करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी आज देश की लाखों और बेटियों के लिए भी आदर्श बन रही हैं. उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों से अनुरोध किया कि वे स्कूलों के खुलने के बाद अपने क्षेत्रों के स्कूलों में जाएं और बच्चियों से बात करें. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस बातचीत से हमारी नयी पीढ़ी को एक नयी दिशा मिलेगी. यही नहीं, इससे पुलिस पर जनता का विश्वास भी बढ़ेगा. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि इससे आगे और भी ज्यादा संख्या में महिलाएं पुलिस सेवा में शामिल होंगी और पुलिस सेवा की भावी पीढ़ी का नेतृत्व करेंगी. ...

कोरोना महामारी के कारण लगभग 2 साल कम हो गई है। इस बात की जानकारी मुंबई में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन स्टडीज के वैज्ञानिकों ने एक सांख्यिकीय विश्लेषण के आधार पर दी।आईआईपीएस के असिस्टेंट प्रोफेसर सूर्यकांत यादव ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के लिए जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 2019 में 69.5 साल और 72 साल से घटकर 2020 में क्रमशः 67.5 साल और 69.8 साल हो गई है।नए रिचर्स में ‘जीवन की अवधि में असमानता की लंबाई’ (आबादी के भीतर जीवन की अवधि में भिन्नता) पर भी गौर किया गया और पाया गया कि 35-69 आयु वर्ग के पुरुषों पर कोविड का प्रभाव सबसे अधिक था।रिसर्च में कहा गया कि 35-79 आयु वर्ग में सामान्य वर्षों की तुलना में 2020 में कोविड संक्रमण के कारण अधिक मौतें हुईं और 35-69 आयु वर्ग का इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा रहा।...

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने हर क्षेत्र में देश के साथ धोखा किया है. पायलट जयपुर के पास चाकसू में डॉ भीमराव आंबेडकर की अष्टधातु की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में इलाके के अनेक विधायक सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.केंद्र सरकार पर बरसते हुए पायलट ने कहा कि भाजपा की सरकार केंद्र में है. सात साल का इतिहास उठाकर देख लें, हर क्षेत्र में इन्होंने देश के साथ धोखा किया है. अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया. महामारी में हजारों लाखों लोग मर गए चिंता करने, जिम्मेदारी लेने वाला कोई सामने नहीं आया.' पायलट ने कहा कि बेरोजगारी ऐतिहासिक चरम पर पहुंच गई, पेट्रोल-डीजल सौ रुपये का व गैस सिलेंडर नौ सौ रुपये का हो गया. इस सरकार ने जले पर नमक छिड़कने का काम कृषि कानूनों से किया. पूरे देश में साल भर से उनका विरोध हो रहा है. पायलट ने कहा कि जो लोग आंबेडकर व पायलट का नाम नहीं लेते थे वे वोटों व सत्ता के लिए उन्हें पूजने तक लगे हैं. पायलट ने कहा कि आज अंबेडकर साहब को जो मान सम्मान मिल रहा है तो वह आप लोगों की बदौलत मिल रहा है. जो लोग आंबेडकर साहब को देखते तक नहीं थे जो सरदार पटेल को देखते तक नहीं थे आज उनकी पूजा कर रहे हैं तो आपके दबाव में कर रहे हैं. इस बात को भूलना नहीं चाहिए. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ये लोग पाखंड में माहिर हैं इनको आंबेडकर साहब से कोई लगाव नहीं है लेकिन जब वोट लेना होता है, राज की बात आती है, सिंहासन की बात आती है तो ये तो बड़े बहरूपिए हैं जो किसी की भी पूजा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सबसे अधिक समर्थन अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से मिला है और पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रही है और खड़ी रहेगी. उन्होंने कहा कि मैं आपसे वादा करना चाहता हूं कि गरीबों, दलितों, आदिवासियों के साथ जहां भी अन्याय होगा हम उसका साथ देने को तैयार हैं....

भाजपा के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया. बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. सुप्रियो ने अपने प्रति विश्वास व्यक्त करने के लिये पूर्व पार्टी भाजपा को आभार प्रकट किया .लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने संवाददताओं ने कहा कि मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा से शुरू किया था . मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं . उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया. उन्होंने कहा कि मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी. मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए. यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से दो बार के सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के दो दिन बाद 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वे सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें. बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वे इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं...

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बैठक की एक बहुप्रतीक्षित जिज्ञासा सभी के मन में है. मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के साथ साथ क्या खुद पायलट के "रोल" को लेकर भी हुई कोई चर्चा ? क्या करें, इस बारे में बैठक में मौजूद सभी लोगों ने मौन साध रखा है. लेकिन खबरें भी हवा और पानी की तरह नहीं रूकती.  अब पायलट कैंप से जुड़े सूत्रों ने संकेत देते हुए कहा कि पायलट को फिर से डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ बनाने पर विचार हो रहा है. लेकिन गहलोत कैंप इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. आखिर गहलोत कैसे मनाएंगे 102 वफादार विधायकों को ?  इसलिए इस बारे में बैठक में कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका. अब गहलोत कुछ दिन बाद फिर दिल्ली जा सकते हैं और उस दिन मंत्रिमंडल फेरबदल और पायलट के बारे में सोनिया से चर्चा कर अंतिम फैसला हो सकता है. गहलोत कैंप के अनुसार पायलट का जाना तय है. लेकिन अब इस नये  'डवलपमेंट' से कई नये सवाल उठ खड़े हुए है? क्या सचमुच आलाकमान ने राजस्थान में ही बने रहने की मान ली है पायलट की मांग? इसके अलावा अब पायलट कैंप ने एक राज्यसभा सीट पर भी अपनी दावेदारी पेश की है. मार्च-अप्रैल में राज्यसभा में 4 सीटें खाली हो रही है. ...

18 अक्टूबर को किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। रेल रोको आंदोलन से पहले सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खाली पड़े टेंट ने किसान नेताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है।किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को रेल रोको आंदोलन का आह्वान कर रखा है। लेकिन, सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना ने न सिर्फ किसान संगठनों को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है, बल्कि लोगों की घटती संख्‍या से उनके हौसले पर भी असर पड़ता दिख रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने किसानों दो टूल कहा है कि इस तरह से सड़कों को जाम करके बैठना किसी का अधिकार नहीं है और जब उसने इन कानूनों पर रोक लगा रखी है तो फिर इस तरह के प्रदर्शन का औचित्य ही क्या है? संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रेल-पटरियों पर धरना प्रदर्शन कर ट्रेन रोकी जाएंगी।
उप्र में अलर्ट जारी : किसान आंदोलन की आड़ में अराजकतत्वों के सक्रिय होने की आशंका ने पुलिस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। उत्तरप्रदेश एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इसे लेकर अलर्ट किया गया है।अधिकारियों को किसान संगठनों के पदाधिकारियों को आंदोलन में अराजकतत्वों के गड़बड़ी करने की आशंका से जुड़े तथ्यों की जानकारी देने तथा शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके लगातार संपर्क में रहने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी गड़बड़ी करने वाले तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।...

आईसीसी टी20 विश्व कप 2021 की शुरुआत आज यानी रविवार से धमाकेदार शुरुआत हो रही है। टूर्नामेंट में कुल 16 टीमें अपना दमखम दिखाएंगी, लेकिन खिताब के लिए सिर्फ 12 टीमें आमने-सामने होंगी। टूर्नामेंट में 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्‍तान के बीच महामुकाबला देखने को मिलेगा।बीसीसीआई की मेजबानी में टूर्नामेंट का आयोजन ओमान और संयुक्त अरब अमीरात में किया जा रहा है। टूर्नामेंट 17 से लेकर 14 नवंबर तक चलेगा। यह टी20 विश्व कप का सातवां संस्करण है। इस दौरान जमकर रनों की बरसात होगी। खूब छक्के-चौके देखने को मिलेंगे।क्वालीफाइंग राउंड में चार-चार टीमों के दो ग्रुप है। ग्रुप-ए में श्रीलंका, आयरलैंड, नामीबिया और नीदरलैंड हैं जबकि ग्रुप-बी में बांग्लादेश, ओमान, स्कॉटलैंड, पापुआ न्यू गिनी हैं। दोनों ग्रुप से शीर्ष-2 टीमों को ही अगले राउंड यानी सुपर-12 स्टेज में जाने का मौका मिलेगा। सुपर-12 को भी 2 ग्रुप में बांटा गया है।ल्‍लेखनीय है कि टी-20 विश्व कप 2021 का आयोजन पहले भारत में प्रस्तावित था। मगर कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इसे यूएई और ओमान में स्थानांतरित कर दिया।...

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शनिवार को आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार राज्य के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार है और उगाही इसका 'एकमात्र एजेंडा' है।फडणवीस ने आगे कहा कि एमवीए सरकार झूठ के सहारे सत्ता पर काबिज हुई है, साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा राज्य की नंबर 1 पार्टी है। भाजपा नेता का यह बयान शिवसेना नेता के यहां वार्षिक दशहरा रैली में भाजपा के खिलाफ बयानबाजी करने के बाद आया है। फडणवीस ने ठाकरे के भाषण को लेकर कहा कि यह उनकी हताशा दिखाती है। आप भाजपा की छवि खराब करने की कोशिश कर सकते है, लेकिन पार्टी का आधार मजबूत है और आपको याद रखना चाहिए कि भाजपा राज्य की नंबर 1 पार्टी है।फडणवीस ने कहा कि आप कह रहे हैं कि जनता ने भाजपा को नकार दिया, लेकिन तथ्य यह है कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस को नकार दिया और आपको (शिवसेना) बढ़ावा दिया। हम जिन सीटों पर साथ मिलकर लड़े थे (2019 के विधानसभा चुनाव), उनमें से करीब 70 प्रतिशत सीटों पर भाजपा जीती थी और शिवसेना ने 45 प्रतिशत सीटें जीती थीं। इसलिए आप जनता के मतों के साथ धोखा करके सत्ता में आए।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेइमानी से बनाई गई सरकार है और मुझे लगता है कि माननीय उद्धवजी को अब यह मान लेना चाहिए कि उनकी महत्वाकांक्षा मुख्यमंत्री बनने की थी जिसे उन्होंने पूरा कर लिया।...

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(ACB) स्पेशल यूनिट जोधपुर ने डीआरएम ऑफिस के एक अकाउंटेंट को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है. अकाउंटेंट ने सॉफ्टवेयर कंपनी के ठेकेदार को उसका वर्क प्रोसेस आगे बढाने के एवज में 4 हजार रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की राशि लेते हुए एसीबी ने अकाउंटेंट को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
नेहरुपार्क स्थित रेलवे कॉलोनी में रहने वाले करौली के विजय कुमार गुप्ता को उसके कार्यालय कक्ष वर्क अकाउंटेंट सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग डीआरएम कार्यालय जोधपुर में रिश्वत लेते हुए दोपहर 3 बजे ट्रेप किया गया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि टोल फ्री नम्बर पर शिकायत दर्ज हुई थी. इस पर परिवादी को कार्यालय में संपर्क करने को कहा गया. परिवादी ने कार्यालय में उपस्थित होकर शिकायत दी की वह एक सॉफ्टवेयर कम्पनी चलाता है. और उसने रेलवे में बल्क मैसेज के लिए टेंडर भरा था. यह टेंडर उसके नाम खुलने पर टेंडर की फाइल में आगे प्रोसेसिंग के लिए अकाउंटेंट ने 4 हजार रिश्वत की मांग की. शिकायत का सत्यापन कर अकाउंटेंट को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. ...

​ लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हुई हिंसा के मामले में हत्या के आरोपी एव केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की जमानत याचिका को एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को नामंजूर कर दिया. मामले के विवेचना अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि आशीष उर्फ मोनू की जमानत याचिका को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम की अदालत ने नामंजूर कर दिया है.उन्होंने बताया कि आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और वह 12 अक्टूबर से तीन दिन की पुलिस रिमांड पर हैं. यादव ने बताया कि अदालत ने मामले के एक अन्य अभियुक्त शेखर भारती की तीन दिन की पुलिस रिमांड भी मंजूर कर ली है. भारती को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले को लेकर विपक्षी दल सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं...

पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। प्रगति तभी होती है जब उसमें गति होती है।गतिशक्ति सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि तक परियोजनाओं के समन्वित विकास के लिए विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणा पत्र में भी नजर नहीं आता है। अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व करते हैं।जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि ससटेनेबल डेबलपमेंट के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है।...

​लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने विधानसभा उपचुनाव में तारापुर क्षेत्र से अपना उम्मीदवार उतारकर राजद नेतृत्व को खुली चुनौती दे दी है। हालांकि उन्‍होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी के साथ किसी प्रकार के विवाद से इनकार किया है।खबरों के अनुसार, तेजप्रताप यादव का बगावती तेवर थमता नहीं दिख रहा। तारापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से तेजप्रताप ने राजद के आधिकारिक उम्मीदवार अरुण कुमार साह के खिलाफ अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद से संजय कुमार यादव को निर्दलीय प्रत्याशी उतार दिया है।हालांकि तेजप्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी के साथ किसी प्रकार के विवाद से इनकार किया है और कहा है कि वे इस वक्त केवल राजनी राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं। संजय कुमार को तेजप्रताप का करीबी बताया जाता है। माना जा रहा है कि तेजप्रताप अपने उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार कर सकते हैं।तेजस्वी यादव ने जिस तरह से पूरे मामले पर जवाब दिया उससे कहीं न कहीं दोनों भाईयों के बीच तल्खी साफ बिहार में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर महागठबंधन में शामिल आरजेडी और कांग्रेस के तल्ख तेवर ढीले नहीं पड़ रहे। दोनों ही पार्टियों ने कैंडिडेट उतारे हैं।...

कांग्रेस के जी 23 समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आगामी 16 अक्टूबर को बुलाई गई है, जिसमें संगठनात्मक चुनावों, आगामी विधानसभा चुनावों और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी. पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शनिवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी.उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक 16 अक्टूबर को सुबह 10 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय 24 अकबर रोड पर बुलाई गई है, ताकि मौजूदा राजनीतिक हालात, आगामी विधानसभा चुनावों और संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा की जा सके. सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है. कुछ दिनों पूर्व पार्टी सूत्रों ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पहले ही इसका संकेत दे चुकी हैं कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी.पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी. आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए. सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए.सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय होने जा रही है जब सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, लुईजिन्हो फालेरियो और कई अन्य नेता पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हुए हैं.कांग्रेस कार्य समिति की बैठक इस मायने में भी अहम है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लंबे समय से लंबित है. कुछ महीने पहले कोरोना महामारी के कारण अध्यक्ष के चुनाव को स्थगित कर दिया गया था, जो पहले जून महीने में प्रस्तावित था.माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर किसी तारीख या रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सकता है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी चर्चा होगी. इन राज्यों में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं...

 उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 10 अक्टूबर को कांग्रेस की किसान न्याय रैली के आयोजन की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस रैली में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को शामिल होना है लेकिन इसके पहले वाराणसी में युवा कार्यकर्ताओं ने एक दुर्गा माता के रूप में प्रियंका गांधी को दर्शाते हुए विवादित पोस्टर जारी किया है।
कार्यकर्ता ये पोस्‍टर पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर लगा रहे हैं। सबसे ज्यादा पोस्टर वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह विवादित पोस्टर बनारस वाले मिश्रा जी कहे जाने वाले हरीश मिश्रा ने जारी किया है। लेकिन इस पोस्टर को देखने के बाद अन्य राजनीतिक दल सवाल खड़े करते हुए इसे मां दुर्गा का अपमान कह रहे हैं।वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी किसानों के लिए दुर्गा मां का अवतार लिए हैं और उनके हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उन्‍होंने ये अवतार लिया है। इसलिए इस पोस्टर में ऐसा कुछ भी गलत नहीं है, जिससे कि मां दुर्गा का अपमान किया गया हो। मां दुर्गा के हम सब भक्त हैं।बताते चलें कि प्रियंका गांधी 2022 विधानसभा चुनाव का शंखनाद 10 अक्टूबर को वाराणसी से करने जा रही हैं। इस दौरान प्रियंका गांधी आम लोगों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगी। प्रियंका इस रैली में 7 वचनों के साथ चुनावी शंखनाद करेंगी। इस दौरान प्रियंका गांधी बाबा श्री काशी विश्वनाथ, मां कूष्मांडा, बाबा कालभैरव दरबार का दर्शन भी करेंगी।रैली में प्रियंका गांधी जनता को 7 वचन देंगी और सरकार बनने के बाद सबसे पहले इन सभी 7 वचनों को निभाएंगी।लेकिन ये 7 वचन क्या हैं, इसका खुलासा भी 10 अक्टूबर को रैली वाले दिन ही खुद प्रियंका गांधी करेंगी।...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जापान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से बात की और कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए वह उनके साथ मिलकर काम करने को इच्छुक हैं.किशिदा सोमवार को जापान के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि जापान के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने पर बधाई देने के लिए मैंने फुमियो किशिदा से बात की. भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूती से आगे बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए मैं उनके साथ मिलकर काम करने का इच्छुक हूं. ...

लखीमपुर खीरी जा रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का काफिला UP बॉर्डर पर सहारनपुर में रोक दिया गया। इससे नाराज कांग्रेसियों ने UP पुलिस का पहला बैरिकेड तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने सिद्धू और उनके साथ गए मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, विजयेंद्र सिंगला, गुरकीरत कोटली समेत कई विधायकों को हिरासत में लिया है।इससे पहले मोहाली में सिद्धू ने कहा था कि अगर कल (शुक्रवार) तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष की गिरफ्तारी नहीं हुई वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। इस बीच सपा नेता अखिलेश यादव लखीमपुर पहुंच गए हैं। उन्होंने मृतक लवप्रीति के परिवार से मुलाकात की।लखीमपुर हिंसा के मामले में पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार किया और 3 आरोपियों को हिरासत में लिया। लव, कुश और आशीष पांडेय गिरफ्तार किए गए हैं। आशीष मिश्र की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी चल रही है। उन्हें समन भी भेजा गया है।
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लखीमपुर खीरी जा रहे कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट को पुलिस प्रशासन ने मूंढापांडे टोल प्लाजा से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। खबरों के मुताबिक उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए जाने की सशर्त अनुमति दे दी थी।राहुल गांधी आज दिन में लखनऊ से सीतापुर स्थित पीएसी की दूसरी बटालियन पहुंचे। पार्टी नेता और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा को इसी परिसर में हिरासत में रखा गया था।राहुल ने धरने के दौरान संवाददाताओं से कहा कि हमें अपनी गाड़ी में जाना है तो यह चाहते हैं कि हम इनके साथ उनकी गाड़ी में जाएं। मैं जानना चाहता हूं आप मुझे क्यों नहीं जाने दे रहे। पहले मुझे बोला गया कि आप अपनी गाड़ी में जा सकते हैं अब बोल रहे हैं कि नहीं, आप पुलिस की गाड़ी में जाएंगे। यह कुछ ना कुछ बदमाशी कर रहे हैं।उन्होंने एक सवाल पर कहा "चाहे मुझे जेल में डाल दिया जाए, चाहे प्रियंका को डाल दिया जाए, कोई मतलब नहीं है। सवाल यह है कि छह लोगों को अपराधियों ने कुचल कर मार दिया। जिन लोगों को जेल में होना चाहिए उन्हें जेल में नहीं डाला जा रहा है। हमें मृतक किसानों के परिवारों से मिलने से रोका जा रहा है।अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिकोण से लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया था, मगर अब वहां पर लोगों को पांच-पांच के समूह में जाने की अनुमति दे दी गई है। जो भी व्यक्ति जाना चाहें वहां जा सकते हैं। इससे पहले, उत्तरप्रदेश सरकार ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दी।...

लखीमपुर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान मंत्री के बेटे की कार की चपेट में आकर 4 किसानों की मौत हो गई थी। जिसके बाद भड़की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ता, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार की मौत भी हुई थी। इन सबकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण घसीटने और लाठी-डंडों की पिटाई बताया गया है।क्या है मौत का कारण : किसान गुरविंदर सिंह के शरीर पर चोट और घिसटने के निशान मिले हैं और धारदार या नुकीली चीज से गंभीर आई चोट के भी निशान हैं। इनकी मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बताया गया है। किसान नछत्तर सिंह की मौत का कारण शॉक, हेमरेज और कोमा बताया गया है। साथ ही घिसटने के भी निशान मिले हैं।किसान दलजीत सिंह के शरीर पर कई जगह घिसटने के निशान पाए गए हैं, जिसके चलते मौत होने की पुष्टि की गई है। किसान लवप्रीत सिंह की मौत भी घिसटने से होना बताई गई है। उनके शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं। मौत की मुख्य वजह शॉक और ब्रेन हेमरेज बताया गया है।स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप शरीर पर पिटाई के गंभीर निशान मिले हैं और उनकी मौत शॉक और ब्रेन हेमरेज से होने की पुष्टि की गई है। अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा के शरीर पर कई जगह चोट के निशान व मौत से पहले शॉक और ब्रेन हेमरेज की पुष्टि हुई।बीजेपी नेता शुभम मिश्रा की लाठी-डंडों से हुई पिटाई और शरीर पर दर्जनभर से ज्यादा जगहों पर चोट के निशान मिले हैं, जिसके चलते मौत होने की बात कही गई है। भाजपा नेता श्याम सुंदर की शरीर में दर्जन भर से अधिक चोटों के निशान मिले हैं और अधिक खून बह जाने के कारण मौत की पुष्टि हुई है।...

उत्तरप्रदेश के लखनऊ से लखीमपुर पहुंचने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर कड़ा संघर्ष करना पड़ा है और कड़े संघर्ष के बाद उनका काफिला आखिरकार लखीमपुर के लिए रवाना हो गया है। प्रियंका गांधी को हिरासत में लेकरकमरे में झाड़ू लगाते प्रियंका का वीडियो वायरल हुआ है। यहां जहां प्रियंका को रोका गया वो कमरा काफी गंदा है। निजी गाड़ी से लखीमपुर के लिए निकलीं राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक वीडियो जारी करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है और उन्होंने कहा है कि जिस तरह से इस देश में किसान को कुचला जा रहा है, उसके लिए लफ्ज ही नहीं है। आज जो हुआ, वो दिखाता है कि यह सरकार किसानों को कुचलने और खत्म करने की राजनीति कर रही है। ये देश किसानों का देश है, बीजेपी विचारधारा की जागीर नहीं है।उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में किसानों को कुचला जा रहा है, उसके लिए तो शब्द ही नहीं है। कई महीनों से किसान आवाज उठा रहे हैं कि उनके साथ गलत हो रहा है।
आज जो कुछ हुआ है, वह यह साफ कर देता है कि सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है और किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। लेकिन यह देश किसानों का देश है। यह बीजेपी की विचारधारा की जागीर का देश नहीं है। यह देश किसानों ने बनाया है, किसानों ने सींचा है और किसानों का देश है।...

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार को महाराष्ट्र की देगलुर, तेलंगाना की हुजुराबाद और मिजोरम की तुइरियाल विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने देगलुर से सुभाष सावने, हुजुराबाद से एटेला राजेंद्र और तुइरियाल से के लालदीनथारा को उम्मीदवार बनाए जाने को हरी झंडी दी है. इन तीनों सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होना है. नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख आठ अक्टूबर है, जबकि 11 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 अक्टूबर को नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे. वोटों की गिनती दो नवंबर को होगी.महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र के देगलुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार सावने शिवसेना के पूर्व विधायक हैं. यह सीट कांग्रेस के विधायक रावसाहेब अंतारपुरकर के निधन से खाली हुई है. वह कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. तेलंगाना की हुजुराबाद विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार एटेला राजेंद्र वहां की सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की सरकार में मंत्री थे. जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोपों के चलते मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राजेंद्र को मंत्रिमंडल से निकाल दिया था, जिसके बाद उन्होंने जून में इस्तीफा दे दिया था. तभी से यह सीट रिक्त है. पिछले दिनों राजेंद्र भाजपा में शामिल हो गए थे.मिजोरम की तुइरियाल विधानसभा सीट पर सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और कांग्रेस ने पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. एमएनएफ ने के. लालदावंगलियाना को मैदान में उतारने का फैसला किया है, जबकि कांग्रेस ने पार्टी के नेता और पूर्व विधायक चालरोसंगा राल्ते को आगामी उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में नामित किया है. उपचुनाव में उम्मीदवार उतारने को लेकर भाजपा में दुविधा थी, लेकिन अब उसने लालदीनथारा को उम्मीदवार बनाया है. तुइरियाल विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के विधायक एंड्रयू एच थंगलियाना के निधन के कारण कराना जरूरी हो गया था. थंगलियाना का निधन 17 अगस्त को हुआ था....

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के बाद सात दशक में भी देश की बड़ी आबादी तक नल से जल पहुंचाने की विफलता के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए नहीं हो सका क्योंकि तत्कालीन नीति निर्माताओं को बिना पानी की जिंदगी के दर्द का एहसास नहीं था.केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायत और पानी समितियों या ग्रामीण जल और स्‍वच्‍छता समितियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आजादी के बाद के सात दशकों में हर घर जल पहुंचाने के लिए जो काम हुआ था, सिर्फ पिछले दो साल में उससे भी ज्यादा काम उनकी सरकार ने करके दिखाया है.इस अवसर पर उन्होंने पानी की प्रचुरता में रहने वाले देश के हर नागरिक से पानी बचाने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए निश्चित तौर पर लोगों को अपनी आदतें भी बदलनी ही होंगी.प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत सी ऐसी फिल्में, कहानियां और कविताएं हैं जिनमें विस्तार से यह बताया गया है कि कैसे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जा रहे हैं और इन्हें देखकर कुछ लोगों के मन में गांव का नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है. उन्होंने कहा कि लेकिन बहुत कम ही लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को हर रोज किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है? आखिर क्यों नहीं पानी इन लोगों तक पहुंचता? मैं समझता हूं, जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था. लेकिन यह सवाल पूछा नहीं गया.पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय के नीति-निर्माताओं ने पानी की किल्लत नहीं देखी थी और बिना पानी की जिंदगी का दर्द क्या होता है, उन्हें पता ही नहीं था, क्योंकि उनके घरों में, स्विमिंग पूल में पानी ही पानी होता था. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने कभी गरीबी देखी ही नहीं थी. इसलिए गरीबी उनके लिए एक आकर्षण रही. साहित्य और बौद्धिक ज्ञान दिखाने का जरिया बन गया. इन लोगों में एक आदर्श गांव के प्रति मोह होना चाहिए था लेकिन यह लोग गांव के अभावों को ही पसंद करते थे.प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से लेकर वर्ष 2019 तक देश में सिर्फ तीन करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था और 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से पांच करोड़ घरों को पानी के संपर्क से जोड़ा गया है.उन्होंने कहा कि आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है. यानी पिछले सात दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ दो साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है. वह दिन दूर नहीं नहीं जब किसी बहन बेटी को पानी भरने के लिए रोज रोज दूर-दूर तक पैदल नहीं जाना होगा.प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास में पानी की कमी बाधा ना बने, इसके लिए काम करते रहना सभी का दायित्व है और यह सभी के प्रयास से ही संभव है.उन्होंने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के प्रति भी जवाबदेह हैं. पानी की कमी से हमारे बच्चे अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में ना लगा पाएं और उनका जीवन पानी की किल्लत से ही निपटने में बीत जाए, यह हम नहीं होने दे सकते. इसके लिए युद्धस्तर पर काम करते रहना होगा. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश के किसी हिस्से में टैंकरों व ट्रेनों से पहुंचाने की नौबत ना आए.प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन की दृष्टि सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है बल्कि यह विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा आंदोलन है....

 दिल्ली सरकार ने शुक्रवार से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं के सख्ती से पालन के साथ धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोलने की अनुमति दे दी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने गुरुवार को नए कोविड-19 दिशा-निर्देश जारी किए। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन लगने से 19 अप्रैल से 5 महीने से अधिक समय तक धार्मिक स्थल भक्तों के लिए बंद रहे।डीडीएमए ने अपने आदेश में धार्मिक स्थलों पर भक्तों के प्रवेश की अनुमति दी है, लेकिन वहां बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर रोक है। डीडीएमए ने जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को आगामी त्योहारों के मद्देनजर कोविड-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।प्राधिकरण ने अपने नए कोविड-19 दिशा-निर्देशों में कहा है कि दिल्ली में त्योहारों के दौरान मेलों, खाने के स्टॉल, झूलों, रैलियों और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी। डीडीएमए ने आधिकारिक आदेश में कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति नहीं दी जाएगी और लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इसे अपने घरों में ही मनाएं। डीडीएमए ने जिन गतिविधियों की अनुमति दी है और जिन पर पाबंदियां लगाई है, उससे संबंधित आदेश 15 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेंगे।...

 पंजाब में जारी राजनीतिक दंगल में अब एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अपना रूख स्पष्ट किया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया है कि वह अब कांग्रेस पार्टी में नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह इस तरह का अपमान नहीं सह सकेंगे, जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव किया गया है वह ठीक नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. एक नीजी न्यूज चैनल से साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं लेकिन कांग्रेस जल्द ही छोड़ूंगा. साक्षात्कार के दौरान कैप्टन ने बेहिचक यह भी कहा कि पंजाब में कांग्रेस का पतन हो रहा है और नवजोत सिंह सिद्धू बचकाना हरकत कर रहा है. जिसे पार्टी ने सदस्यता दी थी. इसके साथ ही चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने की भी बात कही. कैप्टन ने कहा कि जिस तरह से विधायक दल की बैठक बुलाकर ऐन मौके पर मुझे जानकारी दी गई, मैंने तभी साफ कर दिया था कि मैं पद छोड़ रहा हूं. अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर किसी को मेरे ऊपर विश्वास नहीं है, तो मेरे रहने का क्या फायदा है. अमरिंदर सिंह ने इस बात को स्वीकारा कि पंजाब में कांग्रेस की लोकप्रियता घट रही है और आम आदमी पार्टी का ग्राफ ऊपर जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब का चुनाव इस बार काफी अलग होगा. उन्होंने कहा कि वह भले ही पंजाब के मुख्यमंत्री नहीं हैं, लेकिन पंजाब अभी भी उनका है. इसलिए ही गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की है.  ...

​बिहार के लौंगी मांझी ने 30 साल तक कुदाल चलाकर पहाड़ काटते हुए 3 किलोमीटर लंबी नहर बना दी। मांझी मेहनत से बरसात का पानी जो जंगल में बरबाद हो रहा था, अब नहर से होकर खेतों में पहुंचने लगा है। उनके इस भागीरथी प्रयास को देखते हुए उन्हें नया माउंटेनमैन भी कहा जा रहा है।दरअसल मांझी जिस गांव में रहते हैं वहां पानी की बड़ी समस्या है। बरसात के दिनों में यहां बारिश तो होती है मगर सारा पानी बंगेठा पहाड़ के बीच में ठहर जाता है।इस पर लौंगी मांझी ने पूरे इलाके में घूमकर पहाड़ पर ठहरे पानी को खेत तक ले जाने का नक्शा तैयार किया। इसके बाद वे पहाड़ को काटकर नहर बनाने के काम में जुट गए। माझी का दावा है कि उन्होंने 30 साल के परिश्रम के बाद उन्होंने पहाड़ के पानी को गांव के तालाब तक पहुंचा दिया।लौंगी मांझी के 4 बेटे हैं। इनमें से 3 बाहर रहते हैं। घर पर पत्नी, एक बेटा, बहू और बच्चे हैं। उनकी पत्नी हमेशा कहती थीं कि तुमसे ना हो पाएगा। मगर लौंगी मांझी ने हिम्मत नहीं हारी और नहर बनाकर ही दम लिया।उल्लेखनीय है कि माउंटेन मैन के नाम से गया के ही दशरथ मांझी दुनिया भर में चर्चित हैं। उन्होंने पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था। अब लोग लौंगी भुइंया को नया माउंटेन मैन कहने लगे हैं।...

भोपाल। सरस्वती शिशु मंदिर पर विवादित बयान देने वाले दिग्विजय ‌सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। भोपाल में सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र दिग्विजय सिंह के खिलाफ खुलकर विरोध में आ गए वहीं प्रदेश के गृहमंत्री ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के संकेत दिए है।प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के बयान की निंदा करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने अपनी तुष्टिकरण की सियासत में अब बच्चों को भी घसीट लिया‌ है। गृहमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय बाल आयोग के एफआईआर दर्ज कराने के पत्र पर सरकार परीक्षण करा रही है और जांच की रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।वहीं नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि "चचाजान को अगर सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्यों से इतनी परेशानी है तो मदरसे में मुदर्रिस बन जाए और वहां देशभक्ति का पाठ पढाएं"।दिग्विजय सिंह के खिलाफ FIR के लिए आवेदन-वहीं दूसरी ओर आज राजधानी भोपाल में सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जहांगीराबाद थाने में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की शिकायत की। थाने पहुंचे छात्रों ने कहा कि देश भर में 25 हजार से ज्यादा शिशुमंदिर संचालित हो रहे है और इन स्कूलों में राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाया जाता है न की आतंकवादी प्रशिक्षण। पूर्व छात्रों ने दिग्विजय सिंह से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। वहीं पुलिस ने पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया।राष्ट्रीय बाल आयोग ने DGP को लिखा पत्र- वहीं दिग्विजय सिंह के बयान पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने सख्त तेवर अपना लिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने डीजीपी विवेक जौहरी को पत्र लिखकर दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने को कहा है। आयोग ने सात दिन के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।क्या है पूरा विवाद- दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिसंह ने भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा था कि सरस्वती शिशु मंदिर बचपन से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत का बीज बोते है। वहीं नफरत का बीज धीर-धीरे आगे बढ़क देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ता है। सांप्रदायिक कटुता पैदा करता है, धार्मिक उन्माद फैलाता है और देश में दंगे फसाद होते है।...

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन और उनके भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि किसानों को सम्मान नहीं देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है. सपा प्रमुख ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की. यादव ने ट्वीट किया कि संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सपा का पूर्ण समर्थन है. देश के अन्नदाता का मान न करने वाली दंभी भाजपा सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. किसान आंदोलन भाजपा के अंदर टूट का कारण बनने लगा है.उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वांचल की गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जिस समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (लखनऊ-बलिया) का शिलान्यास किया गया था उसके पूरा होने की खुशी है, पर ये दुख भी है कि भाजपा ने इसके मूल स्वरूप व गुणवत्ता से समझौता किया है. यादव ने कहा कि भाजपा विकास के रास्ते बनाना नहीं जानती है....

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन और उनके भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि किसानों को सम्मान नहीं देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है. सपा प्रमुख ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की. यादव ने ट्वीट किया कि संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सपा का पूर्ण समर्थन है. देश के अन्नदाता का मान न करने वाली दंभी भाजपा सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. किसान आंदोलन भाजपा के अंदर टूट का कारण बनने लगा है.उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वांचल की गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जिस समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (लखनऊ-बलिया) का शिलान्यास किया गया था उसके पूरा होने की खुशी है, पर ये दुख भी है कि भाजपा ने इसके मूल स्वरूप व गुणवत्ता से समझौता किया है. यादव ने कहा कि भाजपा विकास के रास्ते बनाना नहीं जानती है....

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नीत मंत्रिमंडल में सात नए चेहरों को शामिल किए जाने जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नीत सरकार में शामिल रहे पांच मंत्रियों को शामिल नहीं किए जान की संभावना है. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने शनिवार दोपहर करीब 12 बजकर 30 मिनट पर राजभवन में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की.राज्यपाल से मिलने के बाद चन्नी ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार शाम चार बजकर 30 मिनट पर नए मंत्रियों के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा.दिल्ली से लौटने के कुछ घंटे बाद ही चन्नी ने राज्यपाल से मुलाकात की. दिल्ली में उन्होंने नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों को लेकर पार्टी के आलाकमान के साथ अंतिम चरण की चर्चा की.सूत्रों के अनुसार परगट सिंह, राजकुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कुलजीत नागरा और राणा गुरजीत सिंह मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. वहीं पार्टी ने अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री रहे विजय इंदर सिंगला, मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिंदरा, सुखबीर सिंह सरकारिया, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी, रजिया सुल्तान और भारत भूषण आशु को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का निर्णय लिया है. सूत्रों ने बताया कि हालांकि अमरिंदर सिंह नीत मंत्रिमंडल में मंत्री रहे पांच विधायकों राणा गुरमीत सिंह सोढी, साधु सिंह धर्मसोत, बलबीर सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह कांगड़ और सुंदर शाम अरोड़ा का मंत्रिमंडल से पत्ता कट सकता है.राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठक के बाद चन्नी नीत मंत्रिमंडल के नामों पर सहमति बनी. मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करने के लिए चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को दिल्ली तलब किया था. मुख्यमंत्री चन्नी और दो उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी समेत कुल 18 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. ...

कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शुक्रवार को कहा कि नए मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी को चुनना राहुल गांधी का साहसिक फैसला है. पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की जगह लेने वालों में जाखड़ का नाम भी चर्चा में था. सुनील जाखड़ ने किया ट्वीट:उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में चन्नी के चयन को लेकर पार्टी पर हमला करने वाले कांग्रेस के विरोधियों की निंदा की. जाखड़ ने ट्विटर पर अपना बयान साझा करते हुए कहा कि (पूर्व पार्टी अध्यक्ष) राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री के रूप में चुनकर सामाजिक भेदभाव की बाधाओं (ग्लास सीलिंग) को तोड़ा है. चन्नी अनुसूचति जाति से आने वाले पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि यह साहसिक फैसला सिख धर्म के मूल्यों में निहित है और यह न सिर्फ राजनीति बल्कि राज्य के सामाजिक ताना-बाना के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है. जाखड़ का यह बयान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद आया है, दो दिन पहले जाखड़ दोनों नेताओं के साथ विमान से दिल्ली गए थे. अमरिंदर सिंह के अचानक मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. हिंदू समुदाय से आने वाले जाखड़ मुख्यमंत्री पद के लिये प्रमुख दावेदारों में से एक थे. हालांकि, अंबिका सोनी समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने सुझाव दिया था कि मुख्यमंत्री के रूप में एक सिख को नियुक्त किया जाना चाहिए. बाद में यह पता चला कि ‘‘नाराज’’ जाखड़ ने उपमुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इन्हीं अटकलों के बीच जाखड़ ने ट्वीट किया था कि ऊंचे पदों पर बैठे छोटी सोच के लोग पंजाब को नस्ल/जाति/पहचान के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे थे. अब चर्चा है कि जाखड़ को कोई पद दिया जा सकता है. जाखड़ ने शुक्रवार को कहा कि यह ताना-बाना समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं और चिंताओं का एक जटिल परस्पर जोड़ है. इसका हर समय ‘राज धर्म’ के रूप में सम्मान और पोषण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि, वर्तमान में साफ तौर पर एक बार फिर पंजाबियत की परीक्षा लिए जाने का खतरा दिख रहा है क्योंकि विभाजनकारी ताकतें पहले से ही समाज को खंडित करने के लिए इस परिवर्तनकारी पहल को हथियार बना रही हैं. उन्होंने कहा, कि इस खतरे को दूर नहीं किया जा सकता है. साथ ही अगर इसे अकुशल/या पक्षपातपूर्ण तरीके से संभाला जाता है, तो जो मजबूत भाईचारा और सौहार्द परीक्षा की घड़ी में भी हमेशा से पंजाब का गौरव रहा है, वह ‘शीशे के घर’ की तरह बड़ी आसानी से चकनाचूर हो जाएगा...

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपने उस कथित बयान पर पुनर्विचार करेंगे जिसमें उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को अनुभवहीन बताया था. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि अमरिंदर सिंह का बयान उनके कद के मुताबिक नहीं है, लेकिन वह कांग्रेस के बड़े नेता हैं और संभव है कि उन्होंने कोई बात गुस्से में कह दी होगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह शायद मेरे पिता जी की उम्र के होंगे. बुजुर्गों को गुस्सा आता है और बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और वह कई बार गुस्से में बहुत सारी बातें कह देते हैं. उनके गुस्से, उनकी उम्र, उनके तजुर्बे का हम सम्मान करते हैं और मुझे लगता है कि वह जरुर इस पर पुनर्विचार करेंगे.साथ ही सुप्रिया ने जोर देकर कहा कि राजनीति में गुस्सा, ईर्ष्या, द्वेष, व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी और उनसे बदला लेने की भावना की कोई जगह नहीं है. हम आशा करते हैं कि वह अपनी कही हुई बातों पर अपनी ही समझदारी दिखाते हुए जरूर पुनर्विचार करेंगे, क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के एक मजबूत योद्धा रहे हैं. सुप्रिया के मुताबिक अमरिंदर सिंह जी को कांग्रेस पार्टी ने 9 साल, 9 महीने मुख्यमंत्री बनाया है. उनको राजिंदर कौर भठ्ठल जी की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था. मुझे ऐसा लगता है कि उनका अनुभव, सार्वजनिक जीवन में उनका योगदान देखते हुए इस तरह की बातें उनके कद के अनुरूप नहीं हैं....

इस नियम के लागू होने से बैंक और पेटीएम-फोन पे जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को ईएमआई या बिल के पैसे काटने के पहले हर बार अनुमति लेना होगी। उन्हें अपने सिस्टम में ऐसे बदलाव करने हैं कि एक बार परमिशन मिलने पर पैसे हर बार अपने आप न कटते रहें।पहले आएगा SMS :-रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने सिस्टम में बदलाव किया है। नए बदलाव के मुताबिक हर बार ऑटो पेमेंट के लिए बैंक को ग्राहकों से अनुमति देनी होगी।हालांकि इसके लिए आपको अपना मोबाइल नंबर बंक में अपडेट करवाना होगा। बैंक खाते में नंबर अपडेट होने के बाद ही आपके रजिस्टर्ड फोन नंबर ऑटो डेबिट से पहले SMS आएगा।ओटीपी होगा अनिवार्य : आरबीआई के नए नियम के अनुसार पेमेंट की डेट से 5 दिन पहले ग्राहकों को नोटिफिकेशन भेजा जाएगा। पेमेंट से 24 घंटे पहले दोबारा से रिमाइंडर भेजा जाएगा।आपको पेमेंट से पहले ऑप्ट आउट या पार्ट-पे का ऑप्शन मिलेगा। आरबीआई ने इसके साथ ही 5000 रुपए से अधिक के पेमेंट के लिए OTP को अनिवार्य कर दिया हैं।1 अक्टूबर से ऑटो डेबिट पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव हो सकता है। 1 अक्टूबर से नया ऑटो डेबिट पेमेंट सिस्टम लागू किए जाने की संभावना है।...

पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर पीड़ा व्यक्त की और इस बात को लेकर चिंता जताई कि इन घटनाक्रमों से राज्य में अस्थिरता आ सकती है.सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी को पत्र लिखा और पद छोड़ने के फैसले से उन्हें अवगत कराया.उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों के राजनीतिक घटनाक्रम पंजाब के राष्ट्रीय महत्व एवं इससे जुड़ी चिंताओं के पूरी तरह अनुकूल नहीं रहे हैं. पत्र में उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत पीड़ा के इतर, मैं आशा करता हूं कि राज्य में बहुत मुश्किल से मिली शांति और विकास को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे तथा सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने का वो प्रयास निर्बाध रूप से जारी रहे, जो मैं पिछले कुछ वर्षों से कर रहा था.अमरिंदर सिंह ने अपने साढ़े चार साल के कार्यों पर संतोष जताया. उन्होंने कहा कि मैंने कई भू-राजनीतिक और आंतरिक सुरक्षा चिंताओं से प्रभावी ढंग से निपटने का प्रयास किया और किसी तरह का समझौता नहीं किया. सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य में पूरी तरह शांति और सांप्रदायिक सौहार्द रहा तथा किसी के प्रति गलत इरादा नहीं रहा.
उनके मुताबिक, पंजाब की जनता कांग्रेस की उन परिपक्व और प्रभावी लोक नीतियों को लेकर उसकी ओर देख रहे हैं, जो न सिर्फ अच्छी राजनीति में परिलक्षित होती हैं, बल्कि इस सीमावर्ती राज्य के आम लोगों की चिंताओं का निदान करती हैं. अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया....

पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने टीएमसी का दामन थामा है. अब आज एक बार फिर भाजपा को बड़ा झटका लगा है. बाबुल सुप्रियो अभिषेक बनर्जी, डेरेक की मौजूदगी में TMC में शामिल हो गए हैं. TMC ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के टीएमसी और मुकुल रॉय को ट्विटर पर फ़ॉलो करने से ही इस बात की अटकले लगाई जा रही थी. बाबुल का बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ भी टकराव चल रहा है. बाबुल को हाल ही में हुए कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था. हालांकि उन्होंने कहा था कि बहुत सारी अफ़वाहें चल रही हैं और इनके आधार पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. बाबुल ने कुछ समय पहले ही एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि उन्हें राजनीति से नफ़रत होने लगी है.एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद यह चर्चा है कि वो राजनीति से सन्यास ले लेंगे. वहीं आज उन्होंने TMC का दामन थाम लिया है. बताते चलें कि कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर अपनी भावनाओं का इजहार किया था. गायक से नेता बने सुप्रियो ने लिखा था कि जिस तरह से उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया वह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा था कि इस्तीफा देने का निर्देश मिला तो  इस्तीफा दे दिया....

पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सह प्रभारी और दिल्ली से विधायक राघव चड्ढा ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की राजनीति का राखी सावंत करार दिया है। चड्ढा ने अपने बयान में कहा कि सिद्धू बेतुके बयान देने की बीमारी से पीड़ित हैं, इसलिए आदत से मजबूर होकर इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू की कही कोई भी बात गंभीर नहीं होती तथा हर जगह वह हंसी की पात्र ही बनते हैंचड्ढा ने कहा कि पहले सिद्धू अपनी ही सरकार और सरकार के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ रोजाना बयानबाजी कर रहे थे, लेकिन आलाकमान की फटकार के बाद अब वह चुप हैं। अब उन्हें कुछ और नहीं सूझ रहा, इसलिए वह आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फिजूल की बयानबाजी कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि सिद्धू कुछ दिनों बाद फिर से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयानबाजी शुरू करेंगे। मुद्दा जरूरी हो या नहीं नवजोत सिंह सिद्धू को अपने बेतुके बयानों से सुर्खियों में रहने की आदत हो गई है। पिछले लंबे समय से सिद्धू अपनी ऐसी बेतुकी बयानबाजी के कारण मीडिया में हंसी का पात्र बने हुए हैं।चड्ढा ने तंज कसते हुए कहा कि यहां तक कि कांग्रेस आलाकमान और कांग्रेस की लीडरशिप भी सिद्धू को गंभीरता से नहीं लेती है, इसलिए सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली दौरे के दौरान उनसे मिलने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने सिद्धू को सलाह दी थी कि वह इस प्रकार की निचले स्तर की बयानबाजी बंद करें और पंजाब के गंभीर मुद्दों पर काम करें। ...

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण स्वायत्तता और राज्य का दर्जा देने के साथ-साथ लोकतंत्र बहाल करना ही पूर्ववर्ती राज्य और केंद्र के बीच संबंधों को फिर से पटरी पर लाने का एकमात्र तरीका है.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म कर संविधान को कमजोर किया है. तारिगामी ने एक बयान में कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करके और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करके, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने न केवल संविधान के मूल ढांचे को बल्कि जम्मू-कश्मीर और केंद्र के बीच के संबंधों को भी कमजोर किया है. उन्होंने कहा कि और इसे फिर से पटरी पर लाने का एकमात्र तरीका है कि तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को पूर्ण स्वायत्तता दें और राज्य का दर्जा देने के साथ-साथ लोकतंत्र को तुरंत बहाल किया जाए.माकपा नेता ने कहा कि अनुच्छेद 35 ए के तहत तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र अब केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के स्थायी निवासी को परिभाषित करने का एकमात्र आधार बन गया है. उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को संवैधानिक गारंटी सुनिश्चित करने में अनुच्छेद 35ए के महत्व का सत्यापन और वैधता की पुष्टि होती है जिसे मनमाने ढंग से खत्म कर दिया गया. ...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के बाद सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि भारत का भाग्य विधाता डटा हुआ है और निडर है. दूसरी तरफ, भाजपा ने राहुल गांधी पर एक पुरानी तस्वीर को किसान महापंचायत की तस्वीर बताकर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने किसानों की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, डटा है, निडर है, इधर है भारत का भाग्य विधाता!इसके कुछ देर बाद भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे री-ट्वीट करते हुए कहा कि राहुल गांधी को महापंचायत की सफलता का दावा करने के लिए एक पुरानी तस्वीर का उपयोग करना पड़ा. यह दिखाता है कि किसान आंदोलन में अच्छी खासी संख्या में लोगों के शामिल होने की बात करने का एजेंडा काम नहीं आया. यह राजनीतिक है. धार्मिक नारे लगाये गए. इससे कोई संदेह नहीं बचता कि इसके पीछे का मकसद क्या है.मालवीय ने एक खबर साझा की जिससे यह प्रतीत होता है कि राहुल गांधी ने फरवरी में शामली में हुई एक किसान पंचायत की तस्वीर साझा की है. राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मालवीय पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ये (तस्वीर) रालोद द्वारा भैंसवाल गांव (शामली) में आयोजित किसान पंचायत की तस्वीर है. यह पंचायत किसान आंदोलन के समर्थन में बुलाई गई थी. तो ये (मालवीय) कहना क्या चाह रहे हैं?उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने किसान महापंचायत से संबंधित एक खबर का उल्लेख करते हुए दावा किया, यही है देश कि सच्चाई. केवल, देश बेचने वाले शासकों को नहीं दिख रही. केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को विभिन्न राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए. अगले वर्ष के शुरु में होने वाले, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस आयोजन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. किसान महापंचायत' का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किया गया....

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनएमपी और नोटबंदी सरकार की जुड़वां संतानें हैं, जिनका मकसद देश के लोगों को लूटना है. माकन ने यहां छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि विकास के नाम पर मोदी सरकार ने जुड़वां संतानों को जन्म दिया है. इनमें से एक नोटबंदी है और दूसरा मुद्रीकरण है. दोनों का स्वभाव एक है.उन्होंने दावा किया, नोटबंदी ने गरीबों और छोटे कारोबारियों को लूटा, जबकि अब देश की विरासत को मुद्रीकरण के जरिये लूटा जा रहा है. दोनों कदमों का मकसद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना था. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एनएमपी को लेकर गोपनीय ढंग से फैसला हुआ और अचानक से घोषित कर दिया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री के अनुसार, एनएमपी का मुख्य उद्देश्य कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों का एकाधिकार स्थापित करना है.माकन ने कहा कि रेल, सड़क और विमानन क्षेत्र को एनएमपी में शामिल किया गया है, जो सामरिक महत्व से जुड़े क्षेत्र हैं तथा युद्ध की स्थिति में देश के रक्षा बलों के लिए मददगार होते हैं. भाजपा का नाम लिए बगैर, माकन ने सवाल किया कि क्या सामरिक महत्व के क्षेत्रों का निजीकरण करना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संपत्तियों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से विदेशी ताकतों को बेचना ही राष्ट्रवाद है?न्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार झूठ बोल रही है कि एनएमपी के तहत संपत्तियां सरकार के स्वामित्व में होंगी. माकन ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने सामरिक महत्व की संपत्तियों का कभी निजीकरण नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन मोदी सरकार इससे उलट काम कर रही है...

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बच्चे भी संक्रमित हुए हैं। अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का आना भी लगभग तय माना जा रहा है। संक्रमण की दर और टीके की कमी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों पर सबसे ज्यादा असर डालेगी।इस वजह से काफी दहशत और भ्रम की स्थिति है। विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को वायरस से डरना नहीं चाहिए क्योंकि इसका बच्चों पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं होगा। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि कोविड की आगामी लहर में बच्चों में काफी संक्रमण फैलेगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।
रणदीप गुलेरिया ने कहा है, 'अगर हम पहले और दूसरे चरण के आंकड़ों को देखते हैं तो यह काफी मिलता-जुलता है। यह दिखाता है कि बच्चे सामान्य तौर पर सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण होता भी है तो उनमें मामूली संक्रमण आता है। वायरस बदला नहीं है इसलिए इस तरह के संकेत नहीं हैं कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। अभी तक साक्ष्य नहीं मिला है कि आगामी लहर में बच्चों में इसका गंभीर संक्रमण होगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चे इस वायरस की चपेट में ज्यादा आएंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि तीसरी लहर तक देश में ज्यादातर वयस्‍क लोगों को वैक्‍सीन की पहली डोज लग जाएगी। ऐसे में ये लोग बच्‍चों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहेंगे। वहीं बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं लग पाई है। अभी तक जो कोरोना वैक्‍सीन बनी हैं। उनका ट्रायल 16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर ही किया गया है।डॉक्‍टरों के मुताबि‍क कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से दिव्यांग जन अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसका कारण दिव्यांग जनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना है और सामान्य बच्चों की अपेक्षा उनकी क्षमता कम होने से उन पर अधिक खतरा है।ऐसे में मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को कोरोना वायरस की लहर से बचाने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए। मानसिक बीमारियां से ग्रसित बच्चे भी कोरोना से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता है।से बचाएं अपने बच्‍चों को-किसी भी वायरस से बचने के लिए हमारी इम्‍यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है।शरीर में रोग प्रतिरोदक क्षमता अच्छी होगी तो बीमारियां कम होंगी। मल्टीविटामिन भी आपकी इम्‍यूनिटी को मजबूत करती हैं।बच्चों को कोरोना में सुरक्षित रखने के लिए हेल्‍दी खाना खिलाएं।फल और सब्जियां, फ्रूट जूस भरपूर मात्रा में खिलाएं।बच्चों को धूप में बैठने के लिए कहें।उनके खाने में अंडे शामिल करें।बच्चों में खाने-पीने की आदत अच्छी हैं तो बीमारियां और कोरोना वायरस भी ज्‍यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है।कमजोर और कुपोषित बच्चों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें।...

महाराष्ट्र के पुणे शहर में साइबर पुलिस ने बॉलीवुड एक्ट्रेस पायल रोहतगी के खिलाफ नेहरू-गांधी परिवार के खिलाफ एक मानहानिकारक वीडियो बनाने और इसे सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस की एक स्थानीय नेता की शिकायत के बाद अपराध शाखा ने मंगलवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 500 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया.शिकायत के अनुसार, एक्ट्रेस ने एक अज्ञात व्यक्ति के साथ कथित तौर पर महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और गांधी परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में एक मानहानिकारक वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया. अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस नेता एवं पार्टी की पुणे इकाई की पदाधिकारी संगीता तिवारी ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस में रोहतगी के खिलाफ शिकायत की...

   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर 125 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का जारी करेंगे और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभा को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी.इसने उल्लेख किया कि स्वामी प्रभुपाद ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) की स्थापना की थी, जिसे आमतौर पर ‘हरे कृष्ण आंदोलन’ के रूप में जाना जाता है. इस्कॉन ने श्रीमद भागवत गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया, जो दुनियाभर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. स्वामी प्रभुपाद ने 100 से अधिक मंदिरों की स्थापना भी की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें भी लिखीं. ...

1. चेक क्लिरिंग सिस्टम : 1 सितंबर से 50,000 रुपए से अधिक का चेक जारी करना आपको परेशानी में डाल सकता है। बैंकों ने अब पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करना शुरू कर दिया है। अधिकतर बैंक 1 सितंबर से PPS को लागू करने जा रहे हैं।2. ईपीएफ खाते को आधार से लिंक करना : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ईपीएफ खाता को आधार नंबर के साथ पीएफ अकाउंट और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को लिंक अनिवार्य कर दिया है। इसे लिंक करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त है।अगर आपने मंगलवार तक अपने पीएफ खाते को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) नंबर से लिंक नहीं किया तो आपके खाते में कंपनी की तरफ से पैसा जमा होने में परेशानी होगी। दोनों को लिंक करने की आखिरी तारीख पहले ही दो बार बढ़ाई जा चुकी है। इस बात की संभावना कम है कि इस बार अंतिम तारिख आगे बढ़ेगी।3. कार इंश्योरेंस का बदल जाएगा नियम : मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि 1 सितंबर से जब भी कोई नया वाहन बिकेगा तो उसका बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस अनिवार्य होना चाहिए। यह इंश्योरेंस 5 साल की अवधि के लिए ड्राइवर, पैसेंजर और वाहन के मालिक को कवर करने वाले इंश्योरेंस के अतिरिक्त होगा। बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस में वाहन के उन हिस्सों को भी कवर मिलेगा, जिनमें आमतौर पर बीमा कंपनियां कवर नहीं देती हैं।4. जीएसटी रिटर्न पर 1 सितंबर से नया नियम : जीएसटी कलेक्शन में गिरावट को देखते हुए सरकार ने देर से टैक्स जमा करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की है। अब सरकार ने कहा है कि जीएसटी पेमेंट में देरी की स्थिति में 1 सितंबर से नेट टैक्स पर ब्याज लगेगा। सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के भुगतान में देरी की स्थिति में 1 सितंबर से कुल कर देनदारी पर ब्याज लेगा।...

 प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री एवं शिवसेना नेता अनिल परब को पूर्व मंत्री अनिल देशमुख एवं अन्य से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री परब को ईडी की ओर से कहा गया है कि वे दक्षिण मुंबई में एजेंसी के कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के समक्ष मंगलवार को पेश हों।धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय देशमुख को पहले भी कम से कम पांच बार तलब कर चुका है, लेकिन वे पेश नहीं हुए।यह मामला महाराष्ट्र पुलिस विभाग में कथित तौर पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी और वसूली गिरोह से जुड़ा है, जिसकी आपराधिक जांच ईडी कर रहा है। इस मामले में अप्रैल में देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था।मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के 100 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी के आरोपों से संबंधित भ्रष्टाचार के इस कथित मामले में सीबीआई द्वारा प्रकरण दर्ज करने के बाद ईडी ने देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। तब देशमुख महाविकास आघाड़ी सरकार में गृह मंत्री थे। देशमुख ने कहा था कि मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के कारण परमबीर सिंह ने उनके खिलाफ ये आरोप लगाए हैं।राणे की गिरफ्‍तारी पर बदले की कार्रवाई : शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि पार्टी में उनके सहयोगी और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अनिल परब को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की ओर से नोटिस आया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की ओर से आया नोटिस ‘ उम्मीद के अनुरूप’ है और पार्टी इससे कानूनी तरीके से लड़ेगी।
राउत ने ट्वीट किया ‍कि बहुत बढ़िया, जैसे ही जनआशीर्वाद यात्रा समाप्त हुई, अनिल परब को ईडी द्वारा उम्मीद के अनुरूप नोटिस भेजा गया। केंद्र सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया। भूकंप का केंद्र रत्नागिरी था। परब जिले के प्रभारी मंत्री हैं। घटनाक्रम को समझिए। हम कानूनी रूप से इस लड़ाई को लड़ेंगे। जय महाराष्ट्र।’
हाल में, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने पर रत्नागिरी से गिरफ्तार किया गया था। राणे ने शिवसेना और ठाकरे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान की थी। गौरतलब है कि भाजपा महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री परब को उनकी कथित ‘आय से अधिक संपत्ति’ और राणे की गिरफ्तारी में भूमिका को लेकर निशाना बना रही है।...

मध्यप्रदेश में सर्वोच्च खेल अलंकरण पुरस्कार का एलान कर दिया गया है। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर को सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार और मध्यप्रदेश टेबल टेनिस एसोसिएशन के आजीवन अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देने की घोषणा की गई है।उल्लेखनीय है कि इंदौर में खेल गतिविधियों खास कर टेबल टेनिस को आगे बढ़ाने में अभयजी ने बहुत काम किया है। उन्हीं के प्रयासों से इंदौर अंतरराष्ट्रीय स्तर की टेबल टेनिस प्रतियोगिताएं संपन्न हो सकीं। संचालक खेल और युवा कल्याण पवन जैन ने बताया कि वर्ष 2020 के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार पद्मश्री अभयजी को दिया जा रहा है। वर्ष 2020 के लिए 13 एकलव्य, 10 विक्रम, 3 विश्वामित्र, 1 स्व. श्री प्रभाष जोशी और 1 लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार घोषित किए गए हैं। विक्रम पुरस्कार : (व्यक्तिगत खेल में)  विश्वजीत सिंह कैनो-स्लॉलम होशंगाबाद, सुनिधि चौहान शूटिंग भोपाल, निधि नन्हेट कराते बालाघाट, परिधि जोशी घुड़सवारी इन्दौर, मंजू बम्बोरिया बॉक्सिंग उज्जैन, एकता यादव सेलिंग भोपाल।दलीय खेल : विवेक सागर प्रसाद हॉकी होशंगाबाद, हर्षवर्धन तोमर बास्केटबॉल ग्वालियर। पूजा मालवीय मल्लखम्भ, उज्जैन। दिव्यांग श्रेणी में सुश्री प्राची यादव पैरा कैनो, ग्वालियर शामिल है।एकलव्य पुरस्कार (व्यक्तिगत खेल में) : सुषमा वर्मा क्याकिंग-कैनोइंग सीहोर, तुषिता सिंह सॉफ्ट टेनिस भोपाल, स्पर्श खरे वूशु जबलपुर, अर्जुन सिंह घुड़सवारी भोपाल, सुनील डावर एथलेटिक्स बड़वानी, गौरांशी शर्मा बैडमिंटन (दिव्यांग) भोपाल, राममिलन यादव सेलिंग टीकमगढ़, अंकित शर्मा फेंसिंग, ग्वालियर, अनुराधा अहिरवार तीरंदाजी भोपाल, प्रीति रजक शूटिंग होशंगाबाद एवं शशांक पटेल ताईक्वांडो भोपाल।दलीय खेल- साधना सेंगर हॉकी होशंगाबाद। धु्रवराज कुर्रे पावर लिफ्टिंग भोपाल। विश्वामित्र पुरस्कार (व्यक्तिगत खेल) : वीरेन्द्र डबास, पैरा स्वीमिंग एवं पैरा एथलेटिक्स, ग्वालियर, रिचपाल सिंह सलारिया, तीरंदाजी जबलपुर। दलीय खेल- डॉ. हबीब हसन शामिल हैं। स्व. प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार : वर्ष 2020 का स्व. प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार उज्जैन की मल्लखम्ब खिलाड़ी सुश्री वैष्णवी कहार को दिया जाएगा। ...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 महामारी के मामलों में बढ़ोतरी को चिंताजनक करार देते हुए गुरुवार को कहा कि टीकाकरण की गति तेज करने की जरूरत है ताकि अगली लहर में महामारी के गंभीर प्रभाव से बचा जा सके.गौरतलब है कि एक दिन में कोविड-19 के 46,164 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,25,58,530 हो गई. वहीं, उपचार करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 3,33,725 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण से 607 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,36,365 हो गई. देश में अभी 3,33,725 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.03 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 11,398 की बढ़ोतरी दर्ज की गई. मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.63 प्रतिशत हैउन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की और राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस समय ‘बेचने’ में लगी हुई है. कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है. टीकाकरण को गति दी जानी चाहिए ताकि अगली लहर में महामारी के गंभीर प्रभाव से बचा जा सके. कृपया अपना ध्यान रखें क्योंकि भारत सरकार ‘बेचने’ में व्यस्त है....

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा को युवाओं के ‘भविष्य पर हमला’ करार देते हुए मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल में बनी देश की पूंजी को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों के हाथों में बेच दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि कुछ कंपनियों को यह ‘उपहार’ देने से उनका एकाधिकार बनेगा जिस कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पायेगा।राहुल गांधी ने एनएमपी के मुद्दे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल एवं रणदीप सुरजेवाला के साथ संवाददाताओं को संबोधित किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी और भाजपा का नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ। लेकिन वित्त मंत्री ने कल 70 सल में जो पूंजी बनी थी, उसे बचने का फैसला किया।मतलब यह है कि प्रधानमंत्री ने सबकुछ बेच दिया। उन्होंने एनएमपी का विस्तृत उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इन संपत्तियों को बनाने में 70 साल लगे हैं और इनमें देश की जनता का लाखों करोड़ों रुपए लगा है। अब इन्हें तीन-चार उद्योगपतियों को उपहार में दिया जा रहा है।’’राहुल गांधी ने कहा कि हम निजीकरण के खिलाफ नहीं है। हमारे समय निजीकरण तर्कसंगत था। उस समय रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण संपत्तियों का निजीकरण नहीं किया जाता था। जिन उद्योगों में बहुत नुकसान होता था, उसका हम निजीकरण करते थे।’’कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह सब, कुछ कंपनियों का एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है। जैसे ही इनका एकाधिकार बढ़ेगा, वैसे ही रोजगार कम होगा। नरेंद्र मोदी जी अपने दो-तीन उद्योगपति मित्रों के साथ युवाओं के भविष्य पर आक्रमण कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 6 लाख करोड़ रुपए की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की। इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाये जायेंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा।निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी एवं वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गयी है। इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा।
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जम्मू। सुरक्षाबलों ने टॉप 10 आतंकियों की सूची में शामिल 2 और आतंकी कमांडरों को आज ढेर कर दिया। इनमें एक टीआरएफ का टॉप कमांडर तथा दूसरा उसका दाहिना हाथ भी शामिल है।श्रीनगर के मध्य कश्मीर के अलूची बाग क्षेत्र में सोमवार शाम को एक संक्षित मुठभेड़ में दो आतंकियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस को मार गिराने में सफलता मिली है। इस संबंध में कश्मीर के आईजी के विजय कुमार ने बताया कि पुलिस को श्रीनगर के मध्य कश्मीर में एक जगह पर आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इसके उपरांत दोनों ओर से जारी फायरिंग में दो आतंकियों को मार गिरा दिया गया।इन दोनों आतंकी कमांडरों के नाम हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी मोस्ट वांटेड की सूची में दर्ज थे। आईजी ने दोनों की पहचान टीआरएफ के टॉप कमांडर अब्बास शेख और उसका दाहिना हाथ समझे जाने वाले साकिब मंजूर के तौर पर की है।आईजी के अनुसार, टीआरएफ गुट कश्मीर में कई हत्याओं के लिए जिम्मेदार माना जाता है और यह लश्करे तैयबा का ही एक हिस्सा माना जाता है। कुछ दिन पहले ही टीआरएफ के कई कमांडरों को जम्मू में जिंदा पकड़ा जा चुका है।
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हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली अब इंस्टाग्राम पर आ गई हैं और उन्होंने कहा कि वे अपने मूलभूत मौलिक अधिकारों के लिए लड़ रहे लोगों की आवाज पहुंचाने के लिए इस मंच का उपयोग करेंगी। जोली ने सोशल मीडिया मंच पर अपने पहले पोस्ट में अफगानिस्तान में एक अज्ञात किशोरी का पत्र साझा किया जिसे तालिबान के शासन के बाद मौजूदा परिस्थितियों में देश में रहने को लेकर डर है।ऑस्कर पुरस्कार विजेता अभिनेत्री (46) ने कहा कि अभी अफगानिस्तान के लोग सोशल मीडिया पर संवाद करने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की क्षमता खो रहे हैं। इसलिए मैं उनकी कहानियां और दुनियाभर में उन लोगों की आवाज पहुंचाने के लिए इंस्टाग्राम पर आई हूं, जो अपने मूलभूत मानवाधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।जोली ने याद किया कि वे न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों से 2 हफ्ते पहले अफगानिस्तान सीमा पर थीं। जोली ने बताया कि उन्होंने अफगान शरणार्थियों से बात की थी, जो 20 साल पहले तालिबान के डर से भाग गए थे। उन्होंने लिखा कि अफगान नागरिकों को डर के कारण फिर से विस्थापित होते और उनके देश में अनिश्चितता की स्थिति देखना दुखद है। इस नतीजे तक पहुंचने के लिए इतना वक्त और पैसा खर्च किया गया, इतना खून-खराबा हुआ और इतने लोगों की जान गई। इस नाकामी को समझना मुश्किल है।जोली ने प्रत्यक्ष तौर पर विश्व नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि यह देखना भी बहुत दुखद है कि अफगानिस्तान के शरणार्थियों को 'बोझ' समझा जा रहा है। हॉलीवुड अभिनेत्री ने लड़की के पूरे पत्र के साथ एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें बुर्का पहने हुए 7 अफगान महिलाएं खड़ी दिखाई दे रही हैं। पत्र में लड़की ने तालिबान के शासन के बाद स्कूल जाने में अपनी परेशानियों की विस्तार से जानकारी दी है। इंस्टाग्राम पर आने के बाद जोली के पहले पोस्ट पर 13 लाख से अधिक लाइक आए हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 42 लाख फॉलोअर भी हो गए हैं...

अफगानिस्तान में एक जातीय अल्पसंख्यक समुदाय के गांवों पर हाल में कब्जा करने के बाद तालिबान लड़ाकों ने समुदाय के सदस्यों को यातनाएं दीं और उनकी हत्या कर दी. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यह दावा करते हुए आशंका जताई कि वे फिर से क्रूर शासन चलाएंगे.तालिबान के शासन में आने पर इसी तरह की क्रूरता की आशंका के बीच हजारों लोगों के काबुल हवाईअड्डे तक जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैं. इनके अलावा कई अन्य लोगों ने तालिबान के विरोध में सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. तालिबान ने वादा किया है कि वह सुरक्षा बहाल करेगा और 20 साल पहले अमेरिका के नेतृत्व में छिड़ी लड़ाई में उससे लड़ने वालों को वह माफ कर देगा. जुमे की नमाज से पहले तालिबान नेताओं ने इमामों से अपील की कि वे लोगों को एकता का उपदेश दें और देश नहीं छोड़कर जाने को कहें. लेकिन अनेक अफगान नागरिक आशंकित हैं और एमनेस्टी की रिपोर्ट में अनेक ऐसे साक्ष्य पेश किये गये हैं जो तालिबान के बदलने के दावों को कमजोर करते हैं.
मानवाधिकार संस्था ने कहा कि उसके शोधकर्ताओं ने गनी प्रांत में चश्मदीदों से बात की जिन्होंने बताया कि किस तरह तालिबान ने चार से छह जुलाई के बीच मुंदारख्त गांव में हजारा समुदाय के नौ लोगों को मार डाला था. इनमें छह को गोली मार दी गयी थी और तीन को इतनी अधिक यातनाएं दी गयीं कि उन्होंने दम तोड़ दिया. एमनेस्टी इंटरनेशनल के प्रमुख आग्नेस कालामार्ड ने कहा कि नृशंस हत्याएं तालिबान के पिछले रिकॉर्ड की याद दिलाती हैं और इस बात का भयावह संकेत हैं कि तालिबान का शासन होने पर क्या हो सकता है. संस्था ने चेतावनी दी कि हो सकता है कि हत्या के कई मामले सामने ही नहीं आए हों क्योंकि तालिबान ने अपने कब्जे वाले कई क्षेत्रों में फोन सेवाएं काट दी हैं ताकि लोग तस्वीरें प्रसारित नहीं कर सकें.रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ नामक संस्था ने इस खबर पर चिंता जताई कि तालिबान के लड़ाकों ने बुधवार को जर्मन मीडिया समूह डायचे वेले के लिए काम कर रहे एक अफगान पत्रकार के परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी. अनेक अफगान नागरिकों को डर है कि तालिबान का वैसा ही क्रूर शासन लौट आएगा जैसा 1990 के दशक के आखिर में था. उस समय तालिबान ने बड़े स्तर पर महिलाओं को घरों में कैद रखा, टेलीविजन और संगीत पर पाबंदी लगा दी, संदिग्ध चोरों के हाथ काट लिए और उन्हें सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी गयी.इन सभी आशंकाओं के बीच हजारों लोग काबुल हवाईअड्डे से लोगों को देश से बाहर निकाल रहे विमानों पर किसी तरह सवार होने के लिए वहां पहुंच रहे हैं.चार दिन से हवाईअड्डे से निकलने की कोशिश में वहां कई लोगों के साथ डेरा डाले मोहम्मद नईम ने कहा कि एक दिन तो उन्हें भीड़ से अपने बच्चों को बचाने के लिए एक कार की छत पर रखना पड़ा. उन्होंने दूसरे कुछ बच्चों को इसी दौरान जान गंवाते भी देखा.अमेरिकी बलों के लिए दुभाषिये का काम करने वाले नईम ने कहा कि उसने अन्य लोगों से अपील की है कि हवाईअड्डे पर नहीं पहुंचें....

 कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर देश में गरीबी बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि न्याय योजना लागू करके गरीबों को 6000 रुपये की मासिक मदद देने की जरूरत है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार देश में बढ़ा रही है ग़रीबी। 13.4 करोड़ भारतीय 150 रुपए प्रति दिन से कम कमा रहे हैं.इन परिवारों को न्याय योजना के तहत 6000 रुपये महीना क्यों ना दिया जाए? कांग्रेस नेता ने प्यू रिसर्च सेंटर का हवाला देते हुए एक चार्ट के माध्यम से यह दावा भी किया कि साल 2020 में छह करोड़ भारतीय नागरिकों की आय 150 रुपये प्रतिदिन की थी, लेकिन 2021 में यह संख्या बढ़कर 13.4 करोड़ हो गई है. गत लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने न्यूनतम आय गारंटी योजना (न्याय) का वादा किया था. उसका कहना था कि सत्ता में आने पर वह देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को छह-छह हजार रुपये की मासिक मदद देगी, हालांकि चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा.
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 कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत समेत पार्टी की कई महिला नेताओं ने बुधवार को मिट्टी का चूल्हा, लकड़ी और गैस सिलेंडर के साथ मीडिया से बात की और सरकार से आग्रह किया कि रसोई गैस की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को वापस लेकर आम गृहणियों को राहत प्रदान की जाए. सुप्रिया ने यह आरोप भी लगाया कि गैस सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये की ताजा बढ़ोतरी नरेंद्र मोदी सरकार का अनैतिक और असंवेदनशील फैसला है.उनके साथ कांग्रेस नेता अलका लांबा, अमृता धवन और राधिका खेड़ा ने भी रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. सुप्रिया ने कहा कि रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी अनैतिक और असंवेदनशील है. दिल्ली में 860 रुपये का सिलेंडर का बिक रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से ये सिलेंडर 600 रुपये का बिकना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार इसे 860 रुपये का बेच रही है. देश के कई हिस्सों में इसकी कीमत एक हजार रुपये को पार कर गई है.उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार के समय 1.47 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलती थी, लेकिन इस सरकार ने इस सब्सिडी घटाकर 12000 करोड़ रुपये कर दिया है जिस वजह से लोगों को पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों से राहत नहीं मिल पा रही है. सुप्रिया ने कहा कि उज्ज्वला योजना पर सीना ठोकने वाली सरकार को पता होना चाहिए कि अब महिलाएं फिर से लकड़ी के ईंधन का उपयोग करने का विवश हैं. प्रधानमंत्री को अब महिलाओं के आंसू क्यों नजर नहीं आते?अलका लांबा ने आरोप लगाया कि जब वित्त मंत्री कहती हैं कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं हो सकते तो यह लोकतंत्र को सीधी चुनौती देना है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कई स्थानों पर महिलाएं मिट्टी के चूल्हे खरीद रही हैं क्योंकि वे गैस सिलेंडर के खर्च का वहन नहीं कर सकतीं....

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर सोमवार को कहा कि भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है. यहां अपने निर्वाचन क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा में शिरकत करने के बाद वह मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रही थीं. अफगानिस्तान की स्थिति पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में नयी दिल्ली से सांसद लेखी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है. राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से चले जाने के बाद रविवार को राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा हो गया और इसी के साथ दो दशक के उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश को बदलने की कोशिश की थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जनता-जर्नादन सर्वोच्च है और मैंने लोगों के प्रति आभार प्रकट किया एवं उनका आशीर्वाद मांगा. ईमानदारी एवं समर्पण से उनके लिए काम करना ही बतौर मंत्री हमारा लक्ष्य है. लेखी ने यह भी कहा कि यह पहली बार है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई महिलाओं को जिम्मेदारी दी गयी हैं जिसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देती हैं. उन्होंने दुनिया में कोविड के टीके विकसित होने के महीने भर के अंदर देश में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इस महामारी के दौरान मुफ्त खाद्यान्न वितरण के जरिए गरीबों की मदद करने में प्रधानमंत्री के ‘दृरदृष्टिपूर्ण नेतृत्व’ को लेकर उनकी प्रशंसा की...

'तालिबान खान' के नाम से भी जाने जाने वाले इमरान खान ने एक बार फिर से अपना खतरनाक इरादा जाहिर किया है। इमरान खान ने सोमवार को तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का स्वागत किया। उन्होंने तालिबान की वापसी को 'दासती की जंजीरों को तोड़ने वाला' बताया है।महिलाओं, युवाओं और आधुनिकतावादी विचारों को मानने वाले लोगों के लिए खतरनाक तालिबान का चीन और ईरान ने भी स्वागत किया है। एक तरफ चीन ने उम्मीद जताई है कि तालिबान का शासन स्थायी होगा तो वहीं ईरान का कहना है कि अमेरिका की हार से स्थायी शांति की उम्मीद जगी है।अंग्रेजी, शि‍क्षा और कामकाज की भाषा को लेकर बात करते हुए इमरान खान ने कहा, 'जब आप दूसरे का कल्चर अपनाते हैं तो फिर मानसिक रूप से गुलाम होते हैं। याद रखें कि यह वास्तविक दासता से भी बुरा है। सांस्कृतिक गुलामी की जंजीरों को तोड़ना आसान नहीं होता है। अफगानिस्तान में इन दिनों जो हो रहा है, वह गुलामी की जंजीरों को तोड़ने जैसा है।तालिबान ने रविवार को काबुल शहर पर कब्जा जमा लिया और अमेरिका समर्थित सरकार के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ही भाग गए हैं। वहीं काबुल एयरपोर्ट पर लोगों का हुजूम उमड़ रहा है, जो देश छोड़कर निकलना चाहते हैं।अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने अपने दूतावासों को ही बंद कर दिया है और राजनयिकों को वापस निकाल रहे हैं। वहीं ईरान, चीन, रूस, तुर्की और पाकिस्तान जैसे देशों ने तालिबान में अब भी अपने दूतावासों में काम जारी रखा है। इन देशों की तरफ से भी तालिबान की सरकार को मान्यता दिए जाने की खबरें आ रही हैं।उधर चीन ने तालिबान के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है। चीन ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान अपने वादे पर खरा उतरेगा और देश में खुली एवं समावेशी विचारों वाली सरकार बनाएगा।'ईरान, रूस और चीन की अमेरिका से कई मुद्दों पर असहमति रही है। ऐसे में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को ये तीनों ही देश अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं। रूस ने तो तालिबान से पहले ही बात शुरू कर दी थी।...

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को दिल्ली के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. दिल्ली अभिलेखागार विभाग के सहयोग से प्रशासन विभाग द्वारा सचिवालय में दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.उपमुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक वक्तव्य के मुताबिक प्रदर्शनी में भारत के स्वतंत्रता संग्राम की उन घटनाओं को दिखाया गया है जो 1857 में पहले स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 तक दिल्ली में हुई थीं. इस अवसर पर सिसोदिया ने कहा कि यह प्रदर्शनी दिल्ली के जीवंत इतिहास और स्वतंत्र भारत के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से लड़ी गयी महान लड़ाइयों को प्रदर्शित करती है. महात्मा गांधी द्वारा स्थापित शांति और अहिंसा का मार्ग हम सभी के लिए वर्षों तक प्रेरणा का महान स्रोत रहेगा. प्रदर्शनी में स्वतंत्रता सेनानियों, विशेष रूप से महात्मा गांधी के शांति और अहिंसा के संघर्ष के कार्यों को प्रदर्शित किया गया. इसमें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता और दिल्ली की महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका को भी दिखाया गया है. वक्तव्य के मुताबिक, सत्यवती, पार्वती देवी डिडवानिया, अरुणा आसफ अली, वेद कुमारी, बृज रानी, मेमो बाई दिल्ली की कुछ प्रमुख महिलाएं थीं जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया. उन्होंने विदेशी सामान की बिक्री के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलनों में भी व्यापक रूप से भाग लिया.  ...

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 'वाहन स्क्रैपिंग नीति' की शुरुआत करते हुए इसे 'कचरे से कंचन के अभियान' और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक 'अहम कड़ी' करार दिया तथा कहा कि यह नीति देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।गुजरात में निवेशक सम्मेलन को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज का यह कार्यक्रम 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को सिद्ध करने की दिशा में एक और अहम कदम है। यह सम्मेलन वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर निवेश आमंत्रित करने के लिए आयोजित किया गया है। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश वाहन स्क्रैपिंग नीति लॉन्च कर रहा है। यह नीति नए भारत की गतिशीलता को और ऑटो क्षेत्र को नई पहचान देने वाली है। देश में अनफिट वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से सड़कों से हटाने में यह नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।उन्होंने कहा कि देश के करीब करीब हर नागरिक, उद्योग और हर क्षेत्र में इससे सकारात्मक परिवर्तन आएगा। देश की अर्थव्यवस्था के लिए गतिशीलता को बहुत बड़ा कारक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गतिशीलता में आई आधुनिकता यात्रा और परिवहन का बोझ तो कम करती ही है, आर्थिक विकास के लिए भी मददगार साबित होती है। 21वीं सदी का भारत स्वच्छ, भीड़भाड़रहित और सुविधाजनक गतिशीलता का लक्ष्य लेकर चले, यह आज समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम में अब उद्योग जगत और सभी हितधारकों की बहुत बड़ी भूमिका है।उन्होंने कहा कि नई नीति कचरे से कंचन के अभियान (वेस्ट टू वेल्थ) और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी है। यह नीति देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। पुनर्चक्रण, पुन:प्रयोग और भरपाई के सिद्धांत पर चलते हुए यह नीति ऑटो क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को भी नई ऊर्जा देगी। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, यह नीति देश में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश लाएगी और हजारों रोजगार का सृजन करेगी।इस सम्‍मेलन का आयोजन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसमें संभावित निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों और केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालयों की भागीदारी होगी। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे। वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त एवं प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक परिवेश तैयार करना है। इस नीति का उद्देश्य देशभर में स्वचालित परीक्षण स्टेशनों और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के रूप में स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्‍थापित करना है।...

 कांग्रेस ने उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत के मौके पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि दावों से उलट यह योजना भी सिर्फ जुमला साबित हुई है और इससे गरीबों को कोई फायदा नहीं मिला है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत ज्यादा होने से गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले सात साल में मोदी सरकार ने गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म कर रसोई गैस के दाम को दोगुना कर दिया और इसकी वजह से रसोई गैस गरीबों की पहुंच से दूर हो चुकी है। पार्टी ने उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर के दाम घटाकर 400 रुपये प्रति सिलेंडर करने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक कीमतें नहीं घटाई जातीं तब तक गरीबों को इस योजना का फायदा नहीं मिल पाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्ज्वला के दूसरे चरण की उत्तर प्रदेश के महोबा से की गई शुरुआत के बाद सुरजेवाला ने कहा कि लगभग आठ करोड़ उज्ज्वला गैस लेने वाले परिवारों में से चार करोड़ ने महंगाई की वजह से दोबारा गैस नहीं भरवाई है। इस लिहाज से उज्जवला योजना विफल रही है और यह न तो अपने घोषित लक्ष्यों को हासिल कर पाई और न ही गरीबों के लिए रसोई गैस ही उपलब्ध हुई है।40 फीसद उज्ज्वला परिवारों ने नहीं भरवाई गैस-उनके मुताबिक सरकारी आंकडों से ही पता चलता है कि आठ करोड़ में से 40 प्रतिशत परिवारों ने कोरोना काल में तीन मुफ्त सिलेंडर की योजना का लाभ भी नहीं लिया। इसकी वजह है कि बीते नौ महीने में रसोई गैस की कीमतों में 240 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है।सुरजेवाला ने कहा कि भारत में रसोई गैस के दाम सऊदी कंपनी अरैमको के एलपीजी मूल्यों के आधार पर तय होते हैं, जो अब 611.14 डालर प्रति मीट्रिक टन है। इस आधार पर गैस मूल्य की गणना की जाए, तो वह 644 रुपये 18 पैसे प्रति सिलेंडर बनता है मगर आम जनता से 850 से लेकर 900 रुपये प्रति सिलेंडर वसूला जा रहा है।...

पिछले कई दिनों से देशभर में चल रहा एक विशेष मुद्दा ओबीसी आरक्षण बिल आज लोकसभा मे पारित हो गया है. ऐसे में अब राज्य अपने स्तर पर ओबीसी लिस्ट तैयार कर सकेंगे. मत विभाजन के जरिए पास हुए इस बिल में राज्यों को अब ओबीसी आरक्षण को लेकर लिस्ट तैसार करने की छूट दी गई है. यानि इसे यूं कहें की अब राज्य खुद अपने स्तर पर लिस्ट तैसार कर सकेंगे. लोकसभा ने मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी जो राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के अधिकार को बहाल करने से जुड़ा है.निचले सदन में इस संविधान संशोधन विधेयक पर मतविभाजन के दौरान पक्ष में 385 मत पड़े और विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा. इस दौरान आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन एवं शिवसेना के विनायक राऊत के संशोधनों को सदन ने अस्वीकृत कर दिया. नियम के अनुरूप संविधान संशोधन विधेयक के रूप में इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत द्वारा या सभा में उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी था. निचले सदन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सदन में इस संविधान संशोधन के पक्ष में सभी दलों के सांसदों से मिला समर्थन स्वागत योग्य है.
उन्होंने कहा कि सभी ने ऐसा ही विचार व्यक्त किया है कि यह विधेयक ओबीसी के हितों को पूरा करने वाला है और इससे प्रत्येक राज्य अपने यहां ओबीसी जातियों के संदर्भ में निर्णय ले सकेंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों साफ है. इसी कारण यह विधेयक लेकर आए हैं. मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 102वें संशोधन के समय किसी संशोधन का प्रस्ताव नहीं दिया था और ऐसे में कांग्रेस को कोई् सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को सशक्त बनाया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान विधेयक से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोगों को मजबूती मिलेगी और संघीय ढांचा भी मजबूत होगा.वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक के साथ महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में ओबीसी समुदाय को फायदा मिलेगा. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि जहां तक 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा बढ़ाने की बात की है, सरकार इस भावना को समझती है. कई सदस्यों ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की मांग की है जिसे कई दशक पहले तय किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार सदस्यों की भावना से अवगत है. कुमार ने कहा कि इसलिये सभी संवैधानिक एवं कानूनी आयामों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है. चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, शिवसेना सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने पर विचार करने की सरकार से मांग की. कई विपक्षी सदस्यों ने जाति आधारित जनगणना कराने की भी मांग की.मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने मतविभाजन के जरिये संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी. इसे संविधान 105वां संशोधन के रूप में पढ़ा जायेगा. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि यह विधेयक यह स्पष्ट करने के लिये है कि यह राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने और उसे बनाये रखने को सशक्त बनाता है. इसमें कहा गया है कि देश की संघीय संरचना को बनाए रखने के दृष्टिकोण से संविधान के अनुच्छेद 342क का संशोधन करने और अनुच्छेद 338ख एवं अनुच्छेद 366 में संशोधन करने की आवश्यकता है. यह विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये है.गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 5 मई के बहुमत आधारित फैसले की समीक्षा करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें यह कहा गया था कि 102वां संविधान संशोधन नौकरियों एवं दाखिले में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े (एसईबीसी) को आरक्षण देने के राज्य के अधिकार को ले लेता है. वर्ष 2018 के 102वें संविधान संशोधन अधिनियम में अनुच्छेद 338 बी जोड़ा गया था जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के ढांचे, कर्तव्यों और शक्तियों से संबंधित है जबकि 342 ए किसी विशिष्ट जाति को ओबीसी अधिसूचित करने और सूची में बदलाव करने के संसद के अधिकारों से संबंधित है.पांच मई को उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति अशोक भूषण के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से महाराष्ट्र में मराठा कोटा प्रदान करने संबंधी कानून को निरस्त कर दिया था. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि संविधान 102वां अधिनियम 2018 को पारित करते समय विधायी आशय यह था कि यह सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची से संबंधित है. यह इस तथ्य को मान्यता देता है कि 1993 में सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की केंद्रीय सूची की घोषणा से भी पूर्व कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की अन्य पिछड़े वर्गों की अपनी राज्य सूची/ संघ राज्य क्षेत्र सूची है.लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार को पेगासस जासूसी मामला उठाया और सरकार से इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग की. गौरतलब है कि 19 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते आ रहे हैं. इसके कारण संसद में कामकाज बाधित रहा है और हंगामे के दौरान ही सरकार ने कई विधेयकों को पारित कराया है...

रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब मेंराज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस के साथ कोई लेन-देन किया था। भट्ट ने इसके जवाब में कहा कि रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस़ के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि इसराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नजर रखने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं। पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है।आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीयों की जासूसी के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल संबंधी मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए आरोपों का मकसद भारतीय लोकतंत्र की छवि को खराब करना है।सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।संसद के दोनों सदनों में दिये गए अपने एक बयान में वैष्णव ने कहा था कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का यह बयान मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर था कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित कई भारतीयों की निगरानी के लिये पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग किया गया था।...

दिल्ली के केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। विधायकों को अब 30,000 रुपए प्रतिमाह सैलरी मिलेगी।दिल्ली कैबिनेट द्वारा पास किए गए प्रस्ताव में विधायकों को वेतन और अन्य भत्तों को मिलाकर कुल 90,000 रुपए महीना मिलेगाअभी दिल्ली के विधायकों को प्रति माह 12,000 रुपए वेतन मिलता है। वर्तमान में भत्तों समेत विधायकों को 54,000 रुपए महीना मिलता है ...

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को समग्र शिक्षा अभियान -2.0 को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपए की लागत आएगी। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में समग्र शिक्षा अभियान को एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने को मंजूरी प्रदान कर दी ।केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने संवाददाताओं को इस बारे में बताया कि समग्र शिक्षा अभियान-2.0 पर 2.94 लाख करोड़ रूपये खर्च होंगे और इस राशि में केंद्र का हिस्सा 1.85 लाख करोड़ रूपये होगा। उन्होंने कहा कि इसके दायरे में सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ बच्चे और 57 लाख शिक्षक आयेंगे ।प्रधान ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान-2.0 योजना के तहत अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में बाल वाटिका, स्मार्ट कक्षा, प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी तथा आधारभूत ढांचे, व्यावसायिक शिक्षा एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का विकास किया जाएगा।समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार के तहत स्कूलों में ऐसा समावेशी और खुशहाल वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है जो विविध पृष्ठभूमियों, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न अकादमिक क्षमताओं का ख्याल रखता हो।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके तहत चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका स्थापित करने के साथ शिक्षक पाठ्य सामग्री (टी एल एम) तैयार की जाएगी, साथ ही स्मार्ट कक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी।उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष सहायता की जरूरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से मानदेय की व्यवस्था, सीखने की प्रक्रियाओं की निगरानी, शिक्षकों की क्षमता के विकास एवं प्रशिक्षण कार्य पर खास ध्यान दिया जाएगा।मंत्री ने कहा कि इसके तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का दायरा बढ़ाने एवं उनका उन्नयन व ‘हॉलिस्टिक’ रिपोर्ट कार्ड की प्रक्रिया को लागू करने पर जोर दिया जाएगा।...

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा, जिसमें बिस्तर से उठने में अक्षम वरिष्ठ नागरिकों को घर जाकर तत्काल कोविड-19 टीका लगाने की नीति पेश करने का सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एक जनहित याचिका पर यह नोटिस जारी किया. याचिका में इस प्रकार के मामलों के पंजीकरण के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का भी अनुरोध किया गया है.गठिया से पीड़ित 84 वर्षीय धीरज अग्रवाल ने यह याचिका दायर की है. उन्हें अभी तक टीका नहीं लगा है क्योंकि वह अपने खराब स्वास्थ्य के कारण टीकाकरण केंद्र नहीं जा सकते.याचिका में कहा गया है कि कई ऐसे वरिष्ठ नागरिक और बीमारी के कारण बिस्तर से उठ नहीं पाने वाले नागरिक हैं, जिनके संक्रमित होने का खतरा है. उनके पास टीकाकरण केंद्र पहुंचने के लिए निजी वाहन नहीं है या उनके परिवार में कोई ऐसा सदस्य नहीं है, जो पंजीकरण प्रक्रिया में उनकी मदद कर सके. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण केंद्र जाने के दौरान भी वरिष्ठ नागरिकों के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक है....

यह एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है।ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस माध्यम है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। यूजर इसे अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त कर सकता है।इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से तैयार किया है।ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा देने वाले को भुगतान किया जाए। प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि प्रौद्योगिकी को अपनाने में भारत आज दुनिया के किसी भी देश से पीछे नहीं है और वह नवोन्मेष तथा सेवा प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के मामले में वैश्विक नेतृत्व की क्षमता रखता है. प्रधानमंत्री ने यह बात डिजिटल भुगतान समाधान ई-रुपी लॉन्च करने के बाद अपने संबोधन में कही. उन्होंने कहा कि आज सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 300 से ज्यादा योजनाओं को लाभार्थियों को उपलब्ध करा रही है और करीब 90 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिल रहा है.उन्होंने कहा कि एक लाख पैंतीस हजार करोड़ रुपये अब तक सीधे बैंक खातों में पहुंचाए गए हैं. इस बार सरकार ने खाद्यान्नों की खरीदी की है और उसके लगभग 85 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से सरकार ने तकरीबन पौने दो करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचाए हैं. उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि प्रौद्यागिकी को अपनाने में वह किसी से भी पीछे नहीं हैं. नवोन्मेष की बात हो , सर्विस डिलीवरी में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है. मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी प्रगति को जो गति दी है, उसमें भी प्रौद्योगिकी की भूमिका बहुत अहम है....

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बाद धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी आने लगी है और जुलाई में यह फिर से एक लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार करते हुए 116393 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।8 महीने तक लगातार एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी राजस्व संग्रह के बाद जून में यह एक लाख के स्तर से नीचे आ गया था। जून महीने के लिए 92,849 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ था।अक्टूबर 2020 से लगातार जीएसटी राजस्व सँग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार बना हुआ है। अक्टूबर 2020 में 105,155 करोड़ रुपए, नवंबर 2020 में 104,963 करोड़ रुपए, दिसंबर 2020 में 115,174 करोड़ रुपए और इस वर्ष जनवरी में 119,875 करोड़ रुपए, फरवरी में 113143 करोड़ रुपए, मार्च में 123902 करोड़ रुपए, इस वर्ष अप्रैल में यह राशि अब तक के रिकार्ड 141384 करोड़ रुपए पर रहा था। मई में यह राशि 102709 करोड़ रुपए रहा था।वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी संग्रह के आंकड़ों के अनुसार जुलाई महीने के लिए संग्रहित राजस्व में सीजीएसटी 22,197 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 28,541 करोड़ रुपए, आईजीएसटी 57,864 करोड़ रुपए और 7790 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति उपकर शामिल है। आईजीएसटी में 27,900 करोड़ रुपए और क्षतिपूर्ति उपकर में 815 करोड़ रुपए आयातित वस्तुओं पर संग्रहित कर शामिलहैं।
सरकार ने आईजीएसटी राजस्व में से 28,087 करोड़ रुपए सीजीएसटी में और 24,100 करोड़ रुपए एसजीएसटी में हस्तातंरित किए हैं। ...

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन मंत्रिमंडल फेरबदल एवं जिलाध्यक्ष नियुक्ति प्रकरण में गजब की फुर्ती और कार्यक्षमता दिखा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कल जयपुर से दिल्ली पहुंचते ही माकन ने रिपोर्ट तैयार की और देर रात तक आलाकमान को सौंप दी. क्योंकि सोनिया गांधी 5 अगस्त को अमेरिका जा रहीं हैं और 21 अगस्त को वापस दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है. वहीं प्रियंका गांधी भी निजी कारणों से दो दिन पहले विदेश जा चुकीं. ऐसे में दिल्ली से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि राजस्थान का मसला आलाकमान की PRIORITY पर है. इसीलिए सोनिया के विदेश दौरे से पहले APPROVAL आ सकती है और जल्द से जल्द मंत्रिमंडल फेरबदल की घोषणा हो सकती है. साथ ही 33 जिलों में जिलाध्यक्षों की लिस्ट भी जारी होगी. इससे पहले अजय माकन ने तीन दिवसीय दौरा सम्पन्न कर दिल्ली लौटने से पहले पीसीसी की बैठक के बाद यह संकेत दे दिए. माकन ने कहा कि कई मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा जताई है यह खुशी की बात है. माकन ने साफ कहा कि विधायको ने फीडबैक के दौरान खुलकर गहलोत सरकार के कार्यों की तारीफ की. अजय माकन की जयपुर यात्रा के दो बड़े मैसेज सामने आए है पहला यह कि फिर से पार्टी एकजुट दिखी है. आलाकमान का साफ इशारा है 2023 के चुनाव के मद्देनजर अभी से तैयारी की जाए. माकन का यहीं प्रयास है कि आलाकमान की अथॉरिटी कायम रहे.  इसी सोच को बीते तीन दिनों में कांग्रेस सत्ता और संगठन के बीच पहुंचाने का काम माकन ने किया है. अपने प्रयासों में माकन कितने सफल होंगे यह अगस्त माह में होने वाले डेवलपमेंट से पता चल जाएगा. ...

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर दर्ज प्राथमिकी किसी तीसरे पक्ष के कहने पर रद्द नहीं कर सकता, क्योंकि यह फौजदारी कानून में एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रदीप कुमार यादव को इसे वापस लेने की अनुमति दे दी, लेकिन स्पष्ट किया कि याचिका का खारिज किया जाना प्राथमिकी रद्द करने के लिए अदालत का रुख करने वाले वास्तविक पीड़ित व्यक्ति की राह में आड़े नहीं आएगा।
पीठ ने कहा, हम तीसरे पक्ष के कहने पर प्राथमिकी रद्द नहीं कर सकते। यह सिर्फ अपवादस्वरूप मामलों में किया जा सकता है जैसे कि याचिकाकर्ता अदालत नहीं कर सकता हो या उसके माता-पिता यहां हों, लेकिन किसी तीसरे पक्ष के कहने पर नहीं। यह फौजदारी कानून में एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा।यादव ने कहा कि उन्होंने मामले का ब्योरा दाखिल किया है क्योंकि न्यायालय ने इसके लिए कहा था। यादव ने अपनी जनहित याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जिसकी न्यायालय ने अनुमति दे दी है। शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को यादव को पोस्टर चिपकाने के लिए दर्ज मामलों और गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची उसके संज्ञान में लाने को कहा था।न्यायालय ने कहा था कि वह केंद्र की टीकाकरण नीति की आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर प्राथमिकी नहीं दर्ज करने का पुलिस को आदेश नहीं दे सकता है। यादव ने याचिका दायर कर कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सिलसिले में मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी।उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त को टीकाकरण अभियान से जुड़े पोस्टर/ विज्ञापन/विवरणिका आदि के सिलसिले में कोई और मामला/प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में चिपकाए गए पोस्टरों के सिलसिले में कम से कम 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया।...

हाल ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हुए क्षेत्रीय चुनाव पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान कब्जाई जमीन पर चुनाव नहीं करवा सकता है। हाल ही पीओके में हुए चुनाव में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने जीत दर्ज की है।भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान पीओके से अवैध कब्जा हटाए। पीटीआई ने पीओके विधानसभा की 45 सीटों के लिए हुए चुनाव में से 25 सीटें जीती हैं।पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने इस चुनाव में हिंसा और धांधली के आरोप लगाए हैं। सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ ने चुनाव आयोग द्वारा घोषित अनौपचारिक नतीजों के हवाले से खबर दी है कि पीटीआई ने 25 सीटें जीती हैं, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 11 सीटें जीत कर दूसरे स्थान पर है और फिलहाल सत्ता पर काबिज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को सिर्फ 6 सीटें मिली हैं।...

 सरकार ने स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध संशोधन विधेयक सोमवार को राज्यसभा से वापस ले लिया। 2 बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध संशोधन विधेयक, 2012 वापस लिए जाने का प्रस्ताव किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।उस समय सदन में विपक्षी सदस्य विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे थे और कुछ सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे। यह विधेयक 2012 में संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया था और इसमें मूल कानून स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1986 में संशोधन तथा उसके दायरे में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था।सरकार ने विज्ञापनों, चित्रों सहित विभिन्न तरीकों से महिलाओं के अशिष्ट चित्रण पर रोक लगाने के लिए स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1986 को लागू किया था।...

मुख्‍य बिंदु
मन की बात से पहले राहुल गांधी का तंज
ट्वीट कर साधा वैक्सीनेशन को लेकर निशाना
अगर समझते देश के मन की बात, ऐसे न होते टीकाकरण के हालात
‘व्हेयर आर वैक्सीन’ हैशटैग का किया इस्तेमाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को कोविड-19 टीकाकरण की गति पर सवाल किया और कहा कि अगर देश के ‘मन की बात’ समझी गई होती तो टीकाकरण के ऐसे हालात न होते। उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से ठीक पहले आई।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अगर समझते देश के मन की बात, ऐसे न होते टीकाकरण के हालात। उन्होंने टीकाकरण की गति पर सरकार से सवाल पूछने के लिए ‘व्हेयर आर वैक्सीन’ हैशटैग का इस्तेमाल किया।

गांधी ने कथित धीमी टीकाकरण दर और मीडिया खबरों का उल्लेख करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया। वीडियो में भारत के टीकाकरण संबंधी आंकड़ों पर प्रकाश डाला गया है जिसका उद्देश्य कोरोना वायरस की तीसरी लहर को रोकना और दिसंबर 2021 तक दोनों खुराक के साथ 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य है।आंकड़ों में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि प्रति दिन 93 लाख लोगों का टीकाकरण किए जाने की जरूरत है और पिछले सात दिनों में वास्तविक दर (हर रोज औसत टीकाकरण) प्रति दिन 36 लाख है। इस तरह पिछले 7 दिनों में हर दिन 56 लाख टीकों का अंतर है। इसमें कहा गया है कि 24 जुलाई को वास्तविक टीकाकरण 23 लाख लोगों का हुआ यानी 69 लाख का अंतर रहा।



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भारत सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया गया है. वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के महंगाई भत्ते को 28 प्रतिशत तक बढ़ाने के फैसले के आदेश के क्रियांवयन के आदेश जारी कर दिए है. वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक जुलाई से महंगाई भत्ते (डीए) को बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के क्रियान्वयन का आदेश जारी कर दिया है.17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत तक किया गया महंगाई भत्ता:केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते तथा महंगाई राहत (डीआर) दर एक जुलाई से प्रतिशत 11 अंक की वृद्धि का फैसला किया था. इससे डीए की नई दर 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगी और केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों तथा 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा.वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते की दर एक जुलाई से मूल वेतन के 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगी. इस बढ़ोतरी में एक जनवरी, 2020, एक जुलाई, 2020 तथा एक जनवरी, 2021 से मिलने वाली अतिरिक्त किस्तें भी समाहित हो जाएंगी.वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये आदेश रक्षा सेवाएं अनुमान से भुगतान पाने वाले असैन्य कर्मचारियों पर भी लागू होगा. सैन्य बलों के कर्मचारियों तथा रेलवे के कर्मचारियों के लिए संबंधित मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग आदेश जारी किया जाएगा....

सीएम योगी ने निर्देश दिए कि कोविड महामारी को देखते हुए पर्व से जुड़े किसी आयोजन में एक समय में 50 से अधिक लोग एक स्थान पर एकत्र नहीं हों।उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 जुलाई को मनाए जाने वाले बकरीद के त्यौहार के लिए सोमवार को दिशा-निर्देश जारी किए। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बकरीद पर्व के मद्देनजर सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।सीएम योगी ने निर्देश दिए कि कोविड महामारी को देखते हुए पर्व से जुड़े किसी आयोजन में एक समय में 50 से अधिक लोग एक स्थान पर एकत्र नहीं हों। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी गोवंशीय पशु, ऊंट और अन्य किसी प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी नहीं हो।उन्होंने कहा कि कुर्बानी का कार्य सार्वजनिक स्थान पर नहीं किया जाए। इसके लिए चिन्हित स्थलों और निजी परिसरों का ही उपयोग हो। इस दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। इस बार ईद 21 जुलाई को मनाई जाएगी।...

कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड़्रा ने रविवार को कहा कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में दूसरे दलों से गठबंधन को लेकर उनका ज़हन बिल्कुल खुला है लेकिन ऐसा कोई भी समझौता पार्टी के हितों की कीमत पर नहीं होगा. प्रियंका ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अन्य पार्टियों से गठबंधन को लेकर उनका ज़हन बिल्कुल खुला हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी वह यह नहीं कह सकतीं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी या फिर गठबंधन करेगी. हालांकि कोई भी गठबंधन पार्टी के हितों की कीमत पर नहीं होगा. प्रिंयका गांधी बोली हमारा उद्देश्य भाजपा को हराना: कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हमारा उद्देश्य भाजपा को हराना है और दूसरी राजनीतिक पार्टियों को भी खुले ज़हन से इस (गठबंधन की) दिशा में सोचना चाहिए. प्रियंका ने खुद के उत्तर प्रदेश के राजनीतिक फलक से अक्सर गैरहाजिर रहने के भाजपा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पर्यटक नहीं हैं. भाजपा यह मिथ्या प्रचार कर रही है कि वह और उनके भाई राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं हैं. उन्होंने माना कि पार्टी 30-32 वर्षों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है और यह कुछ दुर्बल भी हो गई है. हालांकि, इसके कायाकल्प की पूरी कोशिशें की जा रही हैं और पार्टी में काफी नई ऊर्जा का संचार भी हुआ है. भाजपा की नाकामियों को जनता के सामने रखेंगे: प्रियंका ने बताया कि राज्य में कांग्रेस सेवादल में भी आमूलचूल बदलाव किए जाने की योजना है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह पिछले करीब डेढ़ साल से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे ज्यादा काम हुआ है. अब सभी लोग यह देख सकते हैं कि जनता के मुद्दों को आखिर कौन सी पार्टी उठा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे करके सत्ता में आने वाली भाजपा की असलियत अब जनता के सामने पूरी तरह जाहिर हो गई है और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की इन्हीं नाकामियों को जनता के सामने रखेगी. बाद में कि प्रियंका ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पार्टी के प्रांतीय सह प्रभारी धीरज गुर्जर और पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अनेक प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श भी किया ...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया. इन परियोजनाओं में पुनर्विकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन के ऊपर बना एक नया पांच सितारा होटल, गुजरात साइंस सिटी में एक्वेटिक्स और रोबोटिक्स गैलरी तथा नेचर पार्क शामिल हैं. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हुए. गांधीनगर स्टेशन पर बना पांच सितारा होटल 318 कमरों वाला है और 790 करोड़ रुपये की लागत से बना है. गांधीनगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास और उसके ऊपर पांच सितारा होटल का निर्माण जनवरी 2017 में शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री मोदी ने इनकी आधारशिला रखी थी. होटल के ठीक सामने एक सम्मेलन केंद्र स्थापित किया गया है जिसका नाम महात्मा मंदिर है। यहां संगोष्ठियों और सम्मेलनों में हिस्सा लेने वाले राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय अतिथि इस होटल में ठहर सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा पुनर्विकसित स्टेशन है जहां सुविधाएं हवाई अड्डों जैसी हैं. स्टेशन पर दो ऐस्केलेटर, दो ऐलीवेटर और प्लेटफॉर्म को जोड़ने वाले दो भूमिगत पैदल पार पथ हैं. प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद के साइंस सिटी में तीन नये आकर्षणों का उद्घाटन भी किया। इन आकर्षणों में एक एक्वेटिक गैलरी, एक रोबोटिक गैलरी और एक नेचर पार्क शामिल हैं. एक्वेटिक गैलरी का निर्माण 260 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है और यह देश का सबसे बड़ा एक्वेरियम है जबकि रोबोटिक गैलरी का निर्माण 127 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसमें 79 अलग-अलग प्रकार के 200 रोबोट रखे गए है. करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से बना नेचर पार्क 20 एकड़ क्षेत्र में फैला है और उसमें जानवरों की मूर्तियां बनी हैं और अलग-अलग तरह के उद्यान भी हैं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने गांधीनगर एवं वाराणसी के बीच एक नयी साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन, गांधीनगर एवं मेहसाणा के बीच एक मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन, 54 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत मेहसाना-वरेठा ब्रॉड गेज रेल लाइन और सुरेंद्रनगर एवं पिपावाव स्टेशन के बीच 266 किलोमीटर लंबा रेल खंड को भी राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने वडनगर रेलवे स्टेशन की नयी इमारत का भी उद्घाटन किया जिसका निर्माण 8.5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है....

केंद्र सरकार के बाद राजस्थान सरकार ने आज यानी बुधवार को अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते बढ़ाने का फैसला किया. राजस्थान सरकार ने राज्य कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी के 17% से बढ़ाकर 28% करने का फैसला किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी. सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि राजस्थान सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 17% से बढ़ाकर 28% करने का निर्णय किया है. 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की यह दर मान्य होगी. कोविड की कठिन परिस्थितियों के बावजूद कर्मचारियों को संबल देने हेतु इस फैसले पर राज्य सरकार लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना व्यय करेगी.बता दे कि केंद्र सरकार ने आज ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को 1 जुलाई, 2021 से फिर बहाल करने का फैसला किया है. इसके साथ ही महंगाई भत्ते की दर को 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है. इसका फैसला पीएम मोदी की अध्यक्षता हुई केंद्रीय कमिटी की बैठक में लिया गया. बाद में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों डीए और डीआर बहाल करने की पुष्टि की.केंद्र सरकार के बाद राजस्थान सरकार ने आज यानी बुधवार को अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते बढ़ाने का फैसला किया. राजस्थान सरकार ने राज्य कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी के 17% से बढ़ाकर 28% करने का फैसला किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी. सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि राजस्थान सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 17% से बढ़ाकर 28% करने का निर्णय किया है. 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की यह दर मान्य होगी. कोविड की कठिन परिस्थितियों के बावजूद कर्मचारियों को संबल देने हेतु इस फैसले पर राज्य सरकार लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना व्यय करेगी.आपकों बता दे कि केंद्र सरकार ने आज ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को 1 जुलाई, 2021 से फिर बहाल करने का फैसला किया है. इसके साथ ही महंगाई भत्ते की दर को 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है. इसका फैसला पीएम मोदी की अध्यक्षता हुई केंद्रीय कमिटी की बैठक में लिया गया. बाद में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों डीए और डीआर बहाल करने की पुष्टि की....

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद करेंगे और इस दौरान वहां के राज्यों में कोविड-19 की ताजा स्थिति और टीकाकरण अभियान की समीक्षा करेंगे. यह जानकारी अधिकारियों ने दी,वीसी के माध्यम से करेंगे समीक्षा बैठक:उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से असम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करेंगे.प्रधानमंत्री इस दौरान टीकाकरण की स्थिति का भी जायजा लेंगे. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब देश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी आई है और इसके तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है. देश में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 37,154 नए मामले सामने आए। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,08,74,376 हो गई. देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 37.73 करोड़ खुराक दी जा चुकी है. ...

विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की जनता को तीसरा विकल्प देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बिजली से संबंधित चार प्रमुख घोषणाएं कीं और कहा कि अगर आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में आई तो सबको 300 यूनिट बिजली और किसानों को पूरी बिजली मुफ्त दी जाएगी,अपने एक दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे केजरीवाल ने बातचीत में यह भी कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर बिजली के पुराने बिलों को भी माफ कर देगी और प्रदेश में 24 घंटे बिजली की लगातार आपूर्ति करेगी. इसके लिए उन्होंने सारा हिसाब-किताब कर लिया है जिसके तहत उत्तराखंड के 50 हजार करोड़ रुपये के बजट में से उनकी घोषणाओं को पूरा करने के लिए 1200 करोड़ रुपये की ही जरूरत होगी. भ्रष्टाचार मुक्त सरकार उपलब्ध कराएगी आप:केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में भी उनकी सरकार ऐसी ही योजना चला रही है जहां 60 हजार करोड़ रुपये के बजट में से पूरी दिल्ली के लिए केवल 2200 करोड़ रुपये की ही जरूरत पड़ती है. उनकी सरकार उत्तराखंड में राजस्व बढ़ाने के लिए ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार उपलब्ध कराएगी जिससे कर चोरी नहीं होगी और आयकर बढे़गा. सीएम ने कहा पहले खबर आई कि उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने हर परिवार को पहली 100 यूनिट बिजली मुफ्त और उसके बाद अगली 100 यूनिट बिजली आधी दरों पर देने का ऐलान किया है लेकिन ठीक 24 घंटे बाद यहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं है. जो कहती है, करके दिखाती है आप: केजरीवाल ने कहा कि आप जो कहती है वह करके दिखाती है और जुमलेबाजी नहीं करती. उन्होनें आरोप लगाया कि उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने मिलकर प्रदेश को बर्बादी की तरफ पहुंचा दिया है और जनता चक्की के इन दो पाटों के बीच पिस रही है. केजरीवाल ने कहा कि इन दोनों दलों ने बड़ी अच्छी सेटिंग कर रखी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 से रिकॉर्ड देख लीजिए. एक बार हम और एक बार तुम, एक बार हम लूटें, एक बार तुम लूटो. प्रदेश में बार-बार नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी पार्टी ने स्वयं अपने मुख्यमंत्रियों को बेकार बताया है. आम आदमी के लिए घर चलाना मुश्किल: उन्होंने कहा कि टिहरी बांध बनने से जिन लोगों की जमीन चली गयी थी, उन्हें मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन वह पूरा नहीं किया गया. आप नेता ने कहा कि दिल्ली में आज विकास का वह काम हो रहा है जो पिछले 70 साल में नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के दिल्ली में रहने वाले लोग यहां के लोगों को बताते हैं कि वहां कितना काम हो रहा है. महंगाई के मुद्दे पर केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी के लिए अपना परिवार चलाना मुश्किल हो गया है और इससे महिलाएं सबसे ज्यादा दुखी हैं. अगले साल की शुरुआत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग मन बना चुके हैं कि अब की बार वे आप की सरकार बनाएंगे. आप के राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगली बार जब वह यहां आएंगे तो मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में घोषणा करेंगे...

इस बार मोदी कैबिनेट में 42 फीसदी मंत्री दागी छवि के हैं। एडीआर (चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले समूह) की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल के 78 मंत्रियों में से 42 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है। इनमें से 4 पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले भी हैं। 15 नए कैबिनेट मंत्रियों और 28 राज्यमंत्रियों ने बुधवार को शपथ ली। इसके बाद मंत्रिपरिषद के कुल सदस्यों की संख्या 78 हो गई।एडीआर ने चुनावी हलफनामों का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी मंत्रियों के किए गए विश्लेषण में 42 प्रतिशत (33) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने का उल्लेख किया है। करीब 24 यानी 31 प्रतिशत मंत्रियों ने हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती आदि समेत गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।कूचबिहार निर्वाचन क्षेत्र के निशिथ प्रमाणिक ने अपने खिलाफ हत्या से जुड़े एक मामले की घोषणा की है। वे गृह राज्यमंत्री बने हैं। वे 35 वर्ष के मंत्रिपरिषद के सबसे युवा चेहरे भी हैं। 4 मंत्रियों- जॉन बारला, प्रमाणिक, पंकज चौधरी और वी. मुरलीधरन ने हत्या के प्रयास से जुड़े मामलों की घोषणा की है।इसके अलावा रिपोर्ट में जिन मंत्रियों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 70 (90 प्रतिशत) करोड़पति हैं। प्रति मंत्री औसत संपत्ति 16.24 करोड़ रुपए है। 4 मंत्रियों- ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल, नारायण तातु राणे और राजीव चंद्रशेखर ने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का उल्लेख किया है। 8 मंत्रियों ने अपनी संपत्ति 1 करोड़ रुपए से कम घोषित की है। इनमें प्रतिमा भौमिक, जॉन बारला, कैलाश चौधरी, बिश्वेश्वर टूडु, वी. मुरलीधरन, रामेश्वर तेली, शांतनु ठाकुर एवं निशिथ प्रमाणिक शामिल हैं। इनमें प्रतिमा भौमिक के पास सबसे कम 6 लाख की संपत्ति है।...

लखीमपुर खीरी जिले में पसगवां ब्लॉक की सपा प्रत्याशी रितु सिंह ने आरोप लगाया है कि जब वह नामांकन पत्र दाखिल करने जा रही थीं तो रास्ते में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रस्तावक के साथ बदसलूकी की और उसके कपड़े फाड़ दिए।पुलिस ने इस मामले में भाजपा सांसद रेखा वर्मा के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया है।इतना ही नहीं नामांकन पत्र दाखिल करते समय रितु सिंह का नामांकन पत्र छीनकर फाड़ दिया गया। हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद वह नामांकन दाखिल करने में सफल रही।समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी निशाना साधा है। उन्होंने सत्ता के भूखे योगी के गुंडे कहते हुए सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो पोस्ट भी किया।आप नेता संजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा- 'क्या चुनाव आयोग नाम की संस्था समाप्त हो चुकी है? लखीमपुर खीरी में ब्लॉक प्रमुख की प्रस्तावक के साथ खुलेआम गुंडागर्दी की गई। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव रद्द हो।'...

देश के 174 जिलों में कोरोना के ‘अल्फा’, ‘बीटा’, ‘गामा’ और ‘डेल्टा’ स्वरूप की मौजूदगी का पता चला है। इस वजह से एक बार फिर कोरोना के तेजी से संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। चिंता की बात यह है कि नए स्वरूप टीके की खुराक ले चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहे हैं।ये 174 जिले राजधानी दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल और गुजरात के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन जिलों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है। भारत में अभी तक कोरोना वायरस के 120 से भी अधिक म्यूटेशन की पहचान हुई है, इनमें से अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा स्वरूप ने सबसे ज्‍यादा खतरनाक साबि‍त हुए हैं। इसके बाद ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप भी तेजी से बढ़ रहा है।बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया है कि जहां संक्रमण अधिक होगा, वहां लॉकडाउन लगाया जा सकता है। पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ते कोरोना के ग्राफ के मद्देनजर एक बार फिर लॉकडाउन लगाने पर विचार किया जा सकता है। अब तक 73 से अधिक जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक हो चुकी है, जिनमें से 48 जिले पूर्वोत्तर राज्यों से हैं।बीते 24 घंटे में 45, 892 नए मरीज मिले हैं और 817 लोगों की संक्रमण से जान चली गई है। जिनमें हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का नाम भी शामिल है।नए संक्रमितों की संख्या 40 हजार से नीचे गिर जाने के बाद पिछले दो दिनों से 40 हजार से अधिक मरीज मिले हैं। पिछले दो दिनों से नये संक्रमितों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। देश डेल्टा प्लस वैरिएंट के बीच अब लैम्बडा वैरिएंट का भी एक मरीज मिला है। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,07,09,557 पहुंच गए हैं। वहीं अब तक कोरोना से 4,05,028 की जान जा चुकी है।...

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में 30 लोकसभा और 11 राज्यसभा के सदस्य हैं. इसके साथ ही, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन दो ऐसे मंत्री हैं जो फिलहाल संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. सोनोवाल फिलहाल असम विधानसभा सदस्य हैं. इस मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं.राज्यसभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण नारायण राणे, जद (यू) अध्यक्ष आरसीपी सिंह, भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, हरदीप पुरी, मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला शामिल हैं. भाजपा के ही राजीव चंद्रशेखर, बीएल वर्मा, भागवत कराड को राज्य मंत्री बनाया गया है और ये तीनों मंत्री राज्यसभा के सदस्य हैं.लोकसभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें भाजपा के डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के नेता पशुपति कुमार पारस शामिल हैं.इनके अलावा, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, भाजपा के एसपी सिंह बघेल, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, निशीथ प्रामाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी लोकसभा सदस्य हैं जो राज्य मंत्री बने हैं....

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार का कांउट डाउन शुरू हो चुका है। जल्द ही होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले राजस्थान के बीजेपी नेताओं में भी हलचल है। राजस्थान के 6 नेता केंद्र में मंत्री बनने की दावेदारी में हैं। ​राजस्थान से एक मंत्री को ड्रॉप करके 2 नए चेहरों को मौका दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।2 सांसद दिल्ली में-मोदी कैबिनेट विस्तार में चूरू सांसद राहुल कस्वां, सीकर सासंद सुमेधानंद सरस्वती, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, राजसमंद सांसद दीया कुमारी, पाली सांसद पीपी चौधरी और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव के नाम चर्चा में हैं। केंद्र में राजस्थान से अभी तीन मंत्री हैं, जिनमें से गजेंद्र सिंह कैबिनेट और अर्जुन मेघवाल और कैलाश चौधरी राज्य मंत्री हैं। गजेंद्र सिंह के पास अभी जलशक्ति मंत्रालय है। उनका कद बढ़ाया जा सकता है। एक मंत्री को ड्रॉप करने की चर्चा है। एक नया चेहरा और एक ड्रॉप करने वाले की जगह को मिलाकर 2 मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं हैं। राजनीतिक गलियारों में राहुल कस्वां, सुमेधानंद सरस्वती और सीपी जोशी के नामों की ज्यादा चर्चा है। सुमेधानंद सरस्वती और राहुल कसवा दिल्ली में ही हैं। सीपी जोशी का भी आज देर रात तक दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है।फोन का इंतजार
राजस्थान से मंत्री पद के दावेदार कई सांसद शपथ ग्रहण समारोह के फोन का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली मेें कई नेताओं ने तो शपथ ग्रहण समारोह के लिए नई ड्रेस भी रातों रात सिलवा ली है। दावेदार नेता फोन पर तत्काल उपलब्ध हो रहे हैं।राजस्थान के दावेदारों के सियासी समीकरण-राहुल कस्वां-राहुल कस्वां चूरू से लगातार दूसरी बार सांसद हैं। राहुल के पिता रामसिंह कस्वा चूरू से सांसद रहे हैं। शेखावाटी के क्षेत्रीय और जातीय सियासी समीकरणों के लिहाज से राहुल कस्वां का नाम दावेदारों में है।सुमेधानंद सरस्वती-सीकर से लगातार दूसरी बार सांसद सुमेधानंद सरस्वती की निर्विवाद छवि है। आर्य समाज से हैं। आर्य समाज से उत्तर भारत में बड़ा वर्ग जुड़ा है। आर्य समाज के अलावा किसान जातियों में भी उनका अच्छा प्रभाव है। इस वर्ग को मैसेज देने के लिए सुमेधानंद को मंत्री बनाया जा सकता है।
सीपी जोशीचितौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी आरएसएस के नजदीकी हैंं। आरएसएस उनकी पैरवी भी कर रहा है। ढंग से पैरवी हुई तो सीपी जोशी को मौका मिल सकता है। मेवाड़ का केंद्रीय मंत्रिमंडल में अभी प्रतिनिधित्व भी नहीं है।दीया कुमारी-राजसमंद से सासंद और सवाईमाधोपुर से विधायक रह चुकीं दीया कुमारी जयुपर के पूर्व राजघराने से संबंध रखती हैं। उन्हें मौका देने पर मेवाड़ और जयपुर दोनों क्षेत्रों में मैसेज जाता है। इसलिए उनके नाम की चर्चा है।भूपेंद्र यादव-राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव बीजेपी में लीगल मामलों में वरिष्ठ नेताओं की मदद करने के साथ संगठनात्मक कामों और इलेक्शन मैनेजमेंट संभालते रहे हैं। यूपी चुनावों को देखते हुए उन्हें मौका दिया जा सकता है।...

पुष्कर सिंह धामी  उत्तराखंड  के ग्याहरवें सबसे युवा मुख्यमंत्री बने है. धामी ने रविवार को राजभवन  में CM पद की शपथ ली. धामी के अलावा, सतपाल महराज, हरक सिंह रावत ने भी शपथ ली है. इसके अलावा, वंशीधर, यशपाल आर्य, बिशन सिंह को भी राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलवाई है. धामी के नाम का ऐलान शनिवार को देहरादून में हुई बीजेपी के विधायक दलों की बैठक में किया गया था. पुष्कर सिंह को CM बनाए जाने के कारण कई नेताओं में नाराजगी:-उनके मुख्यमंत्री बनाए जाने की वजह से कई BJP नेताओं में नाराजगी की भी बातें सामने आई थीं. सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि आज सुबह से ही इस मामले पर बंद कमरे में बैठकें की जा रही थीं. ऐसी चर्चा थी कि पार्टी का एक खेमा पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाए जाने से नाराज है. हालांकि, BJP विधायकों ने इस बात को नकार दिया था.राजभवन में हुआ शपथ्रहण समारोह:-राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह  में BJP के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे. सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, बिशन सिंह चुफल, मदन कौशिक, गणेश जोशी, अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, बंशी धर भगत शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए राजभवन पहुंचे थे. पुष्कर सिंह धामी से पहले तीरथ सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन संवैधानिक संकट के चलते उन्होंने चार महीने के भीतर ही इस्तीफा दे दिया. उन्हें छह महीनों के भीतर विधानसभा पहुंचना जरूरी था.कई घंटों तक प्रदेश अध्यक्ष के घर चलीं बैठकें-रविवार की सुबह विधायकों के दिल्ली पहुंचने की खबरें:
इससे पहले सुबह ऐसी खबरें भी आई थीं कि 35 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं. हालांकि, बीजेपी विधायकों ने इसे अफवाह बताया है. बीजेपी विधायक बनसिधर भगत का कहना है कि "मैंने 35 विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बारे में कहीं पढ़ा है. प्लीज मुझे बताएं कि वो कौन विधायक हैं? ये सब अफवाह हैं. हमारे नेता पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हुए हैं."धामी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से की मुलाकात:-रविवार सुबह से एक ओर बीजेपी विधायकों की मीटिंग चल रही है तो दूसरी ओर पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्रियों से मिलने उनके घर पहुंचे. धामी ने सुबह-सुबह पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) और त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम मेजर जनरल भुवन चंद खडूरी से भी उनके घर जाकर मुलाकात की. इन तीनों के अलावा धामी ने राज्य के मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) से भी उनके घर पर मुलाकात की. कांग्रेस बोली- बीजेपी की गुटबंदी सामने आई:-वहीं, सीएम बदलने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तराखंड के अंदर राजनीतिक अस्थिरता फैलाने का काम किया है और लोगों के घाव पर मरहम की जगह नमक छिड़क दिया है. -मैं इस्तीफा वापस नहीं लूंगा, जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष से मिलूंगा: हेमाराम,उन्होंने आगे कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि 5 साल पहले 2016 में इसी तरीके से घटनाक्रम हमारी पार्टी में हुआ था जब हमारे बहुत सारे साथी हमें छोड़कर अलग हुए थे. बीजेपी ने जिस तरह से उन साथियों के नेतृत्व को आहत किया है उससे आज वह तमाम साथी आहत हैं. इसीलिए नए मुख्यमंत्री के बनने पर भाजपा में गुटबंदी सामने आ रही है. ...

प्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार और नियुक्तियों की सुगबुगाहट तेज हो गई है. राजस्‍थान में अब जल्द ही बड़े स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियां  और मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना जताई जा रही है. गहलोत-पायलट कैंप के नेता लगातार दिल्ली के दौरे कर रहे हैं. कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी होम क्वॉरंटीन खत्म कर लिया. मुख्यमंत्री गहलोत लगातार विधायकों से फीडबैक ले रहे हैं,मुख्यमंत्री ने कई विधायकों से की फोन पर बात: -इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कई विधायकों से फोन पर बात की है. इस दौरान उन्होंने मंत्रियों के दौरों, उनके कामकाज, बजट घोषणाओं को लेकर ब्यूरोक्रेसी की सक्रियता और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर फीडबैक लिया है. मुख्यमंत्री गहलोत मंत्रियों का परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड बना चुके हैं. रिपोर्ट कार्ड के आधार पर कई मंत्रियों की छुट्टी या विभागों में बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है. जल्द मसला खत्म करना चाहता है आलाकमान:-आपको बता दें कि सचिन पायलट ने हाल ही में सुलह कमेटी द्वारा की जा रही देरी को लेकर सवाल उठाए थे. सचिन पायलट चाहते हैं कि उनके लोगों को जल्द से जल्द मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों में जगह दी जाए. आलाकमान भी अब इस मुद्दे को लेकर गंभीर है. वहीं पायलट खेमे की ओर से हुई बयानबाजी से भी पार्टी में विपरीत माहौल बना था. जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल होने पर विधायकों की नाराजगी बड़े स्तर पर सामने आने की संभावना जताई जा रही है. पार्टी इसे लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. दरअसल सचिन पायलट अपने लोगों की मंत्रिमंडल में एंट्री करवाना चाहते हैं. वहीं दूसरी ओर सियासी संकट के दौरान सरकार का साथ देने वाले कई विधायक भी मंत्री बनने का सपना संजोए हुए हैं. बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने का इंतजार है, तो सरकार का साथ देने वाले कुछ निर्दलीय विधायक भी इस कतार में हैं. जबकि मंत्रिमंडल में खाली पद केवल 9 हैं. इसे लेकर पहले ही मन टटोले जा रहे हैं साथ ही ऐसा फॉर्मूला लाने की भी कवायद हो रही है. जिससे कम से कम डैमेज हो.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय  ने गुरुवार को बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों  के पास अब भी कोविड-19 रोधी टीके की 1.24 करोड़ से ज्यादा खुराकें उपलब्ध हैं तथा अगले तीन दिनों में उन्हें 94,66,420 और खुराकों की आपूर्ति की जाएगी.मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार  (मुफ्त तरीके से) और राज्यों की सीधी खरीद की श्रेणी से अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 32.92 करोड़ खुराकों की आपूर्ति की गई है. इनमें बर्बाद हुई 31,67,50,891 खुराकें भी शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास लोगों के टीकाकरण (vaccination) के लिए अब भी 1.24 करोड़ (1,24,50,909) से ज्यादा खुराकें हैं. अगले तीन दिनों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 94,66,420 और खुराकों की आपूर्ति की जाएगी.मंत्रालय ने कहा कि केंद्र देश भर में कोविड-19 रोधी टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है....

मेरठ। कहते हैं कि न शराबी से दोस्ती अच्छी और न ही दुश्मनी। इसका जीता-जागता उदाहरण मेरठ के बढला गांव का है, जहां एक साधु की हत्या की ईंट से कुचलकर हत्या कर दी गई। हत्या का शक उसके शराबी साथियों पर जा रहा है जिनके साथ उसने बीती रात बैठकर शराब पी थी। आज मंगलवार सुबह साधु का नग्न शव गांव की सड़क पर मिलने से हड़कंप मच गया। हत्या का शक साधु के साथ शराब पीने वाले ग्रामीणों पर है। पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।ग्रामीणों ने बताया कि साधु का शव नग्नावस्था में सड़क पर मिला। माना जा रहा है कि जिन लोगों ने रात उनके साथ शराब पी है, उन्होंने ही ईंटों से वार करके मौत के घाट उतार दिया। घटनास्थल पर 4 देसी शराब के पव्वे और कोल्डड्रिंक की बोतल मिली है, साथ ही साधु का टूटा हुआ दांत भी घटनास्थल पर मिला है। साधु के साथ शराब पीने वाले लगभग 25 से लेकर 35 साल के बीच के बताए जा रहे हैं। साधु को रात में फोन करके बुलाया गया था और आज सुबह उसका शव मिला है। हत्या किसी अन्य जगह पर हुई है और शव को सड़क पर लाकर फेंका गया है। इस मामले में साधु के साथ खाने-पीने वाले योगेंद्र और उसके एक साथी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
मुंडाली थाना अंतर्गत बडला गांव में सिद्धपीठ चामुंडादेवी का मंदिर है। इस मंदिर के पास ही चंद्रपाल साधु पिछले 12 साल से ही अपनी साधना कर रहे थे। साधु खाने-पीने के शौकीन थे। अक्सर कुछ लोगों के साथ उनकी पार्टी होती थी। बीती रात भी इस पार्टी के बाद उनकी हत्या हुई है। हत्या खाने-पीने के विवाद में हुई है या किसी अन्य वजह से? पुलिस इसकी जांच कर रही है। वहीं घटना की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की टीम भी साक्ष्य एकत्रित कर रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया। पुलिस जल्दी ही इस हत्या का खुलासा करने का दम भर रही है।...

देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है। अब जल्द ही तीसरी लहर का अंदेशा भी जताया जा रहा है। हालांकि तीसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार ने राहत भरी खबर दी है। यह राहत भरी खबर आईसीएमआर की एक स्टडी में सामने आई है। कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि तीसरी लहर आने में अभी 6-8 महीने का वक्त है।उन्होंने जुलाई या अगस्त से बच्चों को भी वैक्सीन लगने की उम्मीद जताई है। डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, 'आईसीएमआर ने एक स्टडी की है, उसके मुताबिक, कोरोनावायरस की तीसरी लहर देर से आएगी। हमारे पास 6-8 महीने का समय है। सबको टीका लगाने के लिए हमारे पास इतना वक्त है। आने वाले वक्ते में हम हर दिन 1 करोड़ टीके लगाएंगे।' डॉ. एनके अरोड़ा ने जुलाई अंत से या फिर अगस्त से 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों को कोरोनावायरस वैक्सीन लगने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने जानकारी दी कि जायडस कैडिला की कोरोनावायरस वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है।अरोड़ा ने कहा, ' जायडस कैडिला की वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है। जुलाई के आखिर या अगस्त तक हम संभवत: वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे। 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी।' सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के सामने अपनी कोरोना वैक्सीन 'जायकोव-डी' के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए जल्द ही आवेदन दे सकता है। कंपनी का दावा है कि इसे वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है।...

कोविड महामारी  में राजस्थान  पिछले और इस साल कोरोना मैनेजमेंट को लेकर काफी सराहनीय कार्य किया है. वही पर वैक्सीनेशन में भी ये अव्वल रहा है. प्रतिदिन राजस्थान 15 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की क्षमता रखता है. ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन डोज की मांग की है.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने PM मोदी को पत्र में लिखा है कि राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में वैकसीन उपलब्ध करवाई जाए. कहा कि राजस्थान वैक्सीनेशन में देशभर में  में अग्रणी राज्य रहा है. देश में अब तक 2.36 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. राजस्थान में प्रतिदिन 15 लाख तक वैक्सीन लगाने की क्षमता विकसित की है. लेकिन हमको प्रतिदिन औसतन 3 से 4 लाख डोज़ ही प्राप्त हो रही है. राज्य के सभी निवासियों जिनकी सैकिंड डोज़ ड्यू हो गयी है. इनके लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए. जिससे हम संभावित तीसरी लहर को रोक सकें....

पंजाब कांग्रेस में चल रही गुटबाजी के बीच आज सांसद राहुल गांधी दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रदेश कांग्रेस के कुछ विधायकों से मुलाकात करेंगे। यहां राज्य में चल रहे राजनीतिक गतिरोध पर चर्चा होगी। इससे पहले उन्होंने बुधवार को पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल से मुलाकात की थी। तब सुनील जाखड़ ने राजनीतिक स्थिति को जल्द सुलझाने की बात कही थी।साथ ही उन्होंने पंजाब में 2 विधायक के बच्चों को सरकारी नौकरी देने के मामले पर भी अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग मुख्यमंत्री को गलत सलाह दे रहे, जिस वजह से इस तरह के फैसले लिए गए।जाखड़ ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह के बीच चल रही आपसी खींचतान को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा ये परामर्श का हिस्सा है। इधर, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हरीश रावत ने एक रिपोर्ट पार्टी को सौंपी है। इसका जवाब 8 से 10 जुलाई को दिया जाएगा। इसके बाद सोनिया गांधी की तरफ से गठित की 3 सदस्यीय कमेटी के सामने नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी बात रखनी होगी।गुटबाजी खत्म करने बनाया पैनलकांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश अग्रवाल और हरीश रावत हैं। यह कमेटी कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करके उनका फीडबैक लेगी। कांग्रेस के लिए पंजाब महत्वपूर्ण राज्य है, क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से है। जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है। अगर गुटबाजी बनी रही तो इसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।इसलिए बिगड़ी बात-2015 के गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद कोटकपूरा में धरने पर बैठे लोगों पर हुई फायरिंग को लेकर पंजाब सरकार ने SIT बनाई थी। पिछले महीने हाईकोर्ट ने इस SIT और उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस में खासी खींचतान शुरू हो गई। कांग्रेस के एक धड़े ने यह आरोप लगाया कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में सही ढंग से केस को पेश नहीं किया, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू इस मसले को लेकर लगातार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते आ रहे हैं।पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा, सांसद रवनीत बिट्टू एकजुट हो गए। इसके बाद विधायक परगट सिंह, सुरजीत सिंह धीमान ने भी सरकार की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए।हाल ही में 26 मई को किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर एक ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान संगठनों से प्रदर्शन नहीं करने की अपील की थी, वहींं इसके उलट नवजोत सिद्धू ने पटियाला और अमृतसर स्थित अपने घर पर कृषि कानूनों के विरोध में काले झंडे फहराए थे।...

 राज्य सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय  के अधिकारों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील है तथा प्रदेश में इन ऊभयलिंगी व्यक्तियों के लिए सुरक्षा एवं न्याय का बेहतर माहौल बनाने के लिए कृतसंकल्प है. इस क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ (सेल) के गठन का निर्णय लिया है. उन्होंने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. DGP Office में होगा गठित-प्रस्ताव के अनुसार, राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय  में यह ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा. प्रकोष्ठ में एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस उपनिरीक्षक, दो कॉन्स्टेबल के अतिरिक्त संविदा आधार पर एक कॉउन्सलर अथवा मनोविज्ञानी परामर्शदाता और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित कुल 6 व्यक्ति नियोजित किए जाएंगे. इस सेल मेें गैर-शासकीय  सदस्य के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय के एक प्रतिनिधि को आवश्यकता होने पर बैठक के लिए अवैतनिक सदस्य  के रूप में आमंत्रित किया जा सकेगा. नवसृजित पद आदेश जारी होने की तिथि से फरवरी, 2022 तक के लिए अस्थाई रूप से प्रभावी रहेंगे.ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम-2019 के तहत गठित इस सेल का मुख्य कार्य ट्रांसजेंडर (ऊभयलिंगी) व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण एवं उनको सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ राज्य स्तरीय ट्रांसजेंडर न्याय बोर्ड और जिला ट्रांसजेंडर न्याय समितियों  के बीच समन्वय करना होगा. यह प्रकोष्ठ ट्रांसजेंडर के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम, निगरानी तथा इससे जुड़े मामलों को समय पर पंजीकृत कर जांच और अभियोजन सुनिश्चित करने का काम करेगा.गहलोत का यह निर्णय ट्रांसजेंडर समुदाय के विरूद्ध अपराधों को नियंत्रित करने तथा उनके सशक्तीकरण की दिशा में बड़ी पहल साबित होगा. ...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने में केंद्र द्वारा असमर्थता जताए जाने को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी  सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार की क्रूरता है. उन्होंने ट्वीट किया कि जीवन की क़ीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवज़ा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार यह भी करने को तैयार नहीं. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की यह क्रूरता.....। गौरतलब है कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ...

राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल-विस्तार को लेकर लेटेस्ट अपडेट सामने आई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब पायलट कैंप द्वारा आलाकमान को मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले लोगों की एक सूची सौंपे जाने की चर्चा है. माकन से हुई मुलाकात में पायलट ने 6 नामों की सूची सौंपी है. इन 6 नामों में इंद्राज गुर्जर का भी नाम शामिल है. अब इस नई सूची के बाद एक बार फिर उठ रहे सवाल ?अब इस नई सूची के बाद एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं ? क्या पायलट कैम्प से मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे 6 लोग ? क्या कुल 9 नए बनाए जाने वाले मंत्रियों में से 6 मंत्री होंगे पायलट कैम्प से ? ऐसे में क्या होगा सरकार का साथ देने वाले 102 विधायकों का ? ...और क्या होगा निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों का ? क्या इस बार भी इन लोगों को नहीं मिलेगा इनकी वफादारी का पुरस्कार ? अजय माकन के बयान की प्रतिक्रिया आई:
वहीं दूसरी ओर राजस्थान  में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच अब अजय माकन के बयान की प्रतिक्रिया आई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्दलीय-BTP और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक पायलट कैंप के खिलाफ रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं. कल प्रभारी माकन  के बयान के बाद इन विधायकों में असंतोष उभरा है. बयान के बाद से सभी विधायक एक-दूसरे के संपर्क में है. इसके साथ ही एक-दूसरे से मिलकर रणनीति बनाई जा रही है. इन विधायकों की अगले सप्ताह एक बड़ी बैठक होने जा रही: 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी क्रम में इन विधायकों की अगले सप्ताह एक बड़ी बैठक होने जा रही है. जयपुर के एक पांच सितारा होटल में सभी मिलकर रणनीति बनाएंगे. पायलट कैंप के खिलाफ ये सभी विधायक बड़ा फैसला ले सकते हैं. अलबत्ता इन सभी विधायकों ने सरकार बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ...

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बुधवार को यहां शासन सचिवालय मे डेयरी बूथों के आवंटन को लेकर विभाग की बैठक ली. बैठक में बूथ आवंटन के सरलीकरण को लेकर चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रस्तावित प्रक्रिया का मॉडल अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा. मुख्य सचिव ने राज्य में विशेष अभियान चलाकर नए डेयरी बूथों के आवंटन की गति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोविड की इस विषम परिस्थितियों में रोजगार की दृष्टि से ये डेयरी बूथ लोगों के लिए आजीविका का माध्यम बन सकेंगे. आरसीडीएफ पूरे प्रदेश में करेगा 5000 डेयरी बूथ आवंटित-बैठक में शासन सचिव, पशुपालन , मत्स्य एवं गोपालन विभाग, डॉ. आरूषी अजेय मलिक ने बताया कि RCDF प्रदेश भर में 5000 डेयरी बूथ आवंटित करने जा रहा है, जिसके लिए लिए लगभग 26 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें जयपुर से ही 4326 आवेदन मिले हैं. बैठक में जयपुर, जोधपुर और कोटा में आवंटित डेयरी बूथ की मैपिंग को लेकर भी चर्चा हुई.बैठक में गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता एवं आरसीडीएफ के एमडी के एल स्वामी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे....

कोरोना के चलते पिछले डेढ़ वर्षों से स्कूल बंद है. ऐसे में बच्चों के लिखने, समझने की क्षमता पर काफी असर पड़ा है. एक सर्वे की अगर मानें तो राजस्थान के करीब 40 फीसदी बच्चों की लेखन क्षमता खराब हुई है, तो वहीं उनकी लर्निंग कैपेसिटी और लिखने की समय सीमा में भी बढ़ोतरी हुई है. ऑनलाइन क्लास से बोर हो चुके बच्चे भी अब अपनी स्कूलों को याद करने लगे हैं.बच्चों का कहना है कि स्कूल में ब्लैक बोर्ड पर लिखवाया जाता है जिससे लिखने की गति बढ़ती है. इसके साथ ही स्कूलों में राइटिंग पेज भी होने की वजह से लेखनी अच्छी होती है. लेकिन ऑनलाइन क्लास में सिर्फ होमवर्क दिया जाता है. ऐसे में लिखने और समझने की क्षमता पर थोड़ा असर पड़ा है.वहीं, अभिभावक और ट्यूशन टीचर का कहना है कि बच्चों के लेखन समय में काफी बढ़ोतरी हुई है. पहले जहां एक पेज लिखने में 10 से 12 मिनट तक का समय लगता था. वह बढ़कर करीब 15 से 20 मिनट हो गया है. इसके साथ ही समझने की क्षमता और लेखन की क्षमता में भी काफी प्रभाव पड़ा है.
दरअसल, पिछले साल कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद से सरकार ने सबसे पहले स्कूलों को बंद करने का फैसला किया था. इसके बाद सरकार ने कोविड केस को बढ़ते हुए देख लॉकडाउन का ऐलान किया था. लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था शुरू की गई थी. लेकिन अब ऑनलाइन क्लास को लेकर जो सर्वे सामने आ रहे हैं, उसमें बच्चों की लेखनी और समझने की क्षमता काफी खराब बताई जा रही है....

सचिन पायलट गुट के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी का फिर बड़ा बयान सामने आया हैं. वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत कलियुग के भगवान हैं. भगवान से गुहार है कि मंत्रिमंडल विस्तार करें.पायलट गुट के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी का फिर आया बड़ा बयान-कहा,"कलियुग के भगवान हैं मुख्यमंत्री, भगवान से गुहार है कि मंत्रिमंडल विस्तार करें, कार्यकर्ताओं की सुनें,ढाई साल से सुन नहीं रहे तो क्या करें?कार्यकर्ताओं की सुनें,ढाई साल से सुन नहीं रहे तो क्या करें? कलियुग के भगवान से पूजा-पाठ कर मनाने की हमारी कोशिश है. जब तक पार्टी में आस्था है गुहार लगाएंगे, जिस दिन आस्था ख़त्म उस दिन पूजा-पाठ ख़त्म हो जाएगा....

ग्रेटर नगर निगम की महापौर को निलंबित करने के मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया हैं. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रखा. डॉ.सौम्या की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने पैरवी करते हुए अदालत को कहा कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 39 के तहत दुर्व्यवहार के आधार पर याची को हटाया गया, लेकिन नगर पालिका अधिनियम में दुर्व्यवहार शब्द परिभाषित ही नहीं है.
जांच रिपोर्ट के अनुसार निगम आयुक्त के साथ पार्षदों द्वारा अभद्र व्यवहार करने का आरोप है, लेकिन सरकार ने राजनैतिक द्वेषता के कारण महापौर का निलंबन किया है. महापौर पर कोई स्पेसिफिक एलीगेशन नहीं है. नगर पालिका अधिनियम के सेक्शन 38 ,39 व 43 का भी हवाला दिया गया. उन्होंने कहा कि IAS की जांच RAS को दे दी जो कि उसका सब-ऑर्डिनेट होता है.नगर पालिका अधिनियम के सेक्शन 48 व 49 का भी हवाला दिया. मेयर के फंक्शन और मेयर के पावर्स को भी डिफाइन किया. इस पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने अदालत को कहा कि नगर पालिका अधिनियम के तहत महापौर का निलंबन वैधानिक है और प्रारंभिक जांच के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है. जांच अधिकारी क्षेत्रीय निदेशक है उन्होंने स्वतंत्र जांच की है. सरकार याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना भी प्रारंभिक जांच के आधार पर कार्रवाई कर सकती है. इसके बाद ही याचिकाकर्ता को नोटिस दिया गया,लेकिन याचिकाकर्ता ने नोटिसकाजवाबहीनहींदिया.याचिकाकर्ता न्यायिक जांच के दौरान अपना पक्ष रख सकती है.साथ ही महाधिवक्ता ने मिस कंडेक्ट को डिफाइन करते हुए कुछ रुलिंग के बारे में भी बताया. पंचायती राज अधिनियम की भी कुछ रुलिंग के बारे में भी बताया. ...

वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद  ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उस बयान पर कांग्रेस से अपना रुख साफ करने का कहा है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर यह कहा था कि मोदी सरकार के सत्ता से बाहर होने पर कांग्रेस अनुच्छेद-370 को खत्‍म करने के फैसले पर पुनर्विचार करेगी. वहीं कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर दिग्विजय की टिप्पणी कांग्रेस के रुख के अनुरूप है.अनुच्छेद-370 को रद्द करना बहुत ही दुखी करने वाला फैसला है:उल्‍लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर आए ऑडियो टेप के मुताबिक दिग्विजय सिंह  ने कहा था कि अनुच्छेद-370 को रद्द करना और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म करना बहुत ही दुखी करने वाला फैसला है. उम्‍मीद है कि कांग्रेस इस मसले को दोबारा देखेगी. इस बयान पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा- कांग्रेस नेतृत्व अनुच्छेद-370 के मसले पर चुप्पी साधे हुए है. क्या कांग्रेस अनुच्छेद-370 को बहाल करना चाहती है। चुप रहने का समय नहीं है. कांग्रेस को दिग्विजय सिंह के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि अनुच्छेद-370 निरस्त करते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सुशासन बहाल करने का BJP ने वादा किया था. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दूर-दराज क्षेत्रों में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण जिस तेजी के साथ चल रहा है वह सुशासन का ही संकेत है. वहीं कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा है कि अनुच्छेद-370 को निरस्त करने से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचोंपर कश्मीर के मसले को उठाने का मौका मिला. इसके चलते भारत की काफी आलोचना हुई. इस मसले पर दिग्विजय सिंह की टिप्पणी कांग्रेस के रुख के अनुरूप है....

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के सोपोर शहर में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि बंदूक उठाने से किसी मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता, केवल बातचीत के जरिए ही मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं. महबूबा ने उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले में संवाददाताओं से कहा, कि हम ऐसे हमलों की निंदा करते हैं. इससे जम्मू-कश्मीर की किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के हमले कश्मीर के लोगों को बदनाम करते हैं.उन्होंने कहा कि न ही नई दिल्ली की बंदूकों और न ही यहां के युवाओं द्वारा उठाई गईबंदूकों से किसी मसले का हल निकलेगा. वास्तव में इससे समस्या और बढ़ेगी. इस तरह के हमले कश्मीर के लोगों को बदनाम करते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि आतंकवाद के नाम पर घाटी में और अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की जाती है. मेरा मानना है कि केवल बातचीत के जरिए ही प्रत्येक मुद्दे का हल निकाला जा सकता है.ज्ञातव्य है कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर शहर में शनिवार दोपहर पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक संयुक्त दल पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें दो पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों की मौत हो गई....

प्रदेश की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने भी विधायकों का मन टटोलना शुरू किया है. सीएम गहलोत ने पिछले तीन दिन में कई विधायकों से मुलाकात की है. लेकिन इनमे सबसे खास चर्चा 3 निर्दलीय विधायकों की है. देर रात निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला व सुरेश टांक ने मुख्यमंत्री गहलोत ने मुलाकात की है. वहीं इससे पहले खुशवीर सिंह जोजावर को भी मिलने बुलाया था. इनके अलावा माकपा विधायक बलवान पूनिया भी सीएम गहलोत से मिले हैं. बलवान पूनिया ने देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लंबी चर्चा की है. इस दौरान क्षेत्रीय मुद्दों के साथ प्रदेश की राजनीति पर चर्चा हुई. वहीं विधायक खिलाड़ी बैरवा भी मुख्यमंत्री से मिले थे. सीएम गहलोत से मुलाकात के दौरान सभी विधायकों ने एक बार फिर कहा कि जब भी आप आवाज देंगे, आपके साथ खड़े मिलेंगे. बता दें कि प्रशांत बैरवा, अमीन खां, गोविंद मेघवाल, इंद्रा मीणा और राजेंद्र गुढ़ा भी सीएम गहलोत से मिल चुके हैं. पायलट के समर्थन में भी खुलकर सामने आने लगे समर्थक:वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट समर्थक एक-एक विधायक एक बार फिर से खुलकर सामने आने लग गये हैं. लेकिन इस पूरे मामले में सचिन पायलट ग्रुप के चार विधायकों की चुप्पी चर्चा का विषय बनी हुई है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो यह खड़ा होता है कि आखिर इन चार विधायकों की चुप्पी का राज क्या है? इन चार विधायकों में रमेश मीणा, बृजेन्द्र ओला, दीपेंद्र शेखावत व हरीश मीणा के नाम को लेकर सियासी गलियारों में अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही है. ये चारों विधायक दो दिन से चल रही मुलाकात में भी नहीं आए. पायलट ग्रुप से सबसे पहले भंवरलाल शर्मा छिटके थे, वो पायलट खेमा छोड़कर अशोक गहलोत के पास आ गए थे. इसके बाद विश्वेंद्र सिंह व पीआर मीणा ने सीएम गहलोत की तारीफ की. पीआर मीणा ने कहा- पायलट साहब कहेंगे मरना है तो मर जाएंगे
हालांकि शुक्रवार को दौसा के भंडाना में राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए पीआर मीणा ने कहा-जहां पायलट साहब कहेंगे वहां जाएंगें. वहीं मुख्यमंत्री के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. इस दौरान पीआर मीणा ने कहा कि अगर पायलट साहब कहेंगे मरना है तो मर जाएंगे. उल्लेखनीय है कि पीआर मीणा ने एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. राजस्थान के हालात को लेकर जयपुर से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है. कल शाम सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं. पायलट दिल्ली में आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. आज-कल में सचिन पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. सचिन पायलट से कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी संपर्क में हैं. वहीं सचिन पायलट के कल दिल्ली जाने के बाद आज सुबह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी आज सुबह दिल्ली पहुंच गए हैं. डोटासरा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान के सहप्रभारी रह चुके काजी निजामुद्दीन की मां के निधन पर संवेदना जताने के लिए आने की बात कही है. बताया जाता है कि डोटासरा प्रभारी अजय माकन से पूरे मसले पर चर्चा करेंगे. ...

राजस्थान में सचिन पायलट और उनके खेमे की नाराजगी को लेकर एक सियासी हलचल लगातार तेज हो रही है। पायलट पिछले साल उनसे किए गए वादे 10 महीने बाद भी पूरे नहीं होने पर नाराजगी जता चुके हैं। इस बीच पायलट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के संपर्क में हैं। बताया जाता है कि कल देर रात उनकी फोन पर प्रियंका से बात हुई है। पायलट आज दिल्ली के लिए रवाना भी हो गए हैं।पायलट के पास विधायक कम होने के संकेतपिछले साल सचिन पायलट ने जब बाड़ेबंदी की थी, उस वक्त उनके साथ 18 विधायक दिखे थे। लेकिन पिछले दो दिन में हुए घटनाक्रम में पायलट के साथ कम विधायक दिखने से राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि गहलोत सरकार के सामने कोई संकट नहीं है।गुरुवार को पायलट के घर सिर्फ पांच विधायक राकेश पारीक, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाखर, वेदप्रकाश सोलंकी और सुरेश मोदी मिलने पहुंचे थे। जबकि शुक्रवार को सचिन के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में तीन विधायक मुरारीलाल मीणा, जीआर खटाणा और अमर सिंह जाटव मौजूद शामिल हुए। हालांकि कोरोना के चलते इस बार श्रद्धांजलि का कार्यक्रम छोटा ही रखा गया था। पायलट ने शुक्रवार सुबह दौसा के जीरोता और भंडाना गांव पहुंचकर पिता को श्रद्धांजलि दी और फिर जयपुर लौट गए।पायलट को मनाने में पिछली बार प्रियंका की अहम भूमिका रही थीपायलट दिल्ली में कांग्रेस के सीनियर लीडर्स से मिल सकते हैं। लेकिन नजरें इस पर रहेंगी कि पायलट की प्रियंका से मुलाकात कब होती है। क्योंकि पिछली बार बगावत के बाद उन्हें मनाने में प्रियंका की ही अहम भूमिका रही थी। जाहिर है कि पायलट को लेकर अब कांग्रेस की चिंता इसलिए भी बढ़ गई होगी, क्योंकि दो दिन पहले ही राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद BJP में शामिल हो गए थे।पायलट दिल्ली में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। ये दोनों ही नेता पायलट के मुद्दे को लेकर पिछले साल बनाई गई सुलह कमेटी में शामिल हैं। हालांकि इस कमेटी की रिपोर्ट 10 महीने बाद भी नहीं आई है और पायलट की नाराजगी की वजह भी यही है।सचिन ने नाराजगी के बावजूद कांग्रेस में रहकर लड़ने के संकेत दिएसचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार से नाराजगी तो जाहिर की है, लेकिन यह संकेत भी दिए हैं कि ​वे कांग्रेस में रहकर ही संघर्ष करेंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पायलट की मुख्य लड़ाई कांग्रेस से नहीं बल्कि अशोक गहलोत से है। इन दोनों के बीच सत्ता का संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में पायलट शामिल
सचिन पायलट जयपुर में महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पायलट ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने की पैरवी की है। वे कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में लगातार हिस्सा ले रहे हैं। इसके पीछे लगातार सक्रिय रहने की रणनीति है।विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफा देने के बाद पहली बार पायलट से मिलेअपने इलाके के विकास में भेदभाव समेत दूसरे मुद्दों पर नाराज होकर इस्तीफा देने वाले विधायक हेमाराम चौधरी गुरुवार रात जयपुर पहुंचे थे। शुक्रवार को उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की है। हेमाराम चौधरी पायलट के समर्थक हैं और पिछले साल बाड़ेबंदी में उनके साथ ही थे। हेमाराम का कहना है, 'मैं इस्तीफा दे चुका हूं। अध्यक्ष जब बुलाएंगे तब मैं उनके सामने पेश ​हो जाऊंगा। इस्तीफे पर फैसला अध्यक्ष को करना है।...

सियासी उठापठक  के बीच गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिनों के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं. आज दोपहर 3:30 बजे वह राजधानी पहुंच जाएंगे. इसके बाद शाम 4 बजे के गृह मंत्री अमित शाह  से मुलाकात करेंगे. इसके बाद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा  से मिलेंगे. कल सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात होगी.जितिन प्रसाद के BJP जॉइन करने से कई तरह की चर्चाओं का बाजार गरमाया:पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद  के BJP जॉइन करने के बाद राजनीतिक गलियारों  का बाजार गर्म हो गया है. इसके तुरंत बाद योगी के दिल्ली जाने से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. बताया जाता है कि योगी मोदी, शाह और नड्‌डा से मिलकर मंत्रिमंडल के विस्तार  और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा कर सकते हैं.
मोदी-शाह तक पहुंच चुकी है यूपी की रिपोर्ट:कुछ दिनों पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री  (संगठन) BL संतोष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार के कामकाज का जायजा लिया था. कई मंत्रियों से मुलाकात करके उनकी नाराजगी जानी थी. संगठन से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने इसकी पूरी रिपोर्ट 5 और 6 जून को दिल्ली में हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से शेयर की थी. फिर नड्‌डा और BL संतोष इस रिपोर्ट को लेकर पीएम मोदी के पास पहुंचे थे. उन्हें पूरी रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है.पीएम मोदी से मिलने का एजेंडा:कोरोना महामारी  के सेकंड वेव में कैसे हालात रहे और सरकार ने कैसे कम समय में इन हालात पर काबू पाया. थर्ड वेव के लिए यूपी में कैसी तैयारी है, कैसे हेल्थ सेक्टर में काम किया है. बच्चों को लेकर सरकार ने अस्पतालों में क्या व्यवस्था की है. पोस्ट कोविड  के लिए सरकार की रणनीति और तैयारियों की रिपोर्ट पेश करेंगे सीएम योगी. वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर भी जानकारी देंगे. यूपी में 2022 में चुनाव है उससे पहले यूपी को कोरोना फ्री करने की बड़ी चुनौती सरकार के पास है. इसको लेकर भी प्रधानमंत्री से चर्चा संभव है.
जल्द हो सकता है कैबिनेट का विस्तार:सीएम योगी के दिल्ली पहुंचते ही एक बार फिर से यूपी में कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. बताया जाता है कि योगी के यूपी आने के बाद इसका ऐलान हो सकता है. सरकार में कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है. इसके अलावा कुछ लोगों को संगठन में भी जिम्मेदारी दी जाएगी. तमाम निगम, आयोग और बोर्ड के पदों को भी भरे जाने हैं.20 दिन में UP से मिले 5 बड़े संकेत:जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार का विस्तार हो सकता है. नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. सरकार के नाराज विधायकों को संगठन में बड़ा पद और मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है. BJP के चुनावी मैदान में उतरने से पहले RSS की एक टीम जनता के बीच जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही अगले साल होने वाले चुनाव में BJP का चेहरा होंगे.
डिप्टी सीएम केशव मौर्य को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है....

आज DNA में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक सम्बोधन का विश्लेषण करेंगे. कल 7 जून को प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीन को राजनीतिक विरोध से बचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किया.पीएम मोदी के फैसले की अहम बातेंइस निर्णय के तहत अब भारत सरकार देश में 18 से 44 वर्ष के उम्र के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाएगी और राज्य सरकारों को कंपनियों से वैक्सीन की खरीद नहीं करनी होगी. यानी प्रधानमंत्री का ये फैसला उस वैक्सीन की तरह है, जो इस विषय पर हो रहे राजनीतिक विरोध को खत्म कर देगी. इसलिए आज हम इस फैसले का विश्लेषण आपके लिए करेंगे.सबसे पहले आपको इस फैसले की प्रमुख बातें बताते हैं-पहला फैसला ये है कि अब केन्द्र सरकार 18 से 44 वर्ष के उम्र के लोगों को भी मुफ्त वैक्सीन लगाएगी.-अब तक केन्द्र सरकार 45 साल से ऊपर के लोगों को देशभर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रही थी.-1 मई को लागू हुए फैसले में भारत सरकार ने तय किया था कि वैक्सीन के कुल उत्पादन को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा.-कुल उत्पादन में से वैक्सीन की 50 प्रतिशत डोज केंद्र सरकार रखेगी और बाकी 50 प्रतिशत डोज राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों को दी जाएंगी.-अब होना ये था कि राज्य सरकारों को कं​पनियों से वैक्सीन की खरीद करनी थी और अपने राज्यों में 18 से 44 साल के लोगों को इसका टीका लगाना था.
-लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हमारे देश में इस पर राजनीति शुरू हो गई और गैर बीजेपी राज्य सरकारों ने वैक्सीन को राजनीति का टूल बना लिया और देश में वैक्सीन को लेकर अव्यवस्था की तस्वीर पेश की गई,दिल्ली सरकार ने एक नहीं कई बार कहा कि कंपनियां सरकार को वैक्सीन नहीं दे रही हैं.यही नहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वैक्सीनेशन को राजनीतिक मुद्दा बना दिया--पंजाब ने भी यही किया. पंजाब में वैक्सीन खत्म होने की बात कही गई और दावा किया गया कि कंपनियां राज्य को वैक्सीन नहीं दे रही हैं.-महाराष्ट्र ने तो ये आरोप लगाया कि कम्पनियों ने वैक्सीन देने के लिए लम्बा समय मांगा है.-इस वजह से महाराष्ट्र में कुछ दिनों के लिए 18 से 44 साल के लोगों के लिए कई वैक्सीनेशन सेंटर्स को बंद भी किया गया.-छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी यही हुआ, लेकिन अब इस राजनीति को ही केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया है. फैसले के तहत अब वैक्सीन के कुल उत्पादन में से 75 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार को मिलेगा और 25 प्रतिशत डोज प्राइवेट अस्पतालों को उपलब्ध कराई जाएंगी. यानी बदलाव ये हुआ है कि जो 25 प्रतिशत डोज राज्य सरकारों के लिए रखी गई थी और जिनकी खरीद में कई राज्यों को मुश्किल हो रही थी, अब उसका काम भी केंद्र सरकार करेगी. सरल शब्दों में कहें तो राज्य सरकारों के नाकाम होने के बाद केन्द्र सरकार ने इस काम को अपने हाथ में लिया है.यानी  केन्द्र सरकार अब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को देशभर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में वैक्सीन लगाएगी. राज्य सरकारों को अब वैक्सीन कंपनियों से नहीं, बल्कि केन्द्र सरकार से मिलेंगी और यही वजह है कि हम सरकार के इस फैसले को राजनीतिक विरोध की वैक्सीन कह रहे हैं.
अब आपको दूसरे बड़े फ़ैसले के बारे में बताते हैंदूसरा बड़ा फैसला ये है कि अब प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की एक डोज के बदले मनमाने पैसे नहीं वसूले जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन की एक डोज़ पर 150 रूपये से ज्यादा सर्विस चार्ज नहीं ले पाएंगे.इस हिसाब से देखें तो प्राइवेट अस्पतालों में कोविशील्ड की एक डोज की अधिकतम कीमत 750 रुपये होगी क्योंकि, कंपनी से इसकी एक डोज प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपये में मिल रही है.
वैक्सीन की एक डोज के लिए वसूले जा रहे थे मनमाने पैसेऔर कौवेक्सीन की एक डोज की अधिकतम कीमत 1350 रुपये होगी क्योंकि, प्राइवेट अस्पतालों को इसकी एक डोज कंपनी से 1200 रुपये में मिल रही है. ये फैसला बहुत जरूरी था क्योंकि, प्राइवेट अस्पतालों में लोगों से वैक्सीन की एक डोज के लिए मनमाने पैसे वसूले जा रहे थे. इस आप सोशल मीडिया पर हुए एक सर्वे के नतीजों से समझ सकते हैं.ये सर्वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स ने किया है. जिसमें ये बात सामने आई कि भारत में 23 प्रतिशत लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन की एक डोज के लिए एक हजार रुपये से ज्यादा पैसे दिए और कोवैक्सीन के लिए 1500 रुपये से दो हजार रुपये तक दिए.इसके अलावा 3 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की एक डोज़ के लिए 2000 रुपये से भी ज्यादा की रकम खर्च की है. इससे ये बात तो स्पष्ट है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन्स से प्राइवेट अस्पताल खूब मुनाफा कमा रहे हैं.सरल शब्दों में कहें तो कोरोना की वैक्सीन, हमारे देश के बहुत से प्राइवेट अस्पतालों के लिए मुनाफा बनाने की वैक्सीन साबित हो रही थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि सरकार ने वैक्सीन की एक डोज पर 150 रुपये के सर्विस चार्ज को तय कर दिया हैये वो दो बड़ी बातें हैं, जिनका ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया.ये फैसला जरूरी क्यों था?अब आपको ये बताते हैं कि ये फैसला जरूरी क्यों था? असल में वैक्सीन पर विपक्षी पार्टियों का राजनीतिक विरोध उसी दिन से शुरू हो गया था, जिस दिन से कोरोना के टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी.राज्य सरकारों और विपक्षी दलों ने जारी रखी राजनीति भारत में 16 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हुआ, लेकिन इसके शुरू होते ही कुछ नेताओं ने इस पर लोगों में भ्रम और डर फैलाना शुरू कर दिया. पहले इन नेताओं ने कहा कि भारत की मेड इन इंडिया वैक्सीन सुरक्षित नहीं है. कोवैक्सीन को मंज़ूरी मिलने के बाद कुछ राज्य सरकारों ने कहा कि वो इस वैक्सीन की खरीद नहीं करेंगी और अपने राज्यों में लोगों को ये वैक्सीन नहीं लगाएंगे. वैक्सीन के साथ दवाइयों की वितरण प्रणाली पर भी इन राज्य सरकारों और विपक्षी दलों ने राजनीति जारी रखी.इसी राजनीति के बीच कुछ दलों ने ये मांग कर दी कि सरका...

जयपुर नगर निगम ग्रेटर मेयर सहित तीन पार्षदों को सरकार की ओर से निलंबित करने के बाद प्रदेश की राजनीति गर्मा चुकी है। जिस आधार पर ग्रेटर की मेयर व पार्षदों को निलंबित किया है इससे अधिक आरोप अलवर में कांग्रेस सभापित पर हैं। लेकिन, कांग्रेस सरकार को यह सब नजर ही नहीं आया और जयपुर में अधिकारी से मारपीट व अभद्र बर्ताव के आरोप लगाने के तुरंत बाद सभापति व तीन पार्षदों को रातोंरात सस्पेंड कर दिया गया। इस आधार पर विपक्ष की राजनीति मुखर हो गई है। यहां पूर्व कार्यकारी कमिश्नर कुमार संभवव अवस्थी ने तो कांग्रेस सभापति बीना गुप्ता के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके अलावा कांग्रेस के पार्षद ही सभापति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। परिषद में पैसे लेकर काम करने का सदन में ऑडियो वायरल हो चुका है।अलवर में सभापति व कमिश्नर के बीच विवाद और पार्षदों की लड़ाई भाजपा के लिए बड़ा हथियार बनती नजर आने लगी है।पूर्व कमिश्नर कुमार संभव अवस्थी ने सभापित बीना गुप्ता के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि सभापति ने 10 अगस्त 2020 को उनके साथ मारपीट की। इंदिरा रसोई योजना के टेंडर को लेकर कमिश्नर को खुद के चैंबर में बुलाया गया था। इसके बाद कमिश्नर से हाथापाई कर दी। पूर्व आयुक्त अवस्थी ने मारपीट करने की रिपोर्ट ही थाने में दर्ज कराई थी।अलवर में कांग्रेस सभापति बीना गुप्ता व कांग्रेस के ही पार्षदों के बीच आरपार की लड़ाई जारी है। बोर्ड की बैठक में कांग्रेस के पार्षद व पूर्व नेता प्रतिपक्ष नरेन्द्र मीणा ने भ्रष्टाचार से जुड़ा एक ऑडियो वायरल किया था। जिसमें यह बताया गया कि नगर परिषद में किस तरह पैसे लेकर काम किए जाने लगे हैं।के बाद हाल में पं जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने केा लेकर सभापति व कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा के बीच विवाद का वीडियो वाय्ररल हो गया। जिसमें सभापित ने कहा कि मैं शहर की सभापति हूं। पहले मैं माल्यापर्ण करूंगी। आप कार्यकारी जिलाध्यक्ष हैं। सब जगह पहले आकर खड़े हो जाते हैं। आगे से हटिए तभी माल्यापर्ण करूंगी। इस घटना के बाद कांग्रेस के करीब 16 पार्षदों ने लिखकर दिया कि सभापित को नहीं हटाया गया तो वे पद से इस्तीफा दे देंगे। अलवर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह के कहने पर भी पार्टी व सरकार के स्तर के निर्णय किए जाते हैं।
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भाजपा की राजस्थान इकाई ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के निलंबन को राज्य सरकार का ‘‘तानाशाहीपूर्ण और अलोकतांत्रिक कदम’’ बताया और कहा कि पार्टी इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी और प्रदर्शन करेगी. राज्य सरकार ने नगर निगम आयुक्त के साथ कथित दुर्व्यवहार करने के मामले में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर और तीन पार्षदों को रविवार देर रात निलंबित कर दिया.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोमवार को कहा कि यह सरकार का तानाशाहीपूर्ण, अलोकतांत्रिक कदम है. भाजपा इसकी निंदा करती है. पूनिया ने कहा कि भाजपा इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी और सोमवार शाम को शहर के सभी 250 वार्डों में प्रदर्शन किया जाएगा. पार्टी मंगलवार को राज्य में इस मुद्दे को लेकर सभी मंडलों व नगर निकाय में विरोध प्रदर्शन करेगी.कांग्रेस बहुत लंबे समय से वह षड्यंत्र रच रही थी:भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को जयपुर में हार का इतना मलाल था कि बहुत लंबे समय से वह षड्यंत्र रच रही थी. सत्तारूढ़ दल पहले कमेटियों के जरिए और उसके बाद बजट के मामले में भेदभाव करती रही और उसकी परिणति कल इस रूप मेंहुईहै.उन्होंनेकहाकिअधिकारियोंवजनप्रतिनिधियों की बीच मामूली विवाद अक्सर होते हैं लेकिन इसका मतलब नहीं है कि वे मुकदमों में तब्दील हो जाएं. इस तरह के सामान्य विवाद को आपराधिक मामले में तब्दील करना यह सरकार की ‘‘हिटलरशाही’’ का एक नमूना है.आयुक्त के साथ पार्षदों के कथित तौर पर दुर्व्यवहार का आरोप:उल्लेखनीय है कि जयपुर शहर में दो निगम बनने के बाद पहली बार पिछले साल नवंबर में चुनाव हुए थे. जयपुर ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्ड में से भाजपा 88 में, कांग्रेस 49 में तथा निर्दलीय 13 वार्ड में जीते. यहां भाजपा की सौम्या गुर्जर महापौर बनीं. आरोप है कि शुक्रवार को एक बैठक के दौरान निगम आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह और महापौर के बीच तीखी बहस हुई. इसके बाद बैठक छोड़कर जा रहे आयुक्त के साथ पार्षदों ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया. स्वायत्त शासन विभाग ने इस मामले में महापौर सौम्या गुर्जर और पार्षद अजय सिंह चौहान, पारस जैन (तीनों भाजपा) और शंकर शर्मा (निर्दलीय) को निलंबित कर दिया है....

बीते कुछ समय से कर्नाटक की राजनीति में उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कम से कम आधे विधायकों के साथ बढ़ते असंतोष के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में कई बार उनके इस्तीफे की अटकलों को भी बल मिलता है। इस बीच खुद येदियुरप्पा ने बताया है कि वह आखिर इस्तीफा कब देंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यहां भाजपा में कोई वैकल्पिक नेतृत्व नहीं है। जिस दिन पार्टी आलाकमान मुझसे इस्तीफा देने को कहेगा, उसी दिन मैं इस्तीफा दे दूंगा। वहीं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डॉ सीएन अश्वत्नारायण ने कहा कि उनके (सीएम येदियुरप्पा के) पद छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने केवल एक बयान दिया कि पार्टी जो भी निर्णय लेती है, उसका पालन करने को तैयार हैं क्योंकि वह पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं।आपको बता दें कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के खिलाफ आवाज हाल के दिनों में तेज हो गई है। कई विधायक पहले से ही उन समूहों को समर्थन दे रहे हैं जो मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहे हैं। घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में केंद्रीय नेतृत्व के कम से कम दो वरिष्ठ नेताओं ने येदियुरप्पा से मुलाकात की है। हालांकि, बैठक में क्या हुआ यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य में पूर्ण चुनावी मोड में आने में सिर्फ एक साल बाकी है, इसलिए भाजपा को अपना निर्णय तेजी से करना होगा क्योंकि अगर वे अधिक समय लेते हैं तो यह और अधिक "महंगा" साबित हो सकता है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बेटे बीवाई विजयेंद्र ने शुक्रवार को कहा, "उनके (येदियुरप्पा के) अनुभव के लिए हमारे प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं है। विजयेंद्र हों या कोई और वह प्रशासन चलाना जानते हैं।"
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भिवाड़ी(अलवर): पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह  व राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी वेव में जितनी भी मौतें हुई है उन सब के जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. क्योंकि कोरोना की दूसरी वेव को देखते हुए सभी इंतजाम पूर्व में किए जा सकते थे. लेकिन वो नहीं कर पाए.  वैक्सीनेशन को लेकर भी बड़ा आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैक्सीन सिर्फ पैसे वालो व सेठ साहूकारों को ही मिल पा रही है गांव तक तो वैक्सीन पहुंच ही नहीं रही. जिसको लेकर मोदी सरकार पूरी तरह से कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी वेव में पूरी तरह से असफल रही है.  उद्योगों व श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार एक बड़ी रिबेट दें:आपको बता दें कांग्रेस के महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह व राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली शनिवार को भिवाड़ी व तिजारा के दौरे पर रहे. साथ ही टीकाराम जुली ने मांग करते हुए कहा की उद्योगों व श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार एक बड़ी रिबेट दें. जिससे उद्योगों को बचाया जा सके व श्रमिकों को सहायता मिल सके.  20 लाख करोड़ की सहायता राशि कहां गई:इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए टीकाराम जूली ने कहा कि 20 लाख करोड़ की सहायता राशि उद्योगों व श्रमिकों के लिए जारी की गई थी आखिर वो गई कहां गौरतलब है कि पूर्व मंत्री व वर्तमान राजस्थान के कैबिनेट मंत्री शनिवार को भिवाड़ी तिजारा स्थित समस्त विधानसभा के अस्पतालों के निरीक्षण के लिए दौरे पर रहे. ...

वैक्सीन बर्बादी को लेकर राज्यपाल की और से जांच के निर्देशों ने राज्य की सियासत को उफान पर ला दिया है. सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कहा की राज्यपाल भले आदमी है,लेकिन वो अंडर प्रेशर काम कर रहे हैं,केंद्र सरकार का राज्यों पर दबाव का अपना एजेंडा है. राज्यपाल को मजबूर होकर जांच की बात करनी पड़ी.जांच में सामने आ जाएगा कि हमने अनुमत सीमा से कम वैक्सीन बर्बाद की. हम जांच से डरे या घबराए नहीं हैं. राज्यपाल ने सभी को फ्री वैक्सीन की बात तो नहीं कही जबकि उन्हें इसकी मांग करनी चाहिए थी. जोशी ने कहा कि वैक्सीन खराब होने के कई कारण होते हैं. इसीलिए एक पैमाना बनाया जाता है कि इतना प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो सकता है. जोशी ने दावा किया कि राजस्थान में सबसे कम कोरोना वैक्सीन वेस्ट हुई है. अब पता नहीं राज्यपाल ने क्यों इसकी जांच बैठाई है? जोशी ने कहा कि महामहिम अपने भाषण में कहते हैं कि यह मेरी सरकार है और अब एक ऐसे मुद्दे को जो मुद्दे नहीं है, उसको जांच करने की बात की जा रही है. जोशी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को लेकर माहौल बनाया जा रहा है, जबकि हमारे पास पूरा रिकॉर्ड है कि कितनी वैक्सीन वेस्ट हुई. जोशी ने राज्यपाल पर केंद्र सरकार के दबाव में काम करने के आरोप लगाए हैं. जोशी ने कहा कि पहले भी राज्यपाल ने केंद्र की मोदी सरकार के दबाव में आकर विधानसभा सत्र बुलाने में आनाकानी की, लेकिन उस समय हमने सोचा कि गवर्नर की गरिमा रखें, अब एक बार फिर गवर्नर वही काम कर रहे....

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने कहा कि ग्राम स्वराज के माध्यम से गांवों का सर्वांगीण विकास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  का सपना था. उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से पंचायतों के लिए जारी आदर्श नागरिक पत्र इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. पंचायतों के लिए जारी आदर्श नागरिक पत्र कार्यक्रम को किया संबोधितख्यमंत्री शुक्रवार को केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर  के मुख्य आतिथ्य में वीडियो कॉन्फ्रेंस  के जरिए देश की पंचायतों के लिए जारी आदर्श नागरिक पत्र कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने भारत सरकार के मॉडल पंचायत सिटीजन चार्टर जारी करने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जनहित से जुड़े कामों को गति मिलने के साथ ही सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित होगी और गांवों के चहुमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.73वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था का और सुदृढ़ीकरण किया गहलोत ने कहा कि देश में पंचायती राज का शुभारम्भ प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने राजस्थान के नागौर जिले से किया था. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने भी 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था का और सुदृढ़ीकरण किया. राजस्थान ने पंचायती राज संस्थाओं  को निरन्तर सशक्त किये जाने की पहल की है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग का सिटीजन चार्टर जारी कर ग्रामीण नागरिकों के प्रति सरकार की जवाबदेही का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया था....

पंजाब के अंतर्कलह  की गूंज दिल्ली तक पहुंची है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह को खत्म करने के लिए हाईकमान की ओर से गठित तीन सदस्यीय समिति के सदस्यों से मिलेंगे. गुरुवार दोपहर वे दिल्ली पहुंचे. वे गुरुवार शाम या शुक्रवार सुबह समिति से मिलकर अपनी बात रखेंगे. समिति में शामिल हरीश रावत ने यह जानकारी दी. कैप्टन की बात सुनने के बाद समिति कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. पंजाब कांग्रेस में कोई झगड़ा नहीं: मनीष तिवारीगुरुवार को पंजाब कांग्रेस की कलह को दूर करने के मकसद से बनाई गई समिति से मुलाकात के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रदेश में पार्टी के भीतर कोई झगड़ा नहीं है. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों एवं रणनीति को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है. जहां तक समिति के साथ बातचीत का सवाल है तो वह गोपनीय है. जो भी उन्होंने पूछा, उसका जवाब दे दिया है.तिवारी ने कहा कि ये पार्टी की प्रथा है कि जिस राज्य में चुनाव होने वाले हैं, वहां क्या रणनीति होनी चाहिए, क्या मुद्दे होने चाहिए, जनता के समक्ष क्या बातें रखनी चहिए, उन पर विचार होता है. ये पहली बार नहीं हो रहा है. सांसदों समेत करीब 25 नेताओं ने समिति के सामने रखी थी अपनी समस्याएं:इससे पहले मंगलवार को भी विधायकों, सांसदों समेत करीब 25 नेताओं ने समिति से मुलाकात कर शिकायत दर्ज करवाई थी. इनमें पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू भी शामिल थे. उच्च स्तरीय समिति की ओर से नेताओं को बयानबाजी से परहेज की दी हिदायत का नवजोत सिंह सिद्धू पर कोई फर्क नहीं पड़ा. समिति के सामने अपनी बात रखने के बाद बाहर आए सिद्धू के वही तेवर दिखे जो लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ रहे हैं. सिद्धू ने कहा, मेरा जो स्टैंड था वही रहेगा. उनका कहना है कि योद्धा वही है जो रण के अंदर जूझे. सत्य प्रताड़ित हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं.प्टन के समर्थक विधायक भी पहुंचे: कैप्टन के समर्थन में भी विधायकों का गुट सक्रिय है जिसने सिद्धू के बड़बोलेपन, अनुशासनहीनता  और वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की शिकायत की है. बेअंत सिंह के परिवार से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा, सिद्धू को इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. पार्टी में नेताओं के बीच कोई टेंशन नहीं है. सबके अलग विचार हो सकते हैं अपनी बात कहने का लोकतांत्रिक अधिकार है. मीडिया में अलग अलग बातें पार्टी को कमजोर करती हैं....

रिलायंस जियो  के पास कई किफायती रिचार्ज प्लान हैं. साथ ही,टेलीकॉम कंपनी ग्राहकों की सहूलियत  के लिए लगातार नए-नए रिचार्ज प्लान ला रही है. जियो पिछले दिनों ही यूजर्स के लिए फायदे वाला 98 रुपये का प्लान वापस लेकर आई है. इस प्लान में अब पहले से ज्यादा डेटा दिया जा रहा है.आज हम आपको रिलायंस जियो के 39 रुपये वाले प्लान के बारे में बता रहे हैं. कुछ दूसरे प्लान्स के साथ जियोफोन के 39 रुपये वाले प्लान पर कंपनी 1 प्लान खरीदने पर 1 फ्री दे रही है. 39 रुपये वाले इस प्लान से आप करीब महीने भर (28 दिन) फ्री में बात कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि इस प्लान में आपको और क्या-क्या फायदे मिलेंगे. 39 रुपये वाले प्लान में फ्री कॉल के साथ 2.8GB डेटा:जियोफोन  का 39 रुपये प्लान लेने पर 1 प्लान फ्री मिल रहा है. 39 रुपये वाले इस प्लान की वैलिडिटी 14 दिन की है. लेकिन, जियो के खास ऑफर के तहत आपको एक प्लान लेने के बाद टोटल 28 दिन (करीब महीने भर) की वैलिडिटी मिलेगी. जियोफोन के इस प्लान में किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है. यानी, आप सिर्फ 39 रुपये में महीने भर फ्री कॉलिंग का फायदा ले सकेंगे. प्लान में आपको टोटल 2.8GB डेटा मिलता है. साथ ही, जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन फ्री में मिलता है.जियोफोन के इन प्लान में भी मिल रहा फायदाजियो फोन के 69 रुपये, 75 रुपये, 125 रुपये, 155 रुपये और 185 रुपये वाले प्लान में भी बाय 1 गेट 1 फ्री ऑफर  का फायदा मिल रहा है. अगर 69 रुपये वाले प्लान की बात करें तो इस प्लान में आपको टोटल 14GB डेटा मिलेगा. प्लान की वैलिडिटी 14 दिन की है, लेकिन एक प्लान फ्री मिलने के कारण आपको 28 दिन की वैलिडिटी का फायदा मिलेगा. प्लान में आपको किसी भी नेटवर्क  पर अनलिमिटेड कॉलिंग का बेनेफिट मिलेगा. साथ ही, जियो ऐप्स का फ्री सब्सक्रिप्शन भी मिलेगा....

नई दिल्ली। कांग्रेस ने देश के सभी नागरिकों को कोविडरोधी टीका मुफ्त में लगाए जाने की मांग करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति की वजह से टीकाकरण अधर में लटक गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने मुफ्त टीकाकरण की पैरवी करते हुए विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर 'स्पीक-अप फॉर फ्री यूनिवर्सल वैक्सीनेशन' हैशटैग से अभियान चलाया है।पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अभियान के तहत ट्वीट किया कि कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ सबसे मजबूत सुरक्षा कवच सिर्फ टीका है। देश के जन-जन का मुफ्त टीकाकरण करने के लिए आप भी आवाज उठाइए- केंद्र सरकार को जगाइए!
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि आज देश में प्रतिदिन औसतन 19 लाख लोगों को टीका लग पा रहा है। केंद्र सरकार की ढुलमुल टीका नीति ने टीकाकरण को अधर में लाकर छोड़ दिया है।उन्होंने दावा किया कि भारत के लोगों ने आशा की थी कि सबके लिए मुफ्त टीका की नीति बनेगी लेकिन केंद्र सरकार ने दिया क्या? टीकाकरण केंद्रों पर ताले, एक देश में टीके के 3 दाम, अभी तक मात्र 3.4 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण, जिम्मेदारी त्यागकर भार राज्यों पर डालना। दिशाहीन टीका नीति।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक वीडियो जारी कहा कि एक टीका ही है, जो पूरी दुनिया और भारत को कोविड से बचा सकता है। इसलिए हमारी मांग है कि देशवासियों को मुफ्त में टीका लगाया जाना चाहिए। पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी इस अभियान के तहत मुफ्त टीकाकरण की मांग उठाई।...

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' की तबीयत को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने के बाद आज 1 जून को उनकी तबीयत खराब हो गई। ऐसे में उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। यह जानकारी एम्स के एक अधिकारी ने दी। 
एम्स के मेडिसिन विभाग में भर्ती
केंद्रीय शिक्षा मंत्री को कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के कारण मंगलवार की सुबह एम्स में भर्ती कराया गया। एक सूत्र ने जानकारी दी कि मंत्री को एम्स के मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल के अधीन भर्ती कराया गया है।  बता दें, 21 अप्रैल को शिक्षा मंत्री की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव निकली थी।...

जयपुर: कद्दावर नेता और राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री है विश्वेंद्र सिंह  के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने सोमावर को ट्वीट कर अपने पिता पर शराबी और मां के प्रति हिंसक होने का आरोप लगाया था. अनिरुद्ध  ने विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ ट्वीट करने के 3 घंटे बाद ही डिलीट कर दिया था. बताया जाता है कि सचिन पायलट  के दखल के बाद अनिरुद्ध सिंह ने ट्वीट डिलीट किया था. इस बारे में खुद अनिरुद्ध सिंह ने इसके संकेत दिए हैं. 
पायलट समर्थक युवा नेता ने अपनी पोस्ट डिलीट करने के बाद किसी समर्थक के ट्वीट के जवाब में अनिरुद्ध सिंह ने लिखा- पायलट साहब कहेंगे तो गर्दन भी कटवा दूंगा अपनी! अब इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी जानकारों की माने तो विश्वेंद्र सिंह का अशोक गहलोत खेमे के नजदीक जाना भी घर में कलह का बड़ा कारण हो सकता है. हालांकि अभी तक इस पूरे विवाद पर विश्वेंद्र सिंह ने चुप्पी साध रखी है. सचिन पायलट ने भरतपुर राजघराने मे करवाई सुलह:
अनिरुद्ध सिंह के ट्वीट पर ज्यादातर यूजर्स ने लिखा कि बड़े भाई मुझे दुख हुआ आपके परिवार के आंतरिक मामले को देख कर, मैं उम्मीद करता हूं महाराज साहब और आप जल्दी ही गले शिकवे दूर करेंगे, कई असामाजिक तत्व आपके पारिवारिक घटना को पायलट साहब से जोड़कर देख रहे हैं. वहीं किसी ने लिखा कि अच्छे इंसान से संगत का असर...सचिन पायलट ने भरतपुर राजघराने मे करवाई सुलह, पायलट साहब के एक कॉल पर युवराज ने आवेश मे आकर किए गए ट्विट को किया डिलीट, ओर भविष्य मे ऐसा ना करने का दिया भरोसा. पिछले छह सप्ताह से मैं अपने पिता के संपर्क में नहीं हूं:
बता दें कि सोमवार को अनिरुद्ध ने ट्वीट में लिखा कि पिछले छह सप्ताह से मैं अपने पिता के संपर्क में नहीं हूं. वे मेरी मां के प्रति हिंसक हो गए, कर्ज ले लिया, शराबी हो गए और जो दोस्त मेरी मदद करते हैं, उनके व्यापार को बर्बाद कर दिया. यह केवल राजनीतिक विचाराधाराओं का अंतर नहीं है. वहीं अनिरुद्ध ने विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ ट्वीट करने के 3 घंटे बाद ही इसे डिलीट कर दिया था. ...

इंदौर। जागरूक उपभोक्ता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश कुमार अमोलिया ने पालकों की चिंताओं को देखते हुए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को ज्ञापन दिया है। इसमें यह मांग की गई है कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार आरटीई (RTE) की प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत आयु सीमा 15 जून तक 3 वर्ष कम्प्लीट होना चाहिए, जैसे नियमानुसार प्रवेश के लिए आयु सीमा कक्षा नर्सरी में 3 से 4 वर्ष कक्षा, केजी वन में 4 से 5 कक्षा केजी 2 में 5 से 6 वर्ष, कक्षा पहली क्लास में 6 से 7 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित है।लेकिन पिछले वर्ष 2020-21 में यह प्रक्रिया कोविड 19 महामारी होने के कारण प्रारंभ नहीं की गई थी। मुख्य विषय की बात यह है कि इस वर्ष पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों की आयु स्वत: ही बढ़ गई है जिससे वे बच्चे आयु सीमा के कारण शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।अत: इस प्रक्रिया में कक्षा पहली (1st क्लास) में प्रवेश के संबंध में आयु सीमा अधिकतम 7 वर्ष से बढ़ाकर 8 वर्ष तक की जाए जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित न रह सके तथा कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए यह प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। यह ज्ञापन अमोलिया ने हिमांशु चन्द आईएएस अपर कलेक्टर (विकास) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इंदौर के माध्यम से दिया।...

कोरोना ने ने सिर्फ लोगों की जिंदग‍ियां खत्‍म की है, बल्‍कि अब बेरोजगारी को लेकर जो रिपोर्ट सामने आ रही है, वो चौंकाने वाली है। पिछले साल मई में कोरोना लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर तक चली गई थी।
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते देश में करीब एक करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेश व्यास ने सोमवार को यह जानकारी दी। व्यास ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि थिंक टैंक के आकलन के मुताबिक, बेरोजगारी दर मई में 12 फीसदी होने का अनुमान है, जो अप्रैल में 8 फीसदी थी।
व्यास ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में कामकाज सुचारू होने के साथ कुछ हद तक समस्या का समाधान हो जाने की उम्मीद है। लेकिन यह पूरी तरह से नहीं होगा’’ व्यास के मुताबिक, जिन लोगों की नौकरी गई है, उन्हें नया रोजगार तलाशने में दिक्कत हो रही है, असंगठित क्षेत्र में रोजगार तेजी से पैदा होते हैं, लेकिन संगठित क्षेत्र में अच्छी नौकरियों के आने में समय लगता है।
पिछले साल मई में कोरोना लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर तक चली गई थी।
कई विशेषज्ञों की राय है कि संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर पहुंच चुकी है और अब राज्य धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील देते हुए आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देना शुरू करेंगे।
व्यास ने आगे कहा कि 3-4 फीसदी बेरोजगारी दर को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘सामान्य’ माना जाना चाहिए।
यह बताता है कि स्थिति ठीक होने में समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि सीएमआई ने अप्रैल में 1.75 लाख परिवारों का देशव्यापी सर्वे का काम पूरा किया। इससे पिछले एक साल के दौरान आय सृजन को लेकर चिंताजनक स्थिति सामने आई है।
व्यास के मुताबिक, सर्वे में शामिल परिवार में से केवल 3 फीसदी ने आय बढ़ने की बात कही जबकि 55 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आमदनी कम हुई है। सर्वे में 42 फीसदी ने कहा कि उनकी आय पिछले साल के बराबर बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर महंगाई दर को समायोजित किया जाए, हमारा अनुमान है कि देश में 97 फीसदी परिवारों की आय महामारी के दौरान कम हुई है’’...

नई दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने कहा है कि निर्वाचन आयोग को उत्तर प्रदेश तथा पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव अगले साल समय पर करा पाने का भरोसा है और आयोग को कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार, पश्चिम बंगाल तथा चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों से काफी अनुभव मिले हैं. गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त होगा, वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मई तक चलेगा.
चंद्रा ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा कि निर्वाचन आयोग की यह सर्वप्रथम जिम्मेदारी है कि विधानसभाओं का कार्यकाल समाप्त होने से पहले हम चुनाव कराएं और विजयी उम्मीदवारों की सूची (राज्यपाल को) सौंप दें. उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या आयोग कोविड-19 के हालात में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव समय पर करा पाएगा जबकि उसने हाल ही में महामारी की दूसरी लहर के कारण लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों को टाल दिया.
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में राज्यसभा और कुछ राज्यों की विधान परिषदों के चुनाव भी टाल दिए गए. चद्रा ने कहा कि जैसा कि आपको पता है कि कोविड-19 की दूसरी लहर कमजोर हो रही है और संख्या (संक्रमण के मामलों की) काफी कम है. हमने महामारी के दौरान बिहार में चुनाव कराए. हमने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव कराए हैं. हमें अनुभव है. हमने महामारी में भी चुनाव कराने का काफी अनुभव हासिल किया है....